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तस्वीर

ये कहानी एक काल्पनिक रचना हैं और इसके सभी पात्र काल्पनिक हैं।
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तस्वीर एक ऐसी कहानी है , जहां एक दोस्त अपनी दोस्ती की दास्ताँ लिखता , दोस्ती होने के लेकर दोस्त का दूर हो जाना और फिरसे मिलना......
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तस्वीर का इस कहानी में एक अहम किरदार है , उसे जानने के लिए ज़रूर पढ़े मेरी कहानी ""तस्वीर""....…
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भाग 1

"क्या बात है आज देर हो गयी तुझे ? चल जल्दी जल्दी कदम बढ़ा school के लिए देर हो रही है। " इसके पहले मैं कुछ कह पाता अलार्म बज उठा और नींद टूट गयी।

जी हां ये एक सपना ही था और वो जो आवाज़ आपने सुनी वो मेरी दोस्त रिया की थी। मेरी बचपन की एक खास दोस्त जो आज भी बहुत खास है।

मैं कौन ? मैं वही रोहन हूँ। जो पिछली कहानी में सुस्त था। इस बार सतेंदर जी ने नया किरदार दिया है। उम्मीद है मेरे पिछले किरदार की तरह इस किरदार को भी खूब प्रोत्साहन मिलेगा।

...............................क्रमशः............................

भाग 2

आज रविवार है तो छुट्टी है । सोचा था कि देर तक सोऊंगा लेकिन रिया के सपने ने जल्दी उठा दिया। पहले भी हर काम हड़बड़ी में करती थी और आज भी मुझे हड़बड़ी में सपने से उठा दिया। हा हा, बड़ा खौफ है ना मेरी दोस्त का । ????

आज भी याद है , जब रिया स्कूल जाते वक़्त कार्नर की गली के पास खड़े होकर मेरा इंतेज़ार करती थी। एक दिन मैं थोड़ा late हो गया और वो गुस्सा कर रही थी। यही दृश्य मैंने रात सपने में देखा था। जिसका वर्णन मैंने सुरुआत में किया।

रिया और मेरी दोस्ती इतनी आसानी से नही हुई थी। वो मुझे एक बदमाश लड़का समझती थी। हरकते ही ऐसी थी मेरी। 6th class की बात है , जब रिया हमारे school में दाखिल लेने आयी थी। रास्ते में मेरे से पूछा 6th A किधर पड़ता है? और मैंने उसे 5thC में भेज दिया था। ,??

अरे अपने बारे में तो बताना भूल ही गया। मैं रोहन 6th A का monitor था। कैसे monitor बना ? वो तो मुझे भी नही पता ?? कभी कभी बड़ों से भी गलतियां हो जाती है।??

...............................क्रमशः............................

भाग3

रिया को कुछ समझ नही आया । वो दो क्लास तक वहीं बैठी रही । फिर उसके दाखिले को ले कर principal ने बुलाया था। ये सब मुझे कैसे पता , अरे भाई जब दोस्ती हो गयी थी तब उसने बताया था।

रिया को बाद में किसी ने असली 6th A के बारे में बता दिया था।
मैं स्कूल में सबसे पहले आता था। क्यों ? बताया न कि गलती से मैं क्लास का monitor था ?? । तो अगले दिन भी मैं सबसे पहले जब क्लास में पहुँचा तो हैरान हो गया। रिया पहले से ही वहाँ बैठी थी।

मुझे लगा पिछले दिन वाली हरकत तो याद होगी लेकिन शायद चेहरा भूल गयी होगी । मैंने भी जोश में आकर hi बोला और पूछा "आप नए आये हो" और रिया ने कहा , " हां , और बहुत अच्छा स्वागत किया आपने हमारा " उसके चेहरे में मासूमियत थी। और हमारे चेहरे पे ????? कुछ नही था भाई। शैतान जो था मैं।

एक हफ्ता निकल चुका था । और अपनी कोई बात चीत नही होती थी। क्योंकि वो मुझे बदमाश समझती थी । और शुरू शुरू में उसकी दोस्ती उन लड़कियों से थी , जिन्हें मैं भाव नही देता था। तो बुराई भी मेरी जमकर होती थी। ??

.............................क्रमशः.................................


भाग 4

एक दिन रिया बहुत परेशान लग रही थी। मैंने पूछ लिया " क्या हुआ? "
पहले तो कुछ बोली नही , फिर मैंने बोला ,"लगता है तुम अभी तक वो पहले दिन वाली बात के लिये नाराज़ हो मुझसे, चलो माफी मांग लेते है। अब बताओ क्या हुआ? "

तो पता चला कि रिया एक होनहार लड़की थी। लेकिन उसकी सभी दोस्त पढ़ाई से दूर भागते थे। उसके notes सब incomplete थे । दूसरी होशियार लड़कियाँ उससे बात नही करती थी। तो मैंने कहा ,"इसमें क्या हुआ तुम मेरे notes लेकर लिख लो" ।

अरे हां याद आया , मैं पढ़ने में अच्छा था। शायद इसीलिए monitor था। नही नही किसी से गलती नही हुई थी मुझे मॉनिटर बनाने में ??। लेकिन रिया को तो मैं बदमाश और शैतान ही लगता था।

एक हल्की सी मुस्कान के साथ रिया ने कहा ,"तुम फिर मुझे बेवकूफ बना रहे हो, भला तुम्हारी notes में क्या मिलने वाला है मुझे !!!
न बाबा मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो । "

.....................क्रमशः........................................
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अभी तक आप लोगों ने मेरे से एक सवाल नही किया, कि इस कहानी का तस्वीर से क्या लेना देना????।
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भाग 5

रोहन की कहानी का अंतिम भाग ...........

आखिरकार रिया ने मेरे notes लिये और अगले दिन उसकी परेशानी गायब हो गयी थी। अगले दिन जब वो school आयी तो चेहरे पे मुस्कान थी और एक धन्यवाद था मेरे लिए। ?? अब ये शैतान रोहन बदल चुका था रिया के लिये और इस तरह हमारी दोस्ती की शुरुआत हुई। ????

फिर रोज़ वो कार्नर की गली में मेरा इंतेज़ार करने लगी और हम स्कूल साथ जाने लगे। धीरे धीरे हम 12th में आ चुके थे। और फिर हमारा farewel भी आ गया था। उस दिन रिया नीली साड़ी में आई और किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी। ??

पूरा दिन सभी क्लास के दोस्तों ने खूब मस्ती की। उस दिन रिया और मैं साथ मे स्कूल से निकले। जब हम उस कार्नर वाली गली पे पहुँचे तब रिया ने कहा , " रोहन तूने सबके साथ तस्वीर खिंचवाई और मेरे साथ एक भी नही। क्या मेरे साथ एक तस्वीर खिंचवायेगा ? तू , मैं और ये कार्नर वाली गली।।??

ना भी कैसे करता भला । स्कूल के आखरी दिन जो थे। और रिया भी स्कूल के बाद दूसरे शहर जा रही थी। फिर पता नही कब मुलाकात हो। और फिर मैंने कहा, "तू पागल है , पहले क्यों नही बताया । देख एक ही रील बची है तो नाटक मत करना । (उस समय लिमिटेड रील वाले कमरे होते थे मोबाइल नही)

और हमने एक तस्वीर एक साथ खिंचवाई। मेरे चेहरे के सामने उसके कुछ बाल उड़ कर आ गए थे और वो भी तस्वीर में समा गए थे। लेकिन वो तस्वीर सबसे प्यारी आयी थी।

आज नींद से उठा तो ये तस्वीर हाथ मे ली और रिया के साथ वो पहले दिन की शरारत , बदमाश रोहन के साथ दोस्ती और ये इकलौती तस्वीर चेहरे पे बाल वाली याद आ गई । हा हा। ?? और आज ही के दिन तो ये तस्वीर हमने खिंचवाई थी साथ मे।।

अब रिया इस दुनिया मे नही है। एक बीमारी ने उसे छीन लिया। अब साथ है तो ये गाना जो अभी बज रहा है , " हम रहें या न रहे ,याद आएंगे ये पल।" और हाथ मे ये इकलौती तस्वीर।। ??


धन्यवाद आप सभी का ।।????


ये अंत रोहन की कहानी का था लेकिन इस "तस्वीर" का अंत अभी बाकी है...........

भाग 6

रिया -- क्या एक साल हो गए मुझे कोमा में गये हुए?!! देख न माँ ये सुबह कितनी खास है । मेरी इस सुबह का सूरज एक साल बाद जो निकला है। ना जाने क्या क्या हो गया होगा इस एक साल में।

माँ-; " घर चले बेटा, आज मेरे घर मे दोबारा रौनक होगी। मेरी गुड़िया साल भर के बाद घर आ रही है। आज तेरी ये माँ फिर से जी गयी ।
रास्ते मे ये मैगज़ीन पढ़ लेना , इसमें जो ये कहानी है तस्वीर , उसका अंत अच्छा नही लग रहा , थोड़ा बदलना पड़ेगा । लेखक को मिलकर।

.......................कहानी पढ़ने के बाद।।।.......................

रिया---"क्या माँ ,ऐसा कैसे हुआ?

माँ ;--" जब तेरा एक्सीडेंट हुआ तब डॉक्टर ने यही कहा कि तू अब इस दुनिया मे नहीं है। रोहन अमेरिका में था और सबने यही कहा कि जब तक तू ठीक नही हो जाती तब तक किसी को कुछ न बताओ । और रोहन का तो तुझे पता है , अगर उसे यह पता चलता कि तू कोमा में है तो यहाँ चला आता। और उसके आते आते तुझे कुछ हो जाता तो रोहन बर्दाश्त नही कर पाता। "

माँ :-" रोहन 6 महीने पहले भारत आ गया है, और अभी भी उसे नही पता कि तुम ज़िंदा हो और कोमा में थी। जा मिल कर आजा।"

रिया:-" चल माँ मैं रोहन से मिलकर आती। उसको बताना है कि उसकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई। "

...........टिंग टोंग टिंग टोंग टिंग टोंग ...................
रोहन दरवाज़ा खोलता है और फिर ........................................................एक लंबी खामोशी और आंखों में आँसू ................फिर कसके गले मिलना............

रिया;" पागल देख मैं ज़िंदा हूँ , तेरी कहानी की हेरोइन जो तेरे लिए कार्नर वाली गली में खड़े तेरा इंतेज़ार करती थी।""

रोहन -:"- " हम्म्म्म,,,, (रोहन खामोश और भावुक था)

और रोहन अपनी कहानी में एक आखरी पंक्ति को जोड़ता है

,"तो दोस्तों मेरी भी कहानी का अंत अच्छा होना बाकी था। ये जो लड़की मौत से लड़कर आज मेरे सामने खड़ी है ये मेरी दोस्त रिया है और आज कई सालों बाद ये तस्वीर हमारे हाथ मे चेहरे पे एक मुस्कान के साथ है।। "....

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