जिंदगी के पन्ने - 7 R B Chavda द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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जिंदगी के पन्ने - 7

रागिनी की ज़िंदगी में एक ऐसा समय आया जिसने पूरे परिवार को गहरे दुःख और निराशा में डुबो दिया। यह उस समय की बात है जब रागिनी की छोटी बहन एक साल की हो चुकी थी और उसी दौरान उसके घर में एक और खुशी की खबर आई—रागिनी के घर में एक नन्हे भाई का जन्म होने वाला था। परिवार में हर कोई इस आने वाले नन्हे मेहमान का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। रागिनी की माँ और पिता को यह लगता था कि उनका परिवार अब पूरा होने वाला है।

लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। रागिनी का छोटा भाई जन्म लेते ही इस दुनिया से चला गया। उसके माता-पिता के लिए यह खबर किसी भारी चोट से कम नहीं थी। जिस खुशी का इंतजार वे इतने समय से कर रहे थे, वह खुशी एक पल में उनके हाथों से फिसल गई।

रागिनी के घर में चारों तरफ मातम पसर गया। उसकी माँ इस सदमे से उबर नहीं पा रही थी। वह दिन-रात अपने बेटे के खोने का दुख मनाती रहती थी। हर वक्त उसकी आँखें आंसुओं से भरी रहतीं और उसकी बातें भी अक्सर भटक जातीं। उसने अपने आसपास की दुनिया से खुद को बिल्कुल अलग कर लिया था। वह रागिनी और उसकी छोटी बहन से भी दूरी बनाए रखने लगी थी।

रागिनी की माँ के चेहरे पर हमेशा उदासी और थकान का भाव बना रहता था। वह न किसी से बात करती, न घर के कामकाज में रुचि लेती। बस हर समय खोई-खोई सी रहती। बेटे के खोने का गम इतना बड़ा था कि वह उसे भूल ही नहीं पा रही थी। रागिनी की माँ को लगता था जैसे सब कुछ खत्म हो गया हो।

रागिनी भी अपनी माँ की हालत देख कर चिंतित रहती थी, लेकिन वह खुद इतनी छोटी थी कि समझ नहीं पाती थी कि क्या करे। वह अपनी माँ के पास बैठकर उसे चुप कराने की कोशिश करती, लेकिन उसकी मासूमियत और नासमझी के चलते वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाती। रागिनी को पता था कि कुछ गलत हुआ है, लेकिन वह यह नहीं समझ पा रही थी कि उसका छोटा भाई क्यों नहीं रहा।

रागिनी के पिता भी अपने बेटे के खोने से बेहद दुखी थे। उनका भी अपने काम में मन नहीं लग रहा था। पहले जहां उनका व्यापार बहुत अच्छे से चल रहा था, अब उसमें घाटे की स्थिति आ गई थी। वह हमेशा चिंता में डूबे रहते, और कामकाज की तरफ ध्यान नहीं दे पाते।

रागिनी के पिता का व्यापार ही उनके परिवार की आर्थिक स्थिति का आधार था, लेकिन अब वह भी डगमगाने लगा था। पहले वह अपने काम को लेकर उत्साहित और प्रेरित रहते थे, लेकिन अब मानो उनकी सारी इच्छाएं खत्म हो चुकी थीं। व्यापार में हो रहे नुकसान ने उन्हें और भी अधिक तनाव में डाल दिया था।

रागिनी के घर का माहौल पूरी तरह बदल चुका था। जहां पहले हंसी और खुशी का वातावरण था, अब वहां चुप्पी और उदासी का साया था। रागिनी और उसकी छोटी बहन अब खुद ही अपने खेल में मस्त रहने की कोशिश करतीं, क्योंकि उनकी माँ अब उनके साथ नहीं खेलती थी।

रागिनी का बचपन अब उन मासूम खुशियों से दूर हो चुका था, जो एक सामान्य बच्चे के लिए होती हैं। वह अपने माँ-बाप की हालत को देख कर समझ रही थी कि उनके जीवन में कुछ बड़ा बदल गया है, लेकिन यह बदलाव क्या है, वह पूरी तरह से नहीं समझ पाई थी।

इस कठिन समय ने रागिनी के परिवार को लगभग दो साल तक अपने चंगुल में रखा। लेकिन जैसे ही समय बीतता गया, किस्मत ने एक बार फिर से उनके दरवाजे पर दस्तक दी। रागिनी की माँ एक बार फिर से गर्भवती हुई, और इस बार भी उनके घर में एक छोटे भाई का आगमन होने वाला था।

इस खबर ने परिवार में एक नई उम्मीद की किरण जगाई। रागिनी के माता-पिता को फिर से अपने परिवार के बढ़ने की आस थी, और इस बार उन्होंने खुद को पहले से भी ज्यादा संभाला।

रागिनी का छोटा भाई जब जन्मा, तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। इस बार सब कुछ ठीक था। वह छोटा और प्यारा सा बच्चा बिलकुल स्वस्थ था, और उसके आने से मानो पूरे परिवार की सारी चिंताएं खत्म हो गई थीं।

रागिनी अब छह साल की हो चुकी थी, और उसके छोटे भाई के आने के साथ ही उसकी जिम्मेदारियाँ भी बढ़ गई थीं। जहाँ पहले वह खुद एक नन्ही बच्ची थी, अब उसे अपने छोटे भाई का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

रागिनी अपनी माँ की मदद करने लगी। वह अपने छोटे भाई को खिलाती, उसे झूला झुलाती और उसकी छोटी-छोटी जरूरतों का ध्यान रखती। रागिनी को यह सब करना बहुत अच्छा लगता था। वह अब अपने परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी थी, और इस बात पर उसे गर्व महसूस होता था।

छोटे भाई के आने से रागिनी के घर में फिर से खुशियों का माहौल बन गया था। उसके पिता का व्यापार भी अब धीरे-धीरे सुधरने लगा था। वह अब फिर से अपने काम में मन लगाने लगे थे, और उनका कारोबार भी पहले की तरह फलने-फूलने लगा था।

रागिनी की माँ, जो पहले अपने बेटे को खोने के बाद सदमे में थी, अब फिर से जीने की राह खोजने लगी थी। उसका ध्यान अब अपने बच्चों पर था, और वह एक बार फिर से अपने परिवार के साथ समय बिताने लगी थी।

रागिनी के घर में एक बार फिर से खुशियों का माहौल बन चुका था, और उसका परिवार धीरे-धीरे अपनी पुरानी स्थिति में लौटने लगा था।

रागिनी की ज़िंदगी अब किस दिशा में बढ़ेगी? उसके भाई के आने से उसके जीवन में क्या नए मोड़ आएंगे? क्या रागिनी अपनी जिम्मेदारियों को और अच्छे से निभा पाएगी? जानने के लिए देखते रहिए "ज़िंदगी के पन्ने" का अगला एपिसोड।