डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 35 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 35

अब आगे,

 

अर्जुन अपनी बात कह कर अब आराध्या के करीब बढ़ने लगा और वही आराध्या ने अर्जुन को अपने करीब आते देख कर अब अपनी आंखो को बंद कर लिया और अब घबराते हुए अर्जुन से कहने लगी, "नही...नही, प्लीज ऐसा मत कीजिए..!"

 

अर्जुन अब आराध्या के करीब उस को किस करने के लिए बढ़ रहा था और जब आराध्या को इस बात का एहसास हुआ कि अर्जुन ने उस को किस नही करा है तो उस ने झट से आंख खोल ली मगर फिर एक दम से बंद भी कर ली..!

 

अब अर्जुन ने अराध्या की बात सुन कर उस को किस नही किया था और मगर अब अराध्या की बात सुन कर और अब उस की बंद आंखो को देख रहा था और साथ में उस के कांप कांपा रहे होटों को भी देख रहा था जबकि अर्जुन, अराध्या के होटों के बिलकुल पास ही था..!

 

क्योंकि अर्जुन अभी उस के चेहरे के करीब खड़ा होकर बस उस को ही देख रहा था और आराध्या की इस हरकत पर मुस्करा गया और अब अर्जुन ने आराध्या से कहा, "ठीक है नही कर रहा तुम्हे किस पर तुम मुझ से इतना डर क्यू रही हो..?"

 

अर्जुन की बात सुन कर भी आराध्या ने कोई जवाब नही दिया था क्योंकि अर्जुन अभी भी आराध्या के बहुत ही करीब खड़ा हुआ था जिस की वजह से आराध्या को बहुत डर लग रहा था..!

 

और साथ में उस को कुछ समझ में ही नही था कि वो आखिर वो, अर्जुन को कहे तो क्या ही कहे..!

 

अर्जुन ने जब देखा कि आराध्या उस की बातो का कोई भी जवाब नही दे रही थी और अपनी आंखो को खोल भी नही रही तो बस उस के हॉट डर की वजह से हिल रहे हैं तो उस के चेहरे से मुस्कान जाने का नाम नही ले रही थी..!

 

और वही अर्जुन ने अब आराध्या के कान के करीब जाकर उस से कहा, "क्या हुआ मेरी जान इतनी चुप क्यों हो, कुछ तो बोलो, नही तो...!"

 

अर्जुन की बात मे धमकी सुन कर, अराध्या झट से अपने आंखे दुबारा से खोल ली और अर्जुन को देखने लगी और साथ मे धीरे से डरने के साथ मासूम सी शकल बनाते हुए अर्जुन से कहने लगी, "आप कौन है और आप मुझे यहां क्यू लाए हैं और मेरा किडनैप क्यू किया है..?"

 

आराध्या का मासूम सा चेहरा देख कर अब अर्जुन उस को ही देखे जा रहा था और फिर मुस्कराते हुए उस से कहने लगा, " मेरा पूरा नाम "अर्जुन सिंह शेखावत" है और रही बात तुम्हे यहां लाने की तो मै, तुम्हे इसलिए लाया हु क्युकी मै तुम्हारे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हु और तुम्हे हमेशा के लिए अपने पास और अपने साथ रखना चाहता हूं..!"

 

अर्जुन की पूरी बात सुन कर, आराध्या और भी ज्यादा घबरा गई और घबराते हुए ही अर्जुन से कहने लगी, "न...नही, मै नही रहूंगी आप के साथ और मुझे अपनी बेस्ट फ्रेंड के पास जाना है..!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अर्जुन के चेहरे पर जो मुस्कान जाने का नाम तक नहीं ले रही थी वो, अचानक से चली गई और उस का चेहरा एक दम से डार्क हो गया..!

 

अर्जुन ने अपने उसी डार्क चेहरे से आराध्या को देखा और झट से अपने दूसरे हाथ से कस कर आराध्या के गालों को पकड़ लिया तो अब आराध्या से कुछ बोला तक नही जा रहा था..!

 

वही अर्जुन ने आराध्या के गालों को पकड़े हुए ही उस से अपने गुस्से से कहा, "लगता है तुम ने ठीक से सुना नही कि मैने क्या कहा है कि तुम हमेशा मेरे साथ और मेरे पास ही रहोगी और मुझे अपनी बात दुबारा कहना मुझे बिलकुल भी पसंद नही है तो तुम्हारे लिए अच्छा यही होगा कि तुम मुझे गुस्सा न ही दिलाओ तो अच्छा है..!"

 

अर्जुन ने आराध्या के गालों को इतनी जोर से पकड़ा था कि उस को अपने गालों और जबड़े मे बहुत तेज दर्द हो रहा था और साथ में उस की आंखो से अंशु बह रहे थे..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।