श्रद्धा अपने कमरे में आईने के सामने बैठी खुदको निहारे जा रही थी और मन ही मन में सोच रही थी,("आखिर करण ऐसा क्या सरप्राइज़ देने वाला है?") श्रद्धा यही सोच रही थी की तभी वहा एक औरत आती है,चम्पा जो की श्रद्धा के घर में खाना बनाने का काम किया करती है। श्रद्धा उसे अंदर आने को कहती है......"हां आ जाओ"
ओ अंदर आकर श्रद्धा से डरते हुए कहती है"छोटी मालकीन ओ मुझे आंठ दस दिन के लिए छूटी चाहिए था।मेरी बेटी का तबियत आज कल बहुत खराब रहता है।".....ये सुनते ही श्रद्धा उस पर चिल्लाते हुए कहती है..."क्या??छूटी चाहिए,, ओ भी आठ दस दिन के लिए,तो फिर यहां का काम कौन करेगा, देखो कोई छूटी- उट्टी नही मिलेगा।और ये बहाने बाजी यहां मत करना तुम जैसों को बहुत अच्छी तरीके से जानती हूं।"...... चम्पा वही पर सिर को झुकाए खड़ी होकर बस श्रद्धा की बातें सुन रही थी।
"अब यहां मुंह लटकाए खड़ी क्यों हो जाओ जाके अपना काम करो।"... श्रद्धा चम्पा पर चिल्लाते हुए कहती है। चम्पा वहा से चुप चाप बाहर निकल आती है।......
बाकी के नौकर बाहर से सब सून रहे थे की कैसे श्रद्धा चम्पा को फटकारे लगा रही थी। यहीं वजह है की सब श्रद्धा से डरते थे अगर कोई भी श्रद्धा के कहे अनुशार काम नही करता तो श्रद्धा उसे उसी वक्त नौकरी से निकाल देती।ये पहली बार ऐसा नही हुआ था, श्रद्धा बचपन से ही अमीरी ठाट बाट में पली बड़ी थी।
"मेरे लिए पानी ले कर आओ"श्रद्धा अपने कमरे से चिल्लाते हुए कहती है,तभी श्रद्धा का फ़ोन रिंग करता है... श्रद्धा देखती है तो उसके पापा का कॉल होता है, श्रद्धा कॉल उठाते हुए कहती है"hello dad".... तभी श्रद्धा के पापा कहते है,"बेटी अगले तीन दिनों तक मैं घर नही आ पाऊंगा एक urgent meeting है तो मुझे दुबई जाना है।"..
.श्रद्धा थोड़ा खुश होते हुए कहती है"ok dad no problem आप आराम से जाइए।"...श्रद्धा के पिता श्रद्धा को अपना ख्याल रखने के लिए बोलते है।तभी श्रद्धा कहती है"क्या dad मैं अब छोटी बच्ची नही हुं अब मैं अपना ख्याल रख सकती हुं आप tension नही लीजिए. आप बेफिक्र हो कर जाइए।"....."ठीक है जैसा तुम कहो"इतना कह कर श्रद्धा के पिता फोन रख देते है।
जैसे ही कटता है, श्रद्धा फोन को बेड पर फेकते हुए उछल उछल कर इधर उधर नाचने लगती है।तभी श्रद्धा का फोन दोबारा बजता है। इस बार फ़ोन करण का होता है।श्रद्धा कॉल उठाते हुए कहती है,"करण आज रात भर हम बाहर एक साथ ही रहेंगे।"... करण चौकते हुए कहता है"what सच मे?...."हां सच में"श्रद्धा मुस्कुराते हुए बोलती है।
"पर तुम्हारे पापा?".. करण श्रद्धा से पूछता है।तभी श्रद्धा कहती है"पापा तीन दिनों के लिए दुबई जा रहे है।"......"ओ..हो.. तब तो आज मैं और तुम और वाइन और उसके बाद जो होगा ओ मैं नही बता सकता!" करण की बातें श्रद्धा समझ जाति है की ओ क्या कहना चाहता है, श्रद्धा करण को बीच में ही टोकते हुए कहती है"wait..wait.. इतना आगे भी नही सोचा करो तुम तो कुछ ज्यादा ही फ़ास्ट हो रहे हो।"......
करण मुंह बनाते हुए कहता है"उम्म..तुम तो बोलोगी ही,तुम क्या जानो इस पल का मुझे कब से इंतजार था।"... श्रद्धा हस्ते हुऐ कहती है"अरे अरे तुम तो serious हो गए ,अच्छा promise तो नहीं कर सकती पर हां अगर माहौल अच्छा हुआ तो"... श्रद्धा की ये बाते सुनकर जैसे मानो करण का खुशी का ठिकाना ही नही रहता है। ओ श्रद्धा से कहता है,"तुम बस आज आओ माहौल तो मैं बना दूंगा।"....."अच्छा जी अब मै फोन रखती हूं byy "श्रद्धा हस्ते हुए कहती है ,और फोन रख देती है।
शाम के लाग - भग पांच बज रहा था,ऋषि अपने कमरे में खिड़की के पास बैठ कर बाहर बच्चो को क्रिकेट खेलता हुआ देख रहा था। तभी वहा उसके पापा आते है, ऋषि अभी भी खिड़की के तरफ ही देख रहा होता है,उसके पापा उसके पास आते है और इसके पीठ पर हाथ रखते हुए कहते है।"जब तू छोटा था तू भी बिलकुल ऐसा ही था,पर एक दिन तू इतना ज्यादा बदल जाएगा मैने कभी सपनो में भी नही सोचा था।"...
तभी ऋषि उदास मन से कहता है"सोचा तो मैने भी नही था की ऊपर वाला मुझसे मेरी ज़िंदगी जीने का वजह ही छीन लेगा।... ऋषि के पिता उसे समझाते हुए कहते है,"देख बेटा ये जिंदगी किसी की भी सगा नही होती चाहे ओ बड़ा से बड़ा ही आदमी क्यों ना हो,फिर हम तो मिडिल क्लॉस लोग है।एक ना एक दिन सब को जाना है,एक दिन मैं भी चला जाऊंगा फिर तू भी,,,ऐसे ही ये किस्सा चलता ही जाएगा।"वैसे आज मेरी नाईट सिफ्ट हैं,कल सुबह में आऊंगा जा कर बाहर खाना खा लेना।"....ये कहते हुए ऋषि के पापा वहा से चले जाते है।
श्रद्धा आज रात करण के साथ जाने के लिए तैयार हो रही थी, उसके कमरे में चारों तरफ़ कपड़े ही बिखरे हुए थे, हालांकि ये पहली बार ऐसा नही हुआ था की श्रद्धा का रूम ऐसा दिख रहा था। वो अलमीरा से और कपड़े निकाल कर नीचे फेके जा रही थी।देखते ही देखते अलमीरा का सारा कपड़ा नीचे फर्श पर बिखरा हुआ होता है।...पर इससे श्रद्धा को क्या उसे तो बस खुद की आबरू सवारनी थी। ताकि आज वो सबसे सुंदर दिखे ।
तभी श्रद्धा अपने घर की नौकरानी को आवाज देती है,....... "शिल्पा घर में कपड़े बिखरे पड़े है , आकर सब साफ़ कर दो।"श्रद्धा की आवाज़ सुनते ही शिल्पा भागती हुईं आती है। और सारे बिखरे हुए कपड़ो को समेटने लगती है। तभी वहा एक और लड़की आती है, जो की एक ब्यूटीशियन होती है। जिसे श्रद्धा ने अपने मेकअप करवाने के लिए बुलाई थी।
श्रद्धा उसे अंदर आने को कहती है,और वो लड़की श्रद्धा का मेकअप करना शुरू करती है। वो लड़की एक बाग से अपने सारे मेंकअप टूल्स निकलती है,जैसे आईब्रो, नेलपोलिस, हेयर ड्रायर, कैंची,और भी बहुत सी चीजे होती है।श्रद्धा के चेहरे पर एक अलग ही हसी थी , श्रद्धा मुस्कुराते हुए कहती है,"देखो आज मुझे ऐसा सजना की देखने वाले देखते ही रह जाए।"...."आप tension नही लीजिए मैं आपको आपकी सोच से भी ज्यादा खूबसूरत बना दूंगी.।"वो लड़की हस्ते हुए कहती है।
आखिर करण श्रद्धा को क्या सरप्राईज देने वाला है?और क्या होगा आज की रात करण और श्रद्धा के बीच।
To be continued