स्टॉकर - 37 Ashish Kumar Trivedi द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टॉकर - 37




स्टॉकर
(37)




रॉबिन का प्लान था कि किसी तरह मेघना को शीशे में उतार कर वह उसे पहले की तरह अपना दीवाना बना ले। ताकि उसके माध्यम से शिव की दौलत पर कब्ज़ा कर सके।
मेघना अब अंकित से भी ऊब चुकी थी। जब रॉबिन ने फिर से उसकी तरफ फंदा फेंकना शुरू किया तो मेघना रॉबिन के करीब आ गई। दोनों शिव के जगदंबापुर वाले फार्म हाउस में मिलते थे।
यहीं पर एक मुलाकात के दौरान रॉबिन ने मेघना से कहा कि वह अंकित को पैसे का लालच देकर शिव की हत्या करवा दे।
मेघना कई दिनों से गौर कर रही थी कि शिव का व्यवहार बदल चुका है। वह अब उसके साथ ठीक से पेश नहीं आता था।
मेघना को लग रहा था कि शिव कोई गंभीर कदम उठाना चाहता है। वह नहीं चाहती थी कि शिव उसके खिलाफ कुछ भी करे। इसलिए उसने रॉबिन की बात मान कर अंकित से शिव की हत्या करने को कहा।
अंकित अपने जिम का मालिक बनने का सपना देख रहा था। मेघना ने दोबारा उसी सपने को हवा दी। वह शिव की हत्या करने को तैयार हो गया। मेघना और उसने जॉगर्स पार्क में शिव की हत्या का प्लान बनाया। लेकिन जैसा अंकित ने सोंचा था उसे मौका नहीं मिल पा रहा था।
अंकित समझ गया कि यह काम इतना आसान नहीं है जितना मेघना ने कहा था। उसे इस बात का भी डर था कि कहीं बाद में मेघना उसे धोखा ना दे दे। इसलिए उसने मेघना से पंद्रह लाख एडवांस देने की बात कही।
मेघना मान गई। उसने अंकित को एडवांस रकम दे दी।

निशांत ने अपने आप को शिव के सामने इस तरह पेश किया कि उसे लगे कि वह पूरी तरह बदल गया है। वह भी अपने परिवार के लिए तरस रहा है। अक्सर वह शिव से कहता कि उसने अपनी नादानियों से अपने पिता का दिल तो दुखाया ही। अपना जीवन भी बर्बाद कर लिया।
शिव के मन में भी इस बात का मलाल था कि निशांत की बुरी आदतों के कारण उसके पिता ने उसे अपनी जायदाद से बेदखल कर दिया था। उसके पास जो कुछ पिता का दिया हुआ था उसमें निशांत का भी हिस्सा था।
निशांत ने शिव को बताया कि जब उसकी आँख खुली तब तक देर हो चुकी थी। लेकिन फिर भी उसने अपनी मेहनत से एक छोटा सा व्यापार शुरू किया था। व्यापार से वह मतलब भर का कमा लेता था। पर अचानक ही उसके व्यापार में मंदी आ गई। उसे व्यापार बंद करना पड़ा। जो कुछ थोड़ बहुत उसके पास था उसे लेकर यहाँ आ गया कि कम से कम अपनों के पास रह पाएगा।
निशांत ने भावनात्मक रूप से कमज़ोर शिव का फायदा उठा कर उससे बहुत सा पैसा अपने बिज़नेस के नाम से ऐंठा था। पर समय के साथ शिव समझ गया कि निशांत छोटे भाई के तौर पर उसका दुख बांटने के लिए नहीं बल्कि उससे पैसे ऐंठने के लिए उससे हमदर्दी का नाटक दिखा रहा है।
शिव ने निशांत के बारे में पता किया। उसने अब तक जो अच्छी खासी रकम उसे दी थी वह उसने अपनी अय्याशियों पर खर्च की थी। उसको किसी अपने के साथ की ज़रूरत तो थी पर वह इस वजह से ठगा जाना नहीं चाहता था।
निशांत की असलियत सामने आने पर शिव ने उससे संबंध तो तोड़ ही लिए साथ ही साथ अपने पैसे वापस करने के लिए दबाव भी डालने लगा।
निशांत शिव से परेशान हो गया। वह उसे रास्ते से हटा कर उसकी दौलत पर कब्ज़ा करने की युक्ति सोंचने लगा।

रॉबिन भी शिव के कारण समस्या में था। उसने जिस टी स्टेट के बदले में शिव से डेढ़ करोड़ एडवांस लिया था वह उसने पहले ही किसी और को बेंच दिया था। असलियत का पता चलने पर शिव ने उसे धमकाया कि अगर उसने लिया गया एडवांस वापस नहीं किया तो वह उस पर धोखाधड़ी का केस कर देगा। रॉबिन जानता था कि वह गलत है। शिव के सारे कानूनी मसले उसके वकील मोहम्मद अब्दुल रशीद देखते हैं। वह शहर के नामी वकीलों में से एक हैं।
रॉबिन भी शिव को रास्ते से हटाने की राह खोज रहा था।

निशांत और रॉबिन एक दूसरे के दोस्त बन चुके थे। निशांत रॉबिन से उसके फार्म हाउस पर मिला। उसने अपनी परेशानी रॉबिन को बताई। रॉबिन ने भी खुल कर अपनी समस्या बता दी।
दोनों का ही मकसद शिव को रास्ते से हटाना था। अब एक की जगह दो दिमाग एक साथ काम करने लगे।

अंकित जॉगर्स पार्क में शिव की हत्या करने में असफल रहा था। उसने यह कह कर मना कर दिया था कि यह बहुत खतरनाक काम है। इसलिए वह नहीं कर सकता है। पर बाद में उसने मेघना से शिव की हत्या के लिए एडवांस पैसे ले लिए। रॉबिन को इस बात का पता नहीं था। अंकित ने उसे यह बात बताई भी नहीं। ना ही मेघना ने रॉबिन को कुछ बताया था।
रॉबिन और निशांत ने शिव की हत्या के लिए पूरन सिंह को पैसों के दम पर खरीद लिया। पूरन सिंह कहने को तो एक जासूस था। पर उसे बहुत अधिक काम नहीं मिलता था। वह थोड़े से पैसों में ही यह काम करने को इस शर्त पर तैयार हो गया कि उसे पूरी रकम एडवांस में चाहिए।
अंकित ने सोंचा कि यह तो बहुत अच्छा है। शिव की हत्या पूरन सिंह करेगा। वह मेघना से यह कह कर कि काम उसने किया है बाकी के पैसे भी ले लेगा।

कमरे में एसपी गुरुनूर, इंस्पेक्टर अब्राहम और सब इंस्पेक्टर गीता ध्यान से सारी कहानी सुन रहे थे। एसपी गुरुनूर ने रॉबिन से पूँछा।
"तुम लोगों ने तो मिस्टर टंडन की हत्या की साजिश रची थी। फिर चेतन की हत्या क्यों करवाई ? उसकी लाश मिस्टर टंडन की कार में तुम्हारे फार्म हाउस पर क्यों छोड़ दी ?"
"हमने प्लान तो सिर्फ शिव की हत्या का बनाया था। चेतन की हत्या भी मेरे कहने पर हुई थी। पर उसकी लाश का शिव की कार में मेरे फार्म हाउस पर होना पूरन सिंह की चाल थी।"
एसपी गुरुनूर कुछ समझ नहीं पाई। उसकी दुविधा को समझ कर रॉबिन बोला।
"अभी आगे और भी कहानी बाकी है।"

रॉबिन ने आगे की कहानी सुनाई।

रॉबिन शिव से मिली रकम में से कुछ विनियोजित करना चाहता था। पर समझ नहीं पा रहा था कि पैसा कहाँ लगाए। चेतन को जब यह बात पता चली तो उसने मदद की पेशकश की। रॉबिन जानता था कि चेतन शिव के विनियोग भी संभालता है। अतः उसने करीब तीस लाख रुपए उसे विनियोग के लिए दे दिए।
चेतन ने शिव से भी बहुत सी रकम ली थी। उसने यह दावा किया था कि जो पैसा लगाया जा रहा है निकट भविष्य में उस पर बहुत अधिक रिटर्न मिलेंगे।
चेतन के क्लाइंट्स में बड़े बड़े लोग शामिल थे। वह लोगों से इसी तरह भविष्य में बड़े मुनाफे का लालच देकर रकम लेता था। उस रकम से जो आय मिलती थी। उसमें से पुराने विनियोजकों को कुछ रिटर्न देता रहता था। इस तरह नए लोगों से मिली रकम में से उनसे पहले वालों को लाभ मिल जाता था।
चेतन ने इस प्रकार एक बहुत बड़ी धनराशि जमा कर ली थी। वह उस रकम में से एक अच्छा खासा हिस्सा अपने ऊपर खर्च करता था।
रॉबिन को चेतन की इस करतूत का पता चल गया। उसने चेतन को धमकाया कि वह उसकी रकम की दोगुना रकम उसे वापस करे नहीं तो वह उसके फ्रॉड के बारे में सबको बता देगा।
चेतन भी कम खिलाड़ी नहीं था। उसने पता कर लिया कि रॉबिन ने जिस टी स्टेट के बदले में शिव से डेढ़ करोड़ का एडवांस लिया था वह तो पहले ही किसी और को बेंच चुका है। उसने इस आधार पर उल्टा रॉबिन को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। लेकिन इस बात का पता शिव को भी चल गया। उसने रॉबिन को धमकाया कि उसके एडवांस पैसे वापस कर दे नहीं तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा।
चेतन को मेघना और रॉबिन के रिश्ते के बारे में भी पता था। उसने कुछ सबूत भी एकत्र किए थे। उनके आधार पर वह रॉबिन को ब्लैकमेल करता था कि अगर उसने उसके खिलाफ मुंह खोला तो वह सारे सबूत पब्लिक में ले आएगा।
रॉबिन ऐसा वैसा कुछ नहीं चाहता था। उसने मेघना को अपने शीशे में उतार लिया था। वह चाहता था कि शिव को रास्ते से हटा दे। जब मेघना शिव की सारी जायदाद की मालकिन बन जाएगी तो वह उसके साथ दोबारा शादी कर जायदाद का मालिक बन जाएगा।
रॉबिन के चुप हो जाने से चेतन का हौंसला बढ़ गया। अब वह बात बात पर रॉबिन को धमकी देकर पैसे वसूलने की कोशिश करता था।
एक तरफ शिव कानूनी कार्यवाही की धमकी दे रहा था। दूसरी तरफ चेतन भी ब्लैकमेल कर रहा था। रॉबिन ने अपनी समस्या निशांत को बताई। वह भी शिव से परेशान था। दोनों ने मिल कर पूरन सिंह के ज़रिए शिव की हत्या की साजिश रची।
मेघना भी चेतन से परेशान थी। उसने अंकित से कहा था कि वह कुछ और पैसे लेकर चेतन को रास्ते से हटा दे।
अंकित ने सोंचा कि वह सिर्फ चेतन को ठिकाने लगा कर दोनों हत्याओं का पैसा मेघना से वसूल कर लेगा।

एसपी गुरुनूर ने पूँछा।
"अब बताओ जिस दिन मिस्टर टंडन की हत्या हुई थी। उस दिन क्या हुआ था ?"
वहाँ मौजूद सभी यह जानने को उत्सुक थे।