मल्टीविटामिन कितना कारगर
स्वस्थ रहने के लिए अक्सर हमें मल्टीविटामिन एक आसान और प्रत्यक्ष साधन प्रतीत होता है . पर क्या वास्तव में मल्टीविटामिन स्वास्थ्य और वेलनेस के लिए जरूरी है या वह कितना कारगर है या सिर्फ मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है . इस पर एक नजर डालते हैं .
मल्टीविटामिन क्या है - मल्टीविटामिन से हम कितना अपेक्षा करते हैं या ये कितना कारगर हैं , इस बारे में कोई सही मानक उपलब्ध नहीं है . हमारे शरीर की भिन्न क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ विटामिन और मिनरल्स की जरूरत है , इसलिए आमतौर पर ऐसे मल्टीविटामिन सप्लीमेंट के तौर पर अनुशंसित ( रिकॉमेंड ) होते हैं . इसलिए काफी बड़ी संख्या में लोग इसे लेते हैं .
मल्टीविटामिन निर्माता प्रोडक्ट के लेबल पर अनेक फायदे पहुंचाने की बात लिखते हैं , जैसे - स्ट्रांग बोन , इम्यूनिटी ,एनर्जी आदि में लाभ . विडंबना यह है कि बैलेंस्ड भोजन से ये सारे स्वास्थ्य लाभ स्वतः ही हमें प्राप्त होते हैं . बहुत कम लोग ही जानते हैं या कदाचित जानते हुए भी नहीं मानते हैं कि उनके लिए मल्टीविटामिन चाहिए भी या नहीं .
क्या मल्टीविटामिन लेना चाहिए
बैलेंस्ड डाइट के लिए तीन चीजों की समुचित मात्रा भोजन में होनी चाहिए - फल , सब्जी और होल ग्रेन . हालांकि हमारे देश में बड़ी जनसंख्या को बैलेंस्ड भोजन उपलब्ध नहीं है . फिर भी आमतौर पर मल्टीविटामिन रोज लेने की आवश्यकता नहीं है . सच तो यह है कि मल्टीविटामिन कितना प्रभावकारी है , कितना सुरक्षित है और इसका मूल्य कितना होना चाहिए - के बारे में हम कितना जानते हैं और कितना नहीं जानते हैं , इसकी सही जानकारी किसी को नहीं है .
मल्टीविटामिन कितना कारगर -
अगर यह पूछा जाए कि क्या किसी स्वस्थ व्यक्ति जिसे उचित बैलेंस्ड डाइट उपलब्ध है , उसे मल्टीविटामिन लेना चाहिए - इसका सिंपल उत्तर “ नहीं “ होगा . अमेरिका में 2021 में यू . एस . प्रिवेंटिव सर्विस टास्क फ़ोर्स द्वारा किये एक अध्ययन में देखा गया है कि जिन लोगो पर यह अध्ययन किया गया उनमें हार्ट या कैंसर आदि रोगों में नगण्य या कोई फायदा नहीं देखा गया . इसके अलावे बोन स्ट्रेंथ , इम्युनिटी , एनर्जी आदि में लाभ के बारे में किये वादे भी अप्रमाणित रहे . इसकी जगह डॉक्टर की सलाह से जिस विशेष विटामिन ( जैसे विटामिन D या आयरन आदि ) की कमी हो , सिर्फ उसे लेना ही उचित होगा न क़ि मल्टीविटामिन्स .
मल्टीविटामिन कुछ ख़ास लोगों में या कुछ ख़ास परिस्थितियों में लेनी चाहिए -
* . जब किसी बीमारी के चलते मालअब्ज़ोर्प्शन की समस्या हो
* . जब किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट के चलते विटामिन या मिनरल की कमी हो या उन्हें अब्जॉर्ब करने में समस्या हो .
* .जब वजन कम करने के लिए सर्जरी करवाई हो
* . यदि सिर्फ वेगन भोजन लेते हों
* . जब पौष्टिक और बैलेंस्ड भोजन का अभाव हो
क्या मल्टीविटामिन की सार्थकता और मूल्य तर्कसंगत या न्यायसंगत है
मल्टीविटामिन का स्वस्थ लोगों पर प्रभाव नगण्य देखा गया है . अगर कहा जाये कि मल्टीविटामिन की महत्ता बहुत कुछ आपके पर्स और मन की शांति की इच्छा पर निर्भर है , तो यह गलत नहीं होगा . किसी डॉक्टर ने कहा है कि यदि आप प्रतिदिन तीन बैलेंस्ड आहार लेते हैं तो मल्टीविटामिन सिर्फ आपको कीमती मूत्र देता है यानि आपके पैसे मूत्र के रास्ते बाहर निकल जाते हैं . जरूरतमंदों के लिए मल्टीविटामिन में मौजूद विटामिन और मिनरल आपके लिए एक हद तक सीमित मात्रा में जरूरी हो सकता है पर उससे अधिक होने पर किडनी इसे बाहर का रास्ता दिखा देता है .
हालांकि कुछ डॉक्टरों का यह भी कहना है कि विख्यात कंपनी का मल्टीविटामिन प्रतिदिन खाने में कोई हानि नहीं है . दूसरी ओर देखा जाए तो मल्टीविटामिन खाएं और अपना भोजन पुअर रखें तो इस से ज्यादा लाभ की अपेक्षा न करें क्योंकि ऐसे भोजन से आपको तृप्ति , संतोष और फाइबर नहीं मिलेंगे . मल्टीविटामिन के लिए किसी मान्यता प्राप्त एजेंसी से कोई मानक ( स्टैण्डर्ड ) उपलब्ध नहीं होने के कारण कारण आँख मूँद कर कोई भी मल्टीविटामिन खाना अनसेफ है .
कौन सा मल्टीविटामिन बेस्ट है
कोई फैंसी दिखने वाला या किसी स्टार द्वारा प्रचार किया गया मल्टीविटामिन सही होगा , ऐसा सच नहीं हो सकता है . मल्टीविटामिन का चुनाव करते समय ध्यान दें कि इसमें कौन कौन से इंग्रेडिएंट्स , विटामिन और मिनरल हैं और क्या इसमें आपकी रोजाना रिकमेंडेड मात्रा है या नहीं और क्या यह किसी स्वतंत्र एजेंसी ( NABL certificate , WHO GMP certificate ) द्वारा टेस्टेड और प्रमाणित है या नहीं . इसके अलावे कौन सा विटामिन आपकी उम्र और सेक्स के अनुकूल है .
हालांकि FSSAI द्वारा सप्लीमेंट्स के लिए दिशा निर्देश हैं पर निर्माता कहाँ तक उनका पालन करते हैं , यह सुनिश्चित करना कठिन है . FSSAI के निर्देश खास कर स्पोर्ट्स सप्लीमेंट के बारे में है . प्रोडक्ट पर दिए लेबल में लिखे इंग्रेडिएंट्स की मात्रा समुचित है या नहीं या इसके अलावा इसमें अन्य हिडन चीजें हैं या नहीं यह जानना भी अत्यंत कठिन है . बाजार में इस तरह के सैकड़ों प्रोडक्ट्स हैं पर आप अपनी जरूरत के अनुसार और रिप्यूटेड कम्पनी का विटामिन ही लें .
क्या मल्टीविटामिन के साइड इफेक्ट्स होते हैं
हालांकि आमतौर पर मल्टीविटामिन सेफ होते हैं . कुछ लोग जरूरत नहीं होने पर भी इसे प्रतिदिन लेते हैं , ऐसे में कुछ बातों पर जरूर ध्यान दें -
ज्यादा आयरन वाले सप्लीमेंट पेट ख़राब कर सकते हैं .
विटामिन C और जिंक ज्यादा लेने से मिचली , दस्त , पेट में क्रैम्प ( ऐंठन ) हो सकते हैं .
सेलेनियम ज्यादा होने से बालों का झड़ना , पेट की खराबी , थकावट और नर्व डैमेज भी हो सकता है .
विटामिन D ज्यादा होने से हार्ट प्रॉब्लम भी हो सकता है .
फोलिक एसिड ज्यादा होने से अक्सर विटामिन B 12 की कमी का सही पता नहीं लग पाता है जिसके चलते नर्व डैमेज हो सकता है .
अप्रमाणित और अनटेस्टेड मल्टीविटामिन से अपेक्षित लाभ तो नहीं मिलेगा बल्कि इसका कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकता है और इसके अतिरिक्त ऐसे प्रोडक्ट में कुछ ऐसे इंग्रेडिएंट्स हो सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं हो .
ऐसे प्रोडक्ट अपने प्रचार में और अपने प्रिंटेड लेबल में वादे तो बहुत कुछ करते हैं जो अक्सर पूरे नहीं होते हैं . इसके अलावा अक्सर इनके मूल्य न्यायसंगत नहीं होते हैं .
बॉटम लाइन - विटामिन व्यक्ति को अपनी पर्सनल जरूरत के अनुसार लेना चाहिए , इसके अलावे कौन सा विटामिन आपकी उम्र और सेक्स के अनुकूल है इसे ध्यान में रखते हुए विटामिन का चुनाव करें . प्रयास यही रहे कि बैलेंस्ड आहार से ही हमें जरूरी विटामिन और मिनरल मिलते रहें , यही स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम और सुरक्षित होता है .
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