अमन और आरती की प्रेम कहानी paresh barai द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अमन और आरती की प्रेम कहानी

Paresh Barai

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अमन और आरती की प्रेम कहानी

प्यार में इन्सान की दुनियाँ ही बदल जाती हैं। जब एक इन्सान प्यार में होता है तब उसके दिल में किसी के लिए नफरत नहीं रहती है। बार बार सजने-सवरने को दिल करता है। और कई बार इन्सान जागती आँखों से सपनें देखनें लगता है। प्यार जब हद से आगे बढ़ जाता है तो पूजा बन जाता है। प्यार में सफल होने वाले इन्सान हसीं-खुशी एक हो जाते हैं, और जिन बदनसीब लोगों को कुदरत की यह अनमोल नेमत नहीं मिलती है, वह इन्सान ना तो जी पाते हैं नाहीं मर पाते हैं।

मेरा दोस्त अमन हमेशा मुझसे कहता था की,,, मेरे कंधे पर हाथ रख कर, मेरी बाइक के पीछे बैठने वाली “जो होगी” उसकी बात ही कुछ और होगी। मेरा दोस्त अमन एक ज़िंदा-दिल लड़का हुआ करता था। जिसे ज़िंदगी से प्यार था, हम सब दोस्तों से प्यार था, अपनें परिवार से प्यार था। अपनें उसी जिगरी दोस्त की प्रेम कहानी मै आज यहाँ बतानें जार रहा हूँ।

अमन रोज़ की तरह सुबह सात बझे मेरे घर के दरवाज़े पर आ चूका था। बाइक का हॉर्न मार मार फाइनली उसने मुझे जगा ही दिया। अमन और में बाइक पर चौपाटी ग्राउन्ड पर क्रिकेट खेलनें निकल गए। अभी हम एम॰ जी॰ रोड तक पहुंचे ही थे की,,, अमन की बाइक की हैल्थ जवाब दे गयी।

सुबह का समय था। तो कॉलेज गर्ल्स उसी रोड से निकल रहीं थीं। हम दो नमूनों को बिगड़ी हुई बाइक से माथापच्ची करते देख कर,,, वहाँ से गुज़रने वाली सभी लड़कियां हसें जा रही थी। तभी अचानक एक हल्के गुलाबी रंग का रुमाल उड़ कर अमन के चहरे पर आ लगा।

मेरा फुरतीला दोस्त अमन फौरन बाइक के पास से उठ कर, रुमाल लौटाने उस लड़की के पीछे दौड़ा। अमन नें उसे पीछे से आवाज़ भी लगाई.... हैलो,,,, excuse me मेम.... आप का ये रुमाल,,,,

उस लंबे बालों वाली बला की खूब-सूरत लड़की नें फौरन पलट कर देखा... और अपना रुमाल अमन से लेने सामनें आनें लगी। अमन अभी दो तीन कदम उसकी और बढ़ा ही था की,,,, उसका पैर फिसला,,, और अमन ज़मीन पर धड़ाम से गिर पड़ा... उसे गिरता देख कर वहाँ से आनें जाने वाली हर एक लड़की हसनें लगी। सच कहूँ तो मेरी भी हंसी छूट गयी थी। उस लड़की नें पास आ कर अमन से पूछा की आप को ज़्यादा लगी तो नहीं....?

अमन जवाब देने की वजाय उसे फटी आँखों से देखता ही रह गया। अमन तो गिरनें के बाद ज़मीन से उठना तक भूल गया। शायद उस लड़की की खूबसूरती में अमन ध्यान मग्न हो गया था। मैंने पास जा कर अमन के हाथ से उस लड़की का रुमाल ले कर उसको दिया। और वह लड़की हंस कर वापिस कॉलेज की और जाने लगी। फिर मैंने अमन के सिर पर टपली मार कर उसे खींच कर उठाया। और बाइक के पास वापिस ले गया। बाइक के पास जा कर अमन और मेरे बीछ जो बात हुई वह कुछ इस प्रकार थी।

अमन: यार परेश तूने देखा....?

परेश: क्या…?

अमन: अभी अभी जो हमारे बिछ हुआ....वो।

परेश: हां मैंने देखा.... तू लड़की के पास जाने की हड़बड़ी में ज़मीन पर ओंधे मुह गिरा,,, और तेरे साथ साथ यहाँ मेरी इज्ज़त का भी फ़लूदा हुआ... और ज़्यादा गलतफैमियां मत पाल,,, वह लड़की तेरे ऊपर हंस कर गयी है। तुझे स्माइल दे कर नहीं गयी है।

अमन: अरे तू क्या जानें आँखों आँखों की बातें... यार। अब इतना समज लें की तेरी भाभी येही बनेगी। और मेरे घर पर जो पानी का मटका है, उसमें पानी येही लड़की भरेगी।

परेश: हा,,, बेटा तेरी पहली impression तो ज़ोरदार थी। जा उसके कॉलेज में घुस जा, वहाँ जा कर प्रोपोज़ मार दे। वह तो,,, तेरे ही सपनों में खोयी पड़ी होगी,,,,। और हा अगर मामला उल्टा पड़ जाए और सैंडल और चप्पलों से तेरी धुलाई हो जाए तो हिम्मत रखना। तेरे पीटने की खबर तेरे घर तक मै पहुंचा दूंगा।

मै और अमन वहाँ से हसी मज़ाक करते हुए बाइक ले कर आगे चले गए। अमन उस दिन से उस लड़की के प्यार में इस कदर पागल हुआ की,,, पूछो मत... अब हर दिन सुबह उस लड़की के दीदार किये बिना उसे चैन नहीं आता था। अमन नें तो अपनें होने वाले बच्चो के नाम तक सोच डाले थे।

एक दिन शाम को अमन मुझ से बोला, की यार मुझ से रहा नहीं जाता, उस लड़की से बात करनी है, अपनें दिल की बात बतानी है, पर जब भी वह सामने आती है तो दिल की धड़कनें बढ़ जाती है। और आवाज़ हलक से बाहर नहीं निकल पाती है। मैंने फौरन उसे कहा की,,, लव लेटर दे दे। लिख कर बता दे। सिम्पल।

लव लेटर की सलाह क्या दी,,,, अमन तो मेरी जान के पीछे पड़ गया,,,, उसनें कहा की तू ही मुझे लव लेटर लिख कर दे,,, और तू ही उसे लड़की तक लेटर पहुंचा के दे। सच्ची कहूँ तो उस दिन मुझे अमन के नाक पर कोहनी (elbow) मार नें को दिल किया। मैंने उसको कहा... की प्यार की खुजली तुझे... लड़की पटी तो शादी तेरी.... और तेरी सेटिंग जमाने के लिए तलवार मेरी गरदन पर...? सच्ची दोस्ती और दोस्ती के फ़ज का वास्ता दे कर अमन नें मुझे अंत में मना ही लिया।

अब मैंने सोचा की सीधी तरह अगर मैने उसक लड़की को अमन के नाम का लव लेटर थमाया तो यकीनन (definitely) वह लड़की मेरे दोस्त को रिजेक्ट कर देगी। चूँकि वह लड़की बला की खूब सूरत, गोरी चिट्टी, और खानदानी दिखती थी। मैने सोचा की यकीनन इस लड़की को कई सारे प्रपोज़ल आते होंगे। वैसे अमन भी उन दिनों कुछ गया गुज़रा नहीं दिखता था। पर मै नहीं चाहता था की किसी भी हालत में मेरे दोस्त अमन का दिल टूटे। और ज़िंदगी भर अमन देवदास बन कर कुरते फाड़ता फिरे।

तो मैने रिर्वस सायकलोजी का ईस्त्माल करनें की सोची। मैने दिमाग लगाया की मै अमन के लेटर को इस तरह लिखू के वह लड़की अमन को ज़िंदगी भर भूल ना सके। उन दोनों का मेल हों, चाहे ना हों, पर अमन का लव लेटर उस लड़की को इस तरह याद रह जाना चाहिए की, ज़िंदगी में किसी लड़की को वैसा लव लेटर किसी आशिक नें ना दिया हों। तोह फायनली मैंने सोच लिया की अमन को उस लड़की के सामनें पूरी तरह से जोकर साबित कर देता हूँ। ऐसा करने के पीछे मेरा एक ही मकसद था की उस लड़की पर डोरे डालने वाले दूसरे लड़कों से अमन अलग दिखे। चूँकि दस में से नौ लड़कियां अपनें जीवन साथी में कुछ खास और कुछ अलग ही ढूंढती हैं।

“अमन को सामने दूर खड़ा कर के,,,, सुबह सुबह मै गर्ल्स कॉलेज कैम्पस में घुस कर मैने,,,, उस लड़की को अमन का लेटर दिया। वहाँ पर उस लड़की के साथ और तीन लड़कियां भी थीं।“

अमन के सामने नॉर्मल प्यार के इज़हार वाला लव लेटर तैयार कर के, चुपके से मैने लेटर बदल दिया। और जो लेटर अमन के नाम से उस लड़की के लिए, मैंने लिखा था, वह कुछ इस तरह था...

“अब मैंने उस लड़की को नीचे लिखा हुआ खत दिया – इस खत के बारे में अमन को भनक तक नहीं थी”

लेटर

मेरा एक दोस्त है, अमन। आप उसे शायद नाम से नहीं जानती होंगी, पर उस नमूने से आप रास्ते पर मिल चुकी हैं। और शायद आपने उसे, आप के आगे पीछे घूमते भी ज़रूर देखा होगा...। अब बात यह है की अमन को ऐसा वहेम हो गया है की आप जैसी बेहद खूबसूरत लड़की उसे कबूल कर सकती है।

मैने उसे समजाया,,, की तेरे जैसे केले के छिलके को ऐसा गुलाब का फूल नहीं मिल सकता। फटे ढ़ोल जैसी शक्ल ले कर तू उस लड़की के सामनें जाएगा तो भी वह हूर परी सावली पड़ जाएगी। कहाँ तू गारे में लोटनें वाला डुक्कर और कहाँ वह आसमान की अप्सरा... तेरे दाँत मोहेंजों डारों के खुदे हुए पत्थर जैसे,,, उसके दाँत मोती जैसे,,,,

तेरी गरदन भैंस की काँध (Neck) जैसी काली,,,, उसकी गरदन एक लाल सुराही (beautiful curvy pot)। तेरी बोली फटे silencer जेसी, उसकी आवाज़ जैसे मधुर संगीत। तेरे बाल मेडागास्कर के दलदल के घास जैसे,,, उसके बाल रेशम। तू तो ब्युटि मोड सेलफ़ी फोटो में भी आदीमानव दिखता है, तेरा कोई चान्स नहीं है।

वैसे मेरा दोस्त दिखनें मे थोड़ा सा लक्कड़बग्घा है, उसका दिमाग भी सिर्फ चाइना के मोबाइल जितना ही reliable हैं, पर वह दिल का अच्छा है। वैसे अमन ज़्यादा कमाता नहीं है पर जितना भी कमाता है वह सारी कमाई शादी के बाद आप के ही हाथ में रख देगा। उस के खुद के लिए लंगोट खरीदनें के पैसे ना बचे तब भी वह आप के हर एक मौज शौख का ख्याल रखेगा।

दिन भर काम कर के अमन पैसे कमाएगा, रात में घर पर आ कर बरतन भी मांजेगा। और अगर कभी आप का मूड खराब हुआ,,, तो अमन मदारी के बंदर की तरह करतव दिखा कर आप का मनोरंजन भी करेगा। आप मन मरज़ी अनुसार उसको मुन्नीबाई बना कर मुजरा भी करा लेना। कत्थक करा लेना। अमन उफ तक नहीं करेगा।

“Seriously”

अमन मेरा बचपन का दोस्त है, मै वाकय में चाहता हूँ की उसे ज़िंदगी में हर खुशी मिले। जिस दिन से आप को देखा है उस दिन से उसकी खुशी आप हो।

हर इन्सान अपनी पसंद के जीवन साथी को चुन कर ज़िंदगी बिताना चाहता है। आप नें भी अपनें लिए कुछ सपनें देखे होंगे।

अमन के बारे में मै इतना ही कहना चाहूँगा... की अमन दोस्तों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है,,,, परिवार से प्यार करने वाला इन्सान है,,,, दस साल की दोस्ती में मैने उसके अंदर एक भी गलत आदत नहीं देखि है।

वैसे तो में इन बातों में कुछ ज़्यादा experienced नहीं हूँ, पर इतना समजता हूँ की जीवन में उस इन्सान को चुनना चाहिए जो आप से प्यार करता हो। और मेरा पगला दोस्त अमन आप से बे-पनाह इश्क़ कर ता है।

आप का जवाब अगर नां में आया तोह, अमन को मै किस तरह संभालूँगा मुझे पता नहीं है,,, पर खैर,,,, ऐसे मामलों में ज़ोर नहीं होता..... आप अमन को एक बार देख लीजिये,,, हो सके तो उस से मिल कर उसे समज लीजिये,,,,

और अगर आप दोनों नें एक दूजे को पसंद कर लिया तो.... ऊपर वाले की कसम,,,, अमन से ज़्यादा मै खुश हो जाऊंगा। - चूँकि मै वाकय में उसे खुश देखना चाहता हूँ।

आप का जवाब हां है,,, तो लेटर पर आप का अपना “नाम” लिख कर लेटर वापिस मुझे दे दीजिये। और जवाब ना है तो आप आराम से लेटर फाड़ दीजिये मै वापिस लौट जाऊंगा।

(Note – और हां security गार्ड को बुला कर मुझे पिटवाइएगा मत... मै तो सिर्फ massanger हूँ। धौल-पाट देनी ही है तो, अमन सामनें गेट के बाहर बाइक पर बैठा है, आप मन मरजी मुताबिक उसकी धुलाई करा लीजिये।)।

=== Latter End==

पहले तो उस लड़की नें अपनी सभी सहेलीयों को लेटर पढ़ाया। सारी लड़कियां वहाँ पेट पकड़ कर हंसी। जो की होना ही था, मुझे पता था। फिर वह लड़की उठ कर मेरे पास आने लगी। मुझे लगा की इस अमन के बच्चे के चक्कर में आज मेरे गालों पर काँग्रेस का पंजा छपेगा।

उसनें मुझे पूछा की दोस्तों के लिए लव लेटर लिखने के अलावा काम क्या करते हो तुम...? मैंने कहा की में एक रायटर हूँ। लिखता हूँ। उसनें कहा गुड,,, बहुत आगे जाओगे। अब यही रुको,,, यहाँ से हिलना नहीं,,, और यह तुम्हारा दोस्त “अमन” कहाँ है,,,? मैंने कहा बाहर पैड के पास बाइक पर बैठा है।

वह लड़की अकेली चल कर अमन के पास गयी,,,, और अमन को थोड़ी देर गौर से देखा। फिर अमन को बोली,,, “यहाँ से अपनें आप जाना है की घर तक छौड्ने के लिए कॉलेज के गार्ड्स साथ भेजू....? ”

अमन मुंडी हिलाता हुआ वहाँ से दूर चला गया। अब वह लड़की लेटर हाथ में लिए वापिस मेरी और लौट रही थी। सच कहूँ तो उस वक्त मेरे पाँव काँप रहे थे। चूँकि मै तो उन दोनों के मैटर में “बैगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना” बराबर था। दोस्ती की मदद के चक्कर में बलि का बकरा बन गया हौ ऐसा फील हो रहा था। डर के मारे मेरी साँसे उस वक्त इतनी तेज़ चल रही थीं की मै बता नहीं सकता। मुझे पिटाई से ज़्यादा बदनामी से डर लग रहा था।

मेरे ठीक सामनें आ कर वह लड़की रुकी, कुछ देर वह मुझे देखती रही, इतनें में दूसरी सारी लड़कियां भी वहाँ मुझे घेर चुकी थीं। फिर उस लड़की नें मेरी शर्ट की जेब से पेन खींच ली। और उस लेटर पर कुछ लिखा,,, और लेटर मुझे वापिस थमा दिया,,,,

मै लेटर ले कर फुर्ती से गेट की और चलनें लगा। गर्ल्स कॉलेज का गेट पार कर के मेरी जान में जान आई। वहीं पर उस खत को खोल कर मैंने देखा,,,,

उस लड़की नें लिखा था,,,, “मेरा नाम आरती है – और अमन, मै तुम्हारे बारे मै ज़रूर सोचूँगी तुम चाहो तो कल हमारी कॉलेज की लाइब्रेरी में आ सकते हो”

अपनें दोस्ती की लव लाइफ के इस ग्रीन सिग्नल को पढ़ कर मुझे जो खुशी हुई थी, उसे यहाँ शब्दों में बयान करना मुश्किल है। इस बात को आज तीन साल बीत चुके हैं। आज अमन और आरती शादी-शुधा हैं और उन्हे एक प्यारा सा बेटा भी है। जिसका नाम उन्होने मेरे नाम पर “परेश” ही रखा है। चूँकि वह दोनों यह मानते हैं की उन दोनों को मिलानें में मेरा बड़ा हाथ है। - So it was happy ending Love Story of my friend Aman.

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