My Soul Lady - 30 Iffat fatma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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My Soul Lady - 30

जंगल में , , ,

अखिल लगातार दौड़े जा रहा था उसने एक क्षण के लिए भी अपनी रफ्तार कम नहीं की और लगातार दौड़ता रहा जैसे जैसे वह दौड़ रहा था उसका वैंपायर रूप बाहर आ रहा था उसकी आंखें नीली हो गई थी उसके दांत बाहर आ गए थे कुछ ही देर में अखिल एक वैंपायर की रूप में बदल चुका था और जैसे ही अखिल वैंपायर बना उसने दौड़ना रोक दिया और जोर जोर से चीखने लगा उसकी चीख इतनी खौफनाक थी की पूरा जंगल उसकी चीखो से भर गया था ।





तभी अचानक अखिल ने अपने पास से एक इंजेक्शन बाहर निकाला और उसे अपने बॉडी में इंजेक्ट कर दिया उस इंजेक्शन के इंजेक्ट होते ही अखिल खौफनाक तरीके से चीखा , अह्हह.......




और फिर वही जमीन पर घुटनों के बल बैठ गया और एक भारी मन के साथ खुद से कहने लगा कब तक मुझे इस तरह अपनी शक्तियों को रोकना होगा क्यों हम वैंपायर से चाहकर भी किसी इंसान का खून नहीं पी सकते आखिर यह नियम क्यों बनाए गए , , अगर इसी तरह और कुछ दिनों तक अगर मैंने किसी का खून नहीं पिया तो मैं मर जाऊंगा लेकिन मैं चाह कर भी मां के खिलाफ नहीं जा सकता उन्होंने हमें यही आदेश दिया है कि हम इस दुनिया में किसी भी इंसान को ना मारे , भले खुद मर जाए ......





तो अब ऐसे में मैं कब तक इस इंजेक्शन के जरिए अपने प्यास को रोके रखूंगा कभी ना कभी मुझे इंसानों के खून की जरूरत तो पड़ेगी , , ,




तभी अचानक धीरे-धीरे अखिल का वैंपायर रूप चेंज होने लगा और वह वापस से इंसान के रूप में आ गया , ,




तभी उसके फोन में एक मैसेज आया जिसे देखकर अखिल थोड़ा परेशान हो गया और कुछ सोचते हुए अचानक ही वहां से गायब हो गया.......





वेदांश के घर में , , ,

सना सोफे पर बैठ कर वेदांश की मम्मी से बात कर रही थी तभी अचानक उसका ध्यान लिविंग रूम में लगे बड़े से घड़ी पर गया जिसे देखकर वह थोड़ा डर गई और उसने मन में खुद से कहा oh shit सेना तो यह कैसे भूल सकती है कुछ भी कर जल्दी निकल यहां से वरना इन्हें तेरी असलियत के बारे में पता चल जाएगा , ,





तभी सना वेदास की मम्मी से कहती है , आंटी अब बहुत लेट हो रहा है सारा दिन मुझे लेने नहीं आई तो एक काम करती हो मैं खुद ही घर चली जाती हूं





तभी वेदास की मम्मी उससे बड़े प्यार से कहती है सना बेटा एक काम करो आज के दिन तुम्हें ही रुक जाओ कल सुबह घर चली जाना वैसे भी आज बहुत लेट हो गया है




तभी सना जिद करते हुए वेदांश की मम्मी से कहती है नहीं एंटी प्लीज मुझे जाने दीजिए और अब ज्यादा परेशान मत होइए मैं वेदांश से कहूंगी कि वह मुझे घर छोड़ दे ।





तभी वेदांश की मम्मी कहती है ठीक है बेटा मैं उससे कह देती हूं लेकिन तुम थोड़ा थोड़ी देर और रुक जा तभी अचानक सना अपने हाथों को देखती है जिस पर हरे हरे निशान उभरने लगे थे इसलिए वह अपने हाथ को छुपाने की कोशिश करती है और अचानक सोफे से खड़ी होकर वेदांश को आवाज देती है वेदांश कहां हो तुम प्लीज , मुझे घर छोड़ दो जल्दी आओ । ।





तभी वेदांश अपने कमरे से आवाज देता है सना 5 मिनट रुको मैं आता हूं सना वेदांश आज के मुंह से 5 मिनट सुनती है तो उसे आवाज देते हुए कहती है अगर तुम 1 मिनट में नहीं आए तो मैं अकेली चली जाऊंगी यह बात है सना बहुत ही ज्यादा गुस्से में कहती है , जिसके वजह से वेदांश थोड़ा डर जाता है और चिल्लाते हुए कहते हैं सॉरी गुस्सा मत करो मैं आता हूं 1 मिनट में इतना बोल कर वेदांश जल्दी से सीढ़ियों से नीचे उतर कर लिविंग रूम में आ जाता है अर्चना से कहता है ठीक है चलो तो सना भी वहां से निकलने लगती है लेकिन जाने से पहले वह भी वेदांश की मम्मी से अलविदा लेती है और फिर वेदांश और सना वहाँ से निकल जाते हैं , ,




वेदांश अर्चना ने आधा रास्ता ही पार किया था कि तभी सेना वेदांत से कहती है यह काम करो तुम मुझे यही छोड़ दो मैं यहां से घर चली जाऊंगी तभी वेदांश उसे आश्चर्य से देखता है और गुस्सा करते हुए कहता है यह क्या बकवास कर रही हो तुम तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें यहां जंगल में छोड़ कर जाऊंगा चलो मैं तुम्हें घर तक छोड़ कर जाऊंगा और वैसे तुम्हें जंगल में काम क्या है तभी सना थोड़ा घबराते हुए कहती है मुझे जंगल में क्या काम होगा कु....छ नहीं वह तो मैं बस ऐसे ही कह रही थी कि तुम्हें बहुत टाइम लग जाएगा तो मैं खुद ही चली जाऊंगी । ।




तभी वेदांश उसे गुस्से भरी निगाहों से देखता है और कहता है मतलब तुम मेरे टाइम बचाने के चक्कर में घर अकेले जाओगे कभी-कभी तुम अपना दिमाग यूज़ नहीं करती क्या सुना वेदांश के मुंह से यह बात सुनकर सना को गुस्सा आने लगता है और वह गुस्से में कहती है लगता है धीरे-धीरे तुम्हारा डर खत्म हो रहा है तभी तो मुझसे इस तरह बात कर रहे हो सना के मुंह से यह बात सुनकर वेदांश घबरा जाता है और अटकती हुए कहते हैं व..ह व..ह नहीं ऐसी बात नहीं है , मैंने तो ऐसा फ्रेंड bola....





तभी सना वेदांश को उसी तरह घूरते रहती है लेकिन तभी अचानक उसके मुंह से एक दर्दनाक चीख निकल जाती है अह्हह..... जिसकी वजह से वेदांत थोड़ा घबरा जाता है और उससे पूछता है क्या हुआ सना ? तुम ठीक तो हो ना ? तुम अचानक से क्यों चीखी ?





तभी सना उससे कहती है कुछ नहीं मैं तो चेक कर रही थी कि तुम मेरी चीख सुनकर कैसे react करते हो उसके मुंह से यह बात सुनकर वेदांश आश्चर्य से उसके तरफ देखता है और मन में कहता है , क्या अजीब लड़की है यह अभी थोड़ा देर पहले गुस्सा कर रही थी अभी थोड़ा देर बाद मजाक कर रही है इससे समझना सच में बहुत ही ज्यादा डिफिकल्ट है । । ।





कुछ देर के ड्राइविंग के बाद वेदांश सना को उसके घर ड्रॉप करता है और वहां से निकल जाता है वेदांश के जाने के बाद ही सना चीखने लगती है क्योंकि उस वक्त उस निशानों के वजह से उसके पूरे शरीर में असहनीय दर्द हो रहा था आज शक्तियां ना होने की वजह से वह दर्द हर बार से 4 गुना ज्यादा था जिसकी वजह से सना को कमजोरी महसूस हो रही थी और जैसे ही सना घर के अंदर जाने लगती है उसके सामने सब चीजें धुंधली होने लगती है और उसे चक्कर आने लगता है जिसकी वजह से नीचे गिरने वाली होती है कि एक मजबूत बाहें उसे थाम लेती है , , ,