ऑफ्टर लव - 12 Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ऑफ्टर लव - 12

रात के लगभग 12बज रहे होते है,सुनसान सड़क पर त्रिशा अकेली चल रही होती है।पर साथ ही उसके चेहरे पर डर भी होता है। आस पास कोई भी आदमी नही दिख रहा होता है, त्रिशा चुप चाप आगे बढ़े जा रही थी"यार ये किस रास्ते में आ गई यहां तो दूर दूर तक एक भी इन्सान दिखाई नही दे रहा है, इन्सान तो छोड़ो यहां एक जनवां भी नही दिख रहा।"





तभी जंगल के अंदर से कुत्ते के चिल्लाने की आवाज आती है, आचनक से ये सुनके त्रिशा घबरा जाती है और झट पट आगे तेजी से बढ़ने लगती है।दूर दूर तक एक भी आदमी दिखाई नही देता है, तभी थोड़ी दूर जाने के बाद एक ऑटो दिखाई पड़ता है,त्रिशा उसे देख कर थोड़ा रिलेक्स फील करती है वो ऑटो वाला कही चला न जाए ये सोचकर त्रिशा जल्दी जल्दी उसके तरफ भागती है।




ऑटो में एक आदमी बैठा हुआ सिगरेट पी रहा होता है,और मोबाइल में लड़कियों की गंदी गंदी पिक्स देखा कर खुदसे ही बाते कर रहा होता है,"काश कोई लड़की मिल जाए फिर तो मजा ही आ जाए" तभी त्रिशा वहा आती है और उस आदमी से कहती है"हेलो क्या आप मुझे आगे मोड़ तक छोड़ देंगे?".




ऑटो वाला त्रिशा को बड़े ही गौर से देखता है,नीचे से उपर तक त्रिशा बोले जा रही थी और ऑटो वाला का ध्यान कही और ही था।तभी त्रिशा ऑटो वाले के सामने हाथ हिलाते हुए कहती है"क्या हुआ चलिए न प्लीज बहुत रात हो चुकी है और यहां कोई दूसरा ऑटो भी नही मिल रहा मैं पैसे ज्यादा दे दूंगी।"...



त्रिशा जैसे ही ये बोलती है, ऑटो वाला धीरे से बोलता है, पैसों का क्या बस आज रस्सी मजा दे दो।"त्रिशा अच्छे से तो नही सुनती उसकी बात पर उसे ऐसा लगा कि ऑटो वाले ने कुछ कहा त्रिशा उससे पूछती है"क्या कहा आपने?"



ऑटो वाला बात टालते हुए कहता है"नही,, नही आप ठीक कह रही है, यहां अब दूसरा ऑटो मिलना मुस्कील है आइए मैं आपको आगे छोर देता हु।".....




त्रिशा ऑटो वाला को थैंक्स कहती है और उसके ऑटो में बैठ जाती है। ऑटो वाला जाने लगता है,कुछ दूर जाने के बाद जो रास्ता मार्केट के तरफ जा रहा होता है उस रास्ते से न जाते हुए उसके बगल वाले रास्ता से जाने लगता है ये देख कर त्रिशा घबरा जाती है और ऑटो वाला से बोलती है"भईया आपने ये गलत रास्ता ले लिया मुझे मार्केट के तरफ से जाना है।"



ऑटो वाला सामने शीशे में देखते हुए कहता है"ये शॉर्ट कट है, आप घबराइए नही बस तुरंत ही पहुंच जायेंगे।"इतना कहकर ऑटो और भी तेजी से चलने लगता है,त्रिशा के चेहरे पर एक अजीब तरह की घबराहट होती है,की तभी त्रिशा के पास अभय का कॉल आता है।त्रिशा के पास जैसे ही कॉल आता है।


ऑटो वाला गहरी निगाहों से उसके तरफ देखने लगता है,त्रिशा भी ऑटो वाला को ऐसे घूरते हुए देख कर घबराने लगती है और उसे कुछ गलत लगने लगता है।बार बार अभय कॉल किए जा रहा था।त्रिशा कॉल रिसीव करते हुए कहती है"ह,, ह,, हेलो"....त्रिशा की घबराहट भरी आवाज सुनकर अभय को कुछ अजीब लगता है,और वो पुछता है"तुम ऐसे क्यों बोल रही हो is everything okay?".....


त्रिशा उसे फटकार लगाते हुए कहती है"देखो पहली बात मैं तुम्हे नही जानती और please दोबारा से मुझे कॉल करने की गलती मत करना वरना कह देती हू बहुत बुरा फसोगे समझें?"...


और कॉल रखने ही वाली होती है की तभी ऑटो वाला बोलता है,"कोई परेशान कर रहा है तो आप अपना फोन बन कर के रख दीजिए आज कल के लौंडे बड़े ही बदतमीज हो गए है किसी भी लड़की के साथ कुछ करने से पहले नही सोचते है क्या गलत हैं और क्या सही।"


तभी अभय कहता है"त्रिशा त्रिशा प्लीज मेरी बात सुनो फोन बंद मत करना मैं कॉल नहीं करूंगा बस तुम फोन ऑन ही रहने देना।"...



अभय की बात न मानते हुए त्रिशा फोन स्विच ऑफ कर देती है,उतना ही देर में वो ऑटो वाला एक खंडर जगह पर ऑटो रोकते हुए कहता है"मैडम लगता है तेल खतम हो गया,एक काम करिए आप ऑटो से बाहर मत निकलिएगा मैं एक कॉल कर के आता हू ।"....



सुनसान जगह पर त्रिशा को अकेले बहुत ही डर लग रहा होता है,उसे बहुत घबराहट भी हो रही होती है। वो ऑटो वाला अकेले में जले अपने बाकी के साथियों को कॉल करता है और उसे कहता है"हेलो,, अब जल्दी से बाहर आ जाओ मेरे भूखे शेरो बहुत ही तगड़ा माल मिली है आज की रात हसीन होने वाली है।"...



इतना कह कर कॉल रख देता है और ऑटो के पास जाता है तो देखता है,त्रिशा ऑटो के बाहर खड़ी हुई है। ऑटो वाला उसके पास आते हुए कहता है"मैने मैकेनिक को कॉल कर दिया है बोला है10 मिनट में आ जाएगा यही पास में है।आप अंदर बैठिए न तब तक। ".....



त्रिशा ऑटो के अंदर बैठ जाती है, वो ऑटो वाला छिप छिप कर त्रिशा को गहरी निगाहों से देखे जा रहा होता है,पर त्रिशा उस पर ध्यान नही देती है ।


थोड़ी देर बाद वहा दो लोग आते है जिनके हाथ में एक बैग होता है, ऑटो वाला त्रिशा से कहता है,"मैडम आप थोड़ी देर के लिए बाहर निकल जाइए,त्रिशा जैसे ही बाहर निकलती है वो दोनो त्रिशा का मुंह दाब कर उसे अपने कंधे पर उठा लेते है और सामने एक पुराना बिल्डिंग होता है उसके अंदर लेकर जाते है।वो ऑटो वाला भी जल्दी जल्दी उनके पीछे पीछे जाने लगता है।



जैसे ही वो सब अंदर जाते है,अभय भी अपने कार से वहा आ पहुंचता है,सामने देखता है एक ऑटो लगी हुई है,उसे कुछ नही समझ आता हैं की आखिर त्रिशा कहा गई होगी तभी उसका ध्यान ऑटो में पड़े बैग पर जाती है वो बैग त्रिशा का होता है।



अभय बैग लेकर आसपास त्रिशा को आवाज देने लगता है,पर वो तीनो त्रिशा को अंदर ले जाकर उसके साथ जबरदस्ती कर रहे होते है। उनमें से एक आदमी त्रिशा का दुपट्टा खीच कर फेक देता है त्रिशा अपने सीने को अपने दोनो हाथों से ढकते हुए कहती है"देखो मुझे जाने दो, प्लीज मैं तुम्हारे सामने हाथ जोड़ती हू,मुझे जाने दो।"



तभी ऑटो वाला अपना शर्ट उतरते हुए उसके करीब आकर कहता है"क्या कहा जाने दू?ठीक है जा पर इससे पहले हमे अपने जवानी का भोग लगा कर जा ।"ये सुनकर सब हसने लगते है।"तभी उनमें से एक दूसरा आदमी बोलता है,ठीक है अगर तू खुद्से तैयार हो जायेगी तो तुझे ज्यादा दर्द नही देंगे और अगर हमे जबरदस्ती करना पड़ा तो तुझे इतना दर्द देंगे इतना दर्द देंगे की तू फिर किसी को अपना मुंह दिखाने लायक नही बचेगी।"



इतना कहते ही वो आदमी ऑटो वाला के तरफ इशारा करता है वो जले त्रिशा का हाथ पकड़ लेता है,और एक उसका पैर और तीसरा त्रिशा के कपड़े को खींचता है जिससे उसका आधा कपड़ा फट जाता हैं!त्रिशा जोर से रोते हुए चिल्लाती है"मुझे छोड़ दो ,,,मुझे जाने दो ,,मैं तुम्हारे सामने हाथ जोड़ती हू।".
पर कोई भी उसकी बात नही सुन रहा होता है सब के चेहरे पर शैतानी हसी थी।


To be continued


क्या अभय बचा पाएगा त्रिशा को उन दरिंदों से ये जानने के लिए बने रहिए मेरे साथ।😊😊