आकाश के इतना कहते ही बारिश होने लगी जो देखते देखते और तेज हो चली थी | सर्दी की रात में बारिश और ठंडी हवा से आकाश का पूरा शरीर ठंड के कारण कंपकंपा रहा था लेकिन संदीप आकाश की बातें चुपचाप सुन रहा था और एक टक उसे देखे जा रहा था |
उसकी बात सुनकर संदीप ने बारिश की ओर देखते हुए कहा -
" क्या तुम्हें बारिश में भीगना पसंद है"?
आकाश ने कहा -" नहीं.. मुझे बारिश में भीगना तो दूर बल्कि मुझे तो बारिश ही बिल्कुल पसंद नहीं, और वैसे भी सर्दी मे भला कौन बारिश मे भीगता है" |
संदीप ने हंसकर कहा - "अच्छा सच में..... कौन कहता है सर्दी में बारिश में भीगना नहीं चाहिए चलो आज देख लेते हैं कि तुम्हें बारिश पसंद है या नहीं" |
आकाश ने चौंकते हुये कहा “ क्या बात करते हो, मैं गर्मियों तक में बरसात में नहीं भीगता तो भला सर्दियों में क्यों भीगूंगा, तुम तो मुझे पागल लगते हो” |
संदीप ने हंसते हुए कहा “ तुमने ठीक कहा पागल तो मैं हूं और बहुत जल्द तुम्हें भी पागल बनाने वाला हूं” |
ये सुनकर आकाश ने आश्चर्य से कहा “ क्या मतलब है तुम्हारा”??
संदीप ने इतना कहकर आगे बिना कुछ कहे आकाश का हाथ पकड़ा और बीचो बीच रोड पर उसे खींच लाया | आकाश ने बहुत मना किया लेकिन वो बिल्कुल भी नही माना | रात के दो बजे थे इसलिए रोड पर कोई भी नहीं था, बारिश तेज और तेज होने लगी थी |
वो दोनों अब रोड पर खड़े भीग रहे थे, आकाश को बारिश जरा भी पसंद नहीं थी लेकिन संदीप का हाथ पकड़कर बारिश में भीगना उसे बहुत अच्छा लग रहा था, वो आसमान की ओर देखकर खुश हो रहा था और उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे आज बारिश के साथ साथ उसके मन की परेशानियां भी बहती जा रही हैं, वो एक हल्कापन महसूस कर रहा था |
तभी संदीप ने मुस्कुराते हुए पूछा "क्या बात है तुम्हें तो बारिश में भीगना पसंद नहीं था लेकिन तुम तो मुझसे ज्यादा इंजॉय कर रहे हो, मैंने कहा था ना बारिश में भीगने का अलग ही मजा है वो भी सर्दियों में” |
संदीप की बात सुनकर आकाश ने मुस्कुराते हुए कहा “ ये सर्दियों की बारिश का नहीं तुम्हारा जादू है जिसके कारण बारिश में भीगना यूं इतना अच्छा लग रहा है, वर्ना मैं कभी बारिश में नहीं भीगता” आकाश की बात सुनकर वो शर्मा गया |
अभी तक चारों ओर कोहरे की धुंध छाई हुई थी पर यह तेज बारिश और हवाओं के कारण अब कुछ-कुछ कोहरे की धुंध छठने लगी थी और वह स्ट्रीट लाइट जिसके नीचे दोनों बारिश में भीग रहे थे ये सब एक हद तक किसी फिल्म के रोमांटिक सीन की तरह लग रहा था फर्क बस इतना था कि उसमें एक हीरो और एक हीरोइन होती है लेकिन यहां दो हीरो थे जो आज इस प्यार की बारिश में बहे जा रहे थे |
कुछ पल बाद बारिश मे भीगते हुये आकाश ने कहा "तो संदीप जी, क्या करते हैं आप"?
संदीप मुस्कुराते हुए बोला - "मैं बस प्यार करता हूं" |
आकाश ने भी हंसते हुए फिर पूछा - "अरे.. आई मीन लाइफ में क्या करते हो, काम क्या करते हो यार कसम से तुमसे तो जीत पाना बड़ा मुश्किल है" |
संदीप ने आकाश की बात काटते हुए कहा, "मजाक कर रहा था, मैं एक राइटर हूं, मैं अच्छी-अच्छी स्टोरीज लिखता हूँ और गुजारा करने के लिए एक कंपनी में सुपरवाईजर की जॉब भी करता हूं, लेकिन सोछ रहा हूं कि ये जॉब वॉब छोड दूं यार मन नही लगता "|
आकाश ने कहा -" ये अच्छी-अच्छी का मतलब क्या?? कहानियां बुरी भी होती है क्या”?
संदीप ने कहा “ हां क्यों नहीं, बुरी भी होती है कहानियां, शायद तुमने कभी वो वाली कहानियां नहीं पढीं” |
आकाश ने संदीप की बात काटते हुए कहा “ नहीं.... मुझे यह सब बकवास पसंद नही, हां कभी कोई प्यार भरी कहानी पढ़ने को मिल जाती है तो मैं उसे नहीं छोड़ता, चलो एक बात तो अच्छी है तुम एक आर्टिस्ट हो, और मैं भी एक आर्टिस्ट हूं, तुम अच्छी अच्छी कहानियां लिखते हो और मैं अच्छी अच्छी पेंटिंग बनाता हूं, वैसे तुम ठीक कह रहे हो तुम्हे ये नौकरी छोड कर अपनी कहानियों पे ध्यान देना चाहिये, आखिरकार जिन्दगी एक बार मिली है तो दो बार क्या सोचना "|
संदीप यह सुनकर बड़ा खुश हुआ और बोला," थैंक गॉड तुमने ये बात कही, वैसे तुम ऐसे पहले शक्स हो जिसने ये बात कही वर्ना लोग तो इसका उल्टा बोलते हैं कि कहानियां छोडो और जॉब पे ध्यान दो, चलो बहुत अच्छी बात है कि दो आर्टिस्ट मिल गए फाइनली"|
तभी बारिश और तेज हो गई और बिजली कड़कने लगी दोनों के दिलों में एक गाना बजने लगा “ प्यार हुआ इकरार हुआ तो प्यार से फिर क्यों डरता है दिल, कहता है दिल रस्ता मुश्किल, मालूम नहीं है कहां मंजिल, प्यार हुआ इकरार हुआ.....” |
दोनों एक दूसरे को देखने लगे, दोनों को बारिश में भीगने से अब बहुत ठंड लग रही थी, दोनों के होंठ कांपने लगे थे और जिस्म पूरी तरह भीग गए थे, दोनों एक दूसरे को ऐसे देख रहे थे मानो किसी समंदर के पास दो प्यासे खड़े हो और समुंदर की लहरों के उन तक आने का इंतजार कर रहे हों, दोनों के मन में एक अजीब सी गुदगुदाहट हो रही थी तभी देखते देखते दोनों एक दूसरे के और पास आ गये, इतने पास कि उनके सीने एक दूसरे को छूने लगे, दोनों के दिलों की धड़कन एक दूसरे को साफ साफ महसूस हो रही थी |
इतनी ठंड होने के बावजूद भी उन दोनों के शरीर के अन्दर जैसे गर्म बिजली कौंध रही थी | आकाश कुछ कहना चाहता था पर इससे पहले वह कुछ कहता कि तभी संदीप ने अपनी आंखें बंद की और आकाश के होंठ चूम लिए | आकाश को भी खुद पर काबू पाना मुश्किल हो गया और दोनों एक दूसरे के गले लग कर एक दूसरे के होंठ चूमने लगे जिससे उन दोनों के शरीर में प्रेम की आग और धधक उठी | बारिश तेज और तेज हो रही थी, ठंडी हवा के झोंके दोनों को छूकर ऐसे निकल रहे थे मानो वह भी इस प्यार के समुंदर में बहने की कोशिश कर रहें हों |