My Soul Lady - 22 Iffat fatma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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My Soul Lady - 22

तभी सना दौड़कर वेदांश के पास जाती है और उसके बेक को टच करती हैं तभी वेदांत उसे कहते हैं यह क्या कर रही हो पागल हो गई हो क्या ? तभी सना उसे पूछती है तुम्हारे शरीर में यह निशान किस चीज की है तभी वेदांश कहते हैं वह मेरे बेक के पीछे वाली निशान , वह तो बचपन से है , और तुम्हें पता है सना मैंने जब एक बार मॉम्स इसके बारे में पूछा था ना तो उन्होंने मुझे बहुत फिल्मी सा डायलॉग मारा था , बेटा तुम्हारा यह निशान ना पिछले जन्म की याद है उनकी यह बात सुनकर इतना हंसा था , , , , की अगली बार से मॉम ने मुझे कुछ बताया ही नहीं इसके बारे में ,




तभी एक लड़की सना के पास आती है और उससे कहती है सना मैं प्रिंसिपल सर ने ऑफिस में बुलाया है सना उसकी बात सुनकर से पूछती है सर ने मुझे बुलाया है लेकिन क्यों तब वह लड़की कहती है कि वह तो मुझे नहीं पता जल्दी जाओ सर तुम्हारा वेट कर रहे हैं , तभी सना वेदांश को कहती है जो तुम कपड़े चेंज करो मैं सर के पास जाती हूं तभी वेदांश कहता है रुको रुको मैं भी चलता हूं तो सना उससे कहती है तुम इस तरह प्रिंसिपल ऑफिस जाओगे तो वेदांश उससे कहता है हां कोई दिक्कत है तभी सना उससे कहती है तुम्हारी मर्जी जैसे चलना है चलो और फिर वह दोनों प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ चले जाते हैं ।




ऑफिस पहुंचकर सना देखती है कि प्रिंसिपल सर किसी से बात कर रहे हैं लेकिन सना को उसका चेहरा दिखाई नहीं देता क्योंकि वह आदमी चेयर पर बैठकर प्रिंसिपल से बात कर रहा था और उसका चेहरा प्रिंसिपल की तरफ था और उसका बेक सना के तरफ तभी सना प्रिंसिपल से कहती है सर आपने मुझे बुलाया तो प्रिंसिपल कहते हैं हां सना अंदर आ जाओ तभी सना प्रिंसिपल के पास जाकर खड़ी हो जाती है और उसके साथ वेदांश भी और जब सना चेयर पर बैठे उस इंसान को देखती है तो अचानक ही उसके मुंह से निकल जाता है " तुम यहां " तभी प्रिंसिपल सना से कहते हैं यह क्या बिहेवियर है तुम इस तरह किसी से भी बात नहीं कर सकती और वैसे भी जो तुमने उस दिन इनके साथ किया था तुम्हें इन से माफी मांगनी चाहिए तभी सना गुस्से में कहती है मैं इससे माफी मांगो बिल्कुल नहीं और वह वहां से जाने लगती है , , ,




तभी अचानक अखिल सना का हाथ पकड़ लेता है और अपनी तरफ खींचता है जिसकी वजह से वह अखिल के गोद में गिर जाती है फिर गुस्से में खड़ी होती है और अखिल से कहती है यह क्या बदतमीजी है तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे टच करने की , , ,




तभी प्रिंसिपल सना से कहते हैं सना मेरी बात सुनो अखिल जी यहां पर एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट लेकर आए हैं जिसको करने के बाद हमारे कॉलेज को बहुत ज्यादा प्रॉफिट होगा और स्कॉलरशिप और भी ज्यादा बढ़ेगी और तुम्हें पता है कि हमारी कॉलेज की कंडीशन क्या है यह कुछ ही सालों में बंद हो जाएगा तो इसे बंद होने से बचाने के लिए मैंने अखिल जी के प्रोजेक्ट को हां कह दिया लेकिन इनकी एक शर्त है कि वह प्रोजेक्ट तुम इनके साथ करोगी और इसीलिए मैंने तुम्हें बुलाया है , , , ,




तो प्लीज एक बार दुश्मनी को साइड रखो और अपने कॉलेज की भलाई के लिए सोचो और इस डील के लिए मान जाओ , please मैं रिक्वेस्ट कर रहा हूं तुमसे , तभी से ना कुछ सोचते हुए कहती है ठीक है सर मैं इस प्रोजेक्ट में इनकी हेल्प करूंगी लेकिन मेरे साथ वेदांश भी मेरे साथ जाएगा मेरी मदद करने के लिए और अगर इन्हें यह बात मंजूर है तो मैं भी तैयार हूं ।




यह बात सुनकर तो वेदांश के चेहरे का रंग उड़ गया था वह सना के हाथ को हिलाकर फुसफुस आते हुए कहते हैं , यह क्या तुम मुझे झंझट में क्यों फसा रही हो मुझे नहीं जाना तभी से ना उससे कहती है मुझे यकीन है यह नहीं मानेगा फिर हम दोनों इससे बच जाएंगे लेकिन तभी आखिल सना को देखते हुए कहते हैं हां मैं तैयार हूं इसका दोस्त वेदांश भी हमारे साथ ही जाएगा , , ,





तभी प्रिंसिपल वेदांश को देखते हैं और गुस्से में कहते हैं तुम्हारी कपड़े कहां है तभी वेदांश डरते हुए कहते हैं सर मेरी कोई गलती नहीं है साला मुझे इस तरह लेकर आई सभी सना उसे घूरते हुए देखती है और खा जाने वाली नजरों से उसे इशारे में कहती है मैं लेकर आई चलो बाहर मैं बताती हूं ।






उसके इशारे वेदांश समझ लेता है डरते हुए उसे सॉरी बोलता है तभी सना प्रिंसिपल को कहती है ठीक है सर अब मैं जाती हूं इतना बोल कर सुना वेदांश का हाथ पकड़ती है और उसे वहां से ले जाती है । जब अखिल देखता है कि सना वेदांश का हाथ पकड़ कर उसे बाहर ले जा रही है तो उसे बहुत गुस्सा आता है फिर भी वह अपने गुस्से को कंट्रोल कर कर वहां से चला जाता है ।







अखिल कार चलाते हुए अपने ऑफिस के तरफ जा रहा था तभी अखिल को इतने गुस्से में देख कर रोहित उससे पूछता है क्या हुआ सर आप इतने गुस्से में क्यों है क्या आपका काम नहीं हुआ , तभी अखिल चिल्लाते हुए कहता है तुम्हें यह जानने की जरूरत नहीं है चुप से अपना काम करो पता करो कि वेदांश खुराना है कौन ?







वहीं दूसरी तरफ सारा लिविंग रूम में बैठ कर मैरिज कांट्रैक्ट को पढ़ रही थी और उसके हर एक रूल को पढ़ते पढ़ते उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे क्योंकि वह जो जिल्लत कभी सहना नहीं चाहती थी उसे ना चाहते हुए भी उसे अपनी जिंदगी में अपनाना पड़ रहा था क्योंकि सारा भले अपनी जान को सकती थी लेकिन सना को नहीं वह उससे बहुत ही ज्यादा प्यार करती थी इसलिए उसने बचपन से ही उसे इतना मजबूत बनाया ताकि वह लोगों से खुद को बचा सके लेकिन इन सबके बीच सारा ने अपने बारे में कभी सोचा ही नहीं और वह इस तरह शांत स्वभाव की बन गई और जब सारा कांट्रैक्ट को पढ़ रही थी तो धीरे धीरे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसे बेड़ियो में जकड रहा है और जब सारा ने आखरी रूल पड़ा उसके चेहरे के भाव ही बदल गया उसे खुद पर गुस्सा भी आ रहा था और तरस भी ।