प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १८ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १८

हिना ये सब सोचते हुए सो गई।
फिर शाम को चाय पीने बैठ गई और फिर इधर उधर नजरें दौड़ाने लगी।

हिना ने देखा कि आभा भी किचन में थी।
हिना ने आवाज लगाई अरे मम्मी जी आप किचन में कुछ स्पेशल?
पापाजी ने मुस्कुराते हुए कहा हां साहबजादे लौट रहे हैं साथ में दोस्त भी तो उसकी फरमाइश पर बिरियानी बन रहा है।
हिना ने कहा ओह तो ये बात है।
फिर हिना भी किचन में पहुंच गई और बोली मम्मी जी कुछ मदद चाहिए?
आभा ने कहा हां, तुम चाशनी बना दे।
उसको माल पूये भी ख़ाना है।।
हिना ने कहा ठीक है पर कब आ रहे हैं आपके साहबजादे।।
आभा ने कहा बस फ्लाइट लेट हो चुका है।
हिना ने कहा ओह।
हिना ने फिर जल्दी से चाशनी तैयार कर दिया।
हिना ने कहा क्या खुशबू आ रही है मम्मी जी।
आभा ने कहा हां, ये तो राज भी कहता है।।
मुझे ऐसा लगता है कि तुम दोनों एक-दूसरे को पहले से ही जानते हो।
हिना ने कहा अरे नहीं नहीं ऐसा नहीं है।
चलो मैं चलती हूं चाशनी तैयार हो गई है।
हिना अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर के बेड पर लेट गई।
फिर आंख बंद करके सोचते हुए कहा क्यों किया ऐसा तुमने राज तुमने एक बार भी मुझे नहीं बताया कि तुम घुमने जा रहे हो।
वैसे भी मैं होती कौन हुं!मुझे कोई हक तो नहीं है!

कुछ देर बाद हिना सो गई।
एक घंटे बाद राजीव अपने दोस्तों के साथ घर पहुंच गया।
आभा ने कहा तू भी ना किसी को बिना बताएं।रूक तेरी कान खिंचती हुं।।
राज ने कहा ओह मां आप भी ना।।
दोस्तों के सामने भी।।
कौन है मेरा जो मेरी परवाह करता हो।आप और पापा भी तो आज कल मेरी परवाह नहीं करते हैं।।

रमेश ने कहा अच्छा ठीक है शिकवे शिकायत होते रहेंगे।।
राज इधर उधर देखने लगा और फिर अपने दोस्तों के साथ सोफे पर बैठ गया और फिर मालती ने पकौड़े और काॉफी दे दिया।
राज के दोस्तों ने कहा अरे यार तुम्हारी भाभी से तो मिला दो।
राज ने कहा पता नहीं यार कहां है?
आभा ने कहा बेटा तुम सब फेश हो जाओ।
मालती बच्चों को गेस्ट रूम दिखा दो।

मालती राजीव के दोनों दोस्त को उनका रुम दिखा दिया।

फिर राजीव भी ऊपर अपने कमरे में गया और फिर कुछ देर के लिए बेड में लेट गया और फिर नहाने चला गया।
उधर हिना की आंख नहीं खुली वो गहरी नींद में सो गई थी।
और अन्दर से ही दरवाजा बंद कर दिया था।
मालती ने एक बार आवाज लगाई पर हिना बेसूध होकर सो रही थी।

फिर सब खाना खाने बैठ गए।
मालती ने कहा अरे मांजी मैडम तो दरवाजा बंद करके सो गई है शायद!
आभा ने कहा अरे ऐसे कैसे हो गई बिना खाएं पीएं।।
राज ने कहा हां, ये तो रोज हो रहा होगा मेरे पीछे!सर पर चढ़ाया है आप लोगों ने।।
रमेश ने कहा अरे बाबा ऐसे मत बोलो वो थक गई होगी।
राज ने कहा हां, कुछ ज्यादा ही।।
फिर राजीव ने कहा अरे अमल, विकास तुम लोग खाना शुरू करो मैं देखता हुं।।
आभा ने कहा हां ठीक है।
राज ऊपर पहुंच गया और फिर उसने दरवाजा नोक किया पर कोई भी हलचल नहीं हुई तो राज को लगा कि कुछ ग़लत नहीं हो गया हो।

राज ने दरवाजा खटखटाया फिर भी कोई आवाज नहीं आई तो अब राज ने पुरी ताकत लगा दी और दरवाजा तोड़ दिया।
अन्दर पहुंचा तो देखा कि कितने सकुन से राजकुमारी सो रही है।
हे भगवान अब उठो!
इतना जोर से बोलने के बाद ही हिना एक दम से उठ बैठी और राज को अपने सामने देखते ही बेहोश हो गई।
राज ने कहा ओह फिर से बेहोश हो गई।। ये भी ना मरवाएगी मुझे कहते हुए एक गिलास पानी लेकर उनके चहरे पर छिड़काव किया तो हिना उठ गई और बोली अरे मैं सपना नहीं देख रही हूं।
राज ने कहा क्या हो तुम हां दरवाजा बन्द करके सो गई अगर मैं ना आया होता तो क्या होता।।सब समझते कि तुम तो मर ही गई हो!!
हिना ने कहा हां ठीक है ना मैं जिन्दा कहां हुं?
राज ने कहा बस बहुत हुआ अब चलो खाना खाने सब इन्तजार कर रहे हैं।।
हिना ने कहा हां, ठीक है पर एक बात अच्छी लगी आपके मुंह से मेरे मरने की बात सुनकर!
राज ने कहा वाट! क्या बोल रही हो।।यूं आर सेल्फिश पर्सन!
हिना की आंख भर आई थी कि आज इतने दिनों के बाद आया और ये सब बोल रहा है मुझे।
राज ने हिना की तरफ देखा नहीं और जाते हुए बोला कि कपड़े बदल लो वरना बीमार पड़ जाओगी।।
हिना ने कहा जख्म भी देते हो और मरहम लगाने आ जाते हैं।
राज भी नीचे चला गया।
और हिना कि जिद उसे वहीं करने को मजबूर किया और वो वहीं गीले कपड़े पहन कर चली गई।
खाना के टेवल के पास पहुंच कर हिना बैठ गई।
आभा ने कहा अरे बेटा तबीयत ठीक है तेरी?
हिना ने सर हिलाते हुए कहा हां मम्मी जी।
फिर राजीव ने कहा हिना ये दोनों मेरे दोस्त हैं विकास और राहुल।
हिना ने कहा हेलो!
दोनों ने कहा हेलो भाभी।
फिर राजीव ने गौर किया तो समझ गया कि हिना ने कपड़े नहीं बदले थे।
गुस्से से राज ने चम्मच पटक दिया।
आभा ने कहा अरे बाबा क्या हुआ?
राज ने कहा कुछ भी नहीं।
हिना चुपचाप खाना खाने लगीं।
आभा ने गौर किया तो देखा कि हिना के कपड़े गीले थे।
आभा ने कहा अरे बेटा तुझे ठंड लग जाएगी।
हिना ने कहा नहीं कुछ नहीं होगा मुझे।।
राज ने कहा बहुत अकड़ है।।
फिर खाना खाने के बाद सब जाकर सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे।
राहुल ने कहा भाभी आप तो वकील हो वो भी गोल्ड मेडलिस्ट!
हिना ने कहा हां,पर आपको कैसे पता?
विकास ने कहा अरे बाबा राज ने बताया।
राज ने कहा अरे चलो कुछ शेरों शायरी हो जाएं।।
विकास ने कहा हां, हां यारों चलो।
हिना ने कहा अच्छा फिर मैं चलती हूं।
राहुल ने कहा अरे भाभी आप भी ना,रूकिए ना।
राज ने खांसते हुए कहा अरे जाने दो। ज्यादा एजेंट लोगों की जरूरत नहीं है।
हिना सुनते ही आगबबूला हो गई और बोली ओके मैं बैठ जाती हुं।
तभी हिना के मोबाइल पर मैसेज आया देखा कि राज ने लिखा था कपड़े बदल कर आओ।
हिना ने लिखा नो वे।
राज बहुत गुस्से में आकर एक शायरी सुनाने लगा।

अर्ज़ किया है।।।।।।।।।
हाथों की लकीरों ने हालत बदल डालें।
अपनों की तकलीफों ने जज़्बात बदल डालें।
सूकून था कि कोई तो चाहता था हमें हमारी तरह,।
आज उसकी बेरूखी ने मेरे दिन रात बदल डालें।।

विकास और राहुल ने कहा वाह क्या बात है यार।।
दिल छू लिया।पर बताया नहीं कौन है वो खुशनसीब।।
राज ने कहा अरे कोई नहीं है यारो।

विकास ने कहा भाभी आप कुछ बोलेंगी।।
हिना ने कहा हां।।।
ना समझा उन्होंने मेरे दिल का हाल कभी
अफसोस है कि ये हम बता भी ना पाएं।।।
कहना बहुत कुछ था उनसे मगर ।।।
चाह के भी हम ये जता ही ना पाएं।।

विकास ने ताली बजा कर कर वाह क्या जबाब दिया आपने भाभी।।
हिना ने कहा अच्छा ऐसा कुछ नहीं है।
राज ने कहा शायरी करना सबके बस की बात नहीं है।।
हिना ने कहा हां,देवर जी अब बारी आपकी है।
राज ने कहा हां,
हालात जिंदगी के कुछ बिखरें हुएं से है।।।
सांसें भी ले रहे हैं और जिन्दा भी नहीं।।।
राहुल ने कहा अरे वाह क्या बात है राज क्या दर्द है यार!
हिना ने राज की आंखों में देखा पर राज इतना गुस्से में था कि उसने देखा तक नहीं।।
हिना ने कहा।।।
तेरा हक नहीं बनता था दुख देने का।।।
तुझे तो जिंदगी के हर दुख बताएं थे।
राज को लगा जैसे हिना उसे ही बोली वो।।।
राज ने कहा किसी पर मर जाने से शुरू होती है मोहब्बत।
इश्क जिन्दा लोगों का काम नहीं।।।
राहुल ने कहा वाह! वाह!
महफ़िल अच्छी जम गई है।
हिना ने कहा अर्ज़ किया है।
कोई क्या ही आज़माएगा मेरा सब्र मैंने तो मुस्करा कर वो भी छोड़ दिया जो मुझे जान से ज्यादा प्यारा था।।।
विकास ने कहा वाह क्या बात है!
अब राज की बारी थी।
प्यार छोड़ो तुम दोस्त बने रहना, सुना है,सुना है प्यार मुकर जाते हैं यार नहीं।।
हिना ने कहा अरे मुझे तो आदत है दर्द सहने की, तुम बताओ कि थक नहीं जाते दर्द दे- देकर।।।

हिना उठते हुए बोली अच्छा गुड नाईट सबको।।
विकास ने कहा अरे इतनी अच्छी शायरी करती है आप ।
राज ने कहा अरे छोड़ो जाने दो उसे।।
हिना वहां से चली गई।

काफी देर तक दोस्तों मैं बातचीत होती रही।

क्रमशः