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माया

माया ने जैसे ही दरवाज़ा खोला सामने उसके सपनो का राजकुमार खड़ा था वही अमित जिसको वो छुप छुप कर देखती थी, माया जानती थी कि अमित कभी उसका नहीं हो सकता फिर भी वह उसीके सपने दिन रात देखती थी । अमित ने ज़ोर से माया को चेताया वो तो बस हैरान आँखों से उसे देखे जा रही थी, अमित माया के पड़ोस में रहता था। माया इतनी सुन्दर नहीं दिखती थी पर मन की बहुत सुन्दर थी। माया की और अमित की मां अच्छी सहेलियां थी पर माया की मां को इस बात की बिल्कुल भनक नहीं थी कि माया अमित को इतना पसंद करती है। अमित खुद भी नहीं जानता था कि माया उसके बारे में क्या सोचती है। माया ! अमित ने कहा आंटी घर पर हैं, माया हड़बड़ा गई कहा पता नहीं हाँ , शायद अमित हंसने लगा कि माया कैसे अजीब जवाब दे रही है अभी अंदर से ही आई है और नहीं जानती कि उसकी ममी घर पर हैं या नहीं। अचानक माया को याद आया कि ममी सुबह ही नानी के घर गए थे और शाम को आएंगे । नहीं ममी घर नहीं हैं वो नानी के घर गए हैं आओ अमित अंदर आ जाओ।

अमित ने कहा वो ममी कह रहे थे जब आएंगे उनको घर भेजना कोई बात करनी है आंटी से , माया के कहने पर अमित अंदर आया । माया का छोटा भाई बंटी अंदर खेल रहा था। अमित भी उसके साथ बाते करने लगा। माया तो बस अमित को देखे जा रही थी। तभी माया की ममी भी आ गए और अमित के कहने पर वो अमित के घर गए। अमित की ममी रीटा बड़ी बेसब्री से माया की ममी मीनू का इंतज़ार कर रही थी तभी रीटा वहां आ गई। रीटा ने इशारे से अमित को बाहर जाने को कहा और मीनू से कहा कि वो अमित और माया के बारे में बात करना चाहती है। मीनू थोड़ी देर के लिए चुप हो गई पर रीटा ने अपनी बात जारी रखी, और मीनू से साफ बात कर दी कि अमित माया को पसंद करता है और माया मुझे भी पसंद है क्यों न दोनो की बात पक्की कर दी जाए, पर मीनू को यह बात और रिशता पसंद नहीं आया क्योंकि वो माया की शादी किसी बड़े खानदान में करना चाहती थी और वैसे भी रीटा मौहल्ले में ही रहती थी। मीनू ने रीटा को कहा कि वो घर में बात करके और माया से पूछ कर जवाब देगी। रीटा ने कहा कोई बात नहीं पर जल्दी जवाब देना क्योंकि अमित के पापा को शादी की बहुत जल्दी है अमित की उम्र भी हो गई है पहले नौकरी की वजह से आगे ही देर हो गई है। अमित की पसंद को ध्यान में रखते हुए माया से रिशते की बात की। मीनू चली गई और घर जाकर माया के पापा से भी बात की, उन्हें भी इतना पसंद नहीं आया रिश्ता क्योंकि वो माया की शादी रईस खानदान में करना चाहते थे और अमित की नौकरी प्राइवेट थी वहां सिर्फ ज़रुरत की चीज़े थीं पर मीनू तो चाहती थी कि माया बड़ी बड़ी गाड़ि़यों में घूमे खूब मज़े करे। माया को जब पता चला तो वो खुशी से फूले नहीं समा रही थी अमित तो उसके सपनो का राजकुमार था, वे तो खुशी से झूम उठी थी झट से रिशते के लिए हां कर दी, पर मीनू ने माया को समझाया कि बेटा सिर्फ प्यार से ज़िन्दगी नहीं चलती बहुत कुछ चाहिए होता है जीने के लिए तू बाद में पछताएगी। पर मां रीटा आंटी और अंकल कितने अच्छे हैं , माँ मुझे प्यार चाहिए पैसे नहीं। मुझे अमित और उनका परिवार बहुत पसंद है, आप हाँ कर दो। पर मीनू तो माया के भविष्य को लेकर चिंतित थी कि अमित की प्राइवेट नौकरी हैऔर रीटा के पति भी रिटायर हो गए हैं, कैसे होंगे माया के सपने पूरे यह तो बच्ची है इसे समझ नहीं यह दूर की नहीं सोच रही। माया के जिद्द के बाद भी मीनू और उसके पति ने रिशते के लिए न कह दी और बहाना माया की पढ़ाई का लगाया कि उसे अभी आगे पढ़ना है ताकि सहेली वाला रिशता कायम रहे। रीटा ने अमित की शादी बड़ी धूमधाम से कर दी लड़की बहुत सुन्दर थी और गुणवान भी। वहीं माया कम सुन्दर थी इसलिए उसका रिशता करने में बहुत देर लगी क्योंकि सभी एक जैसे नहीं होते क्योंकि मन की सुन्दरता से चेहरे की सुन्दरता ही कुछ लोगों को आकर्षित करती है फिर माया की शादी बहुत ही अमीर घर में कर दी गई लड़का उम्र में माया से बहुत बड़ा था सिर्फ पैसा बहुत था। माया इस रिशते से खुश नहीं थी। क्योंकि उसके पति के पास बस पैसा था न ही माया के लिए वक्त था न ही वो गुणवान था। पापा के पैसों पर ही मौज करता था। माया की मां का सपना तो पूरा हो गया था पर माया खुश नहीं थी क्योंकि पैसे के साथ प्यार और सच्ची खुशी भी मुश्किल से मिलती है। जल्दी ही मीनू को अपनी गल्ती का अहसास हो गया था। वहीं अमित अपनी मेहनत और इमानदारी से सरकारी नौकरी हासिल कर चुका था। वो अपनी छोटी सी दुनिया में तमाम खुशियां समेटे जी रहा था। वहीं माया बस पैसों कोदेख देख कर तंग आ चुकी थी रोज़ घर में किसी न किसी बात पर उसको ताने पड़ते थे कभी यह कहा जाता कि इतना पैसा देखकर दिमाग खराब हो गया है क्या करना है मायके जाकर है क्या उनकी हैसियत, चुपचाप घर बैठो। एक तो शक्ल भी सुन्दर नहीं हमारा ऐहसान मानो कि शादी करके लाएं हैं। रसोई घर संभालो। माया को समझ नहीं आता था कि वो अब अमीर है याकम पैसों मे अपने घर में ढेरों खुशियां मनाती अमीर थी। कहीं तो उसके गुणों की कद्र थी उसकी कद्र थी, रीटा .आंटी और अमित उसके गुणों से प्यार करते थे। पर यहां तो बस पैसा ही सब कुछ है, चेहरे की सुन्दरता से ही इंसान का मौल है। माया मीनू की झूठी माया के लगाव की वजह से एक बेरंग ज़िन्दगी जी रही थी।

कामनी गुप्ता

जम्मू !

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