मिस्ड कॉल Sunita Agarwal द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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मिस्ड कॉल

आभा अपने पिता की लाडली दो भाइयों की बहिन
थी ।उसके एक गलत कदम ने उसे कहाँ से कहाँ पंहुचा दिया था।काश उसने भावनाओं में बहकर गलत कदम न
उठाया होता तो आज वो भी किसी घर की रौनक होती।
यूँ नारी निकेतन में न पड़ी होती ।आभा अतीत की यादों में
खो गई थी ।एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई कहानी का अंत
इस प्रकार होगा उसने सोचा भी नहीं था।बात उस समय की
है जब वह स्नातक की द्वितीय बर्ष की छात्रा थी ।कैसे उस रात उसके मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई उसने रॉंग नंबर
कह कर कॉल काटनी चाही लेकिन ऐसा कर नहीं पाई।कॉल करने वाले की बातों में ऐसा कुछ था कि वह चाह कर भी उसकी कॉल न काट सकी ।
वह चुपचाप उसकी बात सुनती रही थी।फिर तो यह रोज
का नियम बन गया था अब उसे भी उस कॉल का आना अ
अच्छा लगने लगा था ।धीरे धीरे वह उस सख्स की
लच्छेदार बातों में फँसती चली गई थी।वह शायराना अंदाज उसका ये कहना कि जब आवाज इतनी प्यारी है तो वो खुद कितनी प्यारी होगी उसे अच्छा लगता ।और कब ये दोस्ती प्रेम में बदल गई उसे पता ही नहीं चला।दोनों देर रात तक बातें किया करते । साथ जीने मरने की कसमें खा लीं।इस अजय नाम के सख्स ने बताया कि वह एक मल्टी नेशनल कंपनी मेंकाम करता है।उसके कहने पर वह उसके शहर एक रेस्तरामें उससे मिलने भी आया।उसके प्यार में पूरी तरह पागलआभा को वह अपने सपनों का राजकुमार लगा ।उसकी हँसी उसकी सख्सियत आभा तो मानो हवा में उड़ने लगी थी।अब तो आभा हर समय उसके सपनों में खोई रहती घंटों मोबाइल से चिपकी रहती ।उसके इस परिवर्तन की वजह उसके घरवालों को पता लगी तो उस पर निगरानी रखी जाने लगी ।और उसकी माँ ने उसे फ़ोन पर बात करते रंगे हाथों पकड़ लिया तो घर में बहुत क्लेश हुआ और आनन फानन में उसकी शादी उसकी ममेरी बहिन के देवर के साथ तय कर दी।शादी का मुहूर्त भी एक महीने बाद का निकला।और उसकी शादी की तैयारियाँ भी शुरू हो गई।अब तो उसके होश उड़ गए वह किसी तरह ये बात अजय तक पहुचाना चाहती थी। पर उस पर कड़ी नजर रखी जाने लगी ।एक दिन जब उसकी माँ और पिता शादी की खरीदारी करने बाजार गए और भाई अपने स्कूल
उसने अजय को फ़ोन कर सारी बात बताई।और ये भी कहा
कि वह उसके बिना जी नहीं पाएगी।फिर क्या था अजय ने
उसे सब बता दिया कि कैसे कब उसे बिना बताए घर से आकर उसे मिलना है।शादी के कुछ ही दिन शेष थे शादी के
कार्ड बांटे जा रहे थे।तभी एक दिन अपनी सहेली को कार्ड देने के बहाने आभा अजय से मिलने पहुँची। वहाँ से वो दोनों ट्रैन पकड़ कर सीधे दूसरे शहर पहुंचे।वहाँ वो एक होटल में पहुँचे ।अजय ने बताया कि रात हमें यहीं बितानी
होगी कल मेरा मित्र शादी की सारी तैयारी कर लेगा फिर कल हम शादी कर लेंगें।आभा के पास अब विश्वास करने के अलावा कोई चारा नहीं था।वो होटल में एक ही कमरे में रुके रात को अजय ने आभा को जैसे ही अपने आग़ोश में
लिया आभा ने रोका शादी से पहले ये सब ठीक नहीं लेकिन अजय नहीं माना बोला शादी तो कल हो ही रही है न वह सारी रात उसकी अस्मत से खेलता रहा। फिर सुबह होने पर
वो लोग उस सख्स के घर पहुंचे जिसे अजय अपना दोस्त बता रहा था।उसने बताया कि शादी की सारी तैयारियाँ कर दी गयी हैं।आज शाम ही दोनों की शादी है।आभा इस बात से संतुष्ट हुई कि आज शादी हो जाएगी ।अजय बाजार से कुछ कपड़े बगैरह लाने की कहकर चला गया।आभा शाम
तक इंतजार करती रही पर अभय नहीं आया।रात में वही व्यक्ति आया जिसे अभय ने अपना दोस्त बताया था।बोला
अब वह नहीं आएगा।वह तुझे दस हजार नें तुझे बेच गया है। अब तुझे मेरे साथ ही रहना होगा ।तुम चिंता मत करो
में तुम्हें अच्छी तरह रखूँगा।सुनकर आभा के पैरों तले जमीन खिसक गई वह फ़ूट फ़ूट कर रोने लगी।यह क्या किया मैंने अपने हाथों अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली।अब वह कर भी क्या सकती थी।वह व्यक्ति भी कई दिनों तक
उसके शरीर के साथ खेलता रहा।फिर एक दिन उसने किसी से मोबाइल पर उसका सौदा करते सुना।उसका मन
किया आत्महत्या करले पर कैसे करती उसे कड़ी निगरानी में रखा जाता ।फिर एक दिन जब वह उसे बेचने ले जा रहा था वह किसी तरह भाग निकली और एक महिला की मदद
से पुलिस स्टेशन पहुँची। वहाँ उसके बताए गए नाम व नंबर फर्जी पाए गए।अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत लिख ली
गयी और उसे नारी निकेतन भेज दिया गया।