सच्चा प्यार praveen singh द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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सच्चा प्यार

अजीत का जीवन बिल्कुल सामान्य चल रहा था। वह एक छोटे से कस्बे में पला-बढ़ा था, और अपनी मेहनत और लगन से उसने शहर में अच्छी नौकरी हासिल की थी। कॉलेज के दिनों में ही उसकी मुलाकात शिल्पा से हुई थी, जो बहुत ही तेज-तर्रार और आत्मविश्वास से भरी हुई लड़की थी। दोनों की दोस्ती बहुत गहरी हो गई, और समय के साथ वह दोस्ती प्यार में बदल गई। अजीत और शिल्पा ने कई सपने देखे थे—साथ रहने के, एक खूबसूरत जिंदगी बनाने के।

अजीत के घरवालों को जब इस बात का पता चला कि वह शिल्पा से प्यार करता है, तो वे चिंतित हो गए। शिल्पा एक अलग जाति और अलग परिवेश से थी, जो उनके लिए स्वीकार्य नहीं था। अजीत के माता-पिता उस पर लगातार दबाव डालते रहे कि वह शिल्पा से रिश्ता तोड़ दे और उनके द्वारा चुनी गई लड़की से शादी करे। अजीत ने बहुत कोशिश की कि वह अपने परिवार को मना सके, लेकिन अंत में परिवार के दबाव के आगे उसे झुकना पड़ा।

सुनिता, अजीत की मां की पसंद थी—एक साधारण, घरेलू और संस्कारी लड़की। अजीत ने सोचा कि शायद समय के साथ वह अपनी भावनाओं को काबू में कर लेगा और सुनिता के साथ एक नई जिंदगी शुरू कर सकेगा। शादी के कुछ महीने तक सब कुछ सामान्य दिखा। सुनिता एक आदर्श पत्नी की तरह अजीत का ख्याल रखती थी, और अजीत भी उसे खुश रखने की पूरी कोशिश करता था। मगर उसके दिल में अब भी शिल्पा की जगह कायम थी।


शादी के दो साल बाद तक भी सुनिता गर्भवती नहीं हो सकी। पहले तो अजीत और सुनिता दोनों ने इसे साधारण समझा, लेकिन जब उन्होंने डॉक्टर से जांच करवाई, तो उन्हें यह सच्चाई पता चली कि सुनिता कभी मां नहीं बन सकती। सुनिता के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं थी। वह टूट गई और खुद को दोषी ठहराने लगी। अजीत, जो पहले ही अपने परिवार और समाज के दबाव में झुक चुका था, ने इस बार सुनिता को किसी भी तरह की शर्मिंदगी से बचाने का फैसला किया। उसने सबको यह कह दिया कि वह खुद बाप नहीं बन सकता, ताकि सुनिता पर कोई उंगली न उठे।

अजीत ने सोचा था कि यह झूठ बोलकर वह सुनिता को मानसिक शांति देगा, लेकिन इसके बाद से सुनिता के व्यवहार में बदलाव आने लगा। सुनिता ने खुद को अजीत से दूर कर लिया। उसे लगने लगा कि उसकी शादी बस एक समझौता बनकर रह गई है, और वह इस बंधन से बाहर निकलने की राह तलाशने लगी।

एक दिन, अचानक सुनिता ने अजीत को छोड़कर अपने मायके जाने का फैसला किया। कुछ दिन बाद, अजीत और उसके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज हो गया। अजीत हक्का-बक्का रह गया। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस औरत के लिए उसने अपना बलिदान दिया, वही उसके खिलाफ ऐसे संगीन आरोप लगाएगी।

अजीत का जीवन बिखर गया था। उसके पास अब कोई रास्ता नहीं था, लेकिन तभी उसे याद आई शिल्पा की। इन बीते सालों में शिल्पा ने कड़ी मेहनत करके एक नामी वकील का मुकाम हासिल कर लिया था। जब शिल्पा को अजीत की हालत का पता चला, तो वह उससे मिलने गई। अजीत की हालत देखकर शिल्पा का दिल पिघल गया। उसने ठान लिया कि वह अजीत का केस खुद लड़ेगी और उसे इस झूठे आरोपों से बरी करवाएगी।

शिल्पा ने अजीत के पक्ष में पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया। वह जानती थी कि यह केस कानूनी तौर पर जितना कठिन था, उससे कहीं ज्यादा भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि इसमें एक पुराने प्यार की भी बात थी। उसने हर संभव तरीका अपनाया, एक-एक सबूत जुटाए, और अदालत में पेश किए। उसने यह भी साबित किया कि अजीत ने सुनिता को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया था,

शिल्पा की कड़ी मेहनत और समझदारी से आखिरकार अदालत ने अजीत को निर्दोष साबित किया। सुनिता के आरोप झूठे साबित हुए, और अदालत ने दोनों के बीच तलाक को मंजूरी दे दी।

अदालत से बाहर निकलते वक्त, अजीत ने शिल्पा को एक मेडिकल रिपोर्ट दी, जिसे देखकर सुनिता के होश उड़ गए। वह रिपोर्ट साबित करती थी कि असल में सुनिता कभी मां नहीं बन सकती थी। उसे एहसास हुआ कि उसने अजीत के साथ कितना बड़ा अन्याय किया है। वह पश्चाताप से भर उठी, लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकता था। अजीत और सुनिता का रास्ता हमेशा के लिए अलग हो चुका था।

तलाक के बाद शिल्पा और अजीत दोनों अदालत के बाहर खड़े थे। शिल्पा सोच रही थी कि अब अजीत क्या करेगा। तभी उसके फोन पर एक संदेश आया। यह संदेश अजीत का था। उसने लिखा था, "शिल्पा, मुझे माफ कर दो। शायद मैंने तुम्हारे साथ जो किया, वह गलत था, और आज मैं उसी की सजा भुगत रहा हूं। लेकिन क्या तुम मेरे साथ अपनी बाकी की जिंदगी बिताने के बारे में सोच सकती हो?"

शिल्पा के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आई। उसने इस प्रस्ताव पर ज्यादा विचार नहीं किया, क्योंकि वह जानती थी कि अजीत को वह पहले से जानती है, और उसकी भावनाएं सच्ची हैं। उसने तुरंत जवाब दिया, "हां, जरूर।"

अजीत और शिल्पा ने अपने अतीत को पीछे छोड़ते हुए एक नई शुरुआत की। उन्होंने साथ मिलकर एक नई जिंदगी की योजना बनाई, जिसमें अब कोई झूठ, कोई दबाव, और कोई पछतावा नहीं था।

इस बार, उनका रिश्ता केवल प्यार और विश्वास पर आधारित था। शिल्पा और अजीत ने जो सपने कॉलेज के दिनों में देखे थे, अब उन्हें पूरा करने का समय आ गया था। दोनों ने अपने पुराने घावों को भरते हुए एक खुशहाल और संतुलित जीवन की शुरुआत की, और यह साबित कर दिया कि सच्चा प्यार कभी भी खोता नहीं है, बस वक्त की सही चाल का इंतजार करता है