डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 53 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 53

अब आगे,

अर्जुन का इकलौता दोस्त समीर अपने कमरे से फाइल लेकर आया ही थी कि उस को किसी के खिलखिलाकर हंसना सुनाई पड़ा और अब उस को समझ में नही आ रहा था कि आज वो भी अर्जुन के विला में हसने की जुर्रत कौन कर रहा था...!

और रही बात आराध्या की तो अर्जुन जैसा उस के साथ व्यवहार कर रहा वो तो ऐसे खिल्लखिलाकर हसने से रही तो फिर कौन हो सकता है यही सोच कर अब समीर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाने लगा..!

सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाकर वो थोड़ा हैरान रह गया क्योंकि सेकंड फ्लोर पर जितने भी कमरे थे वो सब के सब लॉक्ड थे शिवाए अर्जुन के कमरे के और आज अर्जुन का कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था और शायद इस ही वजह से समीर को खिलखिलाने के आवाजे सुनाई दे रही थी..! 

क्योंकि अगर अर्जुन का कमरा बंद होगा तो बाहर खड़े किसी भी इंसान को अर्जुन के कमरे की कोई भी आवाज सुनाई नही देगी क्योंकि उस का कमरा साउंड प्रूफ है..! 

पर आज अर्जुन का कमरा खुला हुआ था और साथ में उस के इकलौते दोस्त समीर थोड़ा हैरान हो रहा था कि आखिर अर्जुन के कमरे में कौन इतना खिलखिलाकर हंस रहा होगा क्योंकि जितना वो अर्जुन को जानता है अर्जुन ने अपनी मां को खोने के बाद, अर्जुन ने लगभग हंसना ही छोड़ दिया था..! 

अब समीर, अर्जुन के कमरे की तरफ बढ़ने लगा और अर्जुन के कमरे के पास पहुंच गया मगर वो अर्जुन के कमरे में अंदर देखने से कतरा रहा था..!

ऐसा बिलकुल भी नही है कि समीर, अर्जुन के कमरे में कभी गया ही नहीं पर अब उस के कमरे में अराध्या भी मौजूद थी बस इसी वजह से आज समीर, अर्जुन के कमरे में जाने से पहले सोच रहा था कि उस को अंदर जाना चाहिए या फिर नही..! 

अब समीर ने डिसाइड करा कि वो बस अर्जुन के कमरे को एक नजर देख कर कि वहा कौन इतना खिलखिलाकर हंस रहा है और फिर बिना आराध्या को देखे यहां से चला जायेगा..! 

यही सोच कर वो जैसे ही अर्जुन के कमरे के अंदर देखने लगा तो उस को एक झटका लग गया और वो पीछे हट कर अब दीवार से खड़ा हो गया और आज उस को अपनी ही आंखो पर विश्वास नहीं हो रहा था कि..!

जो उस ने देखा क्या वो सच है यही देखने के लिए जैसे ही वो दुबारा मुड़ा तो दुबारा से देख कर तो हैरान रह गया क्योंकि उस की नजर अब आराध्या के कपड़ो पर चली गई जो कि उन से अर्जुन की ही व्हाइट शर्ट पहनी हुई थी..!

पर वो, अराध्या को ठीक से नही देख पा रहा था क्योंकि उस के आगे की तरफ अर्जुन बैठ हुआ था कहा हमारी छोटी सी अरु और कहा कद काठी में अच्छा अर्जुन और आराध्या के सामने अर्जुन के होने से समीर को अराध्या ने पहनी हुई अर्जुन की व्हाइट शर्ट के अलावा बाकी कपड़े ठीक से नही दिख रहे थे..! 

पर समीर आज इसलिए हैरान नही था कि आराध्या ने अर्जुन की व्हाइट शर्ट पहनी हुई थी बल्कि वो तो इस लिए हैरान था कि आज अर्जुन इतने सालो बाद खुद से इतना खिलखिलाकर हंस रहा था..! 

अब समीर के चेहरे पर मुस्कान आ गई और अब वो वहा से सीधा सीढ़ियों के जरिए नीचे हॉल की तरफ जाने लगा..!

और साथ में अपने ही मन में कहने लगा, "आज मुझे पहली बार लग रहा है कि आराध्या ही मेरे दोस्त अर्जुन को पूरी तरह से पहले जैसा हंसता खिलखिलाता हुआ कर सकती है मगर क्या अर्जुन का व्यवहार आराध्या को उस से प्यार करने के लिए मजबूर कर पायेगा..!" 

अपनी बात अपने मन में कह कर अब समीर अपनी इंपोर्टेंट फाइल को लेकर फिर से अर्जुन के विला से बाहर निकल गया..!

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।