कुछ देर बाद आकाश अंदर आते हुए बोला “ ऐसा करते हैं अब घर चलते हैं” |
ये सुनकर नमन ने आकाश को आँखें दिखाईं तो आकाश ने उससे ज्यादा बड़ी आंखें नमन को दिखाकर पूजा की तरफ देखने लगा | पूजा वहां से चली गई | कुछ देर बाद दोनों अस्पताल से बाहर आ गये और कार में बैठ गये |
आकाश ने कहा “ ऐसा करो तुम मेरे यहां चलो, मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकता, तुम्हारी तबीयत खराब है” |
ये सुनकर नमन जोर जोर से हंसने लगा “ हा हा हा हा हा हा हा.... अरे मेरे भाई... मेरी तबीयत खराब थी, अब तो मेरी तबीयत बिल्कुल अच्छी हो गई है और यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है, सच में तुम्हारे जैसा दोस्त मेरी जिंदगी में पहले क्यों नहीं आया” |
आकाश ने कहा “ पक्का.....कहीं ऐसा ना हो तुम मुझे रात को फोन करो और बोलो कि मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा” |
नमन ने अपनी जेब से एक कागज निकाला और कहा “ उसका नंबर ले आया” | यह सुनकर आकाश को तो विश्वास ही नहीं हुआ |
उसने कहा “ ओ....तेरी.....इतनी जल्दी तूने उसका नंबर भी ले लिया लेकिन कैसे”?
नमन ने अपनी कॉलर ऊपर करते हुए कहा “ यही तो अपना टशन है, बचपन से ही इतना टैलेंटेड हूं लेकिन कभी घमंड नहीं किया, लड़की पटाना तो मेरे बाएं हाथ का खेल है, अरे हाथ क्यों मेरी उंगलियों का खेल है, बस अच्छी लड़की का इंतजार कर रहा था, अबकी बार तुम्हारी भी सेटिंग करवा दूंगा डोंट वरी” |
आकाश यह सुनकर हंसने लगा और बोला “ ठीक है तुम्हारा घर आ गया जाओ... रात भर बतियाओ जाकर, अच्छा यही होगा कि मैं तुम्हारे पास ना रुकूं क्योंकि मुझे तो बड़ी नींद आ रही है” |
नमन गाड़ी से उतरा और अपने घर चला गया | आकाश भी अपने घर में आ गया और आकर सो गया |
नमन जल्दी से कमरे के अन्दर आया और बेड पर कूद पडा, उसका रोम रोम आज बिल्कुल मचल रहा था, करीब एक घंटे बाद उसने पूजा को फोन किया और दोनों की बात होने लगी पूजा ने नमन को बताया कि वह कानपुर की रहने वाली है यह सुनकर नमन बहुत खुश हो गया क्योंकि नमन भी कानपुर का रहने वाला था दोनों को ही यह जानकर बड़ी खुशी हुई पूजा ने बताया जल्द ही उसकी अस्पताल में नौकरी लगी है लेकिन सच तो यह है वह ऐसी नौकरी करना चाहती थी जिसमें बहुत सारा पैसा हो और मस्ती भी हो |
वह भी नमन की तरह एक मिडिल क्लास फैमिली से है लेकिन उसके सपने बहुत हाई-फाई है वह हमेशा बड़े बड़े लोगों की तरह जीना चाहती है, वैसा ही स्टेटस बनाना चाहती है इसलिए कई बार वह अपने काम से चिड़चिड़ा जाती है |
उसने नमन से कहा “ पता नहीं मुझे ये अस्पताल की गंदगी कब तक साफ करनी पड़ेगी? पता नहीं मेरे भी कब दिन आएंगे”?
इस पर नमन उससे कहता “ अपनी शादी होने दो फिर तुम घर में रानी बनकर रहना, तुम्हें कोई जरूरत नहीं है सब जॉब वॉब करने की” |
पूजा उसकी बात सुनकर कहती “ देखूंगी..... कितना महारानी बना कर रखोगे और काम नहीं करूंगी तो फिर हाई स्टेटस कैसे बना पाऊंगी” |
पूजा और ना जाने क्या क्या बताया करती कभी कभी तो वो अस्पताल के मरीजों के बारे में भी बताने लगती लेकिन नमन सब कुछ चुप चाप सुनता रहता जैसे वो उसकी बातें नहीं कोई रोमांटिक गाना सुन रहा हो |
बातों का सिलसिला धीरे-धीरे मुलाकातों में बदल गया और मुलाकातों का सिलसिला और नज़दीकियों में बदल गया और दोनों में कब प्यार हो क्या पता ही नहीं चला या ये कहो नमन ने अपने पहली नजर के प्यार को कब अपना बना लिया पता ही नही चला | अब नमन जरा सा भी खाली होता तो पूजा से बात करता, वीकेंड पर उससे मिलने जाता |
दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश होते | आकाश को नमन की कमी बहुत खलती थी लेकिन वह खुश था कि नमन को उसके मन चाही गर्लफ्रेंड मिल गई अब और भला उसे क्या चाहिए | नमन अब आकाश से उतना मिलने तो नहीं आ पाता लेकिन हां फोन करके हाल-चाल जरूर पूछ लेता था |
एक दिन दोनों जैसे ही अपने काम से फुर्सत पाये बस एक दूसरे से मिलने के लिये आ गये| दोनों ने मिलते ही एक दुसरे को गले लगाया और फिर एक कॉफी हाउस मे बैठ गये | पूजा ने फिर वही दिन भर के अपने मरीजों के हाल सुना सुना कर नमन को बोर करने लगी लेकिन नमन बस उसको देखता रहा, उसकी बातों से हमेशा ऐसा लगता कि वो कितना अपने काम से ऊब चुकी है |
पूजा ने कॉफी की एक सिप लेते हुये कहा “ तुम्हे नही पीनी क्या, या ऐसे ही भूखों की तरह देखते रहोगे मुझे” |
ये सुनकर नमन सन्न रह गया और हडबडा कर इधर उधर देखने लगा और बोला
“ नही....नही...क्या बोल रही हो यार, मै तो कॉफी को देख रहा था कि कब ठंडी हो और कब मैं इसे पियूं” |
पूजा ने मुसकुराते हुये कहा “ ह्म्म्म्म पता है मुझे तुम क्या देख रहे थे? वैसे ये बताओ तुम मेरी ये सब बातें सुनकर बोर नहीं होते”? तो नमन ने हंसकर कहा “ मैं तुम्हें सुनता ही कहां हूं”?
इस पर पूजा ने मुंह बनाते हुए कहा “ क्या मतलब?? तुम मेरी बातें सुनते ही नहीं हो, मतलब मुझे बेवकूफ समझते हो और फिर भी हां हां करते हो” |
ये कहकर वो दूसरी तरफ मुंह घुमा कर बैठ गई तो नमन ने बड़े प्यार से कहा “ अरे मेरी जान ....मैं तुम्हें नहीं सुनता यह बात सच है क्योंकि मैं तुम्हें एक टक देखता रहता हूं, तुम से नजर हटती ही नहीं, अगर तुम्हें देखने से फुर्सत मिले तभी तो मैं तुम्हें सुनूंगा” |
यह सुनकर पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो गया और वह नमन को गले लगा कर कहती है “ ओहो....हाउ क्यूट......लव यू......” | नमन भी उसे लव यू बोलता है और दोनों मिलकर अपने अपने घर आ जाते हैं |
यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और दोनों अब एक दूसरे की जरूरत बन चुके थे इसलिए कुछ महीनों बाद दोनों अपने अपने किराये के फ्लैट छोडकर एक नये फ्लैट में ही रहने लगे थे यह भी कहा जा सकता था लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे | अब उनके पास एक दुसरे को समझने, प्यार और देखभाल करने के लिये समय ही समय था |