टैरो का रहस्य ( एक खौफनाक कहानी ) HDR Creations द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

टैरो का रहस्य ( एक खौफनाक कहानी )


यह एक पुरानी, साँवली सी तिजोरी थी, जो एक सुनसान कोठरी में रखी थी। उस कोठरी में धूल की एक मोटी परत जमी हुई थी, जैसे वहाँ सालों से किसी ने कदम नहीं रखा हो। तिजोरी पर जंग की परत चढ़ चुकी थी और उसके कुंदे जकड़ गए थे।
कहते हैं, यह तिजोरी एक ज्योतिषी की थी। एक ऐसे ज्योतिषी की, जिसकी भविष्यवाणियां सच होने के लिए बदनाम थीं। लेकिन उसके रहस्यमयी तरीके और अचानक गायब होना भी कम चर्चित नहीं था। लोग कहते थे कि उसने अपने सभी रहस्यों को इसी तिजोरी में बंद कर दिया था।
एक रात, जिज्ञासा (Curiosity Bol Do Sahi Rahega) से भरपूर एक युवक, राहुल, इस कोठरी में घुस आया। उसके हाथों में एक पुरानी चाबी थी, जो उसे विरासत में मिली थी। उसने चाबी को ताले में डाली और धीरे से घुमाया। एक sharp आवाज़ के साथ तिजोरी का दरवाज़ा खुला।
अंदर, एक काले रंग का, मखमली अस्तर वाला बॉक्स रखा था। उस पर सोने की कढ़ाई में एक रहस्यमयी प्रतीक (Sign) बना था। राहुल ने बॉक्स को उठाया और धीरे से खोला।
अंदर, टैरो कार्ड्स की एक पूरी डेक रखी थी। लेकिन ये कार्ड्स सामान्य नहीं थे। उनकी पीठ पर वही रहस्यमयी प्रतीक (Sign) बना था जो बॉक्स पर था। और जब राहुल ने कार्ड्स पलटे, तो उसकी रूह कांप उठी।
कार्ड्स पर चित्रित दृश्य (Scene) सामान्य नहीं थे। उनमें डरावने चेहरे, खून से लथपथ शरीर और अंधेरे जंगल दिखाई दे रहे थे। राहुल को ऐसा लगा जैसे ये कार्ड्स किसी भयानक भविष्य की झलक दिखा रहे हों।
तभी, एक हवा का झोंका आया और कोठरी का दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया। अंधेरा छा गया। राहुल ने डर के मारे कार्ड्स को बंद किया और बॉक्स को तिजोरी में वापस रख दिया। लेकिन जैसे ही उसने तिजोरी बंद की, एक चीख जैसी आवाज़ सुनाई दी।
राहुल की सांसें रुक सी गईं। उसके हाथ पसीने से तर हो गए थे। धीरे-धीरे, एक हल्की सी रोशनी दिखाई दी। वह रोशनी टैरो बॉक्स से आ रही थी।
राहुल ने हिम्मत जुटाकर बॉक्स को फिर से खोला। इस बार, कार्ड्स पर कुछ और ही दिखाई दिया। एक चेहरा, जो राहुल के चेहरे से मिलता-जुलता था, लेकिन उसके आँखों में एक खौफनाक लालिमा थी।
राहुल की चीख आसमान को चीरती हुई निकली...

राहुल की चीख के साथ, कोठरी में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया। उसकी आँखें धीरे-धीरे Band हो रही थीं अंधेरे से। उसने देखा कि टैरो बॉक्स से अब एक हल्की सी नीली रोशनी निकल रही है। यह रोशनी धीरे-धीरे पूरे कमरे में फैलने लगी।
राहुल डर से काँप रहा था, लेकिन जिज्ञासा (Curiosity) ने उसे फिर से बॉक्स की ओर खींचा। उसने हिम्मत जुटाकर बॉक्स का ढक्कन उठाया। इस बार कार्ड्स पर कुछ और ही दिखाई दिया। एक खूनी चाँद, जिसके नीचे एक कब्रिस्तान था। और उस कब्रिस्तान के बीच में, एक काला साया खड़ा था।
अचानक, एक ज़ोरदार हवा का झोंका आया। राहुल के बाल उड़ने लगे। वह डर के मारे पीछे हटा। तभी, उसके सामने से एक काली छाया निकली। वह छाया धीरे-धीरे राहुल की ओर बढ़ने लगी।
राहुल की सांसें फूलने लगीं। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। वह पीछे हटने लगा, लेकिन उसका कोई रास्ता नहीं था। छाया अब उसके बहुत करीब थी।
तभी, एक अचानक से तेज रोशनी हुई। राहुल की आँखें बंद हो गईं। जब उसने फिर से अपनी आँखें खोलीं, तो वह अपने बिस्तर पर था। उसके हाथों में पसीना था, और उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
यह सब एक सपना था, या फिर कुछ और? राहुल को यकीन नहीं हो रहा था। उसने अपने कमरे में देखा, लेकिन कोई भी कोठरी नहीं थी, कोई तिजोरी नहीं थी, और न ही कोई टैरो बॉक्स।
लेकिन, राहुल के मन में एक खौफ पैदा हो गया था। वह अब रात को अकेले नहीं सो पाता था। उसे लगता था कि वह काला साया उसे देख रहा है, उसका पीछा कर रहा है।
और फिर एक रात, जब राहुल सो रहा था, तो उसे फिर से वही सपना आया। लेकिन इस बार, काला साया उसके बिस्तर के पास आ गया था। और उसने राहुल के कान में फुसफुसाया, "मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं..."
राहुल की चीख ke Saath नींद टूट गई। उसने अपने कमरे में देखा, लेकिन फिर से कुछ नहीं था। लेकिन अब उसे यकीन हो गया था कि वह सपना नहीं था। वह सच्चाई थी। और उस सच्चाई का सामना करने के लिए उसे तैयार होना होगा।

राहुल की नींद खुलने के बाद से, उसके जीवन में एक अंधेरा छा गया था। दिन के समय तो वह Normal दिखता था, लेकिन रात होते ही उसके अंदर एक डर का साया घिर जाता था। वह अब अकेले रहने से डरता था। हर खिड़की की आहट, हर दरवाजे की कुंडी का खड़कानेवाला Aawaz डरा देता था।
एक दिन, Library में घूमते हुए, उसकी नज़र एक पुरानी किताब पर पड़ी। किताब का नाम था, ‘टैरो का रहस्य’। जिज्ञासा (Curiosity) ने उसे किताब की ओर खींचा। किताब के पन्ने पलटते ही राहुल को एक परिचित ( Jana Pehchana ) सा प्रतीक दिखाई दिया - वही प्रतीक जो टैरो बॉक्स पर था।
किताब में लिखा था कि यह प्रतीक एक प्राचीन शक्ति का प्रतीक है। यह शक्ति बुराई को जन्म दे सकती है, लेकिन अगर सही तरीके से इस्तेमाल की जाए, तो यह दुनिया को भी बचा सकती है। लेकिन इस शक्ति को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।
राहुल को लगा कि शायद इस किताब में उसके सवालों के जवाब छुपे हैं। वह किताब को लेकर अपने घर आ गया और रात भर उसे पढ़ता रहा। किताब में लिखा था कि टैरो कार्ड्स के माध्यम से इस शक्ति को बुलाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक खास मंत्र का उच्चारण करना ज़रूरी है।
राहुल ने हिम्मत जुटाकर उस मंत्र को पढ़ना शुरू किया। जैसे-जैसे वह मंत्र पढ़ रहा था, उसके घर में अजीब-अजीब आवाज़ें आने लगीं। हवा तेज़ी से बहने लगी, और चीज़ें हिलने लगीं। राहुल डर गया, लेकिन उसने मंत्र पढ़ना जारी रखा।
अचानक, एक तेज रोशनी हुई। राहुल की आँखें बंद हो गईं। जब उसने फिर से अपनी आँखें खोलीं, तो वह उसी कोठरी में था, जहां उसने पहली बार टैरो बॉक्स देखा था। उसके सामने टैरो बॉक्स खुला था, और कार्ड्स हवा में उड़ रहे थे।
एक कार्ड राहुल के हाथ में आया। उस कार्ड पर एक ही शब्द लिखा था - ‘सामना’।
राहुल समझ गया था कि अब उसे उस काले साये का सामना करना ही होगा। वह डर गया था, लेकिन साथ ही उसे एक अजीब सी हिम्मत भी मिल रही थी।

राहुल के हाथ में पड़ा हुआ कार्ड एक चेतावनी था। वह समझ गया था कि अब पीछे हटने का वक्त नहीं था। उसका सामना उस काले साये से होना ही था। साँसों की रफ्तार बढ़ती जा रही थी, लेकिन दृढ़ निश्चय ( determination ) ने उसके अंदर एक अजीब सी शक्ति पैदा कर दी थी।
उसने गहरी साँस ली और आँखें बंद कर ली। फिर धीरे-धीरे वो मंत्र दोहराने लगा, जिससे वो इस कोठरी में आया था। मंत्र के जाप के साथ ही कोठरी में एक अजीब सा कंपन होने लगा। हवा तेज़ी से बहने लगी, और टैरो कार्ड्स हवा में Idhar Udhar Udne लगे।
अचानक, एक काली आंधी सी उठी। कोठरी में अंधेरा छा गया। राहुल डर गया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। वह जानता था कि यह उसका Chunautiyo Ka Samna Karne का समय है।
तभी, एक आवाज़ सुनाई दी, एक खौफनाक आवाज़। "तुमने मुझे जगाया, इंसान! अब तुम्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा!"
आवाज़ के साथ ही, एक काली छाया सामने आई। वह वही छाया थी, जिससे राहुल को इतना डर लगता था। छाया धीरे-धीरे राहुल की ओर बढ़ने लगी। राहुल ने हाथ में बचे हुए कार्ड को पकड़ लिया। यह आखिरी कार्ड था।
राहुल ने कार्ड को फेंका। कार्ड हवा में उड़कर काले साये पर लगा। एक तेज रोशनी हुई, और फिर सब कुछ शांत हो गया।
जब रोशनी कम हुई, तो राहुल ने देखा कि उसके सामने कुछ नहीं था। कोठरी खाली थी। टैरो बॉक्स भी गायब था।
राहुल को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ। क्या उसने काले साये को हरा दिया था? या फिर कुछ और हुआ था?
उसने कोठरी से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन दरवाज़ा बंद था। वह घबरा गया। फिर से वह अकेला था, अंधेरे में।
तभी, उसके हाथ में कुछ लगा। वह टैरो बॉक्स था। लेकिन यह पहले जैसा नहीं था। बॉक्स चमक रहा था, और उस पर एक नया प्रतीक (Scene ) उभरा ( Embossed ) था।
राहुल डर और उत्सुकता (curiosity) से भर गया। उसने बॉक्स खोला। अंदर एक ही कार्ड था। उस कार्ड पर एक नया संदेश लिखा था: "तुमने जीत लिया है, लेकिन यह लड़ाई खत्म नहीं हुई।"
राहुल समझ गया था कि उसकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उसे अभी भी बहुत कुछ पता लगाना है। लेकिन अब उसके पास एक हथियार था - टैरो बॉक्स। और वह इस हथियार का इस्तेमाल करेगा, बुराई के खिलाफ।

राहुल को नहीं पता था कि ये सब क्या था, लेकिन एक बात तो साफ़ थी कि ये खत्म नहीं हुआ था। वह बाहर निकलने के लिए बेताब था। लेकिन दरवाज़ा तो बंद था। अचानक, उसके कान में एक फुसफुसाहट सुनाई दी। “तुमने मुझे हराया नहीं है, इंसान। मैं वापस आऊंगा। और जब मैं वापस आऊंगा, तब तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
राहुल की रूह कांप उठी। वो समझ गया था कि ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। ये तो बस शुरुआत थी। वो उस काले साये से डरता था, लेकिन अब उसमें एक हौसला भी था। वो जानता था कि उसके पास टैरो बॉक्स है, और वो इस बॉक्स की मदद से ही उस काले साये को हरा सकता है।
तभी, एक अजीब सी रोशनी हुई। राहुल की आँखें बंद हो गईं। जब उसने अपनी आँखें खोलीं तो वो अपने कमरे में था। उसके हाथ में टैरो बॉक्स था। वो समझ गया था कि ये सब सच था। वो एक अलग दुनिया में गया था, एक ऐसी दुनिया जहाँ बुराई का राज था।
उस दिन से, राहुल ने टैरो कार्ड्स के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया। वो जानना चाहता था कि वो कार्ड्स क्या कहते हैं, उनका क्या मतलब है। धीरे-धीरे उसे समझ आने लगा कि ये कार्ड्स सिर्फ भविष्य नहीं बताते हैं, बल्कि वो एक शक्ति भी हैं। एक ऐसी शक्ति जो बुराई से लड़ सकती है।
महीनों बीत गए। राहुल ने खुद को टैरो कार्ड्स की दुनिया में खो दिया था। वो रात-दिन उनका अध्ययन ( Study ) करता था। और धीरे-धीरे, उसे महसूस होने लगा कि वो बदल रहा है। उसके अंदर एक नई ताकत आ रही थी।
एक रात, जब राहुल सो रहा था, तो उसे फिर से वो ही सपना आया। वो फिर से उस कोठरी में था, और उसके सामने काला साया खड़ा था। लेकिन इस बार, राहुल डरा नहीं। उसने टैरो बॉक्स को पकड़ लिया और कार्ड्स को फेंकना शुरू कर दिया।
कार्ड्स हवा में उड़ रहे थे, और एक अजीब सी रोशनी पैदा कर रहे थे। काला साया पीछे हटने लगा। वो डर रहा था। राहुल ने और जोर से कार्ड्स फेंके। एक के बाद एक, कार्ड्स काले साये पर लग रहे थे।
अंत में, एक तेज रोशनी हुई। जब रोशनी कम हुई, तो काला साया गायब था। राहुल ने जीत लिया था।
उस रात के बाद, राहुल को कभी वो सपना नहीं आया। उसकी जिंदगी बदल गई थी। वो अब एक अलग इंसान था। उसके अंदर एक शक्ति थी, एक शक्ति जो बुराई से लड़ सकती थी।
और टैरो बॉक्स? वो अब भी राहुल के पास था। लेकिन अब वो सिर्फ एक बॉक्स नहीं था। वो राहुल की ताकत था, उसका साथी था।
राहुल की कहानी एक रहस्य बनी रही। कुछ लोगों ने कहा कि वो पागल हो गया था, तो कुछ ने कहा कि उसके पास जादुई शक्तियां हैं। लेकिन राहुल को पता था कि सच्चाई क्या है। वो जानता था कि उसने क्या किया है, और वो आगे क्या करने वाला है।
क्योंकि बुराई कभी खत्म नहीं होती। और जब तक बुराई है, तब तक उसे लड़ने वाला भी चाहिए होगा। और वो लड़ाई लड़ेगा, टैरो बॉक्स के साथ।

कहानी खतम हुआ दोस्तों