कहानी प्यार कि - 57 Dr Mehta Mansi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी प्यार कि - 57

अथर्व की बात सुनकर सब अपनी जगह खड़े हो गए थे...
जतिन खन्ना के हाथ से शगुन का नारियल नीचे गिर गया...
" ये क्या बोल रहे हो... तुम ? "
सोनाली मैथ्यूज ने अथर्व के पास आते हुए कहा...
" यस अथर्व व्हाट हैपेंड? " अथर्व के पापा ने भी परेशानी भरे भाव से कहा..

पर इन सब से भी ज्यादा हैरान थी अंजली... वो बस आंखे फाड़े अथर्व को देख रही थी...

" आई एम सोरी अंजली .. आई एम सोरी मोम डेड , जतिन अंकल एंड आंटी... पर में ये सगाई नही कर सकता..."

" बेटा तुम ऐसा क्यों कह रहे हो हम से कोई भूल हो गई है क्या ? " जतिन खन्ना का गला बोलते बोलते भर आया था...

" मुझे ये कहना तो नही चाहिए अंकल पर आपसे भूल हुई है वो भी बहुत बड़ी..."
अथर्व की बात किसीको समझ नही आ रही थी...

" तुम बताओ तो सही में अभी अपनी गलती सुधार लूंगा..."

" ठीक है तो फिर अंजली की सगाई उससे करवाइए जिससे वो प्यार करती है..."

अथर्व ने बड़ी ही कॉन्फिडेंट के साथ ये कहा था और यह सुनकर जतिन खन्ना आंखे फाड़े गुस्से वाली नजरो से अथर्व की और देखने लगे...

" ये क्या बोल रहे हो अथर्व .. मेरी बेटी किसी और से प्यार नही करती...."

" ऐसी बात है अंकल तो हम आपकी बेटी से ही पूछ लेते है..." कहकर अथर्व अंजली के सामने आकर खड़ा हो गया...

" अंजली अपने पापा को बताओ की तुम मुझसे नही किसी और से प्यार करती हो... पर हा सच बोलना ... तुम्हे तुम्हारे पापा की कसम है...."

यह सुनकर अनिरुद्ध और संजना के चहेरे पर थोड़ी सी स्माइल आ गई थी और मोहित की गभराहट और भी ज्यादा बढ़ गई थी...

अंजली की आंखो से आंसू बहने लगे.. वो सच भी नही बोलना चाहती थी और जूठ बोल नहीं सकती थी...

" चिंता मत करो अंजली में हु तुम्हारे साथ..." अथर्व ने बड़े प्यार से अंजली का हाथ थामते हुए कहा...

अंजली ने एक नजर अपने पापा की और की ... वो अंजली को गुस्से भरी नजरो से देखकर ना बोलने का इशारा कर रहे थे... पर अब अंजली और जूठ नही बोलना चाहती थी..

" हा पापा अथर्व जी सही कह रहे है में किसी और से प्यार करती हु...."
अथर्व ने आंख बंधकर एक गहरी सांस ली...उसे कुछ सुकून मिला था अंजली के मुंह से सच्चाई सुनकर...

" देखा अंकल... आप जबरदस्ती के साथ अंजली से मुझसे रिश्ता जोड़ने के लिए कह रहे थे पर आपने एक बार भी नही सोचा की आपकी बेटी आगे जाकर खुश रह पाएगी या नही... जबरदस्ती से रिश्ते जुड़ते नही और अगर जुड़ भी गए तो उसकी दौर कच्ची रह जाती है जो कभी टीक नही सकती..."
अथर्व ने जतिन खन्ना को समझाते हुए कहा..

" एक दम सही कहा अथर्व आपने... जतिन अंकल भले ही आपने इनकी शादी करने का वचन पहले से ही दिया हो पर आप अंजली की मर्जी एक बार तो पूछ ही सकते थे... पर आपने क्या किया अंजली को इमोशनल ब्लैकमेल करके उसे उसकी खुशियों से ही दूर कर दिया.. ! " अनिरूद्ध ने आगे आते हुए कहा...

यह सब सुनते हुए जतिन खन्ना को पुरानी सब बाते याद आने लगी थी... इन सब यादों के साथ अथर्व और अनिरुद्ध की कही बाते उनके सिर में चकराने लगी थी...

" बस करो बस करो... में जानता हु मुझसे बहुत बड़ी गलती हुई है पर में क्या करता अगर सोनाली से में यह सब कहता तो हमारी दोस्ती टूट जाती.. मेरी इज्जत मैथ्यूज के सामने चली जाती.. तब मुझे और कोई रास्ता नही सूझा इसीलिए मैंने ये सब किया पर में मेरी बेटी से बहुत ज्यादा प्यार करता हु.. में उसकी खुशियों का दुश्मन नही बनना चाहता..." बोलते बोलते जतिन खन्ना रो पड़े थे और जमीन पर बैठ गए...

" सोरी अंकल पर अगर अनिरुद्ध ने मुझे अंजली की बाते फोन पर नही सुनाई होती तो शायद आज में अंजली से सगाई कर चुका होता... अंजली तो आपके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थी.. वो तो मुझे यह बात कभी बताती नही... और चुपचाप ये सगाई कर लेती"

अथर्व की बात सुनकर अंजली , मोहित , संजना , सौरभ और साथ में करन भी हैरानी से अनिरुद्ध की और देख रहे थे...क्योंकि अथर्व को सच्चाई बताने की बात प्लान में तो शामिल थी ही नहीं... थी..
अनिरूद्ध फिर से मुस्कुराने लगा...
उसे वो बात याद आ गई जब अंजली के मोहित के पास जाने के बाद उसने अथर्व को फोन किया था..

" अथर्व आप को कुछ सुनाना है प्लीज आप फोन मत काटना पूरी बात सुनना..."
बोलते हुए अनिरुद्ध अंदर रूम में चला गया जहा अंजली अपनी सच्चाई मोहित को बता रही थी..

अथर्व अंजली की सारी बाते फोन में से सुन रहा था ...

अथर्व ने अनिरुद्ध की और देखकर थैंक यू कहा...

" आई एम सोरी अंजली बेटा...मुझे माफ करदे... "

" नही पापा क्या कह रहे है आप.. आप को माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है..." बोलते हुए अंजली जतिन खन्ना के गले लग गई...

" बेटा बता वो कौन था जिससे तू प्यार करती थी ..में उसे खुद जाकर लेके आऊंगा और तुम्हारी सगाई उसके साथ करवाऊंगा...."

" अंकल इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वो शख्स आज हमारे बीच यही उपलब्ध है..."
यह सुनकर सब लोग इधर उधर देखने लगे....

पर जतिन खन्ना की नजर सीधे मोहित के ऊपर पड़ी... क्योंकि सब लोग उसे कही और ढूंढ रहे थे पर अंजली और मोहित आंखो में आंसू के साथ एक दूसरे की और देख रहे थे....

जतिन खन्ना धीरे धीरे मोहित की और बढ़ने लगे...
मोहित की और जतिन खन्ना के कदम बढ़ते देख राजेश जी और रागिनी जी हैरानी से एक दुसरे की और देख रहे थे और अखिल जी और अनुराधा जी भी शॉक्ड थे...

" मोहित ही वो है जिसे मेरी बेटी प्यार करती है है ना ? "

जतिन खन्ना की बात सुनकर अंजली ने हा में अपना सिर हिलाया ...
और उसीके साथ जतिन खन्ना मोहित के गले लग गए...

" आई एम सोरी बेटा ... मैंने तुम दोनो के साथ जो किया वो बहुत गलत था... मुझे माफ करदे..."

" नही अंकल आई एम सोरी...."

" मोहित इतनी बड़ी बात तुमने हमे आज तक बताई नही...." रागिनी जी ने गुस्से से मुंह फुलाते हुए कहा...

" हा मोहित ये तूने गलत किया... " राजेश जी भी अब नाराज हो गए थे....

" मम्मी पापा आप तो जानते है ना भाई ऐसे ही अपनी फीलिंग्स किसी से शेयर नही करते ... प्लीज उन्हें माफ कर दीजिए..." इस बार संजना ने आगे आते हुए कहा..

" मतलब तुझे भी पता था और तुमने हमे बताया नही....? "

" मां अब जाने भी दीजिए ...अब तो मोहित ने एक्सेप्ट कर लिया ना...? "

" अनिरूद्ध बेटा तुम सब ने यह सब जानते हुए भी हमसे सच छिपाया अब हम तो नही मानने वाले क्यों जी....? "

" हा जी सही कहा ..." राजेश जी ने कहा और फिर रागिनी जी की और एक आंख विंग कर दी...

मोहित अपने मम्मी पापा को नाराज देखकर उनके पास आया और उन दोनो का हाथ पकड़ लिया...
" मम्मी पापा मैंने आपको इस लिए नही बताया था की आपको दुख ना पहुंचे... पर फिर भी आपको बुरा लगा हो तो आप जो कहोगे में वही करूंगा पर में अंजली से बहुत ज्यादा प्यार करता हु... अब इस बार हम बिछड़े तो में खुद को संभाल नही पाऊंगा...."
मोहित इतना ही बोला था की राजेश जी और रागिनी जी ने मोहित को गले लगा लिया...

" बेटा ऐसा मत बोल... हम भी नही चाहते की तुम अंजली से जुदा हो हम तो सिर्फ छोटा सा मजाक कर रहे थे..." रागिनी जी की आंखो में आंसू छलक आए थे...

" अरे में भी हु..." बोलती हुई संजना भी उन तीनो से लिपट गई...

" में भी ...." कहते हुए किंजल भी आ गई...

उन सबका प्यार देखकर सब के चहेरे पर मुसकुराहट आ गई थी...

" अब समधी जी अगर आप को कोई प्रोब्लम ना हो तो हम इसी मुहूर्त में इन दोनो की सगाई करवा देते है..."

" पर जतिन जी हम तो कुछ लाए नही , शगुन और अंगूठी भी नही है...." राजेश जी ने थोड़ी परेशानी भरी आवाज में कहा...

" अंगूठी ये रही और शगुन भी....." अनिरूद्ध ने अंगूठी का बॉक्स दिखाते हुए कहा..

सब की नजर उस पर गई... अनिरूद्ध के हाथ में एक बहुत ही सुंदर अंगूठी का बॉक्स और पीछे कुछ लोग शगुन के साथ खड़े थे....

" अनिरूद्ध यह सब तुमने कब किया ? " संजना ने हैरानी के साथ कहा...

" यह सब तो मैने तैयार करके ही रखा था क्योंकि में जानता था ऐसा ही कुछ होगा..."
सब के चहेरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई स्पेशली मोहित और अंजली के....

फिर मोहित और अंजली की सगाई की रस्म की गई...
फिर मोहित ने और अंजली ने एक दूसरे को रिंग पहनाई और उसके साथ पूरा होल तालियों के आवाज से गूंज उठा....

" फाइनली... हम एक हो गए...." मोहित ने अंजली का हाथ पकड़कर कहा..

" हा फाइनली...आई लव यू मोहित...."

" आई लव यू टू अंजली....."

तभी बैकग्राउंड में गाना प्ले हुआ...

"मेरी राहें तेरे तक हैं
तुझपे ही तो मेरा हक़ है
इश्क़ मेरा तू बेशक़ है
तुझपे ही तो मेरा हक़ है

साथ छोड़ूँगा ना तेरे पीछे आऊँगा
छीन लूँगा या खुदा से माँग लाउँगा
तेरे नाल तक़दीरां लिखवाउंगा
मैं तेरा बन जाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा

सोंह तेरी मैं क़सम यही खाऊँगा
कित्ते वादेया नू मैं निभाऊँगा
तुझे हर वारी अपना बनाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा"

मोहित और अंजली एक साथ डांस करते हुए बहुत ही प्यारे लग रहे थे..अथर्व यह देखकर मुस्कुरा रहा था..डांस खत्म हुआ और सब बातो में लग गए , मौका पाकर अथर्व वहा से जाने लगा तभी किसीने उसका हाथ पकड़ लिया...

वो अंजली और मोहित थे...

" थैंक यू अथर्व जी... आप ने हमारे लिए जो किया वो हम कभी नही भूलेंगे...." अंजली और मोहित ने साथ में कहा..
" ये तो मेरा फर्ज था... तुम दोनो हमेशा साथ रहो और खुश रहो "

बोलकर अथर्व वहा से चला गया... मोहित और अंजली उसे जाता देखते रहे...

इस तरफ मीरा सोए हुए मुस्कुरा रही थी वो सपने में खुद को और सौरभ को एक साथ देख रही थी...
" सौरभ मुझसे शादी करोगे..?." मीरा नींद में मुस्कुराती हुई बोली...

और फ़िर गहरी नींद में सो गई....

🥰 क्रमश : 🥰