क्या पशु पक्षी भी मोनोगेमस ( एक पत्नी वाले ) होते हैं
आमतौर पर मनुष्यों में आजीवन मोनोगैमी ( एक पत्नीत्व ) की प्रथा होती है पर पशु पक्षियों में अक्सर ऐसा नहीं होता है . एक मनचाहा जीवनसाथी का मिलना बहुत अच्छी और सुखद बात है पर पशु पक्षियों में ऐसा विरले ही होता है . विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग 90 % पक्षी मोनोगैमी हो सकते हैं पर वह भी अक्सर प्रजनन ऋतु में . स्तनपायी पशुओं में यह बहुत कम होता है कदाचित 3 - 5 % और वह भी सरल नहीं होता है .
कुछ पक्षी मोनोगेमस क्यों - पक्षी के मोनोगेमस होने का कारण उनका प्यार नहीं बल्कि उसके पीछे कुछ व्यावहारिक पहलू हैं . ज्यादातर बड़े पक्षी साल में एक बार ही बच्चे पैदा करते हैं और उनके सेने और बड़े होने में काफी समय लगता है . वे प्रजनन ऋतु में साथ रह कर अपने बच्चों को पालते हैं . वे एक ब्रीडिंग सीजन ( प्रजनन ऋतु ) के बाद अपना साथी बदल सकते हैं .
पक्षी अपने साथी को कैसे आकर्षित करता है -
अक्सर नर पक्षी अपनी कुशलता दिखा कर अपने पार्टनर को आकर्षित करता है और मादा भी इन्हीं गुणों से आकर्षित होती है जैसे -
1 . ज्यादा गाने की कला - पक्षी अपनी भाषा में जोर से गाने लगता है . इसके लिए ज्यादा शक्ति लगती है और वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन गा कर करता है और मादा भी समझती है कि वह उसकी रक्षा करने और बच्चों की देखभाल के योग्य है . अक्सर तड़के सवेरे ऐसा देखने को मिलता है .
2 . पंखों के रंग का और चमकदार होना - ब्रीडिंग सीजन में नर पक्षी के पंखों का रंग ज्यादा ब्राइट हो जाता है .
3 . अपने कौशल का दिखावा - जो नर पक्षी अपनी शक्ति और फिटनेस का ज्यादा प्रदर्शन करता है मादा उसी की तरफ आकर्षित होती है . वह कभी ऊँची उड़ान भरता है , कभी गोलाकार में घूमता है तो कभी अचानक ऊंचाई से नीचे की ओर गिरने लगता है .
4 . विशेष नृत्य दिखा कर - हंसों की जोड़ी को नाचते हुए देखा जा सकता है , वे नाचते हुए अपनी गर्दन को दिल के आकार में बना लेते हैं .
मोनोगेमस पक्षी -
1 . स्वान ( हंस ) - स्वान मोनोगेमस पक्षियों का एक आदर्श उदाहरण है . वे ब्रीडिंग ऋतु में मिलते हैं , प्यार कर बच्चे पैदा करते हैं . अक्सर वही जोड़ी फिर अगली प्रजनन ऋतु में तब तक मिलती रहती है जब तक कि उनके किसी साथी की मौत नहीं हो जाती है . ऐसा होने पर वे अपना पार्टनर बदल लेते हैं . हालांकि अपवाद स्वरूप कुछ फ्लर्ट कर अपना साथी बदल लेते हैं .
सारस , बत्तख , कबूतर आदि कुछ और भी ऐसे पक्षी हैं जो लम्बे समय तक मोनोगेमस रहते हैं .
2 . काले गिद्ध - यह एक तरह से कठोर मोनोगेमस पक्षी होता है . अगर कोई भी पार्टनर फ़्लर्ट करता है या व्यभिचार करते देखा जाता है तो अन्य गिद्ध का झुण्ड इस पर आक्रमण कर इसे वापस अपने पार्टनर के घोसले में लौटने को बाध्य करता है .
3 . बाल्ड ईगल ( बाज़ ) - पहले तो यह ( खास कर नर ) गाने , नृत्य कला आदि से अपने अपर्टनर को लुभाता है फिर अपनी जोड़ी बना कर बच्चे पैदा कर उनकी देखभाल करता हैं . यदि उसका पार्टनर नपुंसक निकला तो उसे तलाक दे कर दूसरे पार्टनर के साथ हो लेता है . कभी कभी वह फ्लर्ट करने से भी बाज नही आता है .
4 . लव बर्ड - यह एक तरह का तोता होता है . यह मच्योर होने के बाद अपनी जोड़ी बनाता है और आजीवन उसका साथ निभाता है .
5 . मॉन्क पाराकीट - यह भी एक तरह का तोता होता है जो लम्बे समय तक अपने पार्टनर के साथ रहता है .
6 . अल्बाट्रोस - एक समुद्री पक्षी है, जो ज्यादातर अंटार्कटिक सागर , ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है . यह भी अक्सर आजीवन मोनोगेमस रहता है और अपने साथी के प्रति वफादार होता है .
7 . स्कारलेट मकाव - यह एक तरह का स्कारलेट ( सुर्ख लाल ) रंग तोता है जो अमेरिका और ब्राजील ( साउथ अमेरिका ) के रेन फॉरेस्ट में पाया जाता है . यह अपने पार्टनर के साथ आजीवन साथ रहता है . अगर पार्टनर प्रजनन में सक्षम नहीं तो यह अपना साथी बदल लेता है .
8 . मैकरोनी पेंगुइन - पेंगुइन भी अक्सर मोनोगेमस होता है . बच्चे होने के बाद नर इनकी देखभाल करता है और मादा इनके लिए खोज कर भोजन लाती है .
9 . पफिंस ( puffins ) - यह काले और सफ़ेद रंग का सुंदर पक्षी है जो अमेरिका , यूरोप , तटीय जापान और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है . पफिन की आयु एक साल से भी कम होती है जिसमें करीब छः महीने यह समुद्र में रहता है . यह भी अपने एकमात्र साथी के साथ संबंध कायम रखता है और अपने नन्हें मुन्ने की देखभाल करता है .
10 . बार्न आउल ( खलिहान उल्लू ) - यह दुनिया में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला उल्लू है जो ध्रुव और रेगिस्तान को छोड़ कर सभी जगहों पर मिलता है . यह भी ज्यादातर मोनोगेमस होता है .
मोनोगेमस पशु -
1 . बीवर या ऊदबिलाव - ऊदबिलाव जिसे डैम बनाने वाला रोडेंट भी कहा जाता है , जब वह किसी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाता है तब लम्बे समय तक वह अपने साथी के प्रति वफादार रहता है .
यही बात कुछ विशेष चूहों , जैसे कैलिफ़ोर्निया माइस , में भी पायी जाती है . इसके अतिरिक्त प्रेरी वोल , एक प्रकार का चूहा जो उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है , भी मोनोगेमस है यानि अपना जीवनसाथी नहीं बदलता है .
2 . ग्रे भेड़िये - भेड़िये झुंड में रहते हैं और उनका एक सामाजिक ( hierarchy ) पदानुक्रम बरक़रार रहता है और अपने जीवनसाथी के साथ आजीवन रहना पसंद करते हैं .
3 . लंगूर - पेड़ों पर रहने वाला लंगूर भी अक्सर मोनोगेमस होता है हालांकि यह भी फ़्लर्ट कर सकता है या ब्रेकअप हो सकता है और ब्रेकअप के बाद पुनः मिल भी सकता है .
4 . कोयोटी - यह एक प्रकार का सियार है जो ज्यादातर अमेरिका में मिलता है . इस बारे में अमेरिका में 236 कोयोटी पर 6 साल तक शोध कर देखा गया है कि वह अपना पार्टनर कभी नहीं बदलता है .
5 . टीटी मंकी - यह बंदर की एक प्रजाति है . अब यह प्रजाति लुप्तप्राय हो रही है . यह भी अमेरिका में होता है और मोनोगेमस होता है . शोधकर्ताओं ने देखा है कि अपने साथी के बिछड़ जाने के बाद यह काफी दुखी और तनाव में रहता है .
6 . ग्रे फॉक्स - यह एक प्रकार की लोमड़ी है जो ज्यादातर उत्तरी और मध्य अमेरिका में पायी जाती है . कहा जाता है कि वह अपने पार्टनर का साथ आजीवन निभाता है .
7 . गॉर्डोन - इसे इंग्लिश या आयरिश सेटर भी कहते हैं . यह एक तरह का काला कुत्ता है . यह भी अक्सर मोनोगेमस होता है हालांकि बच्चों के बड़े होने के बाद वह अपना साथी बदल सकता है .
8 . समुद्री घोड़ा ( seahorse ) - वाइल्ड सीहोर्स अक्सर मोनोगेमस होता है और कुछ प्रजाति तो आजीवन एक ही साथी रखता है . कहा जाता है कि इन्हें जीवनसाथी खोजने में बहुत कठिनाई होती है क्योंकि शिकार के डर से ये बहुत छुप कर रहते हैं .
9 . स्किंक - स्किंक एक प्रकार की मोनोगेमस छिपकली है जो ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया में मिलती है . ब्रीडिंग सीजन में यह अपने पुराने साथी को खोज कर उसी के साथ पुनः बच्चे पैदा करती है .
10 . एंगल फिश - यह मछली ज्यादातर वेस्ट इंडीज और फ्रांस में पायी जाती है . आमतौर पर यह अपनी जोड़ी के साथ ही देखी जाती है और मोनोगेमस होती है .
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