साउंडलेस लव - 16 Sarvesh Saxena द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

साउंडलेस लव - 16

दोनों इसी तरह रात के दस से ग्यारह बजे तक घूमते रहते और कभी हंसी मजाक तो कभी प्यार इश्क और मोहब्बत की बातें किया करते | दोनों जब दूसरों को फोन पर बातें करते हुए सुनते तो कहते “ चलो हमारी फैमिली नहीं है इसका एक बेनिफिट तो है, हमें कोई रोकने टोकने वाला ही नहीं हम चाहे जितना एक दूसरे के साथ यहां कितनी भी देर तक रहें” |

इस पर आकाश ने कहा “ हां... ये तो है, वरना अब तक दस बार फोन आ चुके होते, कहां हो जल्दी आओ घर, घर आते समय ये ले आना वो ले आना, जब देखो तब घूमता रहता है और न जाने क्या क्या सुनना पडता” |

दोनों यही सोच कर खुश हो जाते पर दोनों ही जानते थे कि उन्हे प्यार और परिवार की कितनी जरूरत है | दोनों इसी तरह घूम फिर के अपने-अपने घर आ जाते |

जो आकाश अपनी जिंदगी को एक बेरंग कोरे काजग जैसा समझता था उसी आकाश को अब अपनी जिंदगी से बहुत प्यार हो गया था और अब उसने खुद में एक नई बात देखी थी जो ये थी कि अब वह खुशहाल तस्वीर बनाने लगा था, जिसमें खुशी होती थी |

नमन का जब कभी कबार उसके पास फोन आता तो वह बड़ी जिंदादिली से बात करता इस पर नमन उसको चिढ़ाकर कहता “ क्या बात है आकाश??? तू तो बड़ा चहका चहका लगता है, कहीं तुझे भी तो तेरा प्यार नहीं मिल गया, बोल यार छुपाता क्युं है?”

आकाश हंसते हुये कहता “ हां यार तू सही समझ रहा है, मुझे भी मेरा प्यार मिल गया है और बहुत जल्दी उसे तुमसे मिला दूंगा” |

ये सुनकर नमन खुश होकर कहता है “ अरे यार..... सच में यह तो कमाल की बात है कौन है वह लड़की? कहां रहती है और देखने में कैसी है? फोटो तो भेज मैं तो अभी से एक्साइटेड हूं मिलने के लिये, यार अभी के अभी फोटो भेज, देखूं तो कौन है वो खुश नसीब” |

नमन का उतावलापन देख आकाश कहता है “ मिल लेना ...मिल लेना.....और सीधा मिल ही लेना, फोटो वोटो मै नही भेज रहा, थोडी तसल्ली रखो बहुत जल्द मिलाऊंगा” |

नमन भी उसकी बात मान जाता है और फिर दोनों दुनिया भर की बातें करने लगते हैं | नमन ये खुशखबरी पूजा को देता है तो पूजा भी खुश होती है कि फाइनली आकाश को उसका प्यार मिल गया |

एक बार आकाश और सन्दीप हमेशा की तरह कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में बैठे बातें कर रहे थे | शाम पूरी तरह ढल चुकी थी या यूं कह लो रात हो चुकी थी, दोनों आपस में प्यार भरी बातें कर रहे थे | पार्क से सारे लोग लगभग जा ही चुके थे, गार्ड बार-बार सीटी पर सीटी बजा रहा था कि पार्क खाली करो, टाइम ओवर हो गया | गार्ड की सीटियां सुन सुनकर जो एक आध लोग पार्क में रह गए थे वह भी उठकर जाने की तैयारी करने लगे | इस पार्क में ज्यादातर कपल्स ही आते थे, सिंगल और दोस्त थोड़ा कम ही घूमते फिरते थे यहां |

तभी गार्ड ने एक कपल को बैठे देखा तो जोर से सीटी मारते हुए कहा “ अरे भाई साहब... क्या आपको सुनाई नहीं देता कब से सीटी मार रहा हूं, हमारी भी ड्यूटी है जो आप ही लोगों के लिए है, टाइम ओवर हुये पूरे बीस मिनट हो चुके हैं, अब आप लोग फटाफट जाइए” |

इसपर उस आदमी ने गुस्साते हुए कहा “ अरे जा रहे हैं... नाक में दम किए जा रहे हो सीटी बजा बजाकर, अरे तेरे जैसे गार्ड पचासों देखे मैंने, अरे हम कौन सा यहां पर डेरा डालने आए हैं, जा ही तो रहे हैं” |

यह कहकर वह आदमी जिस लड़की के साथ बैठा था उसके साथ उठकर जाने लगा तो गार्ड ने बुदबुदाते हुए कहा “ आए बड़े...मेरे जैसे पचासों देखे हैं, दो कौड़ी की औकात नहीं है, सारे मजे पार्क में ही इन्हे चाहिये....चल छोड़ यार, मेरा तो यह रोज का काम है” |

यह कहकर वह पार्क के दूसरी तरफ जाकर सीटी बजाने लगा तभी उसने आकाश और संदीप को बैठा हुआ देखा तो जोर से सीटी बजाई और कहा " चलो चलो भाई पार्क खाली करो टाइम हो गया, रात के नौ बज रहे हैं, तुम लोगों को क्या अलग से कहना पड़ेगा, पूरा पार्क खाली हो गया है” |

गार्ड जानता था कि ज्यादा बोलना उसके लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए उसने ज्यादा गुस्सा ना करते हुए ही यह बात कही क्योंकि अक्सर लोग गार्ड और चौकीदारों के साथ हाथापाई पे उतर आते थे |

यह सुनकर संदीप ने कहा “ अरे जा रहे हैं काहे जल्दी मचाए हो, हम कौन सा यहां कोई गलत काम कर रहे हैं, अभी चले जाएंगे, आप जाइए अपना काम करिए, हम यहां बहुत जरूरी बात कर रहे हैं” |

यह सुनकर गार्ड गुस्सा गया | वह कुछ कहता कि इससे पहले आकाश ने कहा “ हां हां अंकल बस हम भी अभी जा रहे हैं बस दो मिनट” |

गार्ड ने रोब झाडते हुये कहा “ नही-नही दो मिनट नहीं, पार्क को अभी के अभी खाली करो, तुम लोग दो मिनट बोल कर बैठे रहते हो और यहीं गंद मचाते हो” |

ये सब सुनकर सन्दीप से रहा नही गया और वो बोला “ अच्छा... हम गंद मचाते हैं, बाकी सब तो यहां भजन कीर्तन करने आते हैं, आपको बात करने की तमीज नहीं है, कम से कम अपनी उमर के हिसाब से बात किया करो” |

ये सुनकर गार्ड का गुस्सा सातवें आसमान पर था | आकाश बार-बार संदीप की ओर तो कभी गार्ड की ओर देख रहा था | गार्ड ने चिल्लाते हुए कहा “ गंद मचाने आते हो या भजन कीर्तन करने, मुझे इससे कोई मतलब नहीं, टाइम ओवर हो चुका है, अब सीधा पार्क के बाहर दिखाई दो मुझे, वरना अभी बुलाता हूं पुलिस को” |

गार्ड को टोकते हुए आकाश ने कहा “ अंकल आप क्यों गुस्सा कर रहे हैं, बस हम निकल रहे हैं” | उसने लगभग खड़े होते हुए कहा, “ चलो संदीप” |

यह कहकर आकाश ने संदीप का हाथ पकड़ा और आगे बढ़ने लगा लेकिन संदीप अपनी जगह पर ही खड़ा रहा, आकाश ने फिर कहा “क्या हुआ??? चलो....” |

संदीप ने कहा “ रुको दो मिनट” |

आकाश समझ गया कि सन्दीप आज पिटवा ही देगा | इतने मे सन्दीप गार्ड के पास जाकर बड़े अच्छे से बोला ‘ अंकल गुस्सा शांत कीजिए और हमें आप बस दो मिनट दीजिए, आप जब तक एक राउंड मार लीजिए हम अभी चले जाएंगे” |

यह सुनकर गार्ड बोला क्यों?? ऐसा कौन सा तुम लोगों का जरूरी काम है जो दो मिनट तुम लोगों को चाहिए, दो मिनट में क्या हो जाएगा? क्या कर लोगे दो मिनट में”?

संदीप ने बड़े कॉन्फिडेंस से गार्ड की ओर देखा और कहा “ मैगी पकने के अलावा भी दो मिनट मे बहुत कुछ हो जाता है, सच कहूं तो हमें किस करना है और दो मिनट में बहुत सारी किस हो जाएंगी” |

उसकी बात सुनकर आकाश के पैरों के तले जमीन खिसक गई उसके पैर कंपकंपाने लगे, और गार्ड की आंखें खुली की खुली रह गई |