प्यार का ज़हर - 22 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का ज़हर - 22

" सबसे पहले तो नमस्ते आंटी जी और नमस्ते अंकल जी कैसे हो सब नमस्ते राज जी "

" रुको दिव्या आपको इनसे कोई बात करने की जरूरत नहीं है ठीक है हम कल ही जा रहे है बाहर ठीक है चलो और हयाती जी हमे माफ करना हम आपकी शादी तक नहीं रुक सकते हम जा रहे है चलो दिव्या "

" अरे बाबा रुको शांत हो जाओ पहले ठीक है यहा आओ मेरे पहले अपना दिमाग शांत करो और सोचो की इनसे बड़ा कोन हो सकता ये बात आप भी जानते है कि इस दुनिया में मा बाप से बड़ा कोई नहीं है भगवान का दूसरा नाम है मा बाप और फिर आप ऐसे रूठोगे इनसे तो ये फिर कहा जाएंगे ऐसा नहीं करते और फिर ये अपनी गलती को मान भी तो रहे है क्या आप इनको एक बार भी माफी नहीं दे सकते ये तो गलत है ना और में बिल्कुल नहीं चाहती कि आप किसी भी फैसले से नाकाम रहो या फिर आप बाद में पचताव में हमेशा आपको हस्ता हुआ देखना चाहती आप एक बार इन सब को माफ करके देखो फिर सब बदल जाएगा एक आखरी बार "

" आपकी बात तो सही है लेकिन हमे अपने आपको ग्रहेन करने में देरी लगेगी क्यू की ये को कुछ देर पहले हाद सा हुआ ये मेरे लिए बहुत बड़ा वाला भयानक हाद सा था "

" ठीक है आपको जितना वक़्त चाहिए वो लेलो पर एक मौका देना तो बनता है "

" आपका बहुत बहुत धन्यवाद् बेटा अगर आप नहीं होते तो हमे हमारा बेटा वापस तो कभी नहीं मिलता ये एहसान रहेगा आपका "

" कोई बात नही आंटी अब तो आप मेरि और हयाती की सास बन्ने वाली है तो इतना तो बनता ही हे "

" ओके दिव्या अब तुम्हे कोई परेशानी तो नही है ना जैसे की बॉडी मे दर्द होना या सर मे या बॉडी के किसी भी भाग मे दर्द तो नही हौ रहा है ना अगर हो रहा हो तो बताओ मे अभी ठीक कर्वाऊंगा ठीक है "

" अरे नही राहुल जी हम बिल्कुल ठीक है और हमे कोई परेशानी नही है बस आप हमारे पास रहो हमे और कुच भी नही चाहिये "

" हा मेरि लाड्ली मे तुम्हारे पास ही तो हू देखो अभी देर पहले गया था वो तो मुझे कुच काम के लिये जाना पडा था वरना ऐसे अपको छोड़ कर कभी नही जाता सची "

" ठीक है आगे से ध्यान रखो ठीक है वरना अच्छा नही होगा "
" ओ कही दुसरे को तो नही अपना लोगे ना मुझे छोड कर "

" आं चुप करो कुच भी बोल देते हो अग्ली बार ऐसी गन्दी सोच मत रख्ना मेरे बारे मे ठीक है वरना हम आपसे बात नही करेंगे याद रखना "

" अरे भैया और भाभी अगर आप लोगो की प्यार भरी वाली बाते हो गये हो तो यहा आयेंगे जरा बड़ो से मिल्ने के वास्ते "


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