इस कहानी एक काल्पनिक रचना है। इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है।।
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रोहन की टिफ़िन में दाल चावल होता था जिसे वो बिरयानी बोलता था। और अमन के बैग में टिफिन भी नही होता होता था।
रोहन एक गरीब परिवार से है तो अमन एक अमीर परिवार से।....
कैसे दोनों दोस्त बनते हैं और रोहन की वजह से अमन का टिफिन भी आने लगता है ।।।कैसे?? पढ़िए मेरी इस कहानी "टिफिन " में.........
भाग 1 ???
लंच break हुआ था, कहीं इडली सांभर की खुशबू तो कहीं परांठे और आलू गोभी की महक आ रही थी। कोई अचार भी लाया था ?? । अरे वाह रोहन तो बिरयानी लेकर आया था। सभी बड़े मजे से कहा रहे थे। वहीं अमन एक कोने में बैठा कुछ लिख रहा था।
रोहन अमन के पास जाता है और शरारत भारी आवाज़ में कहता है , अमन आज ही पूरी पढ़ाई कर लेगा क्या , ?? चल खाना खातें हैं ।।
""मुझे भूख नही है , तू खा ले ।"" अमन कहता है।
रोहन ,"" लगता है कुछ खास लाया है, इसलिए बताना नही चाहता ?? , मैं खुद देख लेता हूँ ।""
अमन ,"" अरे बैग मत खोल ।""
रोहन जैसे ही बैग खोलता है , बैग में कुछ किताबें होती हैं , कुछ कॉपियाँ , लेकिन टिफिन नही होता।।।
.........क्रमशः.................................... ...
खाने की भी race होती थी। मेरे स्कूल में जब लंच ब्रेक होती थी।।
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भाग 2 ???
रोहन ,""अरे ये क्या यार , ऐसा क्या लाया है जो अपना टिफिन छुपाकर बैठा है?? "" मैं टिफ़िन लाया ही नहीं हूँ।। माँ बीमार है । , "" अमन कहता है।।
रोहन ," तू भी पागल है, देख मैं बिरयानी लाया हूँ। चल मिलकर खाते हैं ।"" ?? ।। इसको बिरयानी नही बोलतें हैं , मेरी माँ जहाँ काम करती हैं , पिछले महीने वहाँ दावत थी। माँ थोड़ी सी बिरयानी मेरे लिए भी लेकर आयी थी । मैंने खाई थी। तू जो लाया है वो बिरयानी नही है "" अमन तुरंत रोहन का टिफ़िन देख कर बोलता है।।
रोहन , "" चल जाने दे न यार , अपने लिए तो यही बिरयानी है , भात में डाल मिलाकर ,उसमे थोड़ी सी धनिये की चटनी मिलाकर खाने में बड़ा स्वाद आता है। "" तेरी माँ कहाँ पे काम करती हैं ??"" रोहन ने उत्सुकता में अमन से पूछा।।
अमन ,""चल न तेरी दाल भात और चटनी वाली home made बिरयानी खातें है ??।। माँ कहाँ काम करती है वो बाद में बताऊंगा ।।
...........................क्रमशः .................................. ......
भाग 3 ???
""वाह रोहन ये तो बहुत स्वादिष्ट है। मज़ा आ गया आज तेरी home made बिरयानी खाकर ??।"" अमन ने रोहन से कहा और हंसने लगा ।
रोहन भी हंसने लगा , और lunch break खत्म हो गया। अगले दिन फिर जब lunch break हुआ , तो वही तरह तरह की टिफ़िन और खाने की खुशबू चारों तरफ फैली हुई थी।
आज भी कल जैसा हाल था। अमन दूर कोने में बैठा और रोहन समझ गया।। ,"चल अमन आजा , आज तुझे home made रोल खिलाता हूँ ।""
" हा हा ये चीनी है रोटियों के बीच , तू भी क्या क्या लाता है ।"" अमन ने हंसते हुए कहा।
रोहन ,"तेरी मम्मी की तबियत कैसी है , लगता है आज भी बीमार हैं ।"
अमन ,"हां आज भी यही हाल है लेकिन कल से बेहतर है।"
"तूने बताया नही तेरी मम्मी कहा काम करती हैं, ?" रोहन ने पूछा ।
अमन,-" मेरी माँ एक बहुत बड़े कंपनी में काम करती हैं और वो अपने डिपार्टमेंट की हेड हैं। अक्सर उनके आफिस में पार्टी होती रहती है तो कभी बिरयानी तो कभी पिज़्ज़ा , कुछ न कुछ लाती रहती है। और मेरे घर भी यही सब बनता है। और सच कहूँ तो मेरी माँ ने मेरे पापा ने मुझे सब कुछ दिया है लेकिन अपना समय नही दिया। "
अमन,-"" मेरी माँ बीमार नही है , लेकिन जब भी मैं बोलता हूँ मुझे कुछ बनाकर टिफ़िन में दिया करो तो वो मुझे रोज़ 100- 200 रुपए दे देती है। इसलिए मेरे बैग में टिफ़िन नही होता""
------/-/-क्रमशः-------------------------------------
भाग 4 ???
अमन ,-" तेरी टिफ़िन की बिरयानी और आज ये home made रोल खा कर मज़ा आ गया। हा हा ।"" तू कुछ बता अपने बारे में।।""
रोहन ,-"" क्या बताऊं दोस्त , मेरी माँ तो सुबह 5 बजे उठ कर मेरे लिए कुछ न कुछ home made बना देती है और फिर 6 बजे तक काम पे चली जाती है ।"
अमन ," क्या वो भी किसी कंपनी में नौकरी करती हैं ?""
रोहन , " हा हा ,?? अगर नौकरी कर रही होती तो मैं दाल भात चटनी की बिरयानी और चीनी रोटी का रोल नही लाता। वो तो बर्तन धोती है दूसरों के घर जाकर ।मेरे पापा भी रिक्शा चलातें और देर रात तक आतें है लेकिन सुबह माँ जब काम पे जाती है तब वो मेरे स्कूल जाने के बाद ही निकलते है। ""
मुझे पैसे तो नही मिलते लेकिन माँ -पापा का समय बेहिसाब मिलता है। रोहन ने आगे कहा।
अगले दिन रोहन school नही आया। और लंच ब्रेक में अमन कोने में बैठा सोच रहा था कि मेरे से ज्यादा अमीर तो रोहन है ।। मेरे पास पैसा , जो चाहे खरीद सकता हूँ ।
लेकिन रोहन उसके पास पैसा नही है, फिर भी कितना खुश है , उसके माँ - पापा उससे बात करतें हैं।। उसके पास तो वो कीमती चीज़ है जो मेरे पास नही "" मुस्कुराने की वजह""..................
...........क्रमशः.................................
अंतिम भाग ???
तभी एक आवाज़ आती है, अमन बेटा ??!!!
अमन चौंक जाता है और सामने अपनी माँ को देखता है।
"ले तेरा टिफ़िन , इसमें तेरा पसंदीदा आलू का परांठा है और ये मैंने बनाया है। आंखों में आँसू आ गए अमन के और पूछ बैठा ,
" माँ ये सब कैसे?"
अमन की माँ ,-" जो आंटी सुबह 7 बजे घर पे बर्तन करने आती है , वो रोहन की माँ है , और कल जब तू स्कूल चला गया था तब , आंटी रोहन और उसके दोस्त अमन के बारे में मुझे बताया और जब मैने स्कूल का नाम पूछा तो मैं खामोश रह गयी। """
"आज से तेरे पास भी मुस्कुराने के वजह होगी , और तेरे बैग में भी अब रोज़ एक टिफ़िन होगी और उसमे खाना home made ही होगा ??""
और रोहन वहीँ पीछे खड़े हो कर मुस्कुरा रहा था।।।।
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