ऑफ्टर लव - 19 Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ऑफ्टर लव - 19

"द सेलेब नाइट " हर साल ऑर्गनाइज्ड होने वाला ये फंक्शन जिसमें शानदार परफॉर्मेंस वाली ऑनली सिलेक्टेड फिल्मों को सम्मानित किया जाता है।और पिछले तीन सालों से सिर्फ अर्जुन रॉय ही जीतते आ रहा है।



एक बहुत ही सजा हुआ हॉल जहा बहुत से लोग बैठे हुए होते है,सामने एक बहुत ही बड़ा स्टेज था जहां बहुत से पार्टिसिपेट अपना परफॉर्मेंस करने वाले होते है।जिसमे एक्टर, एक्ट्रेस, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर्स और भी बहुत से छोटे बड़े कलाकार वहा मौजूद थे।



वीरेंद्र प्रताप अपने कुछ आदमीयों से बातें कर रहा होता है, कि तभी उसके पास दो आदमी आपस में बातें कर रहे होते है"अरे यार हर साल की तरह इस साल भी ये अवॉर्ड अर्जुन रॉय ही ले जाएगा क्योंकि उसकी फिल्मों की बात अलग ही होती है।"


तभी दूसरा आदमी बोलता है"हां बात तो तुम्हारी बिलकुल सही है, क्योंकि अर्जुन रॉय फिल्म्स की हर मूवीज की कहानी तो हिट होती ही है साथ में उसके एक्टर,भी कमाल के होते है"




ये सुनते ही वीरेंद्र प्रताप अंदर ही अंदर गुस्से से लाल हो रहा होता है,तभी उसका असिस्टेंट ये सब सुनते ही समझ जाता है और वीरेंद्र प्रताप से कहता है"कंट्रोल करिए सर यहां गुस्सा करना सही नहीं होगा। वीरेंद्र प्रताप वहा से जानें लगता है।



जैसे ही वो गेट के पास जाता है उसी टाइम अर्जुन रॉय अंदर आ रहा होता है।अर्जुन वीरेंद्र प्रताप को रोकते हुए कहता है "ओह हाय मिस्टर वीरेंद्र।"अर्जुन वीरेंद्र से हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे करता हैं। वीरेंद्र अर्जुन के तरफ़ देखता है,और फेक स्माइल करते हुए हाथ मिलाते हुए कहता है"हाय मिस्टर अर्जुन वाकहि में मन्ना पड़ेगा।इतने कम समय में इतनी तरक्की कर ली तुमने गुड!!"....




अर्जुन हंसते हुए जवाब देता है"बस आप जैसे लोगों की ही देन है जो मेरे जैसे लोगों को बनाते है।अगर उस दिन आपने मुझे अपने साथ काम करने का मौका दे दिया होता तो शायद ये अवॉर्ड जो पिछले तीन साल से मुझे मिल रहा है वो आपको मिल रहा होता।"...

ये सुनते ही वीरेंद्र अपना दांत पिस्ता है,और अर्जुन से कहता है"हां तुम सही कह रहे हो मैने शायद गलती तो कर दी है पर याद रखना ये अवॉर्ड तुम्हारे पास आखिरी बार जाएगी क्योंकि नेक्स्ट और नेक्स्ट और फिर नेक्स्ट अगेन एंड अगेन मेरे पास आएगी।"...




अर्जुन थोड़ा एटीट्यूड में वीरेंद्र के थोड़ा और करीब जाते हुए कहता है"ओ कॉन्फिडेंस नाइस आई लाइक इट बट यू नो मिस्टर वीरेंद्र मेरी एक बहुत ही बुरी आदत है जिस चीज़ की मुझे आदत लग जाती है ना और वो चीज़ किसी और के पास होती है तो मैं उसे उससे छिन लेता हु और अगर मेरे पास ही होती है तब तो कोई बात ही नहीं किसी में इतनी हिम्मत नही जो मुझसे छिन सके।"....ये कहने के बाद अर्जुन मुस्कुराने लगता है।


तभी वीरेंद्र कहता है"देखते है,तुम्हारी चीज़ कब तक तुम्हारे पास रहती है, खैर कांग्रेटुलेशन!!"... अर्जुन थोड़ा सोच में पड़ जाता है की आखिर वीरेंद्र उसे कांग्रेटुलेशन क्यों कह रहा है।अर्जुन पुछता है"फॉर व्हॉट?"...




वीरेंद्र प्रताप अर्जुन को जवाब देते हुए कहता है"कांग्रेटुलेशन इन एडवांस क्योंकि मुझे पता है की ये अवॉर्ड भी तुम्हारे हाथों में जाने वाला है।"....




ये सुनते ही अर्जुन मुस्कुराते हुए कहता है "ओ हां,वैसे थैंक्स मुझे प...!!!"अर्जुन आगे कुछ बोलता उससे पहले वीरेंद्र अर्जुन की बात काटते हुए बीच में बोलता है "बट लॉस्ट टाइम भूलना मत।"




ये कह कर वीरेंद्र वहा से जाने लगता है।पर अर्जून वीरेंद्र प्रताप की बात को हसी में टाल देता है और मुस्कुराते हुए अंदर जाने लगता है।




अर्जुन रॉय अंदर सबसे गले मिल कर मिल रहा होता है की तभी तनु वहा आती है और उससे कहती है"हाय अर्जुन मैं तुमसे नाराज़ हूं, अर्जुन सोच में पर जाता है और उससे पूछता है"नाराज़?और मुझसे पर क्यों मैने क्या किया अब?"...




तनु मुंह बनाते हुए कहती है"हां जैसे की तुम्हे पता ही नही,है बार मैं तुम्हारे साथ आती हू इस फंक्शंस में पर इस बार मुझे अकेले आना पड़ा है।और तुम्हे तो कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता हैं,"




अर्जुन हस्ते हुए कहता है"अच्छा तो ये बात है तुम इसलिए नाराज़ हो?ओके,,सॉरी अब तुम्हे तो पता ही है मैं कितना बिजी रहता हूं और मैं बाहर से बाहर इस फंक्शंस को अटैंड करने आया हू। और ऐसे में तुम्हे कैसे अपने साथ लेकर आता तुम्ही बताओ?"...




तनु थोड़ा मूड ठीक करते हुए कहती है"इट्स ओके,".. अर्जुन तनु को गाल पर किस करते हुए कहता है"आई लव यू बेबी".. तनु भी मुस्कुराते हुए अर्जुन को " लव यू टू"कहती है।




तभी अर्जुन तनु से कहता है"वैसे अभय और विवेक नही दिखाई दे रहे है?"अर्जुन के पूछने पर तनु कहती है"हां वो दोनो तो मुझे भी नही मिले लगता है अभी आए नहीं हैं।"..





त्रिशा फंक्शंस में जाने के लिए रेडी हो रही होती है।की तभी अभय का कॉल आता है।त्रिशा रेडी होने में बिजी होती हैं इसी लिए मधु से फोन उठाने के लिए कहती है"मधु जरा देखना कौन है!"...






मधु कॉल रिसीव करने के लिए फोन उठती है तो देखती है नंबर पागल के नाम से सेव होता है। मधु कॉल रिसीव करती है"हेलो!!"तभी उधर से अभय कहता है"ओ हाय त्रिशा मैं अभय बोल रहा हू।"....




मधु ये सुनते ही अपनी हसी रोक नहीं पाती हैं,अपने मुंह पर हाथ रख कर है हुए कहती है"मैं मधु बोल रही हू, वो त्रिशा अभी रेडी हो रही है।"....




तभी अभय कहता है"वो शीट,, वैसे त्रिशा कौन सी ड्रेस पहन रही है?"मधु त्रिशा के तरफ देखते हुए कहती है। सूट पहन रही है।पर ये आप क्यों पूछ रहे हो ?"..अभय जल्दी में कहता है"अच्छा एक काम करो त्रिशा से कहो अभी रेडी नही होने के लिए ।"...




मधु चौकते हुए पुछती हैं"पर क्यों वो तो अब रेडी भी हो चुकी हैं".."अरे यार प्लीज़ बोलो ना एक्चुअली मैने त्रिशा के लिए एक ड्रेस किया है और मन चाहता हू वो पार्टी में यही ड्रेस पहन कर चले!"..




मधु ये सुनते ही मुस्कुराते हुए कहती है"वो हो,, तो ये बात है। अच्छा ठीक है बोलती हूं"... मधु जैसे ही ये कहती है अभय मधु को थैंक्स बोलता है और कहता है"बस और 10 मिनट मैं वहा पहुंच रहा हू।"




मधु" ठीक है" बोल कर कॉल रख देती है। और त्रिशा से कहती है"ओ मैडम जी ये क्या पहन रही हो अब कोई फायदा नहीं हैं "...त्रिशा सजते हुए मधु से पुछती है"अच्छा पर वो क्यों?"....





मधु त्रिशा के मजे लेते हुए कहती है"वो इस लिए क्योंकि किसी पागल का कॉल था बोल रहा था वो तुम्हारे लिए ड्रेस लेकर आ रहा है और जब तक वो यहां आ नहीं जाता मुझे ऑर्डर है की मैं आपको रेडी न होने दू।"...





त्रिशा पागल का नाम सुनते ही अपना फोन मधु के हाथ से लेते हुए उस नंबर को अभय के नंबर से मैच करती है तो पता चलता है ये नंबर तो अभय का ही है,वो जल्दी से नेम चेंज करती है ।और सोचते हुए मन में ही कहती है"अच्छा तो ये बात है ये पागल कोई और नही बल्की अभय है ।"...




तभी बाहर से कार की आवाज आती है,मधु बाहर जाती है देखने के लिए तभी त्रिशा के पास अभय का कॉल भी आ जाता है।




त्रिशा कॉल उठाकर हेलो बोलती है, तभी अभय कहता है"देरी करवाने के लिए सॉरी बस दो मिनट और मैं नीचे हू बस दो मिनट अभय जल्दी जल्दी कार में रखा ड्रेस उठाकर त्रिशा के रूम के तरफ भागता है । और ड्रेस मधु को देते हुए कहता है"ये त्रिशा को दे देना और कहना रेडी हो जाए मैं नीचे कार में ही उसका वेट कर रहा हू।"अभय इतना बोल कर वहा से चला जाता है।


To be continued