श्रद्धा भाव से जीवन जीना आसान हो जाता हैं l
दुःख के दिनों में हंसने का हौसला लाता हैं ll
यकीन रख ख़ुदा देगा छप्पड़ फाड़ कर देगा l
सुख, समृद्धि, चैन औ सुकून की साँसें पाता हैं ll
सुन कर्म किये जा फ़ल की तमन्ना किये बग़ैर l
विश्वास करके जो भी काम कर उसमें फाता हैं ll
उभरा हर एक बार इक नया इंसान बनकर l
तन की मिट्टी का अलौकिक शक्ति से नाता हैं ll
अपने आप में जीने का ज़ज्बा ए जुनून बढ़ा l
क़ायनात में तो हर कोई पवित्र होकर आता हैं ll
१-८-२०२४
किसी खास के लिए रंगोली सजा रहा है कोई l
जरासी बात पे रूठे हुए को मना रहा है कोई ll
जान से बढ़कर चाहत की रिस्तों की दुहाई दे l
सालों से लम्बी दूरियों को मिटा रहा है कोई ll
ढ़ेर सारी ख्वाइशे अरमान है जिनसे आज वो l
जाने की वजह बिना बताएँ जा रहा है कोई ll
मिलना मिलाना इत्तफाक है शायद इसलिए l
चुपचाप खामोशी रिश्ते को निभा रहा है कोई ll
महफ़िल में जाम पर जाम पिये जा रहे हैं कि l
दिल जलाने के लिए तेवर दिखा रहा है कोई ll
२-८-२०२४
महफिल में सब से कमसिन कली हैं ll
दिल की तमन्नाएं सुहागन हो चली हैं ll
मांग में सिंदूर की जगह खुशियां भरी l
दुनिया वालों को यह बात खली हैं ll
इक हक तक इंतजार करने के बाद l
अच्छे से हमराज़ की इच्छा पली हैं ll
जहा से चलते चलते हाथ छोड़ा l
जानेजा रहती है ये वही गली हैं ll
मुहब्बत को निभाने के लिए अब l
फ़िर मिलने की आशा फली हैं ll
३-८-२०२४
ज़िंदगी की अमूल्य इनायत है दोस्ती l
रसीली नटखट शरारत है दोस्ती ll
निस्वार्थ प्यार का झरना बहेता l
दो रूहों की अमानत है दोस्ती ll
एक बार लग जाए तो छूटती नहीं है l
जाम सी नशीली आदत है दोस्ती ll
हसीं के पीछे का दर्द पहचान ले l
धड़कनों की हिफाज़त है दोस्ती ll
अपने और अपनों की खुशी को l
अपनों से ही शिकायत है दोस्ती ll
दोस्तों से मिलने वाला प्यार l
खुद से ही मोहब्बत है दोस्ती ll
मतलबी लोगों की दुनिया में l
मुनाफ़े की तिजारत है दोस्ती ll
४-८-२०२४
अजनबी से दोस्ती कर ली l
ज़िंदगी में खुशियाँ भर ली ll
बिना मतलब के प्यार से ही l
भीनी सी अनुभूति तर ली ll
दिलों के प्यारभरे रिश्ते ने l
क़ायनात की नीद हर ली ll
सूना सूना जा रहा था लम्हा l
आज दुनिया ही सँवर ली ll
उम्र से लंबी सड़कों पर l
साथ दोस्त के सफर ली ll
५-८-२०२४
दिले नादां ने दिल का करार लूट लिया l
तड़पने को उम्रभर का रोग लगा दिया ll
जल्द ही लौटकर आएँगे ये कह चले गये l
रोज दर्द भरे आंसुओ का जाम पिया ll
बेवफाई बेदर्दीके जुलामत भूले से भी कहीं l
जुबां पे न आए दर्दे हाल होठों को सिया ll
साथ बिताएं वो सुहाने रसीले हर लम्हें l
ना चाहते हुए भी बार बार याद किया ll
जो भी है यही ज़िंदगी है उसे स्वीकार के l
बारहा चाहतों औ यादों के साथ जिया ll
६-८-२०२४
ये बेहद क़ीमती अमूल्य आँखों के झरते मोती
यूँ न बहने दो l
शिकायत है तो कह भी दो दिल ही दिल में ना रहने दो ll
खुश रहो उनके लिए जो आपको खुश देखना चाहते हैं l
खामोशी सही नहीं जाती हाल ए जिगर आज कहने दो ll
प्यार की एक खूबी है कि इन्सां को डूबने नहीं देती l
ताक़त औ साहस का पता करने को दुःख सहने दो ll
दौलत, रिश्ता, वस्तु औ जिन्दगी कोई मोह न रहा अब l
दुनिया को दिखाने के लिए हसीं का गहना पहने दो ll
चाहने वालों की कोई क़ीमत ही नहीं बेदर्द ज़माने में l
रोक मत जहाँ जरूरत नहीं वहाँ से तुरंत ही टहने दो ll
७-८-२०२४
बूँदें बरसात की यादें ताजा कर गई l
यादें आँखों में अश्कों को भर गई ll
न भरनेवाले ज़ख्म देकर गया ज़ालिम l
एकाएक निगाहों की सुराही सर गई ll
ख्वाइशों के काफ़िले कितने अजीब है l
वादे के भरोसे दिल की नैया तर गई ll
दीदार की तमन्ना इस तरह बढ़ी कि l
मिलन की चाह रातों की नींदे हर गई ll
सुना इसी शहर में बसेरा होगा उनका l
सुकून की बात से उम्मीद सँवर गई ll
८-८-२०२४
अपनों की खुशी की ख़ातिर हसते हसते उम्र गुज़ार ली l
दर्दों ग़म छुपाकर आख़िर हसते हसते उम्र गुज़ार ली ll
दिन महिने सालों यूँही गुज़र जाएंगें खेल ही खेल में l
खामोशी समझकर लाजिम हसते हसते उम्र गुज़ार ली ll
जो भी है बस यही है कुछ न बदलेगा कभी भी संभल जा l
परिस्थितियों को वाज़िब हसते हसते उम्र गुज़ार ली ll
शोर दुनिया वाले सुन ना ले कहीं तो ख़ुद ही
सिमटकर l
आज भीतर ही रहकर हाजिर हसते हसते उम्र गुज़ार ली ll
वक्त एसे भी दिन दिखायेगा ये ना था मालूम तो सखी l
जिंदगी से होकर वाकिफ़ हसते हसते उम्र गुज़ार ली ll
सरहद के पार सपने सुहाने देख रहा है कोई l
अपनों के फोटोग्राफ पुराने देख रहा है कोई ll
शर्म में दिन बीते इश्क़ की इतनी कहानी l
आसपास अपने बुलाने देख रहा है कोई ll
हुस्न को देखने तरसती रहती है निगाहें l
दिल ए नादान को चुराने देख रहा है कोई ll
कुछ छुपे रिश्ते एहसास बनके रहे जाते है l
होठों से तबस्सुम लुटाने देख रहा है कोई ll
दुनिया गई भाड़ में किसीकी परवाह नहीं l
लम्बी दूरियों को मिटाने देख रहा है कोई ll
१०-८-२०२४
जिंदगी संवार ने में वक्त ही बीत गया l
भूल को सुधार ने में वक्त ही बीत गया ll
ख़ामोश रखकर मोहब्बत किए गये तो l
दिल से पुकार ने में वक्त ही बीत गया ll
मन के गूगल में किताबें जिन्दगी पढ़ते हुए l
रात लम्बी गुजार ने में वक्त ही बीत गया ll
रोज मिलना मिलाना जारी रहे इस लिए l
जीती बाजी हार ने में वक्त ही बीत गया ll
आँखों की कश्तियों में बैठकर जा रहे थे l
पलकों में कतार ने में वक्त ही बीत गया ll
११-८-२०२४
कब्र पर शब्द पुष्प चढ़ाने आए हैं l
जाने के बाद प्यार जताने आए हैं ll
बड़े तहज़ीब औ संस्कार वाले हैं कि l
मोहब्बत दुनिया को दिखाने आए हैं ll
दिन में खुले आम आ नहीं सकते तो l
रात में आखरी रस्म निभाने आए हैं ll
आखरी बार ख़ुदा हाफीज कहकर l
सखी करने खुदा के हवाले आए हैं ll
फ़िर ना कभी भी मिल सकेंगे अब l
रास्ते अलग है वही बताने आए हैं ll
१२-८-२०२४
रूह जिसकी दिवानी है वहीं इश्क़ मिरा प्रहरी हैं l
उसके प्यार से दिल की दुनिया मिरी हरी भरी हैं ll
बार बार ज़िंदगी दस्तक दे देकर लौट जाती थी l
बड़े सूनेपन के दिनों के बाद जाके आज सँवरी हैं ll
इत्तिफाकन वफादारी की कसमें जोरौ से खाई थी l
फुर्सद में बैठकर सोचा तो लगाके कोशिशें खरी हैं ll
ग़लत न होकर भी ग़लत रहना सही लगा कि अब l
खामोश रखकर जो अल्फ़ाज़ न कहे वो बात धरी हैं ll
मजबूर थे तो जाने की वजह बताकर जाते देखो l
जहाँ छोड़कर गये थे रात वहीं की वहीं ठहरी हैं ll
१३-८-२०२४
हर खुशी हो वहां तू जहां भी रहे l
जिंदगी हो वहां तू जहां भी रहे ll
सदा प्यारकी बरसात बरसती रहे l
आशिकी हो वहां तू जहां भी रहे ll
अँधेरे के बादल कभी ना छाए l
रोशनी हो वहां तू जहां भी रहे ll
फिझाएं खुशबु से महकती रहे l
ताजगी हो वहां तू जहां भी रहे ll
हर तमन्ना और ख्वाइशे पूरी हो l
सादगी हो वहां तू जहां भी रहे ll
१४-८-२०२४
कृष्णप्रिया बाँसुरी कृष्णा को पुकारे हैं l
जमना तट पर मिलने को बुलाये हैं ll
दिलों हचमचानेवाले सुरों को छेड़ l
रसीले नशीले रागिनी से झुलाये हैं ll
शब्दपुष्प को खामोश सुरों से ही l
दर्दे दिल की दास्तान सुनाये हैं ll
निगाहों से कौसो दूर रहकर भी l
मोहब्बतों का रिश्ता निभाये हैं ll
रास लीला में राधा के साथ खेले l
दो प्यार भरे दिलों को मिलाये हैं ll
१४-८-२०२४
त्यौहार जिन्दगी में ताजगी भर देते हैं l
तन मन को उत्साह से रंगी कर देते हैं ll
दिनों को नवप्रफुल्लित करके सभी के l
जीवन से आलस औ ग़म हर देते हैं ll
भेदभाव, क्लेश औ उच्च नीच मिटा के l
प्रेम संदेश को मुकम्मल सर देते हैं ll
स्फूर्ति,उमंग और जोश को सींचकर l
सदा जीवन के हर पहलु को पर देते हैं ll
संसार रूपी महासागर को प्यार से l
खुशियों के संग से लोग तर देते हैं ll
१५-८-२०२४