प्यार का ज़हर - 57 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का ज़हर - 57

गोविंद : अरे सरस बेटा मेरा ना बहार जाने का कर रहा है. चलो ना बेटी जाकर आते है.

संतोष : सरस देख लो तुम्हारे दादा जी को. भरे बुढापे मे घुमने जाना है. पहले खुद्की हालत तो देख लो कमसे कम अपनी हालत का खयाल तो रख लो.

सरस : हाए आप दोनो लड़ते हुए कितनी अच्छे लगते हो. नज़र ना लगे किसी की.

गोविंद : अरे बस बस सरस बेटा अब इन को ज्यादा मत बताओ वरना जाने नही देंगे ये आपकी दादी.

सरस : हा चलो. दादी हम आते है. घूम के ठीक है.

संतोष : अरे लेकिन तुम लोग इतनी देर रात मे कहा जाओगे. रात के 10 बजने आये है.

सरस : दादी हम ना बस यहा पास मे हो कर आते है. ज्यादा दूर नही जायेगा.

गोविंद : अरे सरस की दादी आप फिक्र मत करो. हम जल्दी आ जायेंगे ठीक है.

संतोष : हा जल्दी आना तुम दोनो.

《《《अगली सुबह《《《 मैन टेन पुलिस स्टेशन 》》》

पुलिस अर्जुन : साहब आप फिक्र मत करो. इस मैन टेन एरिया मे हम पुलिस वालो सब सही तरीके से इन्तेजाम कर रखा है. इस एरिये मे कोई भी ऐसा गुंडा या चोर ऐसे गली रास्ते मे भटक नही सकता है.

हैड पुलिस धनुष : बहुत अच्छे मैन टेन एरिये की पुलिस की यही तो खाशियत है. हमे खुशी हुए की आप सब पुलिस की समूह मे सब मिल कर काम कर रहे हो.

पुलिस अर्जुन : धन्यवाद साहब ये तो हमारा कर्तव्य है. ठीक है साहब तो अब मे चलता हू. जय हिन्द.

हैड पुलिस धनुष : जय हिन्द.

《《《 मैन टेन शहर 》》》

कर्नल : सुनो भाई एक एरिया है. जहा पे सावधानी बहुत रखनी होगी. अगर जरा सी भी भनक लगी सीधा जान से जायेंगे.

हंश : नही नही हमे कोई भी गलती नही करनी है. ठीक मे तुम्हे सोच के बताता हू. देखो पहले हम ना ये करेंगे. ************************************************************************************

कर्नल : हा तो ठीक है हम ऐसा ही करेंगे. जो जो कहा है जैसा जैसा कहा है वैसा वैसा करेंगे. और गलती तो बिलकुल भी नही करनी है. क्यू की अभी कहा वैसे एक छोटी सी छोटी गलती हमारी जान ले सकती है.

हंस : वो सब तो ठीक है लेकिन अपने साथ जो लोग है. सब को बता दो की अब वक़्त आ गया है. की अब कुच करे. अभी जैसे जैसे मेने बताया वैसे वैसे सब करना है.

कर्नल : हा रुको मे अभी फ़ोन कर के बता ता हू.

जिनू : हेल्लो. हा भाई बोलो. क्या हुआ सब ठीक तो है ना.

कर्नल : हा भाई सब ठीक है. लेकिन हमे एक काम पुरा करने जाना है.

जिनू : हा बोलो क्या करना है. अभी कर आते है.

कर्नल : तो सुनो. *********************************************************************************************

जिनू : जी जी हो जायेगा आप फिक्र मत करो. और मे अपने सारे बंदे को बता दूंगा की ये ये करना है.

कर्नल : बहुत अच्छे तो फ़ीर हम रखते है फ़ोन.

जिनू : जी भाई ठीक है रखो.

《 रितेश का अड्डा... 》

देवेन्दर : रिहान भाई सुनो ना. वैसे आपको यहा पे अचानक रख लिया तो आपको कुच अजीब नही लगता क्या.

रिहान : लगता तो है पर क्या करू अब जो होगा वो देखा जायेगा.

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