हिंदी कुछ भी कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें होम कहानियां कुछ भी कहानियां फ़िल्टर: श्रेष्ठ हिंदी कहानियां विविधा - 24 द्वारा Yashvant Kothari 24-नटराज के लिए पूरा संसार नाट्यशाला है ! हमारी संस्कृति में मोक्ष जीवन का परम लक्ष्य माना गया है। मोक्ष के लिए शिवरात्रि का ही व्रत पुराण में वर्णित ... विविधा - 23 द्वारा Yashvant Kothari 23-पर्यावरण और भारतीयता भारतीयता सम्पूर्ण रुप से हम सभी को रक्षित करती है। उसमें प्रारम्भ से ही र्प्यावरण को अत्यन्त मुखर स्थान दिया है। हमारी संस्कृति में वृक्ष, पेड़-पौधों, ... Autobiography - Forgotten Memories - 4 द्वारा किशनलाल शर्मा From here i had passed. 10 class examination from Rajsthan Board.Beawar's sesame stripes is famous.Taste is wonderful.In 1966 Bapu was transferred from Beawar to Abu Road.Here Bapu also got ... विविधा - 22 द्वारा Yashvant Kothari 22-श्रद्धया दीयते तत् श्राद्धम् हमारे समाज की मान्यता है कि पितृ पक्ष में ही पूर्वजों की आत्माएं धरती पर पुनः अवतरित होती हैं। घर-परिवार के सदस्य इस समय ही ... विविधा - 21 द्वारा Yashvant Kothari 21-दास्तान फिल्मी गीतों की ‘बैइ जा, बैठ गई......’ ‘खड़ी हो जा, खड़ी हो गई.....’ ‘जीजाजी जीजाजी......’ सूर्योदय के पहले से, देर रात तक किसी भी रेडियो ... विविधा - 20 द्वारा Yashvant Kothari 20-फिल्मों में हास्य को गंभीरता से क्यों नहीं लिया जाता ? इस तनाव युक्त आधुनिक जीवन में मनोरंजन और हास्य का महत्व अधिक है। एक अजीब समय आया है, ... बड़े गुरुजी (संस्मरण) द्वारा राज कुमार कांदु जी हाँ, हम लोग उन्हें बड़े गुरूजी ही कहते थे। तब हम कक्षा तीसरी के विद्यार्थी थे जब हम उन्हें पहचानने लगे थे। लंबा कद, कठोर अनुशासन के पक्षधर, ... विविधा - 19 द्वारा Yashvant Kothari 19-फिल्में बनाम रंगमंच एम. के. रैना कहते हैं- ‘रंगमंच से फिल्मों में अपनी इच्छा से कोई नहीं आता। ओम श्विपुरी भी भीगी पलकों से फिल्मों में आये थे और ... विविधा - 18 द्वारा Yashvant Kothari 18-फाग का अमर कवि : ईसुरी ळोली का मौसम हो। फाग गाने का मन हो और बुन्देलखण्ड के कवि ईसुरी की याद न आये, यह कैसे संभव है ? ... विविधा - 17 द्वारा Yashvant Kothari 17 - हास्य व्यंग्य का बोलवाला आज की स्थिति भिन्न है। हास्य व्यंग्य की सतही रचनाओं के कारण कवि सम्मेलनों की गिरावट हुई है। कवि सम्मेलनों के विकास काल ... विविधा - 16 द्वारा Yashvant Kothari 16-गाथा कवि सम्मेलनों की पिछले दिनों एक शहर के संयोजक नुमा व्यक्ति का पत्र आया, प्रियवर! दो वर्पो बाद पत्र दे रहा हूं। पिछले वर्प हम कवि सम्मेलन नहीं ... विविधा - 15 द्वारा Yashvant Kothari 15-समकालीन साहित्य: सही दिशा की तलाश मुल प्रश्न है, साहित्य क्या है ? आजकल के साहित्यकार दो तरह का लेखन करते हैं। एक वह जो आसानी से पाठक तक ... विविधा - 14 द्वारा Yashvant Kothari 14-साहित्य की संवेदना साहित्य में जब जब भारतीता की बात उठती है तो यह कहा जाता है कि साहित्य में भारतीयता तलाशना साहित्य को एक संकुचित दायरे में कैद ... विविधा - 13 द्वारा Yashvant Kothari 13 यदि प्रधानमंत्री न बनते तो साहित्यकार बनते राजनेता या चिन्तक नेहरू पर बहुत कुछ लिखा गया है मगर साहित्यकार नेहरू के बारे में बहुत कम जानकारी है। ... विविधा - 12 द्वारा Yashvant Kothari 12-ये आकाशवाणी है इक्कीसवीं शताब्दी मंे आकाशवाणी को शब्द हत्या के लिये याद किया जायेगा। शब्द की मृत्यु इस युग की सबसे बड़ी टेजेड़ी है और इस टेजेड़ी में ... विविधा - 11 द्वारा Yashvant Kothari 11-अंग्रेजी बनाम हिन्दी बहस पुरानी जरूर है, मगर घटिया नहीं। पिछले दशक में हिन्दी पत्र पत्रिकाओं की प्रसार संख्या अंग्रेजी की तुलना में ज्यादा बढ़ी हैं। लेकिन हिन्दी पत्रकारिता ... क्या आप मुझे जानती हो! द्वारा Saroj Prajapati " मम्मी! अगर आज आप मेरे एनुअल डे फंक्शन में नहीं आई तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूंगी ।" माधवी की दस साल की बेटी दिशा बोली। " ... विविधा - 10 द्वारा Yashvant Kothari 10- शब्द-शिल्पी यशवन्त कोठारी साधारण तीर की अपेक्षा जहरबुझा तीर अधिक प्रहारक होता है, क्योंकि वह दुहरी मार करता है। इसी प्रकार साहित्य में भी दुहरी मार करने वाली ... विविधा - 9 द्वारा Yashvant Kothari 9-मैं साहित्यकार को तीसरी ऑंख मानता हू -विष्णु प्रभाकर विश्णु प्रभाकर हिन्दी के वरिश्ठ साहित्यकार हैं। पिछले पचास वर्शो से निरन्तर साहित्य साधना करते हुए उन्होंने चालीस से भी ... विविधा - 8 द्वारा Yashvant Kothari 8-मेरे नाटक व्यवस्था विरोधी हैं। मणि मधुकर मणि मधुकर एक नाम जो हमेशा चर्चित और विवादास्पद रहा। हर विधा में लिखा। खूब लिखा। खूब पुरस्कृत हुए। 1942 में राज्स्थान ... विविधा - 7 द्वारा Yashvant Kothari 7-यहां नाटक संस्कार से जुड़ा हुआ नहीं है हमीदुल्ला भारतीय नाट्य आन्दोलन में सृजन व मंचन पक्ष से जुड़ा एक प्रयोगधर्मी नाम है- हमीदुल्ला, जो प्रदेश ... विविधा - 6 द्वारा Yashvant Kothari 6-नाटक दर्शक की जिंदगी की लड़ाई है ! -मुद्राराक्षस मुद्राराक्षस हमेशा से ही विवादास्पद और चर्चित रहे हैं। क्षेत्र चाहे नाटकों का हो या अन्य कोई, वे हमेशा बहस ... विविधा - 5 द्वारा Yashvant Kothari 5-साहित्य के शत्रु हैं सत्ता, सम्पत्ति और संस्था डॉ. प्रभाकर माचवे डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने डॉ. माचवे के लिए लिखा है- ‘ श्री प्रभाकर मचवे हिन्दी के उन ... विविधा - 4 द्वारा Yashvant Kothari 4-व्यंग्यकार यशवन्त कोठारी से साक्षात्कार ‘व्यंग्य में बहुत रिस्क है।’ इधर जिन युवा रचनाकारों ने प्रदेश से बाहर भी अपनी कलम की पहचान कराई है, उनमें यशवन्त कोठारी अग्रणी ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा उपन्यास प्रकरण प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी वर्ण-व्यवस्था - जय भीम द्वारा Bhavin वैसे तो इस मूवी को पर्दे पर आए काफी वक्त हो गया है मगर कल मैंने यह फिल्म दोबारा देखी। सच बताऊं तो सबकुछ जानते हुए कि क्या होने ... विविधा - 3 द्वारा Yashvant Kothari 3-व्यंग्य -दशा और दिशा हिन्दी साहित्य मे लम्बे समय से व्यंग्य लिखा जा रहा है, मगर आज भी व्यंग्य का दर्जा अछूत का ही है, इधर कुछ समय से ... विविधा - 2 द्वारा Yashvant Kothari 2-समकालीन साहित्य: सही दिशा की तलाश मूल प्रश्न है, साहित्य क्या है आजकल के साहित्य दो तरह का लेखन करते हैं। एक जो आसानी से पाठक के तक पहुंचता ... अन सुना इश्क़ - 4 द्वारा Mehul Pasaya कॉन्फरेंस कॉल कल जो भी काम सब ने ठान लिया था की एक हो कर काम करना है तो सब लोग उसी मे लगे हुए थे. रजनी ने कुनाल ... अन सुना इश्क़ - 3 द्वारा Mehul Pasaya " नमश्ते मेरा नाम है धनुष और इस देव दास पुर के इलाके का डोन लेकिन लोग मुझे प्यार से धनु बुलाते है " रजनी ने कहा की..." ओहो ... विविधा - 1 द्वारा Yashvant Kothari यशवंत कोठारी 1-कवियों-शायरों की होली बात होली की हो और कविता, शेरो-शायरी की चर्चा न हो, यह कैसे संभव हैं ? होली का अपना अंदाज है, और कवियों ने ... अन सुना इश्क़ - 2 द्वारा Mehul Pasaya " रजनी के घर के लोग सारे फिर से मूह फूला के बैठ गई और रजनी को बोला... तुम कभी नही सुधर सकते "" रजनी हस्ते हस्ते बहार जाने ... अन सुना इश्क़ - 1 द्वारा Mehul Pasaya नमस्ते दोस्तो तो मे एक बार फिर से आ गया हू एक नई कहानी लेकर तो चलो कहानी को आगे बढ़ाते है एक शहर मे एक बुढ़ी माँ जी ...