आपकी नजरों ने समझा DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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आपकी नजरों ने समझा

1.
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,
दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,
जी लो ये पल जब हम साथ हैं दोस्तों,
कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा...

2.
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में अकेले बैठे रोते हैं
पर लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है ।

3.
ज़िन्दगी में एक पल भी सुकून न पाया
दुनिया की इस भीड़ में खुद को तनहा न
पाया तेरे दिए ज़ख्मो को प्यार समझते रहे
तेरे धोके में आके किसी से दिल न लगाया ।

4.
थामा था हांथ सोचकर की शायद सफर लंबा होगा ।
पर मालूम न था कि...
ये भी उड़ता परिंदा होगा ।

5.
गम नहीं किसी बात का जो जिंदगी में लिखा होगा वही होगा
कली रही तो फुल खिलेगे
और जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे

6.
आज़ाद कर दिया तुम्हें जाओ खुश रहो
उसके साथ जो मेरे से ज्यादा जरूरी है...

7.
जिंदगी में अकेले चलने का अपना एक अलग ही मजा है ,
इसलिए मैं कभी किसी सहारे की मोहताज नही रहती हूं...

8.
ख़ुदा ने जो बख्शा है वहीं हुस्न बहुत है,
फूल अपने बदन पर जेवर नहीं रखते जनाब !

9.
आदत बना ली मैंने खुद को
तकलीफ देने की
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे
तो ज्यादा तकलीफ न हो…

10.
आँखों में देखी जाती हैं, प्यार की गहराईयाँ...
शब्दों में तो छुप जाती हैं, बहुत सी तन्हाईयाँ...

11.
आपकी परछाई हमारे दिल मे है,
आपकी यादें हमारी आँखो मे है,
आपको हम भुलाए भी कैसे,
आपकी मोहब्बत हमारी साँसो मे है।

12.
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए।

13.
मिले भी नहीं तुझसे और बिछड़ गए हम
प्यार के सफर में क्यूं तनहा रह गए हम
ना तू ही मिला, ना तेरा प्यार पा सके हम

14.
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गयी;
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गयी;
हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी;
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी।

15.
छोड़ते भी नहीं हाथ मेरा और थामते भी नहीं यह कैसी मोहब्बत है उनकी गैर भी नहीं कहते हमें और अपना मानते भी नहीं...

16.
हम अपना वक्त बर्बाद नहीं करते जो हमें भूल गए,
हम उन्हें याद नहीं करते।

17.
होगी रोशनी, सजेंगे घर और बाजार,
मिलकर गले एक - दूजे के मनाएंगे त्योहार,
देखो आ रहा है क्रिसमस लेकर अपने संग,
ढेर सारी खुशियां, उत्साह और नई उमंग।

18.
अपनो से दिल लगाने की आदत नही रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नही रही…!

19.
उल्फत में कभी यह हाल होता है,
आंखे हस्ती है मगर दील रोता है,
मानते है हम जिससे मंजिल अपनी,
हमसफ़र उसका कोई और होता है...

20.
दूसरो की ख़ुशी देखने के लिए
हमने अपनी ख़ुशी नहीं देखी फिर भी,
लोग हमें ही ग़लत कहते है...!!

21.
आदत बदल सी गई है
बक्त काटने की,
अब तो हिम्मत ही नहीं
होती अपना दर्द बाँटने की...!!

22.
कुछ यादें याद रखना,
कुछ बातें याद रखना,
जिंदगी में हम तुम साथ नहीं रहेंगे,
लेकिन हम कभी साथ थे ये जिंदगी भर याद रखना...

23.
सोचा ही नहीं की,
जिंदगी में कभी ऐसे भी फ़साने होंगे,
रोना भी जरुरी होगा,
और आंसू भी छुपाने होंगे...

24.
कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है…!