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आप सुबह में ज्यादा लम्बे होते हैं !

सुबह सुबह सो कर उठने के बाद हमारी लम्बाई रात की अपेक्षा कुछ ज्यादा होती है , शायद हमें महसूस नहीं होता है पर यह सच है .

आलेख - आप सुबह में ज्यादा लम्बे होते हैं !


क्या आप जानते हैं कि जब सुबह सुबह आप उठते हैं तब आपकी लंबाई पिछली शाम की तुलना में अधिक होती है ? है न अजब गजब चौंकाने वाली बात ? पर यह बिलकुल सही है और इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है , एक नजर डालते हैं .

पहले इस विषय पर कुछ लोगों के कथन पर गौर करें -


कैलिफ़ोर्निया के डेविस मेडिकल सेंटर के वरिष्ठ डॉ फ्रैंक ब्यूटेरा का कहना है कि दोपहर के बाद और रात में सोने के पहले उनकी लम्बाई 5 फ़ीट 11 इंच होती है और जब सुबह बिस्तर छोड़ते हैं तो पूरे 6 फ़ीट होती है .


अमेरिका के ही मशहूर डॉ मिल ब्रांड के अनुसार सुबह की लम्बाई आधा से एक इंच ज्यादा होती है .


कनाडा के शेरिडन कॉलेज के चार्ली एवंस का भी यही मत है कि सुबह में आदमी की लम्बाई रात की अपेक्षा ज्यादा होती है . आपकी सही लम्बाई वह है जो सुबह में होती है .


सोने में लम्बाई कैसे बढ़ सकती है -


कार के एक ट्यूब की कल्पना करें जिसमें हवा नहीं हो और फिर उसमें हवा भरने के बाद उसे देखें . पहले की अपेक्षा वह बड़ा होता है . डॉक्टर के अनुसार मनुष्य के शरीर के साथ भी वही होता है जब सोने के बाद वह सुबह में उठता है

तब उसके सेल्स नार्मल रिजिड ( कठोरता ) स्थिति में होते हैं जिसे टर्गर कहते हैं . दिन भर में ग्रैविटी ( गुरुत्वाकर्षण ) के चलते आपकी स्पाइन या रीढ़ के डिस्क्स के बीच के गैप कम हो जाते हैं क्योंकि उनकी रिजिडीटी में कमी आती है .


जब हम सोते हैं तब हमारे स्पाइन पर ग्रैविटी का कोई दबाव नहीं होता है और डिस्क के बीच जो द्रव होता है वह रिलैक्स कर फैलता है और अपनी नॉर्मल स्थिति में आ जाता है . दिन भर खड़े रहने , उठने बैठने से या अन्य क्रिया के समय ग्रैविटी के चलते स्पाइन के डिस्क्स पर दबाव पड़ता है और उनके बीच का फ्लूइड बह जाता है . इसलिए सुबह उठने के समय आधा इंच या उससे भी ज्यादा हाइट बढ़ जाती है .


इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि एक बैलून में सूक्ष्म सूराखें कर उसमें जिलेटिन और पानी भर दें .उसे पानी से भरे एक टब में रख कर दबाएं तो पानी रिस कर बाहर निकलेगा और बैलून सिकुड़ कर छोटा हो जायेगा . पर जैसे ही उस पर से दवाब हटाया जायेगा वह पुनः बड़ा हो जायेगा .


इसके अतिरिक्त हमारे जॉइंट्स के बीच एक फ्लूइड होता है , दिन में ग्रैविटी के दबाव के चलते उस पर भी असर पड़ता है और वे कंप्रेस्ड रहते हैं . रात में वे पुनः फ़ैल कर अपनी सामान्य स्थिति में आ जाते हैं .


नासा ( NASA ) का शोध भी इस बात की पुष्टि करता है . जब अंतरिक्ष यात्री स्पेस में या चाँद पर होते हैं वहां पृथ्वी की ग्रैविटी नहीं होती है . इसलिए उनकी लम्बाई ज्यादा हो जाती है . 340 दिन स्पेस में रहने के बाद अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली जब धरती पर लौटे तब उनकी हाइट दो इंच बढ़ चुकी थी . काश हम भी अगर चाँद पर रहते तो हमारी लंबाई ज्यादा होती , है न मजे की बात .


समाप्त

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