क्या इंसानियत आज भी जिंदा ? आज मैं तन्हा खरा था तो देखा एक कुत्ता जिसके पिछले टांग में चोट लगी होती है। वह एक पैर से चल नहीं पाता है ओर उस पैर से वो लंगड़ाता हुआ दौड़ता है। उसका एक टांग जैसे कोई काम का न हो उसके टांग को देखकर ऐसा लगा जैसे ये किसी इंसान का नहीं बल्कि एक हैवान ओर दरिंदा का काम हो ,, उसके पैर के ज़ख्म साफ साफ़ बयां कर रही थी कि उसके साथ बहुत जुल्म हुआ है। किसी ने बड़ी बेरहमी से मारा है उसे ,,
मैं खड़ा होकर देखता रहता हूं कि आखिर वो कर क्या रहा है मैने देखा वह खाने की तलाश में इधर उधर भटक रहा था,, मेरे घर के आस पास चारो तरफ से कुछ घर है ओर बीच में एक कचरे का ढेर है जहां सभी अपने घर के कचरा को फेंकते हैं,, उसे गांव की भाषा में ख़ाधर कहते हैं,, वहीं उसी ख़ाधर पे वह कुत्ता कभी आगे कभी पीछे करते रहता है वह आस पास जंगलों में भोजन का तलाश करते रहता है,, बहुत मुश्किल से उसे एक रोटी का टुकड़ा मिलता है वो उसे खाने लगता है तभी मैं ये सब देखकर सोचता रहता हूं कि जिसने दुनिया जहां को बनाया उसने वादा किया है कि वो हर किसी को उसके हक का रोजी रोटी उसे अता करेगा। यानी जितने भी प्राणी है सब उसी के कृपा से अपना भोजन प्राप्त करता है।
मैं दूर खरा अपने घर से उसे रोटी खाता देख बहुत खुश हुआ कि जाने दो आखिर वो जिस भोजन की तलाश मे था उसे वह मिल गया। लेकिन तभी एक औरत अपने हाथों में कुछ लिए होती है,, और वो जोर से उस कचरे के ढेर की तरफ फेंक देती है । दोस्तों वो क्या था आपको पता है,, कितना बुरा लगेगा अगर आपके खाने के सामने की पखाना फेंक दे । जी इसे लिखते हुए हमें घिन आ रहा है,, तो सोचिए जिस पे बीता होगा उसे कैसा लगा होगा ,, वो कुत्ता जहां रोटी खा रहा था वहीं उस औरत ने बच्चे की पॉटी से भरा haggies फेंक देती है,, कुत्ते को लगता है ये भोजन वो रोटी छोड़कर उस Huggies को अपनी दांतों से खोलता है,, वो इतना भूखा था कि उसने पूरे तेजी के साथ खोल दिया और फिर उसके मुंह में पॉटी लग गया। वो अपने मुंह को घासों में रगड़ते हुए वहां से चला जाता है,,
मैं मानता हूं कि वो जानवर है,, उसे Huggies नहीं पता लेकिन वो जो औरत थी उसे तो पता थी न कि सामने कुत्ता खा रहा है तो थोड़ा दूर फेंकते हैं ताकि ये उसे भोजन समझ के न खा ले,, खुद के घर में गाय बकरी हो तो उसे ,, प्लास्टि और कचरा खाने से रोकते हो,, और जो जानवर को किसी ने न पाला पोशा है तो उसे उसके खाते टाइम potty फेंक देते हो ये भी नहीं सोचते हो कि वो तो वफादार जानवर है उसे कहां पता कि ये लोग खाने टाइम भी गंदी चीज़ों को उसके सामने फेंक देंगे।।
क्या इंसान इस कदर गिर गया है। क्या इसे इंसान कहा जाएगा,, जिसमे थोड़ा भी इंसानियत न हो,,
अब आप कहेंगे कि आप ये सब देख रहे थे खुद ही क्यों न रोके तो दोस्तों मैं बता दूं,, की ये सब इतना जल्दी हुआ कि बस हम देखते ही रह गए लेकिन जब एक लेखक किसी बात को लिखता है । तो पूरे गहराई के साथ। हां मैं ये भी मानता हूं शायद hm उस औरत को डांट दिए होते तो शायद आज वो कुत्ता रोटी खा कर जाता
इसी बात की अफसोस ने मेरे दिल पे चोट पहुंचाई है।
और मेरे दिल को इतना बेचैन कर दिया कि कुत्ते के इंसाफ में हमें लिखना पड़ा।।
दोस्तों ऐसे बहुत सी घटना है।
अगर मुझे लोगों के इंसानियत को जागने के लिए इसका part 2 लाना पड़ा तो जल्द ही लाऊंगा
धन्यवाद।। अगर कोई बात बुरा लगा हो तो छोटा भाई समझ कर माफ कर देना 🙏🙏