24.
जब चलना नहीं आता था तो लोग गिरने नहीं देते थे
जब से संभाला है खुद को लोग पैर - पैर पर गिराने की कोशिश करते हैं
25.
अंजाम की खबर तो मीरा को भी थी...
पर बात सिर्फ निभाने की थी !
26.
अल्फाज़ के कुछ तो कंकड़ फ़ेंको...
यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।
27.
लाजमी तो नही की तुझें आँखों से ही देखूँ ,
तेरी याद का आना भी तेरे दीदार से कम नहींं!
28.
तुमको लिख पाना कहाँ मुमकिन है...
इतने खूबसूरत तो लफ्ज़ भी नही मेरे पास !!
29.
एक बार जो उसका दीदार हो जाये...
सफल मेरा भी होली का त्योहार हो जाये।
30.
हम अल्फाज़ हैँ तेरे, हर लफ्ज मे मिल जाएंगे !
महसूस करोगे तो... कोरे कागज पर भी नज़र आएंगे !!