स्टॉकर - 36 Ashish Kumar Trivedi द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टॉकर - 36




स्टॉकर
(36)



चेतन पूरी तरह से मेघना के जाल में फंस चुका था। उसका उसे फायदा भी हुआ था। मेघना के कारण अब वह शिव के साथ साथ अन्य कई बड़े क्लांइट्स के पोर्टफोलियो संभालने लगा था। उसने शेरगिल स्टॉक ट्रेडर्स के नाम से एक फर्म भी खोल ली थी।
चेतन से हट कर मेघना की नज़र अब अंकित पर पड़ी। वह उसे सब्ज़बाग दिखा कर अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी। उसने अंकित को सपना दिखाया था कि वह उसे एक जिम खुलवा कर देगी। मेघना जन्नत अपार्टमेंट्स के अपने फ्लैट में अंकित से मिलती थी।
इधर मेघना को यह अनुभव हो रहा था कि शायद शिव को उसके चाल चलन पर शक होने लगा है। क्योंकी उसने एक आदमी को दो एक बार अपना पीछा करते देखा था। इसलिए उसने अंकित से एक दूरी बनानी शुरू कर दी थी।
उसी समय रॉबिन भी शहर में आया था और उससे मिलने की कोशिश कर रहा था। मेघना वैसे भी उससे मिलना नहीं चाहती थी। उस पर एक जासूस उसके पीछे पड़ा था। जब वह रेस्टोरेंट में रॉबिन से मिलने गई तब भी उसने उस जासूस को वहाँ देखा। इसलिए खुद को सही साबित करने के लिए मेघना ने रॉबिन को थप्पड़ मार दिया।
थप्पड़ खाकर रॉबिन को बहुत बुरा लगा। एक बार जब वह मेघना के पीछे लगा था तब उसकी अंकित से झड़प हुई थी। उसने मेघना को अंकित के साथ भी वही करते देखा जो वह उसके साथ कर रही थी। उसने अंकित को अपने साथ मिला लिया।
मेघना गलत समझ रही थी। वह जासूस शिव के लिए नहीं बल्कि सूरज सिंह के लिए काम कर रहा था।

रॉबिन मेघना से नाराज़ था। वह उसे बर्बाद कर देना चाहता था। पर रॉबिन जोश में होश खो देने वाले लोगों में नहीं था। वह जानता था कि मेघना की पोल खोल कर वह उससे बदला तो ले सकता है पर उसके हाथ कुछ भी नहीं आएगा।
इसलिए उसने अपने गुस्से को मन में दबा लिया।
एक बार रॉबिन जब गोल्फ खेल कर क्लब से निकल रहा था तो एक आदमी ने उसे आवाज़ दी। उसने देखा कि सामने लगभग उसी की उम्र का एक आदमी खड़ा था।

उसने रॉबिन से कहा।
"तुम मेघना से बदला लेना चाहते हो।"
रॉबिन ने उस आदमी को गौर से देखा। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर इसे उसके और मेघना के बारे में कैसे पता है।
"कौन हो तुम ?"
"बता दूँगा। पहले मैंने जो पूँछा है उसका जवाब दो।"
"नहीं....पहले यह बताओ कि तुम हो कौन ?"
रॉबिन को जिस आदमी ने रोका था वह निशांत था। उसने रॉबिन को बताया कि वह शिव टंडन का सौतेला भाई है। शिव टंडन ने उसके पिता को उसके खिलाफ कर सारी जायदाद अकेले हड़प ली। उसे घर छोड़ कर जाना पड़ा। कई सालों तक वह इधर उधर भटकता रहा। जैसे तैसे उसने अपना जीवन काटा। पर जब उसे पता चला कि शिव उसके हिस्से की जायदाद के बल पर आज शहर का नामी रईस बन गया है तो उससे रहा नहीं गया।
उसने जब शिव से संपर्क करने का प्रयास किया तो मेघना के भड़काने पर उसने उसे घर से निकाल दिया। इसलिए मेघना रॉबिन के साथ साथ उसकी भी दुश्मन है। दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। इसलिए वह रॉबिन के पास आया है।
रॉबिन और निशांत दोस्त बन गए।
जब निशांत के पिता अभय ने उसे घर से निकाल दिया था तब वह एक ऐसे गिरोह में शामिल हो गया जो हेराफेरी का काम करते थे। उनके साथ काम करते हुए वह एक केस में फंस गया। उसे सजा हो गई।
अपनी सजा काटने के बाद जब वह बाहर आया तो अपराध से उसका रिश्ता पूरी तरह जुड़ चुका था। जेल में रहते हुए उसकी मुलाकात एक ठग से हुई। उसने उससे ठगी के कई गुण सीखे।
जेल से निकलने के बाद उसने ठगी का धंधा शुरू किया। उसने गरीब तथा निम्न मध्यम वर्गीय लोगों को अपना निशाना बनाया। निशांत फर्ज़ी विनियोग कंपनी के नाम पर उनसे यह कह कर पैसे लेता था कि बैंक से बहुत कम समय में रकम को दोगुना कर देगा। इस तरह वह अलग अलग इलाकों के लोगों से पैसे लेकर गायब हो जाता था। उसके बाद किसी दूसरी जगह जाकर नए नाम व नई कंपनी के आधार पर लोगों को झांसा देता था।
करीब एक साल तक वह इसी तरह लोगों को झांसा देता रहा। लेकिन जब लोगों को समय पर पैसे नहीं मिले तो उन लोगों ने शोर मचाना शुरू किया। पर तब तक देर हो चुकी थी। निशांत अच्छी खासी रकम जमा कर देश के दक्षिणी हिस्से में जाकर छिप गया था।
निशांत ने उन पैसों से वहाँ एक छोटा सा व्यापार आरंभ किया। वह अपने व्यापार से मतलब भर का कमा लेता था। लेकिन यह बात उसे हर समय परेशान करती थी कि उसके पिता की जायदाद में जो उसका हिस्सा था वह शिव के पास है।
निशांत ने शिव के बारे में खोज की तो उसे पता चला कि शिव को उसके ननिहाल से बहुत बड़ी जायदाद मिली थी। उसने अपनी मेहनत से उसे और बढ़ा दिया है। अब उसकी गिनती शहर के नामी रईसों में होती है।
निशांत को यदि कुछ भी मिलने की उम्मीद थी तो शिव से ही थी। इधर उसका व्यापार भी गड़बड़ा रहा था। उसने सोंचा कि चल कर शिव से दोबारा संबंध बनाने की कोशिश की जाए।
वापस लौट कर निशांत ने शिव से रिश्ता कायम करने की कोशिश की। पर उसने उसे डांट कर भगा दिया। निशांत को पता चला कि शिव ने मेघना से दूसरी शादी कर ली है।
जब शिव ने उसे भगा दिया तो निशांत ने मेघना के ज़रिए शिव से रिश्ता कायम करने की कोशिश की। लेकिन मेघना ने भी उसे अपने पास नहीं आने दिया।
निशांत निराश हो गया था। तभी एक दिन उसकी मुलाकात चेतन से हो गई।
वह चेतन को जानता था। चेतन ने भी उसकी तरह कई लोगों को ज़्यादा मुनाफे का लालच देकर चूना लगाया था।
निशांत को पता चला कि अब उसने शेरगिल स्टॉक ट्रेडर्स के नाम से एक फर्म खोली है। वह शिव समेत कई अन्य बड़े लोगों के विनियोग संभालता है। पर जो सबसे बड़ी बात उसे पता चली वह थी कि मेघना का चेतन के साथ संबंध रहा था। उसके बल पर ही उसने अपनी फर्म खोली थी। जिसके कारण उसके पास बड़े बड़े क्लांइट्स थे।
चेतन ने उसे बताया कि मेघना ने उसे छोड़ कर जिम में अपने ट्रेनर के साथ रिश्ता रखना शुरू कर दिया है। उसकी ही बिल्डिंग में मेघना का भी फ्लैट है। जिसे वह इसी काम में लाती है।
निशांत के पास अब शिव से बदला लेने के लिए दो लोग थे। एक रॉबिन और दूसरा चेतन शेरगिल।
निशांत ने एक बार फिर शिव से संबंध सुधारने की कोशिश शुरू कर दी। इस बार थोड़े से प्रयास के बाद उसे सफलता मिल गई।
मेघना ने यह सोंच कर कि शिव उसकी जासूसी करवा रहा है पहले से ही खुद को सही साबित करने के लिए उससे कहा कि स्टेफिट जिम में उसका ट्रेनर अंकित उसके पीछे पड़ा है। वह उसे तंग करता है।
मेघना की बात मान कर शिव ने अंकित को पिटवाया और धमकी दी। पर अंकित ने सब सच बताते हुए कहा कि गलती उसकी नहीं है। मेघना ने ही उसे संबंध बनाने के लिए उकसाया था।
अंकित की बात ने शिव के मन में शक पैदा कर दिया था। उसने मेघना के रंग ढंग पर ध्यान देना शुरू किया तो उसे अंकित की बात सही लगी। सच सामने आने से शिव भावनात्मक रूप से कमज़ोर हो गया था।
जब निशांत ने दोबारा प्रयास शुरू किया तब शिव किसी अपने की कमी महसूस कर रहा था। निशांत ने उसकी मनोदशा को भांप लिया था। उसने बड़ी चालाकी से शिव को अपने और उसके बचपन के वो लम्हे याद दिलाए जब शिव उसे बड़े भाई की तरह प्यार करता था।
शिव पहले ही टूटा हुआ था। वह किसी का सहारा चाहता था। निशांत ने उसे यकीन दिला दिया कि वह उसका वही छोटा भाई है। भले ही उन लोगों ने अलग अलग कोख से जन्म लिया हो पर उनका रक्त एक ही है।
भावनात्मक रूप से कमज़ोर शिव उस पर भरोसा करने लगा। निशांत ने शिव को समझाया कि उसे मेघना को ऐसे ही नहीं छोड़ना चाहिए। उसकी बेवफाई के सबूत इकठ्ठे कर उससे तलाक लेना चाहिए।
निशांत ने ही शिव को पूरन सिंह से मिलवाया। शिव के कहने पर पूरन सिंह ने अंकित और मेघना पर नज़र रखना शुरू कर दिया।