आलेख - दुनिया में शादी की कुछ विचित्र रस्में
पूरे विश्व में शादी को एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक और पारिवारिक उत्सव माना जाता है . शादी व्यक्ति के जीवन का एक माइलस्टोन है . प्रायः सभी जगह शादी के दौरान कुछ विचित्र रस्में भी होती हैं , इनमें कुछ हँसी मजाक के लिए जिनमें आनंद मिलता है तो कुछ कष्टदायी भी हो सकती हैं . शुरुआत अपने ही देश से करते हैं -
भारत
दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में अभी भी मामा और भगिनी की शादी को वरीयता दी जाती है . इसका मुख्य कारण जमीन जायदाद कहा जाता है . हालांकि इसके चलते होने वाले बच्चे को जेनेटिक बीमारी की संभावना रहती है .
भारत के अनेक भागों में एक प्रथा है - वधु के पिता वर के पैर धोते हैं . कहीं खुद लड़की को ही दूल्हे का पैर धोना पड़ता है तो कहीं साली भी धोती है . गुजरात में कहीं भावी ससुर को दामाद के पैर दूध और मधु से धोना होता है .
एक पुरानी प्रथा के अनुसार उत्तरपूर्व के कुछ भाग में कुछ विशेष जनजातियों की महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा महत्त्व प्राप्त है - वे एक से ज्यादा शादी कर सकती हैं और पुरुष को ससुराल में रख सकती हैं . इसी तरह हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड और दक्षिण के कुछ समाज में एक से ज्यादा पति ( जो अक्सर पति का भाई होता है ) रखने की पुरानी प्रथा देखने को मिल सकती है . उत्तर पूर्व के ही एक जनजाति में विवाह बहुत साधारण तरीके से मनाया जाता है - वर वधू एक दूसरे को माला पहनाते हैं और उसके बाद एक भोज आयोजित किया जाता है .
छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी जनजाति समाज में ममेरे फुफेरे भाई बहन की शादी कराई जाती है . ऐसा नहीं करने पर उन पर जुर्माना लगाया जाता है .
राजस्थान में एक जनजाति में शादी के पहले ही लड़का और लड़की को एक साथ रखा जाता है और उन्हें बच्चा पैदा करना होता है . बच्चा नहीं पैदा करने की स्थिति में यह रिश्ता मान्य नहीं समझा जाता है .
कुत्ते या पीपल के पेड़ से शादी - कुछ जगहों पर अगर लड़की मांगलिक है तो उसकी शादी पहले किसी कुत्ते या पीपल के पेड़ से की जाती है . लोगों का मानना है कि ऐसा करने से मंगल के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है वरना पति की मौत की संभावना होती है .
बंगाल में अक्सर लड़की की शादी की रस्में उसकी माँ नहीं देख सकती है और कहीं वर वधू दोनों की माताएं भी नहीं देख सकती हैं .
सूडान - अफ़्रीकी देश सूडान की एक जनजाति में शादी के बाद बहू को दो बच्चे पैदा करना पड़ता है , ऐसा नहीं होने पर पति चाहे तो पत्नी को तलाक दे सकता है .
वहीँ अफ्रीका के अन्य भाग की एक जनजाति में वर वधू के हनीमून में उनकी माता या अन्य वरिष्ठ महिला भी जाती है ताकि उन्हें समझा सकें कि सुहाग रात कैसे मनाना चाहिए .
चीन
चीन के कुछ हिस्सों में शादी के चार सप्ताह पहले से लड़की को एक घंटे रोज रोने की प्रथा है . तीन सप्ताह पहले उसकी माँ , दो सप्ताह पहले उसकी दादी ,और अंतिम सप्ताह में उसकी बहनों को ऐसा ही करना पड़ता है .
चीन में ही एक और प्रथा है कि शादी के समय लड़का लड़की पर तीन बार तीर से वार करता है . इसके बाद लड़का तीरों को चुन कर उन्हें दो भागों में तोड़ देता है . पर तीर ऐसे होते हैं जिनसे लड़की को कोई ख़तरा न हो और यह प्रतीकात्मक होते हैं .
मॉरीशस
अक्सर लड़कियां शादी के पहले डायटिंग कर स्लिम दिखने की कोशिश करती हैं . पर इसके ठीक विपरीत मॉरीशस में लड़कियों को शादी के पूर्व खा पी कर गोलमटोल होने को कहा जाता है . माना जाता है कि इससे संपत्ति में वृद्धि होगी और ऐसी लड़कियां ज्यादा सेक्सी होती हैं .
फिजी
फिजी में लड़के को अपने होने वाले ससुर को व्हेल की एक दांत , जिसे यहाँ तबुआ कहा जाता है , गिफ्ट करने की प्रथा है . इसे शुभ माना जाता है . फिर यही दांत वह अपने बेटे को देता है जिससे वह अपनी होने वाली पत्नी को प्रपोज करता है .
रूस
रूस में जब लड़का शादी के लिए लड़की के घर आता है तो लड़की वाले उसे एक लिस्ट देते हैं . इस लिस्ट में जो काम लिखे हैं उन्हें लड़के को पूरा करना पड़ता है . ऐसा नहीं करने पर उन्हें एक रकम देनी होती है जिससे
वह अपनी होने वाली पत्नी को पा सके .अगर यह रकम कम हुई तो उसे एक वैकल्पिक लड़की दी जाती है . यह लड़की अक्सर लड़की की शादी की पोषाक में कोई लड़का होता है . जब वह ज्यादा रकम देता है तभी उसे अपनी भावी पत्नी मिलती है .
ब्रिटेन
यहाँ वेडिंग केक की तहों में रिबन में अंगूठी छिपी रहती हैं . इस केक को काटने के पहले वहां उपस्थित कुंवारी लड़कियों को एक एक रिबन खींचने को कहा जाता है . कहा जाता है कि जिस लड़की की रिबन में अंगूठी मिलती है , अगली शादी उसी लड़की की होगी .
फ्रांस
फ्रांस में एक प्रथा है चिरावरी , जिसमें शादी के बाद वर वधू के मित्र और रिश्तेदार उनके घर के बाहर जमा हो कर पैंस आदि ( pots and pans ) पीट कर शोर मचाते हैं और युगल जोड़ी को बाहर आकर लोगों को स्नैक्स और मदिरा से स्वागत करना होता है .
जापान
जापान में शादी से पहले एक पारंपारिक प्रथा “ शिंटो “ है , जिसमें सिर्फ परिवार के सदस्य हिस्सा लेते हैं . इस रस्म में लड़की को सर से लेकर नख तक सफ़ेद ड्रेस पहनना पड़ता है . इसमें उसके सभी मेक अप के रंग , सर के हुड या टोपी और विशेष जापानी ड्रेस कीमोनो सभी के रंग सफ़ेद होने चाहिए . माना जाता है कि यह उनकी पवित्रता की निशानी है और उसके सर पर का हुड लड़की के “ हॉर्न्स ऑफ़ जेलसी “ को छिपाने के लिए है ताकि सास के प्रति उसकी भावना छिपी रहे .
कोरिया - साउथ कोरिया में कुछ जगहों पर सुहाग रात के पहले वर के तलवे पर मृत मछली और बांस की छड़ी से पीटा जाता है .
जर्मनी
वैसे तो जर्मन बहुत सभ्य , अनुशासित और सफाई पसंद होते हैं . शादी के एक दिन या एक सप्ताह पहले वर वधू के मित्रों को एकत्रित होने को कहा जाता है . फिर उनसे प्लेटों को जमीन पर पटक कर तोड़ने को कहा जाता है और तब वर वधू को उन्हें साफ़ करना होता है . मान्यता है कि इससे शादी के बाद उन्हें मिलजुल कर सब घरेलु काम करने की आदत पड़ेगी .
इसी से मिलती जुलती एक और रस्म है . शादी के बाद शादी की पोषाक में वर वधू दोनों को मिल कर आरी से एक पेड़ के मोटे तने को काटना होता है . इस तने को उन दोनों के पिता पहले से भी आंशिक रूप से उसे काट कर रखते हैं , शेष भाग को वर वधू को काटना होता है .
संयुक्त राज्य अमेरिका
दक्षिण अमेरिका के कुछ भाग में शादी के एक माह पूर्व बोरबॉन ( मकई की शराब ) की बोतल को उल्टा कर विवाह स्थल पर गाड़ देते हैं . कहा जाता है कि ऐसा करने से शादी के दिन वर्षा नहीं होगी . फिर शादी के दिन वर वधू उसी बोतल को निकाल कर शराब को मित्रों और रिश्तेदारों के साथ मिल कर पीते हैं .
घोस्ट मैरेज यानि भूतहा शादी - घोस्ट मैरेज यानि भूतहा शादी , यह वैसी शादी है जो मरणोपरांत की जाती है . चीन में प्राचीन प्रथानुसार अविवाहित मृत लड़के और अविवाहित मृत लड़की की शादी मरणोपरांत कराई जाती थी . लोगों का मानना है कि ऐसा नहीं करने से मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलती है . ऐसा करने के लिए कभी लाश की बोली लगा कर ऊंचे दाम में ख़रीदा जाता है . इसके लिए कभी कब्रिस्तान से शव चोरी भी किया जाता है . ऐसा अक्सर अविवाहित मृत लड़के के लिए मृत लड़की खोज कर दोनों की शादी कराने के लिए होता है . सरकार ने इस शादी को गैर कानूनी करार किया है फिर भी 3000 वर्ष इस पुरानी परंपरा को अभी भी चीन के दूर ददराज ग्रामीण इलाके में यदा कदा देखा जाता है .
चीन के अतिरिक्त नाइजीरिया , सूडान आदि देशों में की कुछ जनजातियों में भी यह प्रथा प्रचलित थी . इसमें वर या वधू दोनों या किसी एक की मौत हो चुकी हो तब उसकी शादी किसी मृत से कराई जाती थी . कदाचित इसे कानूनी मान्यता भी प्राप्त थी . कुछ समय पूर्व कहा जाता है कि फ्रांस , जर्मनी और अमेरिका के कुछ क्षेत्र में भी ऐसी कुछ शादियां देखने में आयी थीं . कहीं जीवित विधवा या विधुर को भी मृत से शादी की मंजूरी रही है .
दक्षिण भारत की एक जनजाति में भी घोस्ट मैरेज प्रथा रही है पर यहाँ मृतक के पुतलों की शादी होती है , शव से नहीं .
नोट -भिन्न भिन्न देशों ऐसी हजारों रस्में हैं , सबका उल्लेख करना संभव नहीं होगा .