कोरोना की तीखी मीठी यादें S Sinha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

कोरोना की तीखी मीठी यादें


कहानी - कोरोना की तीखी मीठी यादें

“ सिया , मेरा टूर वाला ट्राली तैयार रखना , जितना तुमसे हो सके करना बाकी मैं आ कर देख लूंगा . आज रात की फ्लाइट से निकलना है “ शिवम ने पत्नी को फोन कर कहा


“ अभी तो दो महीने पहले ही टूर से लौटे हो . और मुझे ऐसी हालत में तुम्हारा जाना अच्छा नहीं लग रहा है . “


“ डोंट वरी , मैं दो सप्ताह के अंदर ही लौट आऊंगा . अभी तो तुम्हारी डिलीवरी में दो महीने बाकी हैं . “


“ फिर भी मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है . मुझे तीन चार दिनों से कुछ सर्दी खांसी भी है . “


“ फ्लू शॉट तो हम ने एक साथ लिया था . मामूली सर्दी है , ठीक हो जायेगा . “


“ जानती हो यह एक मेगा डील है , अगर काम मिल गया तो कम से कम 2 परसेंट कम्पनी रिवार्ड देगी . फिर इस घर को बेच एक दूसरा बड़ा घर ले लेंगे . “


“ आजकल चारों तरफ कोरोना की अफवाह सुनने को मिल रही है , ऐसे में जाना ठीक रहेगा ? “


“ कोई चीन थोड़े ही जा रहा हूँ . अभी कोरोना ने अमेरिका और इंडिया दोनों में कहीं कदम नहीं रखा है . इक्के दुक्के केस सीएटल में सुनने को मिले हैं , वे भी सिर्फ संदेह है कन्फर्म नहीं है . मेरी तो डायरेक्ट नॉन स्टॉप फ्लाइट है शिकागो से दिल्ली , वो भी एयर इंडिया से . बिलकुल सेफ है , तुम चिंता न करना . “


शिवम एक मल्टीनेशनल आई टी कंपनी में सीनियर मैनेजर था . चार साल पहले सिया से उसकी शादी हुई थी . पति पत्नी दोनों ही ग्रीन कार्ड होल्डर थे . उनका पहला बच्चा दो महीने बाद आने वाला था . दोनों बहुत खुश थे

शाम को शिवम को लौटने में देर हो गयी .दोनों ने साथ डिनर लिया . उसे दो घंटे बाद एयरपोर्ट निकलना था . शिवम को अक्सर टूर पर जाना होता था इसलिए एक टूर वाला सूटकेस उसका हमेशा करीब करीब तैयार ही रहता था .


शिवम जब घर से निकल रहा था सिया की आँखों में आंसू थे . शिवम ने उसे पोंछते हुए कहा “ मैं तो अक्सर जाते रहता हूँ , तुमको इतना कमजोर कभी नहीं देखा है . हंस कर विदा करो , आई विल मिस यू . “


“ आई टू एंड दिस बेबी आल्सो . “ अपने पेट को सहलाते हुए सिया बोली


तब तक टैक्सी आ गयी और शिवम बाय कर के निकल गया . शिवम करीब 15 घंटे बाद दिल्ली एयरपोर्ट पहुँचा . उसने फोन पर सिया से बात की और अपने होटल चला गया . चंद घंटों के बाद वह अपने काम में लग गया .


सिया भी अमेरिका में जॉब करती थी पर पिछले तीन दिनों से छुट्टी में थी . उसे दो सप्ताह के बाद मैटरनिटी लीव लेनी थी . शिवम रोज सुबह और रात में सोने के पहले सिया से बात कर उसका हाल चाल पूछ लेता था . उसके जाने के एक सप्ताह बाद अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामले देख कर इमरजेंसी की घोषणा हुई . इधर सिया की तबीयत कुछ बिगड़ने लगी . बुखार तो ज्यादा नहीं था पर खांसी और सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होती .

उस रात जब शिवम सिया से विडिओ चैट कर ही रहा था कि सिया को जोर की खांसी आयी . वह वाश रूम से निकली तो उसकी सांस फूल रही थी और किसी तरह कुछ बात कर सकी थी . शिवम ने तुरंत वहीँ से एम्बुलेंस को कॉल किया और सिया से बोला “ 15 मिनट में एम्बुलेंस आ जायेगा , तुम जल्द हॉस्पिटल जा कर पूरा चेक अप करा लो . “


लगभग पौन घंटे बाद सिया अस्पताल में थी . डॉक्टर को उसने पूरी डिटेल्स बताया तो डॉक्टर ने कहा “ आपको ऐसी हालत में पहले ही अस्पताल आना चाहिए था . मैं आपको एडमिट कर रही हूँ , मुझे न्युमोनिआ का शक है . “


“ मैंने फ्लू शॉट लिया था इसलिए मैंने सोचा कि मामूली सर्दी है और बुखार भी नाममात्र था इसलिए न्युमोनिआ के बारे में सोचा ही नहीं . “


सब आप ही समझ लेंगी तब फिर मेरी जरूरत कहाँ रहेगी . “ बोल कर डॉक्टर हंसने लगी और उसने आगे कहा “ फ्लू और न्युमोनिआ के अलग अलग टीके होते हैं . मैं न्युमोनिआ का टेस्ट करा लेती हूँ . हाँ , कभी न्यूमोनिया के कुछ केसेज में फीवर नहीं होता या माइल्ड फीवर होता है . तुम्हारा इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होगा इसलिए ज्यादा फीवर नहीं रहा होगा . वैसे एंटीबायोटिक अभी से शुरू कर देती हूँ .


सारे टेस्ट रिपोर्ट से न्युमोनिआ कन्फर्म हुआ . सिया बहुत ज्यादा नर्वस थी . तीन दिनों के बाद उसे जोर की खांसी हुई और सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी . सीने का दर्द भी बढ़ गया था . उसे स्ट्रोक हुआ और वह कोमा में चली गयी . इधर शिवम रोज दो बार अस्पताल से सिया की पूरी जानकारी लेता रहा . उसका काम अभी पूरा नहीं हुआ था और चार पांच दिन उसे रुकना था . पर जैसे ही उसने सिया के कोमा में जाने की बात सुनी वह

घबरा गया और अगले ही दिन वापस आना चाहता था . पर उसी रात से इंडिया में 21 दिनों का लॉकडाउन हो गया और सभी फ्लाइट्स बंद हो गयीं .


इधर अस्पताल में रूटीन चेक और ड्रेस चेंज के दौरान नर्स ने देखा कि सिया लेबर में थी . बच्चे के सिर के कुछ बाल बाहर दिख रहे थे . ख़ुशी की बात यह थी कि बेहोशी की हालत में ही सिया की नार्मल डिलिवरी हुई . उसका बच्चा समय से कोई छः सप्ताह पहले हुआ . शिवम ने जब उसका हाल पूछा तो ड्यूटी डॉक्टर ने कहा “ मुबारक हो सर . आपको बेटा हुआ है . प्रीमी है , कुछ वीक है पर आप चिंता न करें बच्चा ठीक हो जायेगा . हम उम्मीद करते हैं कि सिया भी जल्द कोमा से बाहर आ जाएगी , पर अभी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है . “


दो सप्ताह के बाद शिवम भारत से वापस अमेरिका लौटा . अमेरिकी सरकार ने वहां फंसे हुए अमेरिकी नागरिकों और निवासियों को वापस लाने के लिए विशेष प्लेन भेजा था . शिवम ने न्यूयॉर्क से अपनी बड़ी बहन को शिकागो बुला लिया . दोनों अस्पताल में डॉक्टर से मिले तो उसने कहा “ आपका बच्चा धीरे धीरे ठीक हो रहा है . अभी वह माँ का दूध नहीं सक कर सकता है इसलिए हम उसे ट्यूब से दूध दे रहे हैं और थोड़ा बहुत ऑक्सीजन भी उसे देते रहते हैं . उम्मीद है वह जल्द ही ठीक हो जायेगा . आप जा कर सिया से मिल सकते हैं . “


“ अस्पताल आने के बाद से अभी तक का सिया के बारे में सब डिटेल्स मैं जानना चाहता हूँ . “


“ पूरी डिटेल्स आपको डिस्चार्ज रिपोर्ट फाइल के साथ मिल जाएगी . वैसे मुझसे ज्यादा ड्यूटी नर्स पल पल की उसकी खबर अपने मॉनिटर पर देखती रहती है . आप उस से भी बात कर सकते हैं . “


शिवम अपनी बहन के साथ सिया की केबिन में गया . सिया की आँखें बंद थीं , उसके बेड के बगल में एक क्रिब में उसका बेटा सोया था . उसने नर्स से पूछा यह सब कैसे हुआ .


नर्स बोली “ सर , आपकी वाइफ को सीवियर न्युमोनिआ के दौरान ही स्ट्रोक हुआ और वे कोमा में चली गयीं . उनका बॉडी भी फूल गया था . इनकी रिंग को काट कर निकालना पड़ा . एक दिन जब इनके ड्रेस चेंज कर रही थी तो मैंने अचानक देखा कि ये लेबर में हैं . “


“ जब सिया कोमा में थी तो लेबर में कैसे गयी और वो भी इतनी जल्दी . “


“ मुझे भी आश्चर्य हुआ पर ऐसे अनेक केस पहले भी हुए हैं . फिर हमलोगों ने इनकी डिलीवरी करायी . भाग्य से नॉर्मल डिलीवरी भी हुई वरना ऐसे केसेज में तो सीजीरियन करना पड़ता है . “


तभी शिवम ने प्यार से सिया का सर सहलाया तो सिया ने आँखें खोल दीं और वह कुछ देर खामोश देखती रही . फिर उसने आँखें बंद कर लीं . “


शिवम ख़ुशी से बोल उठा “ इसे होश आ गया , नर्स . “


“ नो सर , जब इन्हें कोई छूता है तब इनकी आँखें बीच बीच में कुछ पल के लिए खुलती हैं . पर इनका ब्रेन अभी भी सुप्तावस्था में है . हमलोगों को उम्मीद है कि ये जल्द ही ठीक हो कर यहां से घर जाएँगी . “


इसी बीच वहां डॉक्टर भी आयी उसने भी सिया को टच किया तो कुछ पल के लिए उसने आँखें खोलीं फिर बंद कर लिया . डॉक्टर ने उसका एक हाथ उठाया पर उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं थी .


शिवम बोला “ हमलोग कब तक इसके ठीक होने की उम्मीद कर सकते हैं ? “


“ टू बी फ्रैंक , नॉर्मली जिन्हें रिकवर करना होता है वह छः सप्ताह में कोमा से बाहर आ जाते हैं . आप धैर्य रखिये अभी तो तीन सप्ताह ही हुए हैं . अभी लाइट , साउंड या टच की इन पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं हो रही है . “


शिवम की दीदी ही दिन भर अस्पताल में रहती और रात को शिवम स्वयं रहता था . एक सप्ताह के बाद शिवम ने देखा कि सिया ने अपना एक हाथ और एक पैर कुछ पल के लिए हिलाया . ऐसा उसने तीन चार बार देखा तो नर्स को बुला कर दिखाया . वह बोली “ दिस इज वेरी पॉजिटिव साईन . “


सुबह में डॉक्टर के सामने भी सिया ने हाथ पैर हिलाये . डॉक्टर ने उसके कान के पास सेल फोन से अलार्म बजाया तो उसने आँखें खोल कर बंद कर ली . डॉक्टर ने कहा “ वेरी गुड रिस्पॉन्स . हम जल्द ही अच्छी खबर की उम्मीद करते हैं . आपका बच्चा भी ठीक हो रहा है . “


अगले दो सप्ताह में सिया की हालत में काफी सुधार आया . धीरे धीरे लाइट , साउंड और स्पर्श पर उसकी प्रतिक्रिया होती . किसी के आने जाने पर आँखें उस दिशा में उसका पीछा करतीं . रह रह कर हाथ पैर मोड़ती और सीधा करती , पर अभी किसी की बात का रिस्पॉन्स न के बराबर था . उसके बेटे की ओर इशारा कर सभी कहते कि यह तुम्हारा बेटा है तो समझ नहीं पाती .धीरे धीरे उसका रिस्पॉन्स दिन पर दिन बढ़ रहा था . कुछ बातें वह समझने लगी थी . बोल कर या इशारे से उसे ऊँगली पकड़ने या छोड़ने को कहने पर वह वैसा करती . वह शिवम को पहचानने लगी थी पर प्रेग्नेंसी की बात उसे याद नहीं थी .


कुछ दिनों के बाद शिवम ने बेटे को दिखा कर कहा “ देखो हमारा बेटा . बिलकुल तुम पर गया है . है न ? “


वह बोली “ क्या बोल रहे रहे हो ? मैं प्रेग्नेंट कब हुई ? “


डॉक्टर की सलाह के अनुसार धीरे धीरे उसे पुरानी बातें याद दिलाने की कोशिश हो रही थी . शिवम ने उसके फोटो दिखाए जिसमें उसका बेबी बम्प साफ़ दिखता था . उसके बेबी शावर की विडियो दिखाई . नर्स ने भी उसके ट्रीटमेंट और डिलीवरी की रिकॉर्डिंग दिखाई , उसके फेफड़ों से पानी निकालने की विडिओ दिखाई . ये सब देखने के बाद धीरे धीरे सिया की याददाश्त लौटने लगी .


करीब एक महीने बाद उसके बेटे को उसकी गोद में दिया गया . पहले तो उसे संकोच हुआ और बोली “ यह हमारा ही बच्चा है न ? “

“ अभी भी तुमको शक है ? “ शिवम ने कहा


डॉक्टर भी वहीँ खड़ी थी , वह बोली “ कुछ दिनों तक सिया को बच्चे से वैसा अटैचमेंट नहीं होगा जैसा एक माँ को होना चाहिए . कोमा से उबरने के बाद ऐसा होता है . अभी तीन चार दिन और रखूंगी अस्पताल में . अगले सप्ताह आप सिया और बच्चे दोनों को घर ले जा सकते हैं . आपलोगों को बहुत सावधानी बरतनी होगी , अब अमेरिका में भी कोरोना के केसेज बढ़ रहे हैं . “


अगले सप्ताह सिया बेटे के साथ डिस्चार्ज हो कर घर आयी . शिवम ने इंडिया जाने के पहले ही करीब दो महीने के लिए पर्याप्त जरूरी ग्रोसरी और अन्य चीजें पहले से ही मंगवा लिया था . घर पहुँचने पर उसने सिया को कहा “ हमारा बेटा बहुत लकी है . मैं जिस काम से इंडिया गया था वह पूरा हो गया . कंपनी मुझे हजारों डॉलर्स रिवार्ड दे रही है . मैं समझ सकता हूँ मेरे एब्सेंस में मेरी बीबी और बेटे पर क्या बीती होगी . इस कोरोना को याद कर के सिहर उठता हूँ . अब तो इसने अमेरिका में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है और रोज बढ़ता ही जा रहा है . “


सिया बोली “ बेटे को कुछ भी याद न रहेगा . मुझे भी कुछ याद नहीं है पर कोरोना की एक मीठी याद दिल में हमेशा रहेगी . “


“ कोरोना और मीठी याद , यह तो हो नहीं सकता है . “


“ बहुत मीठी याद , मेरे बेटे ने मुझे लेबर पेन महसूस नहीं होने दिया . “ और बेटे को गोद में उठा कर चूमने लगी .


समाप्त


=================================================================



.