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लव इज़ लाइफ

लव इज़ लाइफ़

कॉलेज खत्म होते ही माधवी घर की और जाने लगी। अचानक बड़ी तेज़ बारिश शुरू हो गयी। माधवी एक सिटी बस स्टॉप की छत के नीचे खड़ी हो गयी। उसका बदन पूरी तरह से भीग चुका था और घर पहुँचने की चिंता उसके चहरे पर साफ झलक रही थी। थोड़ी ही देर में पूरा रास्ता सुमसाम हो गया। तभी अचानक वहाँ रोमी नाम का एक लड़का अपनी बंद पड़ी बाइक घसीटता हुआ आया और माधवी के पास ही खड़ा हो गया।

थोड़ी ही देर में माधवी को यह एहसास होने लगा की उस लड़के की नज़र उसी पर है। माधवी नें गुस्से भरी नज़र से कतराते हुए उसकी और देखा,,, जैसे की बिन बोले ही वह कह रही हो की मेरी ओर घुरना बंद करो।

करीब दस मिनट तक यह सिलसिला चलता रहा,,, तब माधवी के सब्र का बांध टूट गया और उसने रोमी के पास जा कर उसे कहा की,,, कभी लड़की देखि नहीं? शर्म नहीं आती इस तरह किसी को घूरते हुए? बे-शर्मी की भी हद होती है...

रोमी नें जवाब में सिर्फ इतना कहा की,,,

खूबसूरती को देख कर अनदेखा करना उसका सब से बड़ा अपमान होता है,,, ऊपर वाले नें तुम्हें घूर कर देखने लायक बनाया है इस लिए देख रहा हूँ, फिर भी तुम्हें बुरा लगा तो “I am sorry” । मेरा इरादा गलत नहीं था पर हा,,, इस बात का इकरार ज़रूर करना चाहूँगा की तुम्हारे पास खड़े रह कर इन दस या पंद्रह मिनट में मुझे तुम्हारी खूबसूरती इतनी अच्छी लगने लगी है की,,, तुम गुस्से में आ कर मुझे सेंडल भी मार दो गी तो खा कर मुसकुराता हुआ,,, तुम्हारी मूरत अपने दिल में ले कर यहा से चला जाऊंगा।

यह सब सुन कर माधवी एक पल के लिए तो शरम से लाल हो गयी,,, फिर उसने अपना सेंडल हाथ में लिया और गंभीर नज़रों से रोमी को देखने का नाटक करने लगी। और बोली की कहाँ पर खाओगे? गाल पर? या सिर पर?

रोमी जवाब में पहले तो कुछ नहीं बोला,,, फिर उसने मुस्कुरा अपने दिल पर हाथ थपथपाया,,,, और कहा की यही मार दो,,, सब से ज़्यादा यहीं दर्द होगा।

माधवी मुस्कुरा कर दूर खड़ी हो गयी। उसे एहसास हो गया था की लड़का थोड़ा फिल्मी है पर दिल का बुरा नहीं है। अब शायद उसके देखने से उसे कुछ ज़्यादा डर या परेशानी महेसूस नहीं हो रही थी।

अभी कुछ देर हुई तो रोमी चल कर माधवी के पास आया। इस बार माधवी नें उसे कहा की,,, देखो... कोई गलतफैमि मत पालना। लड़कों के साथ बाइक पर घूमना, उन से अपने फोन के बिल्स पेय करवाना, या गिफ्ट्स लेना इस तरह की लड़की नहीं हूँ में। माँ-बाप के सपने पूरे करने के लिए पढ़ती हूँ, और इज्ज़तदार घर से हूँ, so please ऐसा कुछ भी मत बोलना ना पूछना जिसका जवाब ना ही होने वाला है। मेरी मुस्कुराहट का कोई गलत मतलब मत निकालो I request you

रोमी कहेता है,,, बोल लिया जो बोलना था? अब में बोलू एक बार सुन लो,,,

मेरे खुद के मोबाइल बिल्स मेरे पापा भरते हैं। बाइक अभी अभी तुम्हारे सामने बंद पड़ी है तो समझ लो की किस टाइप की खटारा बाइक का मालिक हूँ। पढ़ाई में 10 वी और 12 वी में तीन तीन बार फ़ेल हो चुका हूँ। लाइफ में गिफ्ट्स लिए ही हैं,,, किसी को गिफ्ट दे सकु इतना काबिल कल भी नहीं था और आज भी नहीं हूँ । दो साल से अच्छी नौकरी पाने की कोशिस कर रहा हूँ पर चपरासी की नौकरी भी हासिल नहीं कर पाया हूँ।

घर में मेरी इज्ज़त dust been यानि कचरे के डिब्बे से ज़्यादा नहीं है। मुझे यह भी पता है की में कुछ खास दिखता भी नहीं हूँ।,,, यह सब तो कुछ भी नहीं है,,, और सुनो... ये जो नयी शर्ट और जीन्स पहेनि है वह भी interview जाने के लिए दोस्त से उधार “भीख” कर लाया हूँ। बदनसीबी और कंगाली इतनी है की अंडर गार्मेंट्स में भी छेद हो चले हैं,,, ना past में सुख देखा है ना present कुछ खास है। पर फिर भी positive हूँ,,, महेनत कर रहा हूँ,,, और अच्छे भविष्य की उम्मीद हारा नहीं हूँ,,,,

ज़िंदगी में कुछ बन गया तो तुम्हें तुम्ही से मांग लेने ज़रूर आऊँगा। तब दिल करे तो मेरा हाथ थाम लेना बुरा लगे तो फिर,,,, तुम्हारे पास सेंडेल्स तो है ही,,,

अब जा रहा हूँ,,, और जाने से पहले एक और गुस्ताखी किए जा रहा हु,,, “I Love You” - It’s my love at first site । Bye

इतना बोल कर रोमी वहाँ से अपनी बाइक ले कर (घसीट कर) चला जाता है। तभी आसमान भी साफ हो चुका होता है, बारिश थम चुकी होती है,,,

बस स्टॉप पर खड़ी माधवी उस पागल दीवाने लड़के को जाते हुए, एक टक देखती ही रह जाती है, जिसका दिल शीशे की तरह साफ था, उसमें कोई जूठ, कोई कपट या दंभ नहीं था। दुनियाँ भर के गमों से घिरे होने के बावजूद उसका विश्वास अडिग था। और अब तो उसने इस बात का इज़हार भी कर दिया था की वह उसे को दिल से चाहता है और उसके साथ ज़िंदगी बसर करना चाहता है।

माधवी घर तो चली जाती है पर अपना दिल रोमी के साथ भेज चुकी होती है,,, खाते पीते अब उसे हर वक्त रोमी की ऊटपटाँग मगर सच्ची भोली बातें याद आती रहती है। शायद माधवी को भी रोमी अच्छा लगने लगा था।

कॉलेज से आते जाते माधवी की नज़रें अब रोमी को ही ढूंढती रहती हैं। इस तरह एक हफ्ता बीत जाता है, पर रोमी नज़र नहीं आता है। कई बार माधवी उस बस स्टॉप पर भी एक एक घंटे तक खड़ी रहने लगी की,,, ताकि रोमी वहाँ से गुज़रे या वह उसे देख ले।

फिर अचानक एक दिन रोमी माधवी के सामने आ खड़ा होता है। उसी बस स्टॉप पर जहां वह दोनों पहली बार मिले थे। इस बार भी कुछ बोले बिना ही रोमी उसे घूरे जा रहा होता है। अब माधवी उसके पास जाती है और उसके सामने देखे बिना ही बोलती है,,,

माधवी – (हस्ते हुए) तुम अब भी मुझे घूर रहे हो,,, शर्म नहीं आती,,,

रोमी – दीवानी बन कर एक हफ्ते से मुझे ही तो ढूंढ रही हो,,, जब पास आ कर खड़ा हो गया हूँ तो सामने क्यूँ नहीं देख रही हो?

माधवी – गलतफैमि में मत रहो,,, मै अपनी एक फ्रेंड का वैट कर रही हूँ। तुम्हारा वन साइडेड लव अपने पास रखो, पहले लाइफ में कामयाब बन जाना फिर यह सब सोचना।

रोमी - अच्छा ऐसा है? तो मेरी कसम खा कर कहो की तुम यहाँ मेरे लिए नहीं खड़ी हो…

रोमी की बात सुन कर माधवी तुरंत उसकी और पलटी है,,, उसकी आंखे आँसुओ से छलक जाती हैं,,, शायद माधवी उसके प्यार में इतनी डूब चुकी थी की,,, मज़ाक में भी उसे रोमी से दूर हो जाने की (कसम खाने की) बात सहेन नहीं हो पाती है।

माधवी कुछ बोले बिना ही वहाँ से चल कर घर की और जाने लगती है। तब रोमी समझ जाता है की उसने गलती कर दी है। वह भी उसके पीछे पीछे साथ चल देता है और बार बार माधवी से माफी मांगता है।

कुछ ही देर में माधवी का घर आ जाता है। रोमी उसके घर के सामने ही खड़ा हो जाता है। करीब 2 घंटे बाद माधवी घर के बाहर देखती है तो वह चौंक जाती है। रोमी अब भी वही खड़ा होता है। और वहीं रोड पर घुटनों पर बैठ कर माधवी से कसम वाली बात बोलने की माफी मांगता है।

माधवी के चहरे पर फिर से मुस्कान आ जाती है। वह हाथ से इशारा कर के रोमी को बताती है की अब जाओ,,, माफ कर दिया। पर रोमी इशारे से कहता है की नंबर दो,,, बात करनी है।

माधवी तुरंत एक कागज़ के टुकड़े पर अपना नंबर लिख कर पत्थर से लपेट कर उसकी और फैंक देती है। अब दोनों के बीछ फोन पर बात शुरू होती है,,,

माधवी - अब यहाँ क्या आटा मांगने रुके हो? निकलो यहाँ से,,, माफ तो कर दिया।

रोमी - तुम्हारे मुह से सुनना चाहता हूँ,,,, वही जो मैंने तुम्हें बारिश वाले दिन, बस स्टॉप पर कहा था।

माधवी - क्या कहूँ? ना तो में 10 वी में या 12 वी में फैल हुई, ना मेरे कपड़ों में कोई छेद है, जॉब rejection भी कहीं से नहीं मिला तो अपने बारे में क्या कहूँ?

रोमी - हा... हा.. हा... मस्ती कर रही हो,,, ताना दे रही हो,,, कोई नहीं,,, अब तो हक़ है तुम्हारा ।

माधवी - हम्म अब मेरी कुछ serious बात सुनो,,, पहली बात,,, मै तुम से उसी दिन शादी करूंगी जब तुम कुछ बन जाओगे। शायद तुम्हें इस बात पर मै पैसे की लालची और स्वार्थी लगूँगी पर घर चलाने के लिए और समाज में इज्ज़त से जीने के लिए यह सब ज़रूरी है। दूसरी बात,,, मै उस दिन को देखने के लिए ज़िंदा नहीं रहेना चाहती जब मुझे तुम्हारी कसम खानी पड़े या तुम्हारा मरा हुआ मुह देखना पड़े। तीसरी बात... भगवान ना करे,,, पर फिर भी,,, अगर हम एक ना हो पाये तो मेरा प्यार और ज़िंदगी की खुशियाँ तुम्हारे साथ ही रह जाएंगी। जबरन मुझे कोई दूसरा अगर ब्याह कर ले भी गया,,, तो वह सिर्फ मेरे हाड-मांस के शरीर को ही ले जा पाएगा। चौथी और आखरी बात... मुझे कभी धोका मत देना,,, मेरी ज़िंदगी अब तुम ही हो,,, और तुम्ही पर मेरी ज़िंदगी खतम होगी। अब मैंने तुम से दिल जोड़ लिया है।

रोमी – नहीं दूंगा धोका,,, ना मरने की बात करूंगा, प्यार किया है तो प्यार निभाऊंगा।

रोमी अपने घर चला जाता है और माधवी भी अपने काम-काज में बिज़ि हो जाती है। दिन महीने बीतने लगते हैं। माधवी और रोमी फोन पर रेगुलर बात करते रहते हैं और हर रोज़ बस स्टॉप पर एक दूजे के दीदार भी करते है।

रोमी अब भी छोटी-मोटी नौकरीयां बदलता रहता है, ज़िंदगी में सफलता पाने का संघर्ष जारी होता है, तभी एक दिन रोमी के पिता के दोस्त लंदन से अपनी बेटी मीरा के साथ उसके घर रुकने के लिए आते हैं।

रोमी के पिता बात बात में अपने दोस्त को बोल देते हैं की मेरा बेटा इंडिया में कुछ successful नहीं हो पा रहा है अब तक,,, हो सके तो तू इसे लंदन सेट करा दे यार। अब तो यह शादी के लायक भी हो गया है।... मुझे इसकी बड़ी फिक्र लगी रहती है,,,

इतना बोलते ही,,,, मिरा के पिताजी बोलते हैं की,,, मेरे पास एक तगड़ा प्लान है। मीरा मेरी एक ही लौति बेटी है दिखती भी सुंदर है,,, और मेरा कारोबार भी बड़ा है, अगर तुझे ऐतराज ना हों और बच्चों की हाँ हों तो,,, मै इसी पल रिश्ता पक्का कर दूँ और तेरे बेटे को अपने पूरे कारोबार का 50% हिस्से का भागीदार भी बना लूँ। बोल क्या कहता है,,,,,?

अपने दोस्ती यह बात सुन कर रोमी के पिता की आँखों में चमक आ जाती है। वह फौरन रोमी की और देखते हैं,,, जैसे बिन पूछे पूछना चाहते हों को तेरा क्या जवाब है,,,

रोमी समझ नहीं पता की वह उस वक्त क्या बोले,,, फिर भी वह इतना कहता है की पापा में एक दिन सोच लूँ। फिर बताऊ?

दोनों दोस्त इस बात पर हस पड़ते हैं और रोमी को बोलते हैं की कोई जल्दी नहीं है तुम भी सोचो और मीरा भी सोच ले।

वहाँ से जाने से पहले रोमी एक नज़र मीरा की और देखता है,,,

मिरा किसी काँच की गुड़िया जैसी थी। उसके बाल सुनहरे,,, आंखे नीली, रंग चमकता सोना, और बदन जैसे एक तराशा हुआ हीरा।

अचानक मीरा की नज़र रोमी पर पड़ती है,,, तो रोमी शर्म से लाल हो जाता है और कुछ बहाना बना कर वहाँ से उठ कर चला जाता है।

रोमी का विज़न साफ होता है,,, उसे पता था की लंदन जाने पर उसकी लाइफ बन सकती है, और तुलना करने पर मीरा माधवी से कई ज़्यादा गुना सुंदर दिखती थी।

पर रोमी इरादे का पक्का था वह माधवी से गद्दारी नहीं करना चाहता था। उतने में ही रोमी के पापा उसके पास आते हैं और बोलते हैं की,,, बेटा मीरा की हाँ है तूने क्या सोचा?

रोमी अपने पापा को उसी वक्त बोल देता है की पापा में किसी और से वादा कर चुका हूँ,,, और उस से प्यार भी करता हूँ। मै उसे दगा नहीं देना चाहता।

रोमी के पापा का चहेरा उतर जाता है। यह देख कर रोमी को भी बहुत बुरा लगता है। रोमी के पिता अपने बेटे को कुछ बोलते नहीं है और वापिस लौट जाते हैं।

उसी रात रोमी रोज़ की तरह माधवी से फोन पर बात करता है,,,

रोमी - क्या कर रही थी?

माधवी – तुम्हारे फोन का इंतज़ार

रोमी – तुम से एक बात पुंछू सच सच बताना,,,

माधवी – हा पूछो,,,

रोमी – अगर में लाइफ में कभी भी successful नहीं हो पाया तो हम क्या करेंगे? तुम इस गरीब कंगाल से शादी करोगी?

माधवी – मैंने तुम्हें पहले ही कहा था,,, तुम सेट हो जाओगे तभी में तुम्हारे बारे में घर में बात कर पाऊँगी। और मेरे बस में रहा तो पूरी ज़िंदगी तुम्हारा इंतज़ार भी करूंगी। शादी ही नहीं करूंगी। ये वादा है मेरा।

रोमी – अच्छा चलो,,, अगर तुम्हारे माँ-पापा नें तुम्हारी शादी ज़बरन करा दी तो?

माधवी - तब भी में तुम्हारी ही रहूँगी,,, मेरा शरीर ज़िंदा लाश की तरह ही जाएगा किसी के साथ। में यह भी तुम्हें पहले ही समझा चुकी हूँ,,,

रोमी – तुम्हें हर चीज़ perfect ही क्यूँ चाहिए? प्यार है तो मुझे गरीब ही क्यूँ नहीं अपना लेती? एक कामियाब इन्सान बननें के बाद ही क्यूँ मुझसे ज़िंदगी जोड़ना चाहती हो? गरीब लोग शादी नहीं करते क्या? खुश नहीं रहते क्या?

माधवी – मुझे पैसों की भूख नहीं है,,, पर कल हमारे बच्चे होंगे,,, घर के खर्चे होंगे,,, तुम्हारी ज़िम्मेदारी होगी,,, मेरी ज़िम्मेदारी तुम पर होगी,,, तब क्या करोगे? अपने पापा से कहोगे की मेरे बेटे के डायपर लेने हैं पैसे दो। या मेरी बीवी की जेब खर्ची के पैसे दो। मुझसे जगड्ने से पहले खुद थोड़ा सोचो।

रोमी – सुखी रोटी खा लेंगे, कैसे भी गुज़ारा कर लेंगे। डायपर नहीं बनते थे तब भी बच्चे पलते थे ना। तो यह फिजूल के उसूल अब बस करो,,, मुझे तुम्हारी ज़रूरत है। मै अब चाहता हूँ की तुम शादी कर के मेरे घर आ जाओ।

माधवी – मुझे समझ नहीं आ रहा है की,,, अचानक तुम्हें हो क्या गया है। मै बस तुम्हें successful देखना चाहती हूँ,,, मेरे माँ-बाप के सामने खड़ा करने लायक बनाना चाहती हूँ। और अगर तुम ये चाहते हो की में ऐसे ही तुम्हारे साथ शादी कर लूँ तो इस तरह की शादियाँ लंबी टिकती नहीं है। मै नहीं चाहती की हम दोनों सच्चा प्यार तकरार और नफरत में बदल जाए।

रोमी – मुझे philosophy के फंडे मत समजाओ, मै घर बसा लेना चाहता हूँ, मुझे पता है की तुमने मुझे शुरुआत में ही सब कहा था। और यह भी में समजता हु की तुम मेरी भलाई सोच रही हो,,, पर अब मै यह long distance वाली relationship से तंग आ चुका हूँ तुम्हारा साथ और सहारा चाहिए। महेनत में कर लूँगा बस तुम ज़िद छोड़ दो – I request you ।

माधवी – मै अपना इरादा नहीं बदलना चाहती। पास में तुम्हारे अब भी हु, और अपनी ज़िंदगी के अंत तक रहूँगी। ना मैंने तुम से कुछ मांगा है ना मांगूँगी। बस तुम खुद एक काबिल इन्सान बन जाओ,,, ताकि हमारी शादी कल एक मज़ाक ना बन कर रह जाए।

रोमी – तो तुम अपनी ज़िद पर अड़ी रहोगी? नहीं मानोगी ?

माधवी – यह मेरी ज़िद नहीं है,,, इरादा है। जिस तरह तुम्हारी जोगन बन कर ज़िंदगी बिताने का इरादा किया है उसी तरह इस बात पर भी में अडिग हूँ।

रोमी – आज मेरे घर पापा के फ्रेंड आए हैं, पापा नें और उन्होने रिश्तेदारी की बात छेड़ी है, वह लोग मुझे लंदन घर-जमाई सेट करानें की बात सोच रहे हैं, लड़की नें भी हा कही है, एक जटके में मै रोड़ पति से करोड़ पति बन सकता हूँ। पर तुम्हें दिया वचन नहीं तोड़ना चाहता। प्यार में गद्दारी नहीं करना चाहता। you are my first love तो अब भी समझा रहा हूँ,,, ज़िद छोड़ दो। ज़िंदगी में पैसे ही सब कुछ नहीं है,,, कम पैसे और ज़्यादा प्यार से भी ज़िंदगी जी जा सकती है।

माधवी – तो असली बात यह है,,,, इसी लिए मुझे force कर रहे हो नहीं? अब दिल भर गया मुझसे,,, लंदन वाली मिल रही है,,, करियर दिख रहा है तो मुझसे मन ऊब गया।

रोमी – तो मै क्या करूँ? मर जाऊ? तुम मुझे कंगाली में अपनाने को तैयार नहीं, मेरा बूढ़ा बाप आस लिए बैठा है की मर नें से पहले बेटे को सुखी देख कर मरूँ।

अब भी,,,, में तुम्हारे साथ ही जीना चाहता हूँ,,, और मैंने already अपने पापा को उस रिश्ते के बारे में ना भी बोल दिया है, पर अब मै चाहता हूँ की तुम अपना इरादा बदल दो और मुझसे शादी कर लो। Trust me मै दुगनी महेनत कर के तुम्हारा अच्छे से खयाल रखूँगा।

माधवी – अपने वादे और इरादे छोड़ दे,,,, उन कमज़ोर लोगों में से मै नहीं हूँ। इस जनम में दूर हो कर भी तुम्हारी ही हूँ। पर तुम्हें जिस्म की भूख लगी है तो तुम वादा तौड़ कर लड़न चले जाना,,, मै दिल पर पत्थर रख कर तुम्हारी जुदाई का गम सह लूँगी।

रोमी – मुझे यह तो पता था की,,,, तुम्हारे दिल में मेरे लिए प्यार बे-इम्तिहा है पर यह आज पता चला की तुम्हारा अहम (IGO) उस से भी कई गुना ज़्यादा है।

“(गुस्से में,,, ) मुझे भी प्यार तो तुमसे ही रहेगा, पर शायद बूढ़ा होने तक successful होने का वैट नहीं कर पाऊँगा। आर्थिक तंगी की वजह से या किसी और दबाव में मुझे मीरा से शादी कर लेनी पड़े तो मुझे माफ कर देना। तुम्हें धोका तो मै मरने के बाद भी नहीं देना चाहता था पर तुम्हारे उसूल और इरादों नें मुझे तोड़ कर रख दिया है।”

माधवी – (तेज़ धड़कनो के साथ) एडवांस में “शादी मुबारक” और हा याद रहे,,, पहला invitation card मेरे घर आना चाहिए,,, “तुमको कसम है मेरे सच्चे प्यार की,,,”

रोमी – (आँखों में आँसू लिए) वादा रहा, ऐसा ही होगा। एक दिन था जब तुम्हारे लिए successful होने के लिए दौड़ रहा था,,, आज success सामने खड़ी है और तुम्हारा हाथ मुझसे छुड़वा रही है। आखरी बार कह रहा हूँ,,, बदल दो इरादा – एक बार मेरे प्यार का मान रख कर जुक जाओ – मै ज़िंदगी भर तुम्हारी गुलामी में जुका रहूँगा।

माधवी – (रोते हुए,,, बे हद धीमी आवाज़ में,,,) लगता है कोई बुला रहा है,,, जाने का समय हो गया,,, हो सके तो मुझसे आगे से फोन पर बात मत करना,,, अब यह हक़ मीरा का होगा, बस अब धूम धाम से शादी की तैयारी करना और मीरा को खुश रखना। और याद रखना,,, तुम्हें दूल्हा बने देखने की खुशी इस दुनियाँ में सब से ज़्यादा जिसे होगी वह इन्सान “मै” हूँ।

उस वक्त माधवी के यह आखरी शब्द थे। रोमी हैलो,,, हैलो,,, करता रहा,,, पर माधवी की और से कुछ आगे जवाब नहीं आया। अंत में रोमी फोन रख देता है। अगली ही सुबह वह माधवी से मिल कर बात करने का फ़ैसला करता है। उसे लगता है की,,, आमने सामने बात कर के वह माधवी को मना लेंगा।

पर माधवी के घर पर ताला लगा होता है। रोमी बार बार माधवी के फोन पर कॉल करता है पर माधवी का फोन भी नो-रीप्ले होता रहता है। रोमी लगातार 15 दिन तक माधवी के घर के चक्कर काटता है,,, पर वहाँ हर बार ताला ही लगा पाता है। अंत में वह पास में पड़ौसी से पूछने का फ़ैसला करता है,,, तब उसे पता चलता है की माधवी के माता-पिता उसे अमरीका भेज रहे हैं। इस बात को सुन कर रोमी वहीं सुन्न पड़ जाता है। उसे यकीन नहीं हो पाता है की,,, माधवी अमरीका जा रही है। और वह भी बिना बताए उसे छोड़ कर। रोमी और कुछ पूछे बिना ही वहाँ से घर लौट आटा है।

घर आ कर जब वह अपना फोन देखता है तब उसमें माधवी का एक एसएमएस आया हुआ पता है।

SMS

अमेरिका जा रही हूँ,,, क्यूँ जा रही हूँ यह मत पूछना,,, मै बताना भी नहीं चाहती। तुम्हारी शादी में आने की बड़ी ख्वाइश है,,, पर पता नहीं आ पाऊँगी या नहीं,,, पर कोशिस ज़रूर करूंगी। हो सके तो तुम्हारी एक हस्ती हुई फोटो भेज दो,,, ताकि याद आने पर तुम्हें देख कर बस स्टॉप पर तुम्हारी कही हुई बातें याद कर के अपना जी बहेला सकूँ।

SMS रीप्ले (रोमी के द्वारा)

अच्छा है,,, तो अमरीका में कोई कामयाब लड़का ढूंढ ही लिया। बड़ी जल्दी की। और मै यहाँ बुद्धूराम की तरह तुम्हारे घर के चक्कर काटे जा रहा हूँ,,,, की किसी तरह तुम्हें समझा लूँ मना लूँ। anyway…. फोटो तो नहीं भेजनी मुझे,,, अब यह हक़ तुम्हारे उस अमरीका वाले का होगा ना,,, और अब मै शादी मिरा से ज़रूर करूंगा,,, और कार्ड नहीं भेजना तुम्हें,,, तुम्हारी येही सज़ा है की तुम भी उसी तरह मेरे लिए तड़पो जैसे मै तुम्हारी याद में ज़िंदगी भर तड़पने वाला हूँ। Bye for Ever।

रोमी उस रात फूट फूट कर रोता है। और करीब रात के दो बझे अपने पापा को जागा कर बोलता है की वह मीरा से शादी करने के लिए और लंदन जाने के लिए तैयार है।

दूसरे दिन रोमी और मीरा अचानक आमने सामने आते हैं।

रोमी मिरा को रोक कर पूछता है की,,,

रोमी - अगर में यह कहूँ की तुम लंदन जाने की वजाय यहीं शादी कर के रहो,,, तो क्या तुम मेरी गरीबी और ना कामयाबी के साथ मुझे अपनाओगी?

मीरा – एक बार शादी हो गयी तब तुम्हारा घर वही मेरा घर,, तुम्हारी मरज़ी वही मेरी मरज़ी। तुम्हारी हालत वही मेरी हालत। तुम जो खिलाओगे वही खा लूँगी, जहां रखोगे वहीं रेह लूँगी। रही बात दौलत की,,, वह तो शादी के बाद तुम होगे मेरे लिए।

रोमी –मुझे किसी नें अच्छी तरह समझाया है की लाइफ में success कितनी ज़रूरी है,,,, इसी लिए मै खुद के लिए नहीं पर तुम्हारे लिए लंदन आऊँगा। अब तुम्हारे सपने पूरे करने के लिए जीऊँगा। एक पति के सारे फर्ज़ निभाऊंगा। और हाँ,,, ज़िंदगी के किसी कठिन मोड़ पर मै कमज़ोर पड़ जाऊँ तो मेरा हाथ थामे रखना। चोट लगने के बाद अक्सर मुझे किसी के सहारे की ज़रूरत पड़ती है। तुम अच्छी पत्नी ना भी बन सको तो कोई शिकवा नहीं करूंगा,,, बस मेरी अच्छी दोस्त ज़रूर बनी रहेना।

मीरा – वादा रहा, ऐसा ही होगा।

“माधवी के साथ रोमी का रिश्ता था यह बात रोमी पूरी ईमानदारी से मीरा को बता देता है, और दोनों के रिश्तों में दरार आने की वजह भी रोमी बता देता है। मीरा कहती है की तुम्हारे past में तुम क्या थे उस से मुझे कोई मतलब नहीं आगे का जीवन मेरे साथ ईमानदारी से बिताने के लिए राज़ी हो तो मै और कुछ उस बारे में जानना नहीं चाहूंगी”

अगले ही दिन रोमी के पिता मीरा के पिता को यह good news दे देते हैं और दोनों परिवार मिल कर रोमी और मीरा की सगाई कर देते हैं। मीरा और उसके पिता के Visa खतम होने वाले होते हैं इस लिए उन्हे रोमी और मीरा की शादी भी उसी हफ्ते करा देनी पड़ती है।

अब रोमी अपनी दुल्हन और ससुर के साथ लंदन जाने के लिए रवाना होने लगता है। घर से बहार निकलते ही डाकिया सामने मिलता है। उसके हाथ में रोमी के नाम चिट्ठी होती है। उस कवर में भेजने वाले का नाम नहीं होता है।

एयरपोर्ट जाने की जल्दी में रोमी उस चिट्ठी को अपनी जेब में ही रख लेता है। और मीरा और उसके पिता के साथ लंदन की फ्लाइट में सवार हो जाता है। लंदन जा कर रोमी का स्वागत ज़ोरों-शोरों से होता है। रोमी अब भी माधवी के प्यार का ज़ख़म जूठी मुस्कान से छुपाने की कोशिस किए जा रहा होता है।

तभी अचानक रोमी का हाथ उस चिट्ठी की और जाता है जो इंडिया में उस डाकिये नें घर से निकलते वक्त दी थी। उसे खोलते ही रोमी चौंक जाता है,,, वह चिट्ठी माधवी नें लिखी थी।

******चिट्ठी – Latter******

To

रोमी,

तुम दोनों को शादी की ढेर सारी बधाइयाँ। तुम दोनों के जीतने भी दर्द और गम हों वह सारे मेरे, और मेरी जितनी भी खुशियाँ हों वह तुम दोनों के लिए,,, सच कहूँ तो अब मेरी सारी तकलीफ़ें दूर होने जा रही हैं,,, पलक जपकते ही दुनियाँ के किसी भी कोने में आने जाने की शक्ति मिलने वाली है। ऐसा महेसूस ही रहा है।

अब अमरीका से लंदन और इंडिया की दूरी मेरे लिए कुछ ज़्यादा मायने नहीं रखने वाली है। तो मीरा को बोलना अगर किसी दिन बिना बताए तुम दोनों के घर,,, मिलने आ धमकूँ तो बुरा नहीं माने। उसे बोलना की अपनी इस so cold सौतन की जोली में इतनी भीख ज़रूर ड़ाल दें। 7 जनम तक उसकी एहसानमंद रहूँगी।

अब रोमी तुम्हारी बात,,, तो आखिर तुमनें भी मेरी तरह IGO नहीं छोड़ा। एक तस्वीर भेज देते। मै कुछ और दिन उस बस स्टॉप पर जा जा कर हमारी पुरानी यादें ताज़ा कर लेती। खैर,,, अंत में तुम से एक बात के लिए माफी मांगना चाहती हूँ,,,

लोग क्या सोचेंगे,,, माँ-बाप क्या कहेंगे,,, समाज क्या कहेगा। इन सब बातों को सोचने से ज़्यादा मुझे इस बात पर सोचना चाहिए था की अगर हम नें एक दुझे को खो दिया तो हम दोनों पर क्या बीतेगी। मै खुद को पूरी तरह गलत भी नहीं समजती पर मै सही भी नहीं थी। कहीं ना कहीं हमारी perfect life और तुम्हारी success देखने के चक्कर में जीवन के सच्चे सुख “प्यार” को भुला बैठी।

हो सके तो मुझे दिल से माफ कर देना,,, वरना मुझे वहाँ जाने की इजाज़त नहीं मिलेगी। जहां अब मुझे चले जाना है।

तुम यकीन नहीं करोगे,,,

वह बारिश का दिन,,, तुम्हारा मुझे घुरना,,, मेरा गुस्सा करना,,, फिर तुम्हारा अपनी लाइफ के प्रॉब्लेम्स बताना,,, और फिर अजीब तरीके से प्यार का इज़हार कर के वहाँ से जाना....

यह सब मेरी पूरी ज़िंदगी के सब से बहेतरीन पल थे। और वह बस स्टॉप अब से मेरे लिए ताजमहल होगा। अब तुम्हारी यह ex मुमताज़ वहीं ट्रान्फ़्सर होने जा रही है,,, दिल करे तो मीरा को ले कर मिलने ज़रूर आना...

अब हो सके तो,,, मुझ बदनसीब को दोनों मिल कर,,, दोस्त ही बना लो यार,,,,

और हाँ – शादी के बाद बेटी हुई तो उसका नाम “माधवी” रखना। मुझे लगेगा की मै तुम लोगों के साथ साथ ही जी रही हूँ।

“अलविदा”

रोमी तुरंत मीरा के पास जाता है,,, उस के हाथ में खत और आँखों में पानी देख कर मीरा समझ जाती है की वह खत माधवी का ही होगा।

मीरा फिर खुद वह खत पढ़ती है,,, पूरा खत पढ़ने के बाद मीरा फुट फुट कर रोने लगती है,,, तब रोमी उसे संभालता है।

उस खत को रोमी की और दिखा कर मिरा रोते हुए पूछती है,,,

मीरा - क्या तुम इस खत का मतलब समझते हो?

रोमी - यकीन करो मै अब पूरी तरह से तुम्हारा ही हूँ,,, माधवी से प्यार करता था पर अब उसकी पूजा करता हूँ,,, मै ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिस से तुम्हें ठेस पहुंचे। मुझे अपनी मर्यादा का हमेशा ध्यान रहेगा।

मीरा - अरे पागल मै तुम पर शक नहीं कर रही हूँ,,, इस खत की बातें किसी घोर अमंगल की और इशारा कर रही है, खत को ठीक से समजने की कोशिस करो,,, माधवी अपनी सारी खुशियाँ हमारे नाम कर रही है,,, हमारी बच्ची हुई तो उसका नाम माधवी रखने की बात कर रही है, किसी ऐसी जगह जाने की बात कर रही है जहां अब उसे चले जाना चाहिए मतलब मुक्ति। ताजमहल और मुमताज़ की बात,,, अमेरिका से लंदन वहाँ से इंडिया आ जा सक्ने की बात इन्सान मरने के बाद रूह बन कर ही तो इस तरह आ जा सकता है। एक बार तुम्हारी तस्वीर देखने के लिए तड़पने की बात, हमारी शादी में आ नहीं सक्ने की बात। कहीं ऐसा कुछ तो नहीं हुआ होगा ना की मरने से पहले वह एक बार तुम्हें देखना चाहती हो। उस जगह पर होने की बात जहां तुम दोनों का प्यार शुरू हुआ था,,,

“यह सब बातें इसी और इशारा कर रहीं हैं की तुम्हारी माधवी इस दुनियाँ से जा चुकी है या मौत के काफी करीब है”

तुम अभी के अभी उसकी खोज खबर लो,,, मै खुद बोल रही हूँ,,, इंडिया कॉल करो। माधवी का नंबर ऑफ आए तो उसके पापा को कॉल करो मै बात करूंगी।

रोमी माधवी का नंबर लगाता है,,,, सामने से माधवी के पिता फोन उठाते हैं। तब रोमी अपनी पत्नी मीरा को फोन देता है।

मीरा फोन पर पूछती है की,,, uncle आप प्लीज ज़रा माधवी को फोन देंगे। मै लंदन से उसकी सहेली बात कर रही हूँ।

तभी रोते हुए माधवी के पापा उत्तर देते हैं की,,,

बेटा माधवी तो अब नहीं रही,,,, उसे अचानक दिल का दौरा पड़ा था,,, करीब 18 से 20 दिन तक मौत से लड़ने के बाद परसो माधवी नें दम तोड़ दिया। हम उसे इलाज के लिए अमरीका भी ले गए,,, पर कोई फैयदा नहीं हुआ।

यह बात सुनते ही मीरा के हाथ से फोन गिर कर टूट जाता है। वह रोमी को गले लगा लेती है और बुरी तरह रोते हुए कहती है की,,, तुम्हारी मीरा अब इस दुनियाँ में नहीं रही।

रोमी इस दर्दनाक खबर को सुन कर गुमसुम हो जाता है। उसकी आंखे खुली की खुली ही रहे जाती है। अपने पति को इस तरह सदमें में पा कर मिरा भी बे हाल हो जाती है।

उसी रात मीरा अपने पापा को बताती है की,,, मै रोमी के साथ इंडिया में सेट होना चाहती हूँ। आप हमें सपोर्ट करें तब भी,,, और ना करें तब भी।

हर बार की तरह इस बार भी मीरा के पिता अपनी लाड़ली बेटी की ज़िद मान लेते हैं। और अगले ही हफ्ते उन्हे इंडिया भेज देते हैं।

अपने ससुर की सहायता से रोमी इंडिया में नया काम शुरू कर लेता है। और अपने माँ बाप के साथ साथ माधवी के माँ बाप का भी खयाल रखने लगता है। माधवी के माँ-बाप कभी इस बात को जान नहीं पाते हैं की रोमी वास्तव में उसी की बेटी का प्रेमी है। रोमी और मीरा के वहाँ एक सुंदर बेटी का जन्म होता है। जिस का नाम वह दोनों बड़े लाड़ से माधवी रखते हैं।

मीरा और रोमी हर हफ्ते उस बस स्टॉप पर जाते और वहाँ बैठ कर रोमी माधवी को अपनी प्रेम कहानी के किस्से सुनाया करता है। कभी कभी ठंडी हवा का जोंका रोमी को छु कर गुज़र जाता,,, जैसे की माधवी वहीं कहीं आसपास हों,,,। कहानी को यहाँ पूर्ण विराम देते हैं – Love Is life ।

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कहानी के कुछ अनसुलझे महत्वपूर्ण पहेलु

  • फोन पर माधवी को जब रोमी से इस बात की खबर मिली की उसके घर में उसकी शादी की बात चल रही है,,, तभी रोमी को खो देने के डर की वजह से माधवी को heavy chest pain शुरू हो चुका था।
  • माधवी नें शादी मुबारक कहा तभी उसे एहसास हो गया था की अब रोमी की जुदाई के गम में वह ज़्यादा नहीं जी सकेगी,,, इसी लिए दर्द से कराहते हुए उसने धीमी आवाज़ में फोन पर रोमी से यह कहा था... “(रोते हुए,,, बे हद धीमी आवाज़ में,,,) लगता है कोई बुला रहा है,,, जाने का समय हो गया,,,”
  • माधवी के घर पर ताला था तब माधवी वहीं लोकल अस्पताल में थी और उसे अमरीका ले जाने की तैयारियां हो रही थी। रोमी नें पड़ौसी से सिर्फ इतना सुना की वह लोग तो अमरीका जा रहे हैं। पर यह नहीं पूछा था की क्यूँ जा रहे हैं।
  • माधवी को पता था की SMS में हार्ट अटैक या अमरीका में सर्जरी की बात लिख दी तो रोमी कभी भी किसी भी हाल में मीरा से शादी नहीं करेगा, और खुद कुछ बन नहीं सका तो इंडिया में भी सुखी नहीं रह पाएगा।
  • रोमी को लगा की माधवी अमरीका शादी कर के set होने जा रही है, इसी किए उसने SMS के जवाब में भी अपना गुस्सा ही ज़ाहिर किया।
  • Conclusion – प्यार तो सब करते हैं पर कुदरत यह का अनमोल तौफा किसी किसी के नसीब में ही आता है। ना मीरा नें सोचा था की वह जाने अंजाने दो प्रेमियों के बीछ दरार बननें जा रही है। ना ही रोमी नें सोचा था की उसकी जुदाई के गम में माधवी की जान पर भी बन आ सकती है, और ना ही माधवी नें सोचा था की रोमी को खुद से दूर कर के उसकी हालत इतनी खराब हो जाएगी की जान ही चली जाएगी। - Destiny

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