अब आगे,
और अब अर्जुन ने अपने आप से ही कहा, "लगता है तुम्हे मेरी द्वारा प्यार से समझाई गई बाते समझ में नही आई तो अब जो भी तुम्हारे साथ होगा उस की तुम खुद ही जिमेदार होगी, माय डियर अरु बेबी..!"
अब आराध्या को अपने कमरे से भागता देख कर, कुछ देर अर्जुन ने अपने कमरे के बाहर देखा और फिर अपनी चेहरे पर एक डेविल स्माइल लाते हुए फिर से अपने बाल को सेट करने लगा और फिर चेंजिंग रूम में जाकर अपने आप को अपनी कंपनी जाने के लिए तैयार होने लगा..!
वही दूसरी तरफ,
आराध्या, अर्जुन के कमरे से तो बाहर आ गई थी पर वो इधर उधर देखने लगी क्योंकि उस को नीचे जाने के लिए सीढ़ियां नही मिल रही थी तो उस को जो भी रास्ता ठीक लगता था वो उसी तरफ मुड़ जाती थी और सीढ़ियों को ढूंढने लगी..!
कुछ देर तक चलने पर,
उस को कोने के एक साइड में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां मिल ही गई जिन्हे देख कर आराध्या बहुत ही खुश हो गई और जल्दी से नीचे की तरफ बढ़ गई..!
अब आराध्या नीचे यानी अर्जुन के विला के हॉल मे तो पहुंच गई थी मगर उस को वहा पर भी बाहर जाने का रास्ता नही मिल रहा था और साथ में आराध्या इतनी घबराई हुई थी कि रास्ता ढूंढने के चक्कर मे वो, बार बार अर्जुन के विला के हॉल मे रखी हुई चीजों से टकरा रही थी..!
और आराध्या के टकराने से चीजे जमीन पर गिर रही थी और इन्ही चीज़ों के गिरने की आवाज सुन कर अब अर्जुन का इकलौता दोस्त समीर भी जो अपने कमरे में कंपनी जाने के लिए तैयार ही हो रहा था..!
वो भी जल्दी से भाग कर अपने कमरे से हॉल मे आ गया क्योंकि उस का कमरा फर्स्ट फ्लोर पर न होकर ग्राउंड फ्लोर पर ही था..!
जब समीर अपने कमरे से बाहर आ गया तो उस ने अराध्या को पहली बार देखा और देखने के साथ उस को देखता ही रह गया क्योंकि हमारी आराध्या बहुत ही खूबसूरत है..!
साथ में आज तक जिस किसी ने भी हमारी आराध्या को देखा है वो बस उस को देखता ही रह जाता था और साथ में उस की खूबसूरती मे खो सा जाता था और वही हाल अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर का हो रहा था..!
समीर तो आराध्या को अपनी जगह पर खड़े होकर एक तक निहार रहा था पर जब आराध्या ने अर्जुन के विला में उस के अलावा भी किसी और को देखा तो..!
वो थोड़ा घबराते हुए अब समीर के पास पहुंच गई और अपनी घबराई हुई आवाज में, अब अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर से कहने लगी, "प्लीज मेरी मदद करो, मुझे यहां नही रहना है, मुझे यहां से बाहर जाना है, प्लीज मेरी मदद कीजिए..!"
आराध्या ने जब अपनी बात कही ही थी तो उस की आंखो से अंशु बहने लगे और वही आराध्या की आवाज सुन कर अर्जुन का इकलौता दोस्त समीर अपने होश में वापस आ गया और अब बस आराध्या के आंखो से निकल रहे अंशू को देख रहा था..!
आराध्या को ऐसे रोता हुआ देख कर अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर को बिलकुल भी अच्छा नही लग रहा था पर वो, अराध्या के लिए कुछ कर भी नही सकता था क्योंकि वो, अपने दोस्त अर्जुन के खिलाफ नही जा सकता था..!
समीर कुछ देर तक आराध्या को रोते हुए देखता रहा और फिर उस को समझाते हुए उस से कहने लगा, "प्लीज पहले आप शांत हो जाइए और मेरी बात को समझने की कोशिश करिए कि आप जितना जल्दी अर्जुन को अपना लेंगी आप के लिए उतना ही अच्छा होगा..!"
समीर ये सब आराध्या से इसलिए भी कह रहा था क्योंकि वो जानता है कि आराध्या की इस हरकत पर ही अर्जुन को बहुत गुस्सा आ रहा होगा और ऐसे में अगर आराध्या ने उस को कुछ कह दिया ना तो वो आग में घी डालने वाली बात हो जायेगी..!
अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर की बात सुन कर, अब आराध्या ने उस से अपने भरे हुए गले से कहा, " न तो मुझे उस इंसान (अर्जुन) के बारे मे कुछ सुना और न ही कुछ समझना है और न ही मुझे उस को अपना बनाना है और मुझे तो बस यहां से बाहर निकलना है वो भी जल्दी से जल्दी क्योंकि अगर वो इंसान (अर्जुन) अपने कमरे से नीचे आ गया न तो वो, मुझे फिर से अपने कमरे में कैद कर देगा और मुझे दुबारा से उस के कमरे में कैद नही होना है तो इसलिए प्लीज मेरी मदद कीजिए और मुझे यहां से बाहर निकलवा दीजिए..!"
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।