बस यहीं से शुरू हुई एक अनोखी प्रेम कहानी, ऐसी प्रेम कहानी जो समाज, धर्म जाति, लिंग सबसे हटकर थी, एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें सीमा, बंधन, डर रस्में, समझौते कुछ भी नहीं था, बस था तो सिर्फ प्यार लेकिन हर प्रेम कहानी खुशहाल नहीं होती, कुछ प्रेम कहानियां ऐसी होती हैं जो चीख चीख कर दुनिया को अपना दर्द बताना चाहतीं हैं पर अफसोस उन कहानियों की आवाज दुनिया के शोर में हमेशा के लिए कहीं खामोश हो जाती हैं |
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पार्टी में आकाश डांस करते-करते अब बहुत थक चुका था और सच तो यह था कि वह उस लड़के के गायब हो जाने से और ज्यादा थका थका महसूस कर रहा था | उसने आज तक इतना डांस नहीं किया था, उसकी सांस फूलने लगीं थीं और नशा उसे धीरे धीरे और और मदहोश कर रहा था, उसने देखा नमन और पूजा अभी भी डांस कर रहे थे | आज आकाश के चेहरे पर अलग ही खुशी दिख रही थी, नमन और पूजा भी उसे देख कर बहुत खुश थे |
रात के लगभग ढेड बज चुके थे, आकाश को अब पार्टी के अन्दर एक घुटन सी होने लगी थी जो अब उससे बर्दाश्त नही हो रही थी और इसीलिये वो थककर पार्टी से बाहर आ गया |
बाहर आकर उसने आसमान में देखा तो हलके बादल हो चले थे और ठंडी हवा चल रही थी, उसे आज ना जाने क्यों खुद पर ही प्यार आ रहा था, जैसे उसे बिन मांगे ही कोई मन मुताबिक चीज मिल गई हो, दिसम्बर की सर्दी मे भी आकाश का पूरा बदन पसीने से भीगा हुया था, आज उसने इतना डांस जो किया था |
ये सर्द और सन्नाटे भरी रात उसे बेहद सुकून दे रही थी | वो वहीं बनी सीढियों पर बैठ कर आसमान की तरफ देखने लगा, वो ना जाने अपने किन ख्यालों में खोया हुआ था कि तभी पीछे से आवाज आई, "क्या हुआ? बाहर क्यों आ गए" ?
आकाश ने मुड़ कर देखा तो ये वही लड़का था |
आकाश पहले तो थोडा शरमाया और फिर घबराते हुए बोला, "क....क....कुछ नहीं बस मैं थक गया था" |
लड़का मुस्कुराते हुए बोला- "लगते तो जवान हो लेकिन शायद हो नहीं, वरना इतना कम डांस करके कौन थकता है"?
आकाश फिर हिचकिचाते हुए बोला- " प....प...वो....मैने तो आज जितना डांस किया उतना तो पूरी लाइफ में नही किया है” |
उस लडके ने दुसरी तरफ देखते हुए कहा “ ह्म्म्म्म्म....वो तो दिखता है” ये कहते हुये उसके चेहरे पे एक अजीब भाव था जिसे आकाश शायद समझ रहा था और इसीलिये उसे इस लडके से खुलकर बात करने की हिम्मत हो चली थी |
आकाश ने कहा “ यार तुम हो क्या, जब देखो जहां देखो टर्र टर्र टर्र टर्र इसके अलावा तुम्हें कुछ नहीं आता, अरे कम से कम सामने वाले की भी सुन लिया करो, उसका मूड और आसपास का माहोल भी जान लिया करो, लेकिन नहीं.... तुम्हें तो सिर्फ अपनी बात कहनी है, तुम्हें नहीं लगता तुम कुछ ज्यादा ही बोलते हो, हमेशा दूसरों के बारे में उल्टा सीधा बोलते रहते हो और खुद के बारे में कोई बात नहीं, तुम….तुम हो क्या आखिर"?
लड़का एटीट्यूड दिखाते हुए बोला "मेरा नाम संदीप है और मैं तुम्हारी तरह बोरिंग नहीं हूं, मैं जिंदगी अपनी शर्तों पर जीता हूं, मुझे जो अच्छा लगता है मैं करता हूं क्योंकि जिंदगी एक बार मिली है उसमें बार-बार क्या सोचना और हां मैं ज्यादा नहीं बोलता, तुम कम बोलते हो इट्स योर प्रोबलम नोट माइन, वरना किसी को भी इतना सुना दो और वो कुछ बोले ना ऐसा तो पॉसिबल नहीं है, या फिर कहीं ऐसा तो नहीं तुम.......” |
ये कहकर वो मुस्कुराने लगा तो आकाश ने कहा “ तु...तु....तुम क्या ...??? क्या मतलब है तुम्हारा? साफ साफ बोलो, समझे”?
सन्दीप ने उसके पास आकर धीरे से कहा “ कहीं ऐसा तो नही कि तुम मुझे देख कर अपने होश खो देते हो… " |
संदीप इतना कहकर आसमान में उमड़े काले बादल देखने लगा, जो कोहरे के कारण साफ नहीं दिखाई दे रहे थे, सर्दी के कारण दोनों के चेहरे और हथेलियां अब ठंडी पड़ गईं थीं जो अभी तक पसीने से गीली थीं, दोनों बिल्कुल खामोश खड़े थे, पसीने से भीगी पीठ, ठंडी हवाओं से अब और ज्यादा ठंडी लगने लगी थी जो तरह से मीठी मीठी गुदगुदी सी कर रही थी | उसकी ये बात सुनकर आकाश शर्म से कुछ नही बोला और खामोश बैठा रहा |
संदीप ने आकाश की ओर देखते हुए कहा “ सच कहूं तो जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था ना, तो मुझे बहुत गुस्सा आया था लेकिन फिर उस दिन मैंने तुमको इतना सुनाया और तुम कुछ नहीं बोले, मैं घर जाकर यही सोचता रहा यार इतना सुनाना नहीं चाहिए था, यह सब तो होता ही रहता है, यू आर सो क्यूट और कितना शांत स्वभाव है तुम्हारा, मै इतने दिन खुद को दोष देता रहा लेकिन दूसरी बार तुम फिर टकरा गया और दूसरी तो दूसरी तीसरी बार भी टकरा गये तब मुझे लगा तुम जरूर कुछ ना कुछ कहना चाहते हो या फिर......” |
सन्दीप कितना कहकर रुक गया और आकाश ने कहा “ ये बात को अधूरा कह कर ससपेंस बना देना आदत है तुम्हारी या कोई बीमारी है” |
सन्दीप ये सुनकर मुस्कुराने लगा और दोनों एक दूसरे को देखकर आसमान की ओर देखने लगे |
कोहरे की चादर बाहर कुछ ऐसे छा गई थी की सड़क के उस पार की कोई भी चीज इन दोनों को नजर नहीं आ रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी सपनों की दुनिया में हो जहां चारों और सफेद कोहरे की चादर हो और बीच रोड पर एक स्ट्रीट लाइट जिसमें वह दोनों एक दूसरे को देख रहे हैं और बातें कर रहे हैं, ठंड की वजह से आकाश अपनी ठंडी हथेलियों को आपस में रगड़ने लगा की तभी एक बारिश की बूंद आकाश के चेहरे को छू गई |
आकाश ने कहा “ हम लोगों को जल्दी कहीं और बैठ जाना चाहिए क्योंकि लगता है बारिश होने वाली है, सर्दी में अगर भीग गये तो लेने के देने पड़ जाएंगे” | यह कहकर दोनों भाग कर दूसरी बिल्डिंग के नीचे एक दीवार के किनारे खड़े हो गए | दोनों एक दम खामोश थे, अगर इस समय कोई बोल रहा था तो सिर्फ बादल जो बार बार गरज गरज के ना जाने क्या कहना चाह रहे थे |
आकाश ने कहा “ क्या यार.... यह पार्टी कब खत्म होगी?? यह लोग थकते नहीं है डांस करके, मुझे तो वैसे लाउड म्यूजिक को ही सुनते सुनते थकान हो जाती है, कितने पार्टी लवर्स होते हो तुम लोग, अब नमन और पूजा को ही देख लो तो अभी तक डांस कर रहे हैं जैसे कि उन्हें घर ही नहीं जाना” |