कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 17) Apoorva Singh द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 17)

इन सभी बातों में वो उन पांचो की कही हुई बात भूल जाती है कि तुम्हारे लिये भी कुछ सोचा है अर्पिता बस अब शाम तक इंतजार करना है...। अर्पिता कॉलेज से बाहर नही जा पाती है कि तभी उसके सामने कुछ और छात्र आकर खड़े हो जाते हैं।और उससे बेहद अभद्र तरीके से कहते हैं, “ हम सब ने सुना है कि आप जोड़िया बनवाती है हमारी भी किसी के साथ बनवा दीजिये” कह कर सभी चुप हो जाते हैं।उन सब की बात सुन कर अर्पिता उनसे कहती है और ये बात आप सब को उन पांचो ने कही होगी है न।

उससे क्या फर्क पड़ता है अर्पिता अब तुम इस तरह की लड़की हो तो कोई भी कहे सब सही होगा न।भला इतनी बड़ी बात तुम्हारे बारे में कोई यूं ही तो नही बोलेगा न्।और किसी को क्या पड़ी है ऐसा बोलने की।

ह्म्म बात तो सही है तुम्हारी लेकिन क्या है न हम ये काम यूं ही नही करते हैं। हमारा भी न एक स्टैंडर्ड है।तो अब हमारा दिमाग खराब न करो और यहाँ से चलते बनो। अभी हमे किसी और की जोड़ी बनवानी है।अर्पिता ने अपने गुस्से को रोकते हुए कहा।

अच्छा तुम जैसी लड़की का भी क्लास होता है क्या? उनमे से एक ने कहा।जो अर्पिता से बर्दास्त नही हुआ और उसने गुस्से में घूरते हुए उससे कहा, हम जैसी तो न इस कॉलेज में नही है और हाँ तुम लोग न अपनी जुबान और सोच दोनो को न डेटॉल से अच्छे से साफ कर लेना। काहे कि अर्पिता व्यास नाम है हमारा और जब हमारी जुबान खुलेगी न तो तुम लोगो की जुबान पर ताला लग जायेगा। और एक और बात उन पांचो की तरह हम बोलते नही है सीधा कर के दिखाते हैं।अर्पिता जानबूझ कर उन लोगो से ये शब्द कहती है जिससे वो लोग अर्पिता के इन तेवरो के बारे में जाकर उन पांचो को बताये और वो पांच गुस्से में श्रुति के पास जाये और श्रुति और सात्विक दोनो इस बात का लाभ उठाकर उनसे कुछ कहलवा पाये ।

आर्पिता सभी को घूरती है और वहाँ से बाहर चली जाती है बाहर जाकर वो सात्विक को फोन करती है और उन पांचो के मुखिया की सारी पर्सनल जानकारी लेती है।सात्विक से उसकी एक फोटो भी व्हाट्स एप करने को कहती है और फोन रख देती है।फोन रखने के बाद अर्पिता कुछ सोचते हुए मुस्कुराती है और वहाँ से फौरन ऑटो पकड़ कर निकल जाती है।

अर्पिता‌- बस बस आप यहीं ऑटो रोक दीजीये। ऑटो रोक दिया जाता है तो अर्पिता उससे नीचे उतर जाती है और हल्का सा मुस्कुराते हुए आगे कदम बढाती है।वो एक साइबर कैफे के बाहर खड़ी हो जाती है।अपना फोन चेक करती है जिसमे सात्विक के द्वारा भेजा गया फोटो होता है।

जरा सी बात का बतंगड़ बनाने का बहुत शौक है न अब देखो हम तुमसे कैसे सबके सामने माफी मंगवाते है।तुम्हारी नानी न तुम्हे याद दिला दी तो कहना।ब्राह्मणों की लड़की हूँ तो देवी सरस्वती का कुछ ज्यादा ही आशिर्वाद है हमारे ऊपर सोचते हुए अर्पिता कैफे के अंदर जाती है और वहाँ जाकर एक कम्प्यूटर इस्तेमाल करने की परमिशन लेती है।वो जाकर एक सिस्टम पर बैठ जाती है और उसे स्टार्ट कर उसमे अपनी कलाकारी दिखाने लगती है।कुछ मिनटो की मेहनत के बाद आखिर उसका काम हो ही जाता है वो अपने मोबाइल में खुद की बनाई गई फाइल लेती है और कम्पयूटर बंद कर पे कर उसके घर के लिये निकल जाती है।उसके घर पहुंचकर वो डोरबेल बजाती है। दरवाजा एक लड़की खोलती है जो उसकी बहन होती है।

अर्पिता – जी नमस्ते। हमारा नाम अर्पिता व्यास है हम आपके भाई के कॉलेज में पढते है और अच्छे वाले दोस्त है। हमें आपसे कुछ आवश्यक बात करनी है।क्या हम अंदर आ सकते हैं..?वो थोडा झिझकते हुए कहती है लेकिन आप यहाँ क्यू आई हैं।

अर्पिता ‌- अरे हम आपको बडी ही काम की बात बताने के लिये यहाँ आये हैं आप घबरा काहे रही है।

लेकिन मै आपको नही जानती हूँ भाई ने कभी भी आपके बारे में मुझे नही बताया।कि उनकी कोई अर्पिता नाम की दोस्त भी है।

अच्छा।आपके भाई ने फिर श्रुति मिश्रा के बारे में भी नही बताया होगा है न। और न ही आपकी भाभीजी के बारे में कुछ बताया है।सही कहा न हमने।अर्पिता ने अंदर आते हुए कहा आप अंदर कहाँ चली आयी और किसके बारे में बात कर रही है। मेरे भाई का तो अब तक विवाहही नही हुआ है तो फिर आप कैसे कह रही है कि मेरे भाई का विवाह हो चुका है? बोलिये ? एक तो आप जबर्दस्ती मेरे घर में घुस आई और फिर मेरे भाई के बारे में ऐसी वैसी बातें कर रही है।

हैं.... मतलब आपको सच में कुछ नही पता। अरे हमे आज ही पता चला हमारे पास अभी अभी कुछ देर पहले ही तो ये फोटो आई है।हम इधर से गुजर रहे थे ये फोटो देखा तो हैरान रह गये।हैरान होने वाली बात ही है न भला अपनी शादी वाली बात हमें यानी अपनी सबसे प्यारी और खास दोस्त को नही बताई।खास शब्द पर अर्पिता ने ज्यादा जोर देकर कहा।और दूसरी तरफ मुहं कर हाथ रख हंसने लगती है।और जताती ऐसे है जैसे आंखो में आंसू आ गये।

आप काहे झूठ बोल रही है।और किस फोटो की बात कर रही है जरा दिखाओ मुझे।दिखाओ? लीडर की बहन ने कहा।वो अर्पिता के पास आ जाती है और अपना हाथ आगे बढा कर कहती है दिखाओ..।

हाँ रुको निकाल तो ले पहले कहते हुए अर्पिता फोन उठाती है और उसमे गैलरी निकालती है लेकिन उसे देने से पहले उसकी दो कॉपी श्रुति और सात्विक को व्हाटस कर देती है।साथ ही साथ उसे बैक अप में एड कर देती है जिससे कि अगर वो उसे डिलीट भी करे तो उसके पास कुछ प्रतियां बनी रहे और दुसरी बात उसे यकीन भी हो जायेगा कि ये फोटो असली है। अर्पिता अपना फोन उसे दे देती है वो लड़की जब उस फोटो को देखती है तो चौंक जाती है। वो अर्पिता से पूछती है ये कब हुआ।

अर्पिता- अभी कुछ ही देर पहले ही तो हुआ है ये देखो कोर्ट मे शादी की है वही का तो फोटो है।तभी तो हम यहाँ आये है आपके भाई से शादी का लड्डू खाने की खुशी मे पार्टी लेने के लिये। लेकिन लगता है कि आपके भाई यहाँ मौजूद ही नही है।यानी अब तक घर नही आये है।

हाँ और अब जब आयेंगे न तब मै मां बाबुजी सभी मिल कर उनकी क्लास लेंगे।उनकी इतनी हिम्मत कि उन्होने इतना बड़ा कदम उठा लिया और हम में से किसी को बताया भी नही। माना कि वो हमेशा अपने मन की करते है थोड़ा ज्यादा गुस्सा करते हैं हम सब उन्हे कुछ नही कहते लेकिन अब तो हद ही हो गयी मै अभी मां बाबूजी को फोन कर उन्हे सच बताती हूँ।अब वो ही खबर लेंगे भैया की।

उधर प्रशांत जी ऑफिस के काम से फ्री हो कर अपने फोन में ऑडियो गजल सुन रहे होते है तभी एक गजल के बीच में उनके फोन की रिकॉर्डिंग चलने लगती है।जो कल श्रुति से बात करते समय की होती है।वो ऑडियो समय देखते है जो करीब बीस मिनट का होता है जिसे देख वो चौंक जाते है और खुद से कहते है कि मैंने बात तो महज सात मिनट की थी फिर ये बीस मिनट की ऑडियो कैसे? सुनता हू क्या क्या रिकॉर्ड हुआ है।कहते हुए प्रशांत जी वो क्लिप चलने देते है।

हे बेबी आज तो तुम अकेले मिल ही गयी हमें। है तुम लोग कतई बेशर्म हो इतना कुछ सुनने के बाद भी कुछ नया सुनने के लिये चले आते हो। उस दिन वाला सबक बड़ी जल्दी भूल गये।श्रुति ने एक ही सांस में कहा। जी हम लोग सबक तो भूल गये और अब बहुत जल्द तुम भी खुद को भूल ही जाओगी हमारा किया हुआ कारनामा देखोगी। बहुत अकड़ है न तुममे और तुम्हारी उस दोस्त क्या नाम है उसका गाइज अर्पिता..अर्पिता नाम है उस तीखी छुरी का।.......प्रशांत जी पूरी ऑडियो सुन लेते हैं।श्रुति ... मेरी प्यारी बहन .. उसकेसाथ कोई बदतमीजी करे ये प्रशांत को बर्दाश्त नही।उस पर अर्पिता के बारे में भी गलत शब्दो का इस्तेमाल किया है।न भाई ये भी बर्दाश्त नही है मुझे।प्रशांत जी अपनी बाइक की चाबी उठाते है और मोबाइल को अपनी पॉकेट में रखते हैं और वहाँ से श्रुति के कॉलेज के लिये निकल जाते हैं।

उधर कॉलेज में वो सभी छात्र इकठ्ठे होकर उन पांचो को ढूंढते हुए उनके पास जाते है और उनसे कहते हैं

देख भाई तेरी बात पर भरोसा कर हमने अर्पिता से जोड़ी बनवाने के लिये कहा लेकिन वो तो हमारी ही बेइज्जती कर के चली गयी। कहती है कि वो ऐसे वैसे की जोड़िया नही बनवाती है।इसके लिये भी क्लास देखती है।कह सभी चुप हो गये।

... इतना सब जानने के बाद भी उसकी इतनी हिम्मत अभी भी बनी हुई है ये बात तो काबिले तारीफ है।भाई कुछ तो बात है उसमें।अब उसे कंट्रोल में लाने के लिये कुछ और सोचना पड़ेगा तब तक उसकी प्रिय सहेली श्रुति से निपटते हैं।अभी के लिये तो वही उसे काबू में करने का अचूक अस्त्र है।कह वो पांचो श्रुति के पास पहुंचते है और उसे फिर से परेशान करने लगते हैं।लेकिन इस बार अर्पिता पहले से ही दोनो को समझा चुकी होती है कि उन्हे क्या करना है..।इसीलिये वो भी पहले से ही तैयार होते हैं।

क्या बात है मेरे समझाने का कुछ खास असर नही हुआ है।हाँ तभी तो तुम्हारी सहेली वो तीखी छुरी अर्पिता ने अपनी जुबान खोलने की हिम्मत की है।अब जब जबान खोली है तो फिर उसकी सजा अब तुम भुगतोगी।

ये बात सुन कर श्रुति सकपका जाती है वो सात्विक की ओर देखती है तो सात्विक उसका हाथ थाम लेता है और हौले से कहता है हिम्म्ता करना है डरना नही है।अर्पिता हाँ में गरदन हिलाती है और धीरे धीरे उनसे कहती है क,,किस बात ... की सजा।मैने क्या किया है जो सजा मै भुगतू..? पहले मेरी गलती तो बताइये।

श्रुति की हिम्मत देख वो कहता है इसे कहते हैं रस्सी जल गयी पर बल नही गया।मतलब तुम लोगो को कोई फर्क नही पडता है न तो अब मै और नही रुकुंगा। मैंने तो पहले ही कहा था कि अगर मेरी बात नही मानी तो फिर सजा भी भुगतनी पड़ेगी।जस्ट वेट एंड वाच। कहते हुए वो अपना फोन निकालता और उसमें कुछ तीन पांच करने लगता है।उसकी हरकते देख श्रुति डर जाती है।वो सात्विक की ओर देखती है तो सात्विक अपना हाथ उपर कर उसे शांत रहने को कहता है और सोचता है इन सभी से लड़ने मे समझदारी नही है बेहतरी इसी में है कि अभी ये फोन लेकर यहाँ से निकला जाये जिससे इनका टाइम वेस्ट हो सके और अर्पिता कोई आइडिया ले यहाँ पहुंच जाये। सात्विक एक कदम आगे बढाता है और उस लड़के के हाथ से उसका फोन छीन लेता है और वहाँ से नौ दो ग्यारह हो जाता है।

अबे रुक कहाँ भागे जा रहे हो.. .... कहते हुए वो पांचो भी उसके पीछे दौड़ जाते हैं।उन सभी को वहाँ से भागा हुआ देख श्रुति राहत की सांस लेती है।लेकिन सात्विक के पीछे उन सभी को देख खुद भी दौड़ जाती है।

उधर अर्पिता जो लीडर की बहन से बातचीत कर रही है उसकी बात सुन वो उससे कहती है ... देखो आपको जो कहना है वो अपने माता पिता से अवश्य कहिये लेकिन उससे पहले हमारी बात सुनिये..?

अब और भी कोई राज खोलना बाकि है क्या भाई का।अगर बाकि हो तो प्लीज बताइये...।न जाने क्या क्या कांड किये बैठे हैं भाई।

तो खा गयी न आप भी धोखा।अर्पिता ने गम्भीर लहजे में उस लड़की से कहा।

क्या मतलब ? मै समझी नही।

हम आपको पूरी बात बताते है बस आप हमारी बात सुन कर उसे समझने की कोशिश करना।कह अर्पिता अपने मोबाइल में फोटो निकालकर उस लड़की के सामने कर देती है।

अब ये मुझे दोबारा काहे दिखा रही हो अभी कुछ देर पहले ही तो देखा मैंने। उस लड़की ने कहा। उसके चेहरे पर अस्मंजस के भाव आ जाते है।

अर्पिता‌‌- ये तसवीर नकली है मै अभी अभी इसे बना कर ला रही हूँ।कह अर्पिता चुप हो गयी है।

क्या...? लेकिन क्यूं? और अभी अभी तो आप कह रही थी कि मेरे भाई ने शादी कर ली है।और अभी आप कहा रही है कि ये फोटो झूठी है।मुझे कुछ समझ ही नही आ रहा है आप क्या करना चाह रही है..? उस लड़की ने कहा।

जी हम समझाते हैं आपको कि हमने ऐसा किया क्यूं? आपने ये तस्वीर देखी न जिसे देख आपको एक पल में यकीन हो गया कि आपके भाई ने इतना बड़ा कदम उठा कैसे लिया।तो अब आप इस तस्वीर को देखिये ये मेरी बहन श्रुति की तसवीर है जिसके साथ छेड़छाड़ कर उसे ब्लैकमेल कर रहा है आपका भाई।

ये आप क्या कह रही है मै देखती हूं..? कहते हुए वो लड़की उस तसवीर को देखती है तो अपनी नजरे फेर लेती है।जिसे देख अर्पिता कहती है आप इस तसवीर को नजर भर देख नही पाई और वहाँ आपके भाई श्रुति को ये फोटो वायरल करने की धमकी दे रहे हैं।अब आप खुद सोचिये.. नकली फोटो ये भी है।लेकिन कोई मानेगा क्या..? इस बात को।

नही आप झुठ कह रही है मेरे भाई ऐसा नही कर सकते वो लड़्कियो की और महिलाओ की इज्जत करते हैं और आप कह रही है कि उन्होने ऐसा किया है..आपसे ज्यादा मै अपने भाई को जानती हूँ। हाँ आपकी शादी वालीबात मै मान सकती हूँ काहे कि वो अपनी पसंद से शादी तो कर सकते है लेकिन ऐसा काम नही कर सकते और अगर करेंगे भी न तो किसी को वायरल कर दूंगा ऐसा कह ब्लैक मेल नही कर सकते आप झूठ कह रही हैं...

उसकी बात सुन अर्पिता मन सी मन सोचती है सही ही तो एक बहन कभी अपने भाई के बारे में ऐसी बाते सच नही मानेगी....

क्रमश:......