Aangan ki Chandni - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

आँगन की चाँदनी - 7

आरोही तैयार होकर अंजलि जी के पास जा कर बोली, माँ मैं अपनी दोस्त से मिलने जा रही हु।
अंजलि जी: ठीक है लेकिन जल्दी आ जाना।
आरोही: ठीक माँ
फिर वोह गाड़ी की चाभी ले कर वहां से निकल गयी लेकिन रास्ते मे ट्रैफिक होने की वजह से वो वहां पहुचने में लेट हो गयी,
जब वोह रेस्टुरेंट पहोंची तो देखा राहुल टेबल पर बैठे इधर उधर देख रहा था, आरोही चुप चाप अंदर गयी और पीछे से राहुल की आंखों पर अपने हाथ रख दिये।
राहुल: मेरी नज़रे तरस गयी है तुम्हे देखने के लिए और तुम होके मेरी आँखें ही बंद करदी है।
आरोही अपना हाथ हटा कर उसके सामने बैठते हुए बोली, अभी रात को ही तो देखा था अपने और बातें ऐसे कर रहे है जैसे सदियों से देखा नही है।
राहुल: मैं तो सोच रहा हु कब हमारी शादी हो कब तुम मेरी हर वक़्त मेरी नज़रो के सामने रहोगी।
आरोही हस कर बोली, बस करो हसने की वजह से उसके गालों पर डिंपल आ गए थे जो उसकी खूबसूरती में अजाफ़ा कर रहे थे, आरोही उस वक़्त इतनी हसीन लग रही थी कि राहुल की नज़रे उसे पर टिकी थी यह देख कर आरोही बोली,ऐसे क्यों देख रहे हो???
राहुल: तुम बहोत ही खूबसूरत लग रही हो।
आरोही: अच्छा तो अपने मुझे यहां मेरी तारीफ करने के लिए बुलाया था।
राहुल: नही, बुलाया तो खाने के लिए है।
आरोही: तो किसी मुहर्त का इंतज़ार कर रहे हो क्या!!!!
राहुल ने इशारा करके वेटर को बुलाया, वेटर के आने के बाद राहुल बोला, तुम क्या खाना पसंद करोगी?
आरोही: जो आपको पसंद हो।
राहुल ने आर्डर दिया और वेटर वहां से चला गया, उसके जाने के बाद राहुल आरोही से बोला,तुम्हे यहां बुलाने का एक और मक़सद था,,,,,
उसके बोलने से पहले आरोही बोल पड़ी, आपकी पोस्टिंग इसी शहर में हो गयी है न।
राहुल हस्ते हुए बोला, यार तुम्हे तो सब पता है तो तुम अब और भी खुश होगयी हो ना कि मैं अब हर वक़्त तुम्हारे सामने ही रहूंगा।
आरोही: हु
राहुल कुछ बोलने को हुआ तभी वेटर उसका खाना ले कर आ गया और टेबल पर रख कर चला गया उसके जाने के बाद राहुल आरोही से बोला, कम खाना नही तो मोटी हो जाओगी तो मैं तुम्हे कैसे उठाऊंगा, इतना कह कर वो हसने लगा।
आरोही गुस्से से बोली, तो आप के कहने का मतलब यह मैं मोटी होने लगी हु।
राहुल: हु,, इतना कह कर वो चपके से हसने लगा।
आरोही को अब और गुस्सा आ गया वो गुस्से से बोली, अगर तुमने एक बार और मुझे मोटी बोलना तो मैं ना तुम मार डालूंगी।
राहुल हस्ते हुए बोला, ठीक है मैं बस मज़ाक मर रहा था अब गुस्सा छोड़ो और खाना खाओगी।
आरोही: आपको पता नही है लड़कियों को मोटी नही बोलना चाहिए।
राहुल: अच्छा और तुम्हे यह नही पता कि लड़कों को इंतेज़ार नही करना नही चाहिए ।
आरोही: मैं ने आपको कब इंतेज़ार कराया मैं तो बस थोड़ा लेट हो गयी थी।
राहुल: थोड़ा लेट, आप पूरे आधे घंटे लेट थी तुम्हे पता है भी हम इंडियन को वक़्त को ज़रा भी कदर नही है और दूसरे देशों में लोग वक़्त की पाबंदी करते है इसीलिए इतनी तरक्की कर रहे है।
आरोही उसे चुप कराते हुए बोली, बस बस लेट मैं हुई थी और आप पूरे इंडियन की खिंचाई करने लगे।
राहुल: ठीक है, वैसे मैं तुम्हे एक एक्सएम्पल दे रहा था।
आरोही घड़ी में टाइम देखते हुए बोली, ओह हो मैं लेट हो गयी हु मुझे जाना है इतना कह कर वो जल्दी से बाहर आई और गाड़ी का दरवाजा खोल कर अंदर बैठ गयी,
राहुल: आराम से जाना और पहोंच कर फ़ोन कर देना।
आरोही कार स्टार्ट करते हुए बोली, ठीक है उसके बाद वोह वहाँ से चली गयी।
आरोही जब घर पहोंची तो अंजलि जी बोली, इतनी देर कैसे हो गयी!!!!!
आरोही: माँ आपको तो पता है ना शाम को कितनी ट्रैफिक होती है।
अंजलि जी: हां यह तो है अच्छा अब तुम आ गयी हो तो ज़रा माँ को दवाइया देदो।
आरोही: ठीक है माँ इतना कह कर वोह अपने रूम में चली गयी, रूम में जाने के बाद उसने राहुल को कॉल की,
एक ही रिंग जाने के बाद राहुल फ़ोन उठा कर बोला, पहोंच गयी।
आरोही: हा
राहुल: ठीक है मैं अभी ड्राइव कर रहा हु बाद में बात करते है।
आरोही: ठीक है।
उसके बाद उसने ड्रेस चेंज की दादी को दवाइया देने के लिए चली गयी।



दो दिन बाद
आरोही तैयार हो कर यूनिवर्सिटी के लिए जैसे ही बाहर निकली सामने से किसी से टकरा गई, उसने अपनी नज़रे उठा कर देखा तो हैरान रह गई, राहुल पुलिस यूनिफॉर्म पहेने उसके सामने खड़ा था वो पुलिस यूनिफॉर्म में बेहद आकर्षित लग रहा था आरोही की नज़रे उसी पर टिकी थी,
राहुल अपनी कैप उतार कर उसके सामने झुकते हुए बोला, बन्दा आपकी खिदमत में हाज़िर है।
आरोही: आप लेट हो गए है जनाब, यह कहते हैए भी उसकी नज़रे राहुल पर ही जमी थी।
राहुल: अंदर आने के लिए नही कहोगी????
आरोही: यह तो आपका ही घर है अब मैं आपको आपके घर मे आने से कैसे रोक सकती हूं।
राहुल: अरे तो हमारे घर की मलिका तो आप ही है।
आरोही हस्ते हुए बोली आप से बातों में कोई नही जीत सकता है अंदर चलिए।

राहुल जब अंदर गया तो अर्जुन जी अंजलि जी और दादी माँ सबको साथ मे बैठ कट नाश्ता कर रहे थे, राहुल को आते देख अर्जुन जी बोले,आओ बेटा नाश्ता करलो।
राहुल: नही पापा मैं घर से नाश्ता करके आया हु।
अर्जुन जी: चाय तो पी लो।
राहुल: चाय तो ज़रूर पियूँगा क्यों कि चाय मुझे बहोत ही पसंद है।
आरोही अपने कमरे में गयी और बुक टेबल पर रख कर किचन में आ कर चाय बनाने लगी,
रामु काका जो किसी काम से किचन से बाहर गए थे जब वो अंदर आये और आरोही को काम करते देखा तो पूछने लगे, अरे बेटा तुम तो यूनिवर्सिटी जा रही थी तो चाय क्यों बनाने लगी??
आरोही: ज़ाहिर सी बात है कोई आया है तभी ना चाय बना रही हु।
रामु काका: अच्छा कहि राहुल बेटा तो नही आये।
आरोह शर्माते हुए बोली, हा वही आये है।
आरोही चाय टरे में रखते हुए बोली, काका आप चाय ले कर जाए मुझे कीच काम है,
उसके बाद वो अपने रूम में जा कर कुछ ढूंढने लगी, उसे वोह चीज़ मिल जाने के बाद जब वोह बाहर आई तो देखा राहुल जाने के लिए तैयार है।
राहुल सबका आर्शीवाद लेते हुए बोला,आज डयूटी का पहला दिन था मैं ने सोचा आप सबका आर्शीवाद लेता चालू,
दादी: हमारा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है।
राहुल ने बाहर निकलने से पहले एक नज़र आरोही पर डाली, उसकी नज़रो से येह साफ था, की बाहर तक छोड़ने नही आओगी।
आरोही ने एक नज़र अंजलि जी की तरफ डाली, जैसे ही अंजलि जी की नज़र आरोही पर पड़ी वोह बोल पड़ी, जाओ राहुल को बाहर तक छोड़ कर आओ।
अंजलि जी से इजाज़त मिलने के बाद आरोही और राहुल बाहर चले गए लॉन में जा कर दोनों रुक गए।
आरोही राहुल से बोली, अपना दाहिना हाथ इधर की जिये।
राहुल ने बिना सवाल जवाब किये अपना हाथ आगे कर दिया,
आरोही अपनी मुट्ठी से एक धागा निकाल कर राहुल की कलाई में बांधने लगी यह देख राहुल बोलै, यह क्या है?
आरोही: मैं आज सुबह मंदिर गयी थी तो यह पंडित जी ने मुझे दिया था यह आपकी हर बुरी नज़र से सुरक्षा करेगा।
राहुल: मेरी सुरक्षा करने के लिए तुम्हारी पार्थना ही काफी है।
अंजलि: वो तो मैं हमेशा ही आपके लिए करती हूं।
राहुल: अच्छा, आरोही ज़रा मेरे पास आना मुझे कुछ बताना है।
आरोही जैसे ही उसके करीब गयी, राहुल ने धीरे से आरोही के होंटो पर किस कर लिया।
आरोही शर्माते हुए बोली,आप पर कभी भी भरोसा नही करना चाहिए।
राहुल: अच्छा
आरोही: ठीक है आप जाईये मुझे भी यूनिवर्सिटी के लिए देर हो रही है।
राहुल टाइम देखते हुए बोला, हा यार डयूटी के पहले ही दिन मैं लेट नही होना चाहता, उसने आरोही को गले लगाया और वहां से चला गया उसके जाने के बाद आरोही भी यूनिवर्सिटी के लिए निकल गयी।

कहानी जारी है.........
©"साबरीन"


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