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वीजा बालाजी

कहानी - वीजा बालाजी

सुरेश हैदराबाद के निकट चिरकुल बालाजी मंदिर गया हुआ था .वह मंदिर की परिक्रमा कर रहा था , तभी पीछे से भीड़ ने एक धक्का दिया और वह आगे चल रही एक लड़की से टकरा गया .लड़की ने उलट कर जोर से फटकार लगाते हुए कहा

“ माइंड योर स्टेप्स .” और ठीक उसी समय उसके मुंह से आवाज आयी “ अरे सुरेश तुम , सॉरी तुम थे .मैंने नहीं देखा .”


“ विजया . अच्छा चलती रहो परिक्रमा हो जाने के बाद कहीं बैठ कर बातें करते हैं . “ सुरेश ने धीरे से बोल कर उसे चलते रहने का इशारा किया क्योंकि पीछे भीड़ खड़ी थी .


चिरकुल बालाजी हैदराबाद शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर ओस्मानसागर के किनारे स्थित वेंकटेश्वर बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर है . यह युवाओं के बीच ” वीजा बालाजी “ के नाम से मशहूर है . मान्यता है कि जिस किसी को अमेरिकन विजा मिलने में देरी हो रही है या कोई बाधा हो , यहाँ परिक्रमा करने के बाद उसे वीजा मिल जाता है . खास कर युवाओं का ड्रीम डेस्टिनेशन अमेरिका के वीजा लेने वालों की काफी भीड़ रहती है . और ज्यादार लोगों का कहना है कि उनकी मनोकामना पूरी भी हुई है . इस मंदिर की दूसरी खासियत यह है कि यहाँ कोई हुंडी या नगद पैसा देने की व्यवस्था नहीं है न ही कोई V . I . P . दर्शन की व्यवस्था है , सभी के लिए एक ही लाइन है .

सुरेश तो बस मंदिर की तीन परिक्रमा लगा कर एक किनारे खड़ा हो कर विजया का इन्तजार करने लगा . विजया प्रत्येक परिक्रमा के बाद एक नज़र सुरेश पर डालती फिर थोड़ा मुस्कुरा कर दूसरी परिक्रमा के लिए बढ़ जाती . सुरेश और विजया दोनों ने आंध्र प्रदेश के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से दो साल पहले एक ही साथ बी . टेक. किया था और अब वे अमेरिका जाने का स्वपन देख रहे थे .सुरेश रजक बनारस का रहने वाला था जबकि विजयलक्ष्मी आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली थी .कॉलेज में उसे सभी विजया बुलाते थे .


थोड़ी देर में विजया आई तब सुरेश बोला “ चलो बाहर किसी जगह बैठ कर कुछ चाय नाश्ता करते हैं और वहीँ थोड़ा गपशप भी हो जायेगा . “


दोनों एक जगह बैठ कर डोसा का आर्डर देकर बाते करने लगे . सुरेश बोला “ बोलो दो साल कहाँ रही ? फोन नंबर तो नहीं था पर ईमेल तो कर सकती थी . “


विजया बोली “ क्या बोलती , अभी तक कोई ढंग का काम नहीं नहीं मिला है , समझो बस टाइम पास जॉब कर रही हूँ . एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने मेरे लिए अमेरिका का H 1 B वीजा के लिए अप्लाई किया है . काफी दिन हो गए अभी एप्रूवल का वेट कर रही हूँ . अब तुम अपनी बताओ . “


तब तक डोसा आ चुका था . दोनों ने खाना शुरू किया . सुरेश बोला “ क्या बताऊँ , अपना भी वही हाल है . समझो तो यहीं हैदराबाद के एक कॉल सेंटर में ही हूँ और मैं भी H 1 वीजा का वेट कर रहा हूँ . “


डोसा ख़त्म कर उसने दो कॉफ़ी का आर्डर दिया .विजया बोली “ मैंने इस मंदिर का बहुत नाम सुना है . लोगों ने कहा ग्यारह परिक्रमा लगा कर मन्नत मांगो वीजा जरूर मिलेगा . पर वीजा मिलने के बाद लोग बोलते हैं 108 परिक्रमा करनी होगी . तुमने कितनी परिक्रमा की है ? “


तब तक लड़का कॉफ़ी रख गया . कॉफ़ी की एक घूँट पीते हुए वह बोला “ मुझे तो इन सब बातों पर विश्वास नहीं है , पर यार लोगों ने कहा कि एक बार चिरकुल बालाजी जाओ , वीजा की गारंटी है .पर हमने तो सिर्फ तीन बार ही परिक्रमा की है . देखते हैं क्या होता है . “


नाश्ता कॉफ़ी के बाद थोड़ी दूर आगे आये तो उन्होंने देखा कि बहुत सारे ताजे फलों के ठेले और खोमचे लगे

हैं . विजया बोली “ ये सब फल वाले यहीं के लोकल बाग़ से ताजे फल लाते हैं ,हैदराबाद शहर की तुलना में यहाँ काफी सस्ता भी होता है . “


दोनों ने बैर , आम और अमरूद खरीदे . विजया बोली “ मैं तो माधापुर में एक पी जी में रहती हूँ और तुम . “


“ मैं गॉचीबली में दो फ्रेंडस के साथ रहता हूँ . ठीक है अपना फोन नंबर देना और आगे से ईमेल या फोन पर कांटेक्ट में रहेंगे दोनों . मेरी ही टैक्सी में चलो तुम्हें पी जी ड्रॉप करता हुआ निकल जाऊँगा . “


दोनों टैक्सी में चल पड़े . रास्ते में बातें करते रहे . करीब आधे घंटे बाद विजया पी जी आने पर टैक्सी से उतर गयी और बोली “ ठीक है , फिर देखो कब मिलते हैं . सॉरी तुम्हें अंदर नहीं ले जा सकती हूँ , बॉय फ्रेंड्स नॉट अलाउड . “


“ चलो इसी बहाने मुझे अपना बॉयफ्रेंड तो माना . मैं तो कॉलेज में तुम्हारे करीब आना चाहता था पर तुम तो रमन्ना के चक्कर में पड़ी थी . “


“ मेरा मतलब किसी भी मेल फ्रेंड को नहीं आने देते यहाँ . “


“ तो रमन्ना से कहाँ मिलती हो ? “


“ नाम मत लो उसका , वह 420 निकला . फ़्लर्ट कर रहा था . फिर कभी उसके बारे में बात करुँगी . अच्छा

बॉय . “


विजया अंदर चली गयी और सुरेश अपने फ्लैट में आ गया . इस घटना के करीब दो महीने के अंदर ही विजया ने सुरेश को फोन कर कहा “ मेरा वीजा एप्रूव हो गया है . जल्द ही अमेरिका जाना होगा . “


“ कॉंग्रेट्स ,अमेरिका में कहाँ जा रही हो ? “


“ कैलिफ़ोर्निया के ऑकलैंड की एक आई टी कंपनी में . और तुम्हारा क्या प्रोग्रेस है ? “


“ मेरा भी वीजा एप्रूवल का ईमेल आज ही मिला है , पेपर्स भी एक सप्ताह में आ जाना चाहिए . “

“ मैंने कहा था न कि चिरकुल बालाजी दर्शन के बाद वीजा मिल जाता है , इसीलिए तो इसे लोग वीजा बालाजी भी कहते हैं . अब मुझे वहां जा कर 108 परिक्रमा करनी होगी . “


“ अरे वाह , मेरा काम तो सस्ते में तीन परिक्रमा में ही हो गया . इसीलिए मैं कहता था न कि जब वीजा आना होगा तभी आएगा , इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है . “


“ ठीक है , अपनी अपनी सोच और विश्वास की बात है . “


“ आज शाम ” इन ऑर्बिट मॉल “ में मिलते हैं . डिनर वहीँ करेंगे .”


“ सॉरी आज नहीं आ सकूँगी , बहुत काम है . “


इसके बाद एक सप्ताह तक दोनों में कोई बात नहीं हुई .अचानक विजया ने सुरेश को फोन कर कहा कि कल रात की फ्लाइट से वह अमेरिका जा रही है . सुरेश विजया से मिलने हैदराबाद एयरपोर्ट पर गया . चेक इन करने के बाद भी दोनों खड़े खड़े काफी देर तक बातें करते रहे . सुरेश ने कहा कि वह अमेरिका पहुँच कर अपना फोन नंबर बताएगी , तब तक ईमेल और व्हाट्सएप्प से जुडी रहेगी . तभी सिक्युरिटी चेक की घोषणा हुई और विजया बाय कर हाथ हिलाते हुए चल दी .


विजया एमिरेट्स की फ्लाइट से दुबई होते हुए सैनफ्रांसिस्को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंची . वहां से उसका एक क्लासफेलो उसे लेकर ऑकलैंड गया जहाँ विजया ने एक सिंगल रूम अपार्टमेंट पहले से ही ऑनलाइन बुक किया हुआ था . इसके एक महीने के अंदर ही सुरेश ने भी कैलिफ़ोर्निया के मॉउंटेनव्यू शहर के एक सॉफ्टवेयर कंपनी में ज्वाइन किया . अभी अमेरिका आने के बाद दोनों की मुलाकात नहीं हुई थी तभी अचानक एक दिन

मिलपिट्स के “ द ग्रेट मॉल “ में विजया का सामना रमन्ना से हुआ .


रमन्ना बोला “ क्या सुखद आश्चर्य है ? मैं तुमको याद ही कर रहा था . चलो कहीं बैठकर बात करते हैं . “


विजया बोली “ क्यों ? तुम्हारी गर्लफ्रेंड उमा नहीं आयी क्या ? उस से तुम्हारा मन भर गया है क्या ? “


“ तुम भी क्या बात कर रही हो . वो तो उमा ही मेरे पीछे पड़ी थी . परंतु प्यार तो मैं तुमसे करता हूँ . “


“ अब तो फ़्लर्ट करना बंद करो . तुम उससे फिजिकल रहे हो . उसने मुझे बताया है . “


“ गलत बोलती है वह . “


“ वह नहीं , तुम झूठे हो . अब आगे से मुझसे ऐसी बातें नहीं करना . “


“ मैं जानता हूँ , तुम्हारी केमिस्ट्री आजकल सुरेश के साथ ठीक चल रही है . “


“ सही सुना है तुमने , कोई प्रॉब्लम है तुम्हें ?

विजया इतना बोल कर वहां से चल पड़ी . एक समय जब वह हैदराबाद में थी और रमन्ना के करीब थी , उसके माता पिता ने उनकी शादी की बात चलायी थी . दोनों परिवार इस बात पर सहमत भी थे . दोनों एक ही प्रान्त और एक ही जाति के थे . पर उन दिनों रमन्ना उमा पर ज्यादा मेहरबान था क्योंकि वह देखने में विजया से सुन्दर भी थी और अमीर परिवार से थी . जब उमा को पता चला कि रमन्ना डबल क्रॉस कर रहा है, वह उसके साथ साथ विजया पर भी डोरे डाल रहा है तो उसने रमन्ना से शादी करने से इंकार कर दिया था . हालांकि विजया के माता पिता अभी भी रमन्ना के पक्ष में थे . उनका कहना था कि इस उम्र में लड़कों से भूल हो जाती है , पर विजया ने साफ़ मना कर दिया था . रमन्ना दोनों तरफ से ठुकराया जा चुका था .


इधर विजया और सुरेश अक्सर मिलने लगे थे . दोनों एक दूसरे को बेहतर जानने लगे थे . विजया ने उसे रमन्ना की बात बतायी .सुरेश बोला “ मुझे उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है .मेरी दिलचस्पी सिर्फ तुम में थी और अभी भी

है . लेट मी टेल यू फ्रैंक्ली , आई लव यू . “


“ ओ , रियली . “ विजया बोल कर हंस पड़ी थी “ अच्छा लगा कि रमन्ना की स्टोरी सुनकर भी तुम मुझसे प्यार करते हो . मुझे और क्या चाहिए . बिन मांगे ही मनचाहा मिल गया . “


सुरेश ने विजया का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा “ थैंक्स . “


कुछ ही दिनों के बाद सुरेश ने विजया को फोन किया “ क्या हमलोग फ्रीमॉन्ट के “ बावर्ची “ रेस्टॉरेन्ट में डिनर पर मिल सकते हैं ? तुमसे मिले कुछ दिन हो गए हैं . “


“हाँ , कल शनिवार का डिनर वहीँ करते हैं . “


शनिवार को विजया और सुरेश दोनों “ बावर्ची “ रेस्टोरेंट में मिले . उन्होंने वेजिटेबल बिरियानी का एक फैमिली प्लेट आर्डर किया . साथ में कुछ स्टार्टर और लाइम जूस भी मंगाया था . जूस सिप करते हुए सुरेश बोला “ मेरे माता पिता आये हुए हैं . कल रविवार को लंच पर मेरे घर आ सकती हो ? “


“ नो प्रॉब्लम , फ्री लंच करने में क्या सोचना है ? “


खाना ख़त्म करने के बाद भी काफी बिरियानी बच रहा था , उसे विजया ने वेटर को पैक करने को कहा . फिर सुरेश ने बिल पे की और दोनों निकल पड़े . अगले दिन विजया सुरेश के घर गयी . सभी लोग साथ खाना खा रहे थे , उसी समय सुरेश की माँ ने उसे कहा “ बेटी , सुरेश तुम्हारी तारीफ़ करते नहीं थकता है . अगर तुम दोनों एक दूसरे को चाहते हो तो हम शादी की बात तुम्हारे माता पिता से करना चाहते हैं . “


वह थोड़ा शर्मा कर सुरेश को देखने लगी तो उसके पिता ने कहा “ शर्माने की कोई बात नहीं है . तुम दोनों समझदार हो , यू लव ईच अदर . तो अब और देर क्या करनी ? तुम अपने पिताजी का कांटेक्ट नंबर बताओ , मैं उनसे जल्द ही बात कर लूंगा . “


विजया ने कहा “ मैं सुरेश को बता दूंगी . “


लंच के बाद कॉफ़ी का दौर चला . विजया जाने के लिए उठी तो सुरेश उसे कार तक छोड़ने आया . विजया ने कहा “ तुम को शायद पता नहीं मेरे माता पिता दोनों घोर रूढ़िवादी और पुराने ख्याल के हैं . वे दूसरे प्रान्त और दूसरी जाति में शादी के लिए हरगिज नहीं मानेंगे . मैं तुम्हारे पापा को अपने घर का नंबर नहीं देना चाहती हूँ . डर है कहीं मेरे पापा कुछ उल्टी सीधी बात न कर बैठें जिससे अंकल का अपमान हो . मैं खुद उनसे आज बात कर लूँगी . “


उसी दिन रात में जब इंडिया में दिन था विजया ने हैदराबाद अपने घर फोन किया . उसने कहा “ सुरेश को आप जानते ही हैं . हमलोग कॉलेज से ही एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं और पसंद करते हैं . उसके माता पिता यहाँ आये हुए हैं . वे आपसे बात करना चाहते हैं . “


“ क्या बात करनी है उन्हें मुझसे ? “


“ आपकी बेटी का हाथ मांग रहे हैं वो . “


“ उन्हें कमाने वाली अच्छी लड़की देख कर लालच आ गया होगा . उनका दिमाग ख़राब हो गया है और साथ में तुम्हारा भी . क्या अपने प्रान्त और अपनी जाति में तुम्हें कोई लड़का नहीं मिल रहा क्या ? “


“ पापा , आप किस ज़माने की बात कर रहे हैं ? अब सारी दुनिया सिमट कर छोटी हो गयी है . प्रान्त क्या अब तो देश और धर्म कोई नहीं देखता है . सही माने में कर्म अच्छा होना चाहिए . “


“ मुझे तुम्हारा लेक्चर नहीं सुनना है . मैं इस रिश्ते से सहमत नहीं हूँ . वैसे उस लड़के की जाति क्या है ? “


“ मैंने नहीं पूछा है ? सुरेश रजक उसका नाम है . “


“ छी छी , वह जाति का धोबी हुआ . मैं इस जाति के लड़के से कभी भी अपनी बेटी का रिश्ता नहीं करूँगा . “


“ आपने तो देखा है न अपने प्रान्त और जाति के रमन्ना को . कितना फरेबी था वह ? “


“ एक रमन्ना को छोड़ भी दिया जाए तो और कोई दूसरा लड़का नहीं है क्या अपने प्रान्त और जाति का ? “


“ क्या पापा , सारी दुनिया हमारी जाति प्रथा का मजाक उड़ाती है . एक ओर हम मंगल ग्रह तक अपना यान भेजते हैं , अंतरिक्ष में एक साथ 104 सैटेलाइट भेज कर दुनिया में अपना रिकॉर्ड बनाते हैं और दूसरी ओर आपके रिकॉर्ड की सूई पुरानी दकियानूसी प्रथा पर अटकी हुई है . “


“ मैं तो पिछड़ी जाति में शादी नहीं करने जा रहा हूँ अपनी बेटी का , यह मेरा दृढ निश्चय है . “


अभी तक विजया बहुत शांतिपूर्वक पापा से बात कर रही थी . पर उसे उनकी बातें अच्छी नहीं लगी तो वह थोड़ी ऊंची आवाज में बोली “ अमेरिका या अन्य पश्चिमी देशों में एक ही जाति है और वह है इंसान की जाति . मुझे सुरेश में कोई कमी नहीं दिखती है . हमदोनों यहीं अमेरिका में ही कोर्ट मैरेज कर लेते हैं . आप सहमत होते तो इंडिया पहुँच कर धूम धाम से शादी होती , आप लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करती . पर आपको अपनी बेटी की ख़ुशी प्यारी नहीं है .अब यहीं सिंपल कोर्ट मैरेज कर लेंगे हम दोनों .सुरेश के माता पिता से यहाँ आशीर्वाद भी ले लेंगे .”


“ मुझे यह शादी मंजूर नहीं है . “


“ ठीक है , मुझे जो कहना था कह दिया है . मुझे इंसान की कद्र करनी है न कि उसकी जाति की . “


विजया ने सुरेश को अपना फैसला बता दिया . अगले सप्ताह दोनों ने कैलिफ़ोर्निया के ऑकलैंड काउंटी कोर्ट में जा कर मैरेज कर लिया .शादी की रिसेप्शन पार्टी उन्होंने ऑकलैंड के मशहूर इंडियन रेस्टोरेंट

“ फ्लेवर्स ऑफ़ इंडिया “ में दी, जिसमें सुरेश के माता पिता के अतिरिक्त दोनों के ऑफिस के मित्र और अमेरिका में बसे उनके कुछ दूर के रिश्तेदार आये थे .


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