फिल्म रिव्यु दो पत्ती S Sinha द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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फिल्म रिव्यु दो पत्ती

                                   फिल्म रिव्यु  दो पत्ती 

 


इसी वर्ष 25 अक्टूबर को हिंदी फिल्म ‘ दो पत्ती ‘ रिलीज हुई है  . इसकी निर्मात्री कनिका ढिल्लों कृति सेनन हैं, जो फिल्म की नायिका भी हैं   . इसकी पटकथा भी कनिका ढिल्लों ने लिखी है जबकि इसके निर्देशक सशांक  चतुर्वेदी हैं  . यह फिल्म एक महत्त्वपूर्ण और संवेदनशील सामाजिक विषय पर बनी है - घरेलु हिंसा जिसमें घर की चारदीवारी के अंदर पति अपनी पत्नी का शोषण करता है  . 

कहानी - इस फिल्म में नायिका कृति सेनन का डबल रोल है - ट्विन सिस्टर्स ,  एक सौम्या और दूसरी शैली  . जहाँ सौम्या  एक साधारण बेचारी दुखिया के रोल में है वहीँ शैली चालाक , चंचल मॉडर्न और छल कपट वाली लड़की है  . डबल रोल पर पहले भी  “ राम और श्याम “ ,  “ सीता और गीता “ , “ अंगूर “  जैसी फ़िल्में बनी हैं जो बहुत लोकप्रिय और हिट रहीं हैं  .  पर दो पत्ती में वैसी बात नहीं है , यह एक कमजोर फिल्म है  . 

दोनों जुड़वाँ बहनें बचपन से ही घरेलु हिंसा देखती आयी हैं  . दोनों ने पिता द्वारा प्रताड़ित माँ को मरते देखा है  . दोनों बहनों में भी बचपन से कभी पटती नहीं  है और दोनों एक दूसरे से नफरत  करती हैं  . टीवी फेम के शाहिर  शेख इस फिल्म का  नायक ध्रुव सूद है जो एक बड़े बिजनेसमैन पैराग्लाइडिंग कम्पनी के मालिक और मंत्री का बेटा है . कृति सेनन का डबल नहीं ट्रिपल रोल है - सौम्या , शैली और निर्मात्री भी  .  प्रोड्यूसर ने दो पत्ती को जैसा थ्रिलर सस्पेंस बनाना चाहा था वैसा फिल्म में कुछ खास नहीं है  . फिल्म में ज्यादातर जुड़वाँ बहनें एक दूसरे की प्रतिद्वंदी दिखती हैं  . पैराग्लाइडिंग के दौरान  सौम्या और ध्रुव मिलते हैं और दोनों में प्यार होता है  . तभी शैली की एंट्री होती है  . ध्रुव शैली की तरफ भी आकर्षित होता है  . पर उसके पिता को घरेलु बहू चाहिए थी इसलिए सौम्या  और ध्रुव की शादी होती है  . ध्रुव सौम्या को प्यार भी करता है और उसको मारता पीटता भी है   . इसके साथ ध्रुव का शैली के साथ भी चक्कर चलता है  .   सौम्या को लगता है कि शैली उसका पति छीनने आयी है  . सौम्या भी ध्रुव को गंवाना  नहीं चाहती है  . 

विद्या जोशी ( काजोल ) एक पुलिस अफसर है  .  ध्रुव पर पहले से भी आपराधिक मामले थे  .  माजी ( तन्वी आज़मी ) सौम्या की रिश्तेदार को  ध्रुव पर घरेलु हिंसा को लेकर शक है  और वह पुलिस को बुलाती है पर सौम्या विद्या को ऐसी कोई बात नहीं  कहती है  . सौम्या घरेलु हिंसा कुछ समय तक सहन करती है  . जब कभी सौम्या माँ बनने की इच्छा प्रकट करती है ध्रुव उसे पीटता है  . एक बार ध्रुव उसे सीढ़ियों से नीचे गिरा देता है  जिस से उसे काफी चोट लगती है  . पुलिस के सामने ध्रुव इसे एक एक्सीडेंट बताता है  . . पर इस बार भी सौम्या विद्या की चंगुल से ध्रुव को बचा लेती है  यह सोच कर कि फिर से एक नयी शुरुआत करेंगे  . सौम्या  और ध्रुव एक साथ पैराग्लाइडिंग पर जाते हैं . शैली ग्लाइडर का हार्नेस ढीला कर देती है जिसके चलते ग्लाइडर क्रैश लैंड करता है पर किसी की जान नहीं जाती है  . सौम्या ध्रुव पर एटेम्पट टू मर्डर का केस करती है  . विद्या जोशी एक तरफ पुलिस अफसर भी है तो दूसरी तरफ  कोर्ट में वकालत भी करती है  .उसने ध्रुव पर घरेलु हिंसा और एटेम्पट टू मर्डर का केस करती  है  .  ध्रुव को 13 साल की सजा होती है  . हालांकि विद्या को भी पता चलता है कि यह सब शैली की करतूत है  . शैली ने अपने किये को जायज कहा  . 

कुलमिला कर दो पत्ती सभी पहलुओं पर कमजोर साबित होती है  . नेशनल अवार्ड विनर एक्ट्रेस कृति से बेहतर एक्टिंग की उम्मीद थी हालांकि कृति  सेनन ने डबल रोल निभाने का पूरा प्रयास किया है और कुछ हद तक उन्हें सफलता भी मिली है  . डबल रोल और प्रोडक्शन के अतिरिक्त कृति ने इस फिल्म में गाना भी गाया  है और गायन अच्छा रहा है  . एक उच्च स्तर की एक्ट्रेस होते हुए भी  काजोल पुलिस अफसर या वकील किसी भी रोल में कुछ खास नहीं कर सकी हैं  . फिल्म की कहानी में कृति की मुख्य भूमिका है  . शाहिर शेख भी कुछ खास नहीं कर पाए  . 

कुल मिलाकर यह फिल्म दर्शक को इम्प्रेस नहीं कर सकी है  . 

मूल्यांकन - निजी तौर पर यह फिल्म 10 में 3.5  अंक डिजर्व करती है  .