लाइटनिंग से बचने के कुछ उपाय S Sinha द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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लाइटनिंग से बचने के कुछ उपाय


आलेख - लाइटनिंग से बचने के कुछ उपाय


यह सच है और दुखद भी कि हमारे देश में वज्रपात या बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या किसी अन्य विकसित या विकासशील देश की तुलना में बहुत ज्यादा है . दुर्भाग्यवश वज्रपात और भूकंप की सटीक भविष्यवाणी लगभग असंभव है हालांकि आंधी तूफ़ान और वर्षा का पूर्वानुमान लगा कर मौसम वैज्ञानिक समय समय पर लोगों को जनसंचार माध्यम रेडिओ , टी वी , समाचारपत्र या अन्य स्थानीय माध्यम से सचेत करते हैं . किसी एक बड़े क्षेत्र ( राज्य या शहर ) में विगत कुछ वर्षों में हुई ऐसी आपदाएं , वहां का भिन्न काल में मौसम , आजकल के आधुनिक तकनीक और उपग्रह की मदद से मौसम वैज्ञानिक अनुमान लगा कर तूफ़ान , वर्षा और वज्रपात की सम्भावना की पूर्व सूचना देते हैं . फिर भी उस बड़े क्षेत्र के किस खास स्थान या खास बिंदु ,जहाँ बिजली गिर सकती है , इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है . वज्रपात को रोक नहीं सकते पर इससे होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं , जैसे अपने घर पर तड़ित संचालक ( लाइटनिंग कंडक्टर ) लगा कर .


आकाशीय बिजली कैसे हम तक पहुँचती है - किसी पर बिजली गिरने का सटीक कारण बताना हमेशा संभव नहीं है पर आमतौर पर इन पांच विधियों से प्राकृतिक बिजली के हम शिकार होते हैं -


1 . सीधे बिजली गिरना या डायरेक्ट स्ट्राइक - ऐसा तब होता है जब बिजली आकाश से सीधे किसी व्यक्ति पर गिरती है . ऐसा व्यक्ति अक्सर घर से बाहर खुले में होता है . कर्रेंट का कुछ भाग त्वचा में प्रवाहित होता है जिसकी भीषण गर्मी से वह झुलस जाता है और कुछ हिस्सा शरीर के अंदर प्रवाहित होता है जिससे हृदय और रक्तवाहिकाओं को असीम क्षति होती है . इस तरह का बिजली लगना सबसे ज्यादा घातक है .


वज्रपात या लाइटनिंग बोल्ट में करोड़ों वोल्ट होता है और इसमें कर्रेंट भी 10,000 से 2,00, 000 एम्पीयर हो सकता है . इसका तापमान 30000 C तक हो सकता है जो सूरज के बाहरी सतह के तापमान करीब 6000 C से काफी ज्यादा होता है , इससे समझा जा सकता है कि इसका शॉक कितना तीव्र हो सकता है .

2 . साइड फ़्लैश - ऐसा तब होता है जब व्यक्ति किसी ऊँची चीज के नीचे या निकट खड़ा हो और बिजली मुख्यतःपहले उस ऊँची चीज पर गिरती है और उसका कुछ भाग जंप कर व्यक्ति पर गिरता है . वह व्यक्ति एक तरह से शार्ट सर्किट की रचना करता है . उदारहण - जब वर्षा से छिपने के लिए किसी पेड़ की छाया में कोई खड़ा हो और बिजली पेड़ पर जा गिरे .


3 .ग्राउंड कर्रेंट - जब किसी ऊँचे स्थान पर बिजली गिरती है तब धरती के अंदर अंदर यह करंट बहुत दूर तक प्रवाहित होता है और रास्ते में आने वाला व्यक्ति उसका शिकार हो सकता है . ग्राउंड कर्रेंट के चलते काफी व्यक्तिओं और पशुओं की मौत होती है .


4 .कंडक्शन - जब बिजली गिरती है तो कर्रेंट किसी धातु के तार या अन्य सुचालक ( कंडक्टर) के माध्यम से प्रवाहित होते हुए दूर तक पहुँचती है और रास्ते में किसी व्यक्ति या पशु को अपना शिकार बना सकती है . इस विधि के शिकार घर के अंदर और बाहर के लोग दोनों हो सकते हैं . घर के अंदर तार वाले फोन , दरवाजा , खिड़की , पानी की पाइप आदि से हो कर बिजली आदमी तक पहुँचती है . ग़ौरतलब यह है कि कोई धातु या सुचालक स्वयं बिजली को आकर्षित नहीं करता पर विद्युत् संचार का एक माध्यम बनता है .


5 . स्ट्रीमर्स - वज्रपात से होने वाली मौतों में सबसे कम स्ट्रीमर्स से होती हैं . जब बादल से होकर बिजली का एक स्ट्रीम किसी ऊँचे स्थान पर गिरने के बाद डिस्चार्ज हो रहा हो और एक रिटर्न स्ट्रोक ( यानि जब बिजली धरती से ऊपर की ओर लौटती हो ) और कोई व्यक्ति इस स्ट्रीमर्स का हिस्सा बन जाता है तो डिस्चार्ज होते समय कर्रेंट लगने से घायल हो सकता है या मर सकता है .


वज्रपात से कैसे बचें - प्रशासन द्वारा वर्षा और थंडरस्टॉर्म की चेतावनी पर ध्यान दें और सुरक्षित स्थान में जाएं और सुरक्षा के नियमों का पालन करें -


जब घर से बाहर हों- व्यावहारिक रूप से बाहर खुले में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है , फिर भी कुछ बातों पर ध्यान दें -


1 . सर्वप्रथम बिना इमरजेंसी के ऐसे में बाहर न निकलें . इस दौरान जब तक बाहर के काम को टाल सकें टालें . आउटडोर गेम्स न खेलें .


2 . अगर बाहर कोई सुरक्षित आश्रय न हो तो सबसे पहले अगर आप ऊंचाई पर हैं तो जल्द से जल्द नीचे आएं .


3 . धरती पर सपाट न लेटें . पैरों के बल धरती पर बैठ कर घुटनों की तरफ सर झुका कर दोनों हाथों से कानों को ढके रहें .


4 .किसी ऊँचे पेड़ के नीचे न जाएँ , विंडमिल , खंभे , पाइप , स्तम्भ आदि के निकट या सहारे खड़े न हों . किसी बिजली लाइन , धातु के तार की बाड़ ( फेन्स ) , क्रेन के निकट न रहें . खुले मैदान में किसी एकमात्र पेड़ के नीचे या धातु के खम्भे के निकट न रहें .


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5 . अगर कार उपलब्ध हो तो कार के अंदर बैठ कर शीशे चढ़ा लें . तूफ़ान , वर्षा और बिजली की कड़क थमने के तुरंत बाद बाहर न निकलें , अंतिम फ़्लैश के बाद भी 30 मिनट के बाद ही बाहर निकलें .


6 . किसी जलश्रोत में न रहें - स्विमिंग पूल आदि में न रहें .


7 . 30 / 30 नियम - जब आप आसमान में बिजली का फ़्लैश देखते हैं तो 30 तक की गिनती गिनें और अगर आपको बिजली कड़कने की आवाज 30 सेकंड्स के अंदर सुनायी दे तो समझें बिजली आपके बहुत निकट है और यथा शीघ्र घर के अंदर जाएँ .


जब घर के अंदर हों - घर के अंदर भी वज्रपात से बचने के लिए आपको सावधानी की जरूरत है -


1 . घर के अंदर सभी खिड़कियां बंद कर लें . यथासंभव बाह्य दरवाजों और खिड़कियों से दूर रहें . घर के अंदर भी कंक्रीट के फ्लोर या दीवार का सहारा न लें क्योंकि उनमें स्टील के रीनफोर्स्मेंट होते हैं .


2 . तार वाले फोन का प्रयोग न करें , कॉर्डलेस और सेल फोन यूज कर सकते हैं .


3 .विद्युत् के उपकरणों टीवी , कंप्यूटर आदि का प्रयोग न करें उन्हें स्टॉर्म के पहले ही डिसकनेक्ट कर दें . बिजली चमकने के दौरान प्लग न निकालें .


4 . इस दौरान यथासम्भव जल का इस्तेमाल न करें , स्नानादि न करें . सीलन वाले दीवार , पानी की पाइप आदि से दूर रहें .

5 . बालकनी , खुले गैराज या पोर्टिको में न रहें .

बिजली को ले कर कुछ गलतफहमियां -


1 . बिजली एक ही स्थान पर दुबारा नहीं गिरती है - यह गलत धारणा है , बिजली एक ही जगह पर अनेकों बार गिर सकती है .


2 . बिजली सिर्फ बारिश के दौरान ही गिरती है - वर्षा होने वाले या वज्रपात के स्थान से 40 किलोमीटर दूर साफ़ नीले आकाश वाले स्थान तक इसका असर होता है .


3 . सेल फोन या हेडफोन से खतरा है - इस दौरान सेल फोन या हेडफोन के इस्तेमाल से कोई खतरा नहीं है .


4 .रबर सोल बचाता है - रबर सोल वाले जूते वज्रपात से हरगिज नहीं बचा सकते हैं .


5 . वज्रपात के शिकार में बिजली का चार्ज स्टोर रहता है - ऐसी कोई बात नहीं है .


6 . वज्रपात के शिकार की मौत निश्चित है - वज्रपात से कार्डियक अरेस्ट या नर्व डैमेज और बर्न होता है . कुछ मामलों में समय रहते CPR और सही उपचार मिलने से व्यक्ति बच सकता है .


7 , आकाशीय वज्रपात लिंग भेद करता है - बिजली गिरने से होने वाली मौत कोई लिंग भेद नहीं करती है , यह पुरुष और स्त्री के लिए बराबर खतरनाक है . हालांकि भारत में ऐसा कोई औपचारिक डेटा उपलब्ध नहीं है फिर भी देखा गया है कि अमेरिका में ऐसी मौत में लगभग 80 % पुरुष होते हैं . इसकी वजह लिंग नहीं है , महिला की अपेक्षा ज्यादा पुरुष को बाहर का काम करना पड़ता है और अनेक मौतें फिशिंग , बोटिंग , बेस बॉल आदि आउटडोर गेम्स के कारण हुई हैं .


बॉटम लाइन - सच तो यह है कि कोई भी चीज आकाशीय बिजली को खुद आकर्षित नहीं करती है , हाँ बिजली लगने से उसमें विद्युत् की प्रबल धारा प्रवाहित होती है . आप किस स्थान पर और किस अवस्था में हैं यह बहुत मायने रखता है .