फिल्म रिव्यु All We Imagine As Light
“ All We Imagine As Light “ 2024 की एक फिल्म है . यह फिल्म मूलतः मलयालम की फिल्म है . इसे हिंदी और मराठी भाषाओं में शूट की गयी है . यह फिल्म भारत , फ्रांस , इटली , लक्समबर्ग और नीदरलैंड की कंपनियों के सम्मिलित प्रयास से बनी है .
All We Imagine As Light फिल्म की कहानी पायल कपाड़िया द्वारा लिखी गयी है और इसका निर्देशन भी पायल ने ही किया है . इसके निर्माता थॉमस हक़ीम और जुलिएन ग्राफ हैं , दोनों अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माता , हैं . All We Imagine As Light पायल कपाड़िया द्वारा निर्देशित पहली फिल्म ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त किया है . यह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पसंदीदा 2024 की टॉप 10 फिल्मों में टॉप पर है . यह फिल्म पहली बार मई 2024 में फ्रांस में 77 वां कान्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित की गयी थी , उसके बाद सितंबर 2024 में भारत में रिलीज हुई , फ्रांस के थियेटर में अक्टूबर में , अमेरिका , ब्रिटेन और आयरलैंड में नवंबर में रिलीज हुई .
कहानी - All We Imagine As Light दो केरल की नर्स प्रभा ( कनी कुश्रुती ) , अनु ( दिव्या प्रभा ) और एक विधवा कुक पार्वती ( छाया कदम ) की कहानी है जो मुंबई में काम करने आयी हैं . प्रभा और उसे उम्र में छोटी अनु एक साथ रहती हैं . पार्वती अस्पताल में एक कुक है . प्रभा , अनु और पार्वती तीनों छोटे शहर से आयीं हैं . प्रभा का पति शादी के कुछ ही समय बाद उसे छोड़ कर जर्मनी चला जाता है . प्रभा एक सख्त स्वभाव की समझदार औरत है . अनु अपेक्षाकृत फ्री स्टाइल लड़की है जिसका एक मुस्लिम लड़के शिआज ( हृदु हारुन ) से अफेयर चल रहा है . अस्पताल का एक डॉक्टर मनोज ( अज़ीज़ नेदुमंगड ) प्रभा की ओर आकर्षित होता है . प्रभा “ सॉरी डॉक्टर “ कहती है . वह शादीशुदा होने के कारण डॉक्टर को स्वीकार नहीं करती है .
कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब एक दिन प्रभा और अनु के घर एक अज्ञात व्यक्ति नया राइस कुकर उपहार में कुरियर से भेजता है . हालांकि प्रभा समझ लेती है कि कुकर उसके पति ने भेजा है . प्रभा कुकर को कुक पार्वती को दे देती है . पार्वती की ज़मीन पर एक बिल्डर अपार्टमेंट काम्प्लेक्स बनाना चाहता है जिसके चलते वह पार्वती को परेशान करता है . पार्वती के पास मालिकाना हक़ का कोई पेपर नहीं है इसलिए वह कोर्ट कचहरी में लड़ने में सक्षम नहीं है . वह नौकरी छोड़ कर अपने गाँव चली जाती है . प्रभा और अनु भी उसके साथ जाती हैं और अनु का पीछा करते करते शिआज भी जाता है . इधर शिआज और अनु चुपचाप शारीरिक संबंध बनाते हैं जिसका पता प्रभा को चल जाता है . उधर एक दिन प्रभा एक डूबते हुए व्यक्ति को देखती है . वह अपने प्रोफेशनल कुशलता का परिचय देते हुए उस व्यक्ति की जान बचाती है . वह व्यक्ति उसका पति होता है . पति अपनी भूल के लिए प्रभा से क्षमा मांगता है .
कहानी के मुख्य पात्र तीन महिलाएं प्रभा , अनु और पार्वती हैं और फिल्म की डायरेक्टर भी महिला ही है . मुंबई जैसे महानगर में अकेली लड़कियों के संघर्ष की कहानी को सराहनीय ढंग से फिल्माया गया है . उनके चेहरे पर रोमांटिक और इमोशनल असुरक्षा और दुःख की भावना को डायरेक्टर ने भली भांति दर्शाया है . एक्टिंग की दृष्टि से कनी और दिव्या प्रभा की एक्टिंग सराहनीय है और अन्य कलाकारों की भूमिका संतोषजनक है . फिल्म थोड़ी स्लो जरूर लगेगी मगर दिल को छूने वाली है . प्रभा , अनु और पार्वती तीनों मुख्य कलाकारों के आपसी रिश्तों को पायल ने बारीकी से पेश किया है . पायल कपाड़िया के डेब्यू डायरेक्शन की जितनी भी तारीफ की जाए कम होगी .
पुरस्कार - All We Imagine As Light जहाँ भी रिलीज हुई इसे भरपूर सराहना मिली है . इसे अनेक अवार्ड भी मिले हैं .इस फिल्म को 33 नॉमिनेशन मिले हैं जिनमें 21 में यह विजेता रही है . प्रमुख पुरस्कार - 2024 मई में फ्रांस के 77 वां कान्स फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म ( non English ) का ग्रैंड प्रिक्स अवार्ड पाने वाली पहली भारतीय फिल्म , अमेरिका के शिकागो में बेस्ट विदेशी भाषा की फिल्म का अवार्ड , अमेरिका के डेनेवर में बेस्ट फीचर फिल्म ( special mention ) और अमेरिका में ही 2024 में बेस्ट स्वतंत्र फिल्म ‘ के लिए गॉथम अवार्ड ‘ मिला है . इनके अतिरिक्त इस फिल्म को अमेरिका में 2025 ऑस्कर अवार्ड के लिए ‘ बेस्ट नॉन इंग्लिश फिल्म ‘ और ‘ बेस्ट डायरेक्शन ‘ के लिए नॉमिनेशन मिला है . दूसरी तरफ All We Imagine As Light और लापता लेडीज जैसी फिल्मों को यहाँ भारत में ऑस्कर नॉमिनेशन के योग्य नहीं समझा गया है .
मूल्यांकन - निजी तौर पर “ All We Imagine As Light “ 10 में 8 अंक की हकदार है .