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दूरियां नज़दिकियां

पायल बहुत ही सुन्दर लड़की थी, सारा दिन छत पर सहेलियों के साथ खेलना मस्ती करना उसे बहुत पसंद था । ममी पापा के मना करने पर भी वो बिंदास रहना पसंद करती थी, समय बीतता गया, पायल के मौहल्ले में कुछ ही दूर एक लड़का रहता था बहुत सादा सा और अच्छा दिखता था । चुपचाप अपने काम से काम रखता था। एक दिन पायल छत पर खेल रही थी कि उसकी नज़़र अजय पर पड़ी, उनकी छत से अजय की छत पर नज़र पड़ती थी, अजय ने भी नज़रे मिलाकर झुका ली। फिर यह सिलसिला शुरु हो गया।

अजय और पायल अकसर छत पर चड़ते शाम को और चोरी चोरी एक दूसरे को देखते थे, काफी समय बीत गया था अब तो एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते भी थे। पायल कालेज में थी और अजय कालेज की पढ़ाई के बाद पिताजी की दुकान पर बैठ गया था काफी काम था उनका और घर पर एक फैक्ट्री भी थी यहां कुछ वर्कर्स काम करते थे। अजय बहुत ही होनहार लड़का था ममी पापा के काफी सपने थे अजय को लेकर, पर अजय की दुनिया तो पायल पर आकर थम गई थी। वो उससे प्यार करने लगा था और पायल भी दोनो एक दूसरे से इकरार भी कर चुके थे। पायल के पापा बढ़ई थे, जू बात अजय के घरवालों को पता चली तो पहले तो साफ मना कर दिया गया कि एक तो मौहल्ले की बात है दूसरा हम ब्राह्मण हैं और ब्राहमणों में ही शादी होगी पर अजय और पायल जिद् पर अड़े थे कि एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते शादी करेंगे तो एक दूसरे से नहीं तो नहीं करेंगे, बहुत समझाने और डांटने पर भी जब वो नहीं माने तो घरवालों ने न चाहते हुए भी दोनो की शादी करा दी। दोनो बहुत खुश थे, पायल ने भी अपनी सेवा से अजय के घरवालों का दिल जीत लिया था।

पायल ने दो बेटियों और एक लड़के को जन्म दिया, दोनो का जीवन बहुत अच्छा चल रहा था, बच्चे भी स्कूव जाने लगे थे। पायल का सारा दिन बच्चों के साथ ही गुज़र जाता था और अजय अपमे काम में व्यस्त रहता था, एक दिन वो घर के नीचे फैक्ट्री में काम देख रहा था वहां एक लड़की काम करने आती थी उसे अजय बहुत अच्छा लगता था, अजय अपने काम से काम रखता था पर उस लड़की की नीयत अजय पर अच्छी नहीं थी वो कैसे भी करके अजय को पाना चाहती थी, उसने अजय के आगे पीछे घुमना शुरु कर दिया उसे रिझाने के नए नए तरीके अपनाती, अजय एक दिन हार गया और उस लड़की के चक्कर में पड़ गया, वो जानता था यह गल्त उसका खुशहाल परिवार है पर कभी कभी इन्सान अपनी भावनाओं पर काबु नहीं कर पाता और गल्त कदम उठा लेता है अजय के साथ भी वही हुआ था, वो अब उस लड़की से ऱोज़ मिलने लगा था और उसके साथ ही कहीॉ रहने लग गया था, घर पर कम ही आता था, बच्चे इतने बड़े तो थे कि पापा गल्त कर रहे है, उन्बें पापा से नफरत होने लगी थी, पायल को भी जब पता चला तो बहुत रोई उसने अजय को समझाने की और रोकने की बहुत कौशिश की पर जब इन्सान का दिमाग गल्त हो जाता है तो भला बुरा कुछ समझ नहीं आता, अजय के कदम बहक गए थे वो उससे शादी करने को तैयार हो गया, पायल पहले तो बहुत रोकी रही कि मेरा घर खराब हो गया है हर संभव प्रयास कर दिया था पर अजय वापिस आने को तैयार नहीं था।

बात सारे रिशतेदारों और मौहल्ले में भी फैल चुकी थी, पायल के घरवालों ने भी बहुत विरोध किया पर पायल ने उन्हें दखल देने से मना कर दिया। उसका मानना था कि अजय खुद वापिस आ जाएगा अगर आना होगा। एक सहेली के कहने पर पायल ने किताबों में मन लगाना शुरु कर दिया था बच्चे इतने बड़े तो थे कि सब समझते थे पर इतने बड़े भी नहीं थे कि पायल उनके साथ खुल कर बात करती या उनका सहारे अपने दुख को कम करती या समय को लगाती। पायल ऊपर से बहादुर बनने का नाटक तो करती पर अंदर से टूट चुकी थी क्योंकि उसने अजय से बहुत प्यार किया था और वो अजय को इस तरह किसी और का होते नहीं देख सकती थी वो भी इस मोड़ पर जब बच्चों रो और उसको अजय के प्यार की और वक्त की जरुरत थी। पायल ने सब कुछ भग्वान पर छोड़ दि़या था, पर उसे उम्मीद कम ही थी कि उसका घर बच पाएगा, एक साल होने का आया था पर अजय अब भी उसी लड़की के साथ था। पिता जी ने उसे फैक्ट्री से तो निकाल दिया था पर अजय के दिल से नहीं निकाल पा रहे थे, पायल ने एक बार उस लड़की से मिलने की कौशिश की पर उसने मिलने से इंकार कर दिया और पायल को बातें सुनाकर निकाल दिया था कि अजय उससे प्यार करते हैं तो वह क्या करे।

पायल ने तो हिम्मत हार दी थी और अब अजय के बिना जीना सीख रही थी पर उसे अपने प्यार पर भरोसा था और अजय पर भी कि एक दिन वो पछताएगा और घर वापिस आ जाएगा अपने बच्चों के पास। बेटे को तो बहुत गुस्सा आता खा पापा पर, पर वो क्या कर सकता था, जब कभी पापा घर पर आते तो वो उनसे बात नहीं करता था,पायल का मन भी नहीं करता था पर फिर बीते दिनो को याद करके वो बहुत रोती थी कि अजय इतना क्यों बदल गया उसने अजय से शादी करने के लिए अपने घरवालों को कैसे मनाया था कितनी मिन्नतों ऐर मुशकिल से उसे अजय का साथ मिला था। पर आखिर अजय को अकल आ गई उसके बच्चे बड़े हो रहे थे, और वह उनसे दूर हो गया था उस लड़की का भी असली चेहरा सामने आ चुका था उसने सिर्फ फैक्ट्री में काम कपने वाली वर्कर् से उस फैक्ट्री की मालकिन बनना चाहा था, तीन बच्चो के पापा से उसे कोई लेना देना नहीं था। वो पैसे के लिए आज अजय तो कल किसी और की भी हो सकती थी, अब उसने अजय से पैसे मांगना शुरु कर दिए थे और अपना हक और हिस्सा भी पर अजय तो प्यार में पागल अपने असली प्यार और परिवार को ही भूल बैठा था। अजय वापिस अपने परिवार के पास आना चाहता था पायल ने अपना दिल बड़ा करके अजय को माफ करने की कौशिश की और खुद को समझाया इतना आसान तो नहीं खा पर बड़े होते बच्चों के भविष्य के लिए उसने अजय को एक मौका दिया। धीरे धीरे बच्चों ने भी अपने पापा को माफ कर दिया, बेटा खुद को समझा रहा था पर कर नहीं पा रहा था, फिर मां के समझाने पर कौशिश करुंगा ऐसा वादा किया था । अजय वापिस तो आ गया था पर अब थोड़ा सा बदलाव ज्ञरुर आ गया था उनके व्यवहार में अजय को वो प्यार और मान नहीं मिल पा रहा था। अजय ने नए सिरे से ज़िन्दगी शुरु करने की कौशिश कर दी थी पर यह इतना आसान नहीं था अजय अपने किए पर बहुत पछता रहा था। पर रिशते में दूरियां वो भी ऐसी एक गांठ ज़रुर छोड़ जाती हैं।

कामनी गुप्ता

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