प्यार का ज़हर - 14 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का ज़हर - 14

राज : इस बार तो इस काले पैड उखड़ दिया. और अब ये जंगल अच्छा होगा. सही में एक खूबसूरत जगह बनेगी. इस पर काले पैड का साया अब उठ जाएगा. और अब ये जगह महफूज़ बन जाएगी. बस कुछ ही क्षण में.

महेर : हा ये तो है. भैया क्यू की आज जो काला पैड. इस खूबसूरत जगह से गया है. कसम से एक नया दिन बनाकर मनाने का मन करता है.

राज : अच्छा ऐसा है तो चलो मनाते है. काला पैड गया. और अच्छी सी खुशबू आई ये लिख कर भेज दो. सारी जगह पे ठीक है.

कैदी : महेर बहेन आपका एक बार. और शुक्रिया अब तो महेर बहेन ने हमें भी आजाद करा दिया है. अब तो हम भी घूम सकते है. इधर उधर सालो बाद आजाद हुए है. चलो बाहर घूमने जाते है. ठीक है.

महेर : अरे इसमें शुक्रिया कहने वाली बात नहीं है. ये तो मेरा कर्तव्य था जोकि मैने किया.

कैदी : चलो फिर कभी मिलेंगे ठीक है. और हा महेर बहेन किसी भी तरह की मदद चाहिए. तो आजाना ठीक है. हम सदेव आपकी मदद के लिए तत पर रहेंगे.

महेर : जी शुक्रिया पर ऐसा वक़्त आयेगा तो आपको जरूर याद करेंगे. और मिल भी लेंगे ठीक है. अब चलो भैया चलते है. अब यहां अपना काम ख़तम ठीक है.

राज : हा हा अब चलो. और क्या वो फ्रेश वाली बात भी बतानी रह गए मम्मी को. अब बोलेगी कि कहा गए थे. और वो बात बताई क्यू नहीं ऐसा.

महेर : कोई बात नहीं अब बता देना और क्या ठीक है. अब चलो घर पर. और सब बता दो वरना मुझे बता दो. में मम्मी को बता दूंगी.

राज : नहीं नहीं में सबके साथ बैठ कर फिर बात करूंगा. वरना सब बखेड़ा भी हो सकता है. सो में रिस्क नहीं ले सकता.

महेर : अच्छा ठीक है. अब सिर्फ पांच कदम दूर अपना घर है. वहा जाकर बताना आप ठीक है. में आपके साथ जबरदस्ती नहीं करूंगी.

राज : अच्छी बच्ची शुक्रिया.

《 कुछ देर बाद... 》》》

हयाती : यार राज ने अपने परिवार को बताया होगा. कि नहीं में अपने परिवार को कैसे बताऊं राज के बारे में. है भगवान इस समस्या का हल दो. ताकि में कुछ बता सकु अपने परिवार को राज के बारे में.

जया : बेटा हयाती क्या सोच रही हो. काफी गहराई में खो कर क्या सोच रही हो. बताओ तो क्या हुआ है.

हयाती : कुछ नहीं पप्पा वो ना दरअसल हमें आपको कुछ बताना है. लेकिन कैसे बताए ये समझ नहीं आ रहा है. कहीं आप गुस्सा ना हो जाओ बस यही डर है और कुछ नहीं.

रवि शंकर : अच्छा ठीक है बताओ क्या हुआ में नहीं गुस्सा करूंगा ओके जैसी भी बात होगी में सुनूंगा. और अगर सही रही तो उस बात पे अमल भी करूंगा ओके अब बताओ.

हयाती : जी पप्पा दरअसल ना मुझे राज के बारे में बताना है. जिससे में प्यार करती हूं. और आशा है कि आप अच्छे से समझेंगे.

रवि शंकर : वैसे वो लड़का कोन है. और कहा से है कोई एड्रेस वगेरा है. तुम्हरे पास जहा उसे बात कर सके शादी कि.

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