उजड़े हुए शहरो में आशियाना न ढूंढ़ा कर l
इन्सानों के चहरों को नजदीक से पढ़ा कर ll
जो होगा देखा जायेगा कल की चिता छोड़कर l
जीए जा मस्ती में फ़िक्र को हवा में उड़ा कर ll
मुक़द्दर में सुहानी सुबह है यही सोचकर आज l
चरागों को बुझाकर चैन की नींद लिया कर ll
ख़्वाबीदा हसरतों को दरख़्तों से उड़ा कर l
अपनी ही दुनिया में मौज मस्ती में रहा कर ll
वक्त का क्या भरोसा कितनी साँसे बची है तो l
गिले शिकवे भूलकर सबसे हँसकर मिला कर ll
१-९-२०२४
ज़मीं से आसमाँ में आशियाना फेरबदल कर दिया l
खुद को नई दुनिया में बसने को तैयार कर लिया ll
सालों से लगातार एक ही जुस्तजू थी जो पूरी हुई तो l
सफ़लतापूर्वक पहुंचने के लिए खुशी का जाम
पिया ll
अनदेखी अनछुई क़ायनात में रहने का अरमान
था कि l
आज तक दिल में आरज़ू ले हर लम्हा हर पल जिया ll
अनगिनत अनजानी चुनौतियों का सामना करने को l
हर इन्तहा के लिए जिगर को हौसलों के साथ सिया ll
जो भी होगा जैसा भी होगा डट कर सामना करेगे l
भरपूर आत्मविश्वास से फैसले को मजबूत किया ll
२-९-२०२४
रूक जाओ अभी के दिल अभी भरा नहीं l
जीभर के दीदार ए यार अभी किया नहीं ll
आए हुए लम्हा भर हुआ नहीं के जाना हैं l
दो लम्हा भी प्यार की छांव में जिया नहीं ll
शर्मा हया के पर्दे में छुपाया है हसीं मुखड़ा l
निगाहों से चाहतों का जा जाम पिया नहीं ll
महफ़िल में बीचो बीच जाकर बैठ गये हों l
अभी तो बाहों का सहारा भी दिया नहीं ll
इधर उधर की बातों में वक्त बीत गया कि l
फ़िर कब मिलोगे ये वादा तो लिया नहीं ll
३-९-२०२४
दिल पर मत लेना कुछ भी कहने की आदत हैं l
ये जो ग़म में डूबे हुए हैं इश्क़ की इनायत हैं ll
ज़माने की बातों में आकर दूर दूर रहते हैं और l
वादा करके मुकर जाना उनसे ये शिकायत हैं ll
दिले कातिल को हैरान कर के छोड़ दिया तो l
मना करने के बाद निगाहों से हुई बगावत हैं ll
दिल पर गुजरी हुई तकलीफों ने बदला है कि l
जी को जलाने की सालों पुरानी फावट हैं ll
किसीको बर्बाद करने का ख्याल नहीं बस l
जो भी हाल है नज़र के सामने हालत हैं ll
४-५-२०२४
नीले आसमान के तले रूक जाओ अभी जहां मिला करते थे l
खुली फिझाओ में हाथ पकड़कर साथ साथ घुमा करते थे l
आज जाने की इतनी भी जल्दबाजी न जाने क्यूँ है कहां l
बातेँ ख़त्म होने का नाम नहीं लेती घटों साथ रहा करते थे l
धीरे धीरे से करीब हो चले हैं जिन्दगी के l
गुम होते जा रहे हैं चिन्ह आवारगी के ll
आज आईना भी सच बोल रहा है कि l
और भी नजदीक जा रहे हैं किसी के ll
खुद की परछाईं कहती हैं कौन हो के l
आज पास जाकर बैठे हो अजनबी के ll
रात भर चाँदनी को हमराह बनाया है l
अजीब शोख पाल रखें है नवाबी के ll
महफ़िल की फजाओ में जी रहे हो l
सारे गुण नज़र आते हैं शराबी के ll
५-९-२०२४
तेरा मुस्कराना ग़ज़ब ढा गया l
लम्हें में हृदय में जा समा गया ll
शाम होते खुश बाश दिख रहे l
महफ़िलों में रोशनी लगा गया ll
खामोशी से कुछ देर के बाद l
फ़िर लौटके आएगा बता गया ll
खोया रहता है खयालों में मेरे l
दिल की दुनिया को सजा गया ll
उदासियों के लहजे को बदलने l
रूठे जज़्बातों को मना गया ll
६-९-२०२४
हवाओं में उड़ रहे हो वाह क्या बात हैं l
आज मनपसंद हमराही जो साथ हैं ll
तलब और ताल्लुक़ ज़्यादा हो गया l
चाँदनी बरसाती मुरादों वाली रात हैं ll
दिल पर अजब हसरतों का साया हैं l
सिद्दत-ए-एहसास-ए प्यार याद हैं ll
छोड दे कश्तियों को लहरों के हवाले l
उलझनों को मिटाने हाथों में जाम हैं ll
चाय में चाह ओ मुहब्बत में परवाह है l
अब भी देखने वाले होठों पर दाद हैं ll
७ -९-२०२४
इश्क़ की नैया को बीच दरिया में नहीं छोड़ा करते l
अरमानों ओ जज़्बातों भरा दिल नहीं तोड़ा करते ll
पत्थरों से टूटे हुए तो जुड़ भी जाते हैं वक्त के रहते l
फूलों से टूटा हुआ आईना कभी नहीं जोड़ा करते ll
जिंदगी है कभी खुशी देगी कभी ग़म दिखाएगी तो l
अपनों की जरा सी बात पर दिल नहीं थोड़ा करते ll
हौसलों के साथ आगे बढ़ने का नाम ही जिन्दगी l
टेड़े मेढे रास्तों की वजह से मंजिले नहीं मोड़ा करते ll
बड़ी कठिन डगर है हमराह भी साथ छोड़ चल देता है l
सदा के लिए जानेवालो के पीछे नहीं दोड़ा करते ll
८-९-२०२४
मलाल तुम्हारा होने का जीने की दुआ देते हैं l
सलीके से जिंदगी को जीना भी सिखा देते हैं ll
एक नज़र करके देखे मिरे प्यार की सच्चाई l
हम मुकम्मल दुआओं का समंदर बहा देते हैं ll
महफ़िल में पसीने छूट रहे हैं आज लगातर वो l
निगाहों के नशे के साथ चाहत पिला देते हैं ll
लम्हा भर की खुशी सालों इंतजार किया कि l
जीना चाहते जब वस्ल का वादा निभा देते हैं ll
कल जो इश्क़ था आज तक वही है सच मानो l
इश्क़ वाले ताउम्र याद करते हुए बिता देते हैं ll
९-९-२०२४
शिकवा तुमको खोने का अब नहीं रहा हैं l
पास न हो के भी पास ही रहेगे कहा हैं ll
सुनो ख़ुदा के घर देर है अंधेर तो नहीं है l
हिसाब लेगे अश्क आंखों से जो बहा हैं ll
तुम्हे छोड़कर जाना था सो चल दिये तो l
बिना कोई बात के दर्द खोने का सहा हैं ll
जाते हो तो एक बात कान खोल के सुनो l
चैन और सुकून तुम जहा पर हो वहा हैं ll
कहीं भी जाओ लौटकर वापिस आना है l
सदा याद रहना दुनिया तुम्हारी यहा हैं ll
१०-९-२०२४
बेर्शम दोस्त की वजह से परेशान ना होना l
जी जला कर दिल के सुकून को मत खोना ll
मुफ़्त में चौबीसों घंटे के पहरेदार है भला l
ऐसे नदीमो की बदौलत गहरी नीद सोना ll
हर तरफ हर जगह दिलों में जंग चल रही है l
नफ़रत की ज़मीं पर प्यार के भाव बोना ll
इन्सां अपने ही बोझ तले मरता जा रहा तो l
गर हो सके तो इन्सानियत का बोझ ढोना ll
क़ायनात की फिझाओमें हवा एसी बह रही कि l
मोहब्बत के दूध की धारा से रश्क को धोना ll
११-९-२०२४
पैसे के जुगाड़ से जिंदग़ीयाँ पल रहीं हैं l
इसकी टोपी उसके सर ऐसे चल रही हैं ll
रोज चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं l
महगाई के मार से हड्डियाँ गल रही हैं ll
मज़दूर वर्ग के लिए कमाई दुष्कर हुईं l
पांव के नीचे की ज़मीं हिल रही हैं ll
दोपहर को भूखा बच्चा रोटी लुटे तो l
दुनिया की निगाहों में खल रही हैं ll
खाये जाते बेदर्दी सब के पैसों को l
भ्रष्टाचारियों को डाकेटी फ़ल रही हैं ll
१२-९-२०२४
मोहब्बत जरूरी नहीं ये कहना लाज़मी नहीं l
बिना प्यार के जीना मुकम्मल व्याजबी नहीं ll
चारौ और खामोशी ओ तन्हाई छाई हुई है l
हम नवाज के सिवा जिंदगी में ताजगी नहीं ll
किस्मत तो देखो बद नशीबी उरूज पे है l
ला-हासिल शख्स की कोई बातमी नहीं ll
सभंल के जलाना प्यार के चाराग यारों l
फ़िजा के जर्द की रंगत में सादगी नहीं ll
बड़ी सिद्दत के साथ ढूंढना पड़ता है कि l
क़ायनात में कोई भी रत्न पारखी नहीं ll
१३-९-२०२४
मोहब्बत करके जिन्दगी तबाह कर लो l
आँखों में अश्क दिल में दर्द को भर लो ll
उलझने को ज़िंदगी और समझने को उम्र l
वक़्त की पहेली सुलझाने के लिए मर लो ll
जो भी मिला, जैसा भी मिला स्वीकार कर l
हसीं खुशी से संसार सागर को तर लो ll
महफ़िल में सरेआम दिल की बात सुनाके l
बेपन्हा बेइंतिहा प्यार कर सुकूं हर लो ll
इश्क़ वाले होते है बदनाम करने वाले तो l
खुलेआम दिल तोड़ने का इल्ज़ाम सर लो ll
१४-९-२०२४
हमेशा खुश दिखने की अदाकारी करता रहता हूँ l
निगाहों में अश्क होते हुए गुलकारी करता रहता हूँ ll
साथ जीने मरने का वादा करके मुकर जाने वाले l
बेवफा ओ से हस्ते हुए वफादारी करता रहता हूँ ll
लगातर प्यार के बारिस की बौछार से पिघले इस लिए l
पथ्थर दिल वालों पर सदा गुलजारी करता रहता हूँ ll
हर परिस्थिति और हर हाल में जिंदा रहने के लिए l
आफत का सामना करने की तैयारी करता रहता हूँ ll
दुनिया ऐसी है और ऐसी ही रहेगी खुशी से जीने को l
धोखा खाकर भी बारहा समझदारी करता रहता हूँ ll
१५-९-२०२४