आओ प्यार करें, प्यार करने के अनेक फायदे S Sinha द्वारा स्वास्थ्य में हिंदी पीडीएफ

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आओ प्यार करें, प्यार करने के अनेक फायदे

 

 

                                                           आलेख - आओ प्यार करें ,प्यार करने के अनेक फायदे 

 

प्यार करने के अनेक फायदे हैं , यह दिल , दिमाग और शरीर  सभी के लिए अच्छा होता है  . इसका प्रभाव लगभग शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है यहाँ तक कि खानपान और लाइफ स्टाइल पर भी  . हार्ट का शेप  प्यार का सिंबल कहा जाता है  . यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है , कदाचित सिल्फियम  पौधे के अविष्कार के समय से  . प्राचीन रोमन और ग्रीक काल में इसका उपयोग दवा और परफ्यूम आदि बनाने के  काम में आता था  . इसके सीड पॉड्स ( अंकुरित बीज ) का  आकार दिल के आकार से मिलता जुलता था   .  इसके अतिरिक्त तत्कालीन सिक्कों पर एक तरफ दिल का आकार बना होता था और दूसरी तरफ सिल्फियम का पौधा  . 


प्यार में दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मान्यता है कि  महिला का हार्ट पुरुष की तुलना में ज्यादा तेज धड़कता है  . 


प्यार का असर 


केमिकल अट्रैक्शन - जैसे  आपका दिल किसी पर आ जाता है और किसी की ओर आकर्षित होते हैं वैसे ही शरीर में रासायनिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है  . डोपामाइन , फेनेथाईलामाइन , टेस्टोस्टेरोन और ऑक्सीटोसिन हार्मोन बनते हैं और रक्त संचार के द्वारा  शरीर के भिन्न हिस्सों तक पहुँचते हैं  . ये रसायन बॉन्डिंग और अटैचमेंट को प्रोत्साहित करते हैं  . इससे शारीरिक और भावनात्मक रूप से और निकट आ कर आलिंगन या चुंबन करने का मन करता है और उल्लासोन्माद की स्थिति होती है  . 


प्यार का दिल पर असर - इस दौरान टेस्टोस्टेरोन रिलीज होता है जिसके चलते  किसिंग आदि फिजिकल एंगेजमेंट को बढ़ावा मिलता है  . देखा गया है कि किसिंग से कोलेस्ट्रॉल कम होता है जिसके चलते हार्ट पर अनुकूल असर पड़ता है  . प्यार में ब्रेन से  एडरनलाइन , एपिनफ्राइन और नोरेपिनफ्राइन बनते हैं   . इसके चलते दिल की धड़कन बढ़ जाती है  . इन हॉर्मोन्स और उल्लास के चलते ब्लड प्रेशर भी कम होता है जो दिल के लिए अच्छा है  . 

हार्ट के लिए प्यार  एक वर्क आउट है - प्यार के दौरान कुछ समय के लिए हार्ट बीट बढ़ना हार्ट के लिए एक वर्क आउट या व्यायाम है  . हार्ट बीट के  स्पाइक से हार्ट को और बेहतर ब्लड पंप करने की ट्रेनिंग मिलती है  .

   हगिंग या आलिंगन हार्ट के लिए अच्छा - देखा गया है कि प्रेमालिंगन ( प्रेमी , प्रेमिका या अन्य जिसे आप चाहते हैं ) से ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है जिसे फील गुड हार्मोन कहा जाता है  . इस से स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर कम होते हैं जो दिल के लिए बहुत अच्छा है  


हँसने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है -  कुछ वर्ष पूर्व मेरीलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिसिन के एक अध्ययन में देखा गया कि स्ट्रेस और संकरी रक्त नली के बीच सीधा संबंध है  . संकरी रक्त नली से रक्त प्रवाह बाधित होता है जिसके चलते एथेरोसिस होता है  . कुछ लोगों को गंभीर समस्या वाली फिल्म दिखाया गया और कुछ को कॉमेडी फिल्म जिसे देख  लोग हँसते हँसते लोटपोट हुए  . द्देखा गया कि सीरियस फिल्म देखने वालों की रक्त नली  वैसोकंस्ट्रिक्शन के चलते कुछ नैरो हुई जबकि कॉमेडी देखने वालों की रक्त नली फ़ैल गयी थी  . 


प्रेमपत्र से कोलेस्ट्रॉल में कमी -   ह्यूमन कम्युनिकेशन रिसर्च द्वारा किये एक अध्ययन में कुछ विद्यार्थियों को 20 मिनट तक अपने प्रिय जनों ( केवल  प्रेमी या प्रेमिका ही नहीं ) को प्रेमपत्र लिखने को कहा गया और कुछ लोगों को अन्य विषयों पर  . प्रेम पत्र लिखने वालों का टोटल कोलेस्ट्रॉल 170 mg / dl से घट कर 159 mg / dl हो गया था जबकि दूसरे ग्रुप पर लिखने का कोई असर नहीं था   . 


पॉज़िटिव एटीट्यूड से दिल को लाभ - कुछ वर्ष पूर्व यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जीवन में पॉजिटिव विचार ह्रदय रोग से रक्षा करता है  . कुछ लोगों के पॉजिटिव एटीट्यूड  , जैसे ख़ुशी , संतोष , धैर्य , प्यार आदि के बारे में समय समय पर इंटरव्यू लिया जाता रहा और 10 वर्षों के बाद उनके दिल की बीमारी से संबंधित  सिंप्टम्स की जांच की गयी  . देखा गया कि जो पॉजिटिव एटीट्यूड  के एक भी पहलू पर खरे उतरे उनमें दिल की बीमारी का रिस्क बहुत कम था  . 


हाथ पकड़ने से नसों को सुकून - साइकोलोजिकल साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अपने प्रिय जनों के मात्र हाथ पकड़ने भर से सुकून मिलता है  . खुशहाल विवाहित जोड़ियों को MRI स्कैनर में रख कर उनकी एड़ियों पर कुछ चोट देने पर हुए दर्द का अध्ययन किया गया  . उसके बाद कुछ जोड़ियों के हाथों को अनजान व्यक्ति द्वारा स्पर्श कराया गया और कुछ को उनके प्रिय जनों द्वारा स्पर्श कराया गया  . अध्ययन में देखा गया कि जिनके हाथ का स्पर्श  प्रियजनों ने किया था उनके ब्रेन ने कम दर्द महसूस किया 


ब्रेन पर प्यार का असर -


यूफोरिया -प्यार के ट्रिगर के चलते  ब्रेन में बदलाव होता है जिसका असर  मूड और बिहेवियर दोनों पर होता है  . यह  असर न्यूरो ट्रांसमिटर हार्मोन डोपामाइन के चलते होता है  . जब अपने प्रिय से मिलते हैं या उसे देखते हैं या सुनते हैं या सेक्स करते हैं तब ब्रेन से डोपामाइन हमें उपहार के रूप में मिलता है  . इसके चलते हमें हर्ष और उल्लास मिलता है   . 


अटैचमेंट और सेक्युरिटी - प्यार में डोपामाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन हार्मोन या रसायन भी प्राप्त होता है जिसके चलते मन में सुरक्षा , विश्वास और अटैचमेंट की भावना पैदा होती है  . इसलिए जिसे हम प्यार करते हैं उसके सम्पर्क में आने से हम  सुरक्षित और कंफर्टेबल महसूस करते हैं  

 परस्पर त्याग की भावना - अक्सर कहा जाता है और लोग मानते भी हैं कि प्यार में समझौता और त्याग का महत्व  होता है , जैसे आप अपना तबादला वहां कराना चाहेंगे जहाँ आपका प्रिय रहता या रहती है  ताकि आपको कुछ कष्ट हो भी तो उसकी चिंता नहीं है , दूसरे को सपोर्ट और कम्फर्ट मिले . जैसे जैसे आपसी प्रेम बढ़ता है कंप्रोमाइज और त्याग की भावना भी बढ़ती है  . इसके लिए हमें ब्रेन के वेगस नस को धन्यवाद देना  चाहिए जिसका असर हमारे  चेहरे के भाव से ले कर हार्ट के रिदम तक पड़ता है  . 


स्ट्रेस में कमी - एक अध्ययन में पाया गया है कि  प्यार और रिलेशनशिप में रहे व्यक्ति की तुलना में सिंगल व्यक्ति में कॉर्टिसोल रसायन की मात्रा अधिक होती है  . कॉर्टिसोल ही स्ट्रेस हार्मोन है   . प्रिय जन का साथ मिलने से विषम स्थिति का सामना करने में काफी मदद मिलती है   . 


शरीर पर प्यार का असर 


कहा जाता है कि प्यार का असर शरीर के सभी अंगों पर पड़ता , नख से सिर तक  . 


पैसन ( Passion ) में बढ़त - अपोजिट सेक्स से प्यार होने पर पैसन बढ़ जाता है और कामातुर होना स्वाभाविक है  . हॉर्मोन्स का एक ग्रुप एंड्रोजेन , जिसमें टेस्टोस्टेरोन भी शामिल है , सेक्स की इच्छा को बढ़ावा देता है  . सेक्स के दौरान यह और भी ज्यादा हो जाता है और डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन बनने से पैसन को और बल मिलता है  . 


बेहतर फिजिकल हेल्थ - प्यार का , खास कर कमिटेड रिलेशनशिप में , कुल मिला कर सम्पूर्ण फिजिकल हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है  . इसलिए दिल की बीमारी का कम खतरा रहता  है , ब्लड प्रेशर कम करता है , इम्युनिटी सिस्टम बेहतर होता है और रोग के ठीक होने में अपेक्षाकृत कम समय लग सकता है  . 


लम्बी आयु की संभावना - कुछ वर्ष पूर्व सिंगल व्यक्तियों  और शादीशुदा या किसी के साथ रिलेशनशिप में रहने वाले कुछ  व्यक्तियों के मृत्यु दर पर अध्ययन किया गया   . देखा गया कि सिंगल्स में मृत्यु दर 24 % ज्यादा था  . इसके अतिरिक्त  हार्ट बाईपास सर्जरी कराने वाले सिंगल और विवाहित जोड़ियों पर भी अध्ययन किया गया  . 15 साल के बाद देखा गया कि जो सर्जरी के समय विवाहित थे उनके जीवित रहने की संभावना  सिंगल्स की तुलना में ढाई गुना ज्यादा थी  . यदि विवाहित जोड़ी अपने जीवनसाथी से संतुष्ट थे तो यह संभावना करीब 3. 2 गुना ज्यादा थी  . 


दर्द में कमी - किसी प्रियजन का साथ मिलने से मूड अच्छा होना और ख़ुशी मिलनी स्वाभाविक है  . ऐसे में बीमारी या दर्द में प्रियजन का साथ हमें कम्फर्ट देता है और दर्द कम महसूस होता है  .