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सफेद साड़ी वाली औरत (सच्ची भुतिया कहानी)

रात का अंधेरा और चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था | हल्की बारिश भी हो रही थी | उस सुनसान रास्तेें से ईकलौती | हमारी कार गुजर रही थी | डराईवर पुरी तरह पसीनें से भीग चुका था | और चुपचाप गाड़ी चला रहा था |

पीछे मैं अपनें कुछ दोस्तों के साथ बैठी हुई थी | डराईवर के बगल में रौनीत बैठा हुआ था | ना जानें क्युँ डराईवर काफि परेशान दिख रहा था | बगल में बैठा रौनीत उस्से बहुत बार पुछनें की कोशिश किया की क्या हुआ आपको | आपको पसीनें क्युँ आ रे है |

मगर डराईवर बिना जवाब दिए | गाड़ी तेजी से चला रहा था | फिर अचानक एक तेज झटके के साथ गाड़ी रुक जाती है | डराईवर गाड़ी चेक करनें के लिए उतरता है | देखता है की सबकुछ तो ठिक है | गाड़ी पंचर भी नही हुआ है | गाड़ी में सबकुछ तो ठिक था | मगर गाड़ी चालु ही नही हो रही थी |

डराईवर बहुत ज्यादा परेशान हो गया था | बहुत कोशिश करनें पर भी गाड़ी चालु नही हुआ | डराईवर पुरी तरह पसीनें से लथपथ थक हार कर वहीं पर बैठ गया | बगल में बैठा रौनीत उसे पानी की बोतल देते हुए कहा | कि लिजिए पानी पी लिजिए | डराईवर पानी पीनें के बाद | रौनीत से कुछ बोलना चाह रहा था | मगर वह ईतना थक चुका था की | बहुत तेज हाँफ रहा था | उसके मुँह से आवाज ही नही निकल रहा था |

पीछे मै भी बहुत परेशान थी | मेरे बगल में बैठी मेरी सभी दोस्त यही कह रही थी | सुबह होनें का ईंतेजार करते है | सुबह देखेंगे क्या करना है | थोड़ी देर में सब लोग सो गए |

पर मुझे नींद नही आ रही थी | मैं सीट पर ही बैठे बैठे मोबाईल से अपनें घर में कॉल लगा रही थी | पर कॉल नही लग रहा था | थोड़ी देर में मुझे भी नींद आनें लगी | मै आँख बंद किए सोने की कोशिश करनें लगी | मैं कब सोई मुझे नहीं पता | सुबह मेरी आँख खुली | तो मैंनें देखा की कार में मेरा अलावा कोई भी नही है | कार लौक भी है | मुझे बहुत अजीब लग रहा था |

मैं सोच में पड़ गई की सब लोग कहाँ चल गए | वो भी कार को लौक करके | मैं डराईवर वाली सीट में आई | और आगे का दरवाजा खोलने लगी | आगे का दरवाजा लौक नही था | ईसिलिए मैं तुरंत गाड़ी से बाहर निकल गई | और उन सब को आवाज लगाने लगी |

पर कोई फायदा नही हुआ | शायद वो लोग कहीं दुर गए हो | या घुमनं गए होगें ये सोचकर मैं दुबारा कार में बैठ गई | कुछ देर बाद मैंने देखा की रौनीत भागता हुआ मेरी ही तरफ आ रहा है | ईसिलिए मैं तुरंत कार से उतर गई | रौनीत मेरे पास आया और बहुत ज्यादा हाँफ रहा था | थोड़ी देर बाद जब रौनीत साँत हुआ तो बोला की जल्दी चलो | डराईवर उधर परी बेहोश पड़ा है |

हम दोनों तुरंत वहाँ पहुँचे | मै वहाँ जैसे पहुँची तो देखा की वहाँ एक तालाब है | और डराईवर किनारे में बेहोश पड़ा है | और मेरे सभी दोस्त उसे घेरकर खड़े हुए है | मैंनें तुरंत तालाब से चुल्लु भर पानी लेकर डराईवर के मुँह में छिड़कनें लगी |

मैंनें एैसा बहुत बार किया काफि कोशिशों के बाद | डराईवर एक जोरदार चिख के साथ उठा | उसका पुरा बदन थर थर काँप रहा था | रात भर किचड़ में पड़े रहने के कारण उसे ठंड भी लग रहा था |

रौनित डराईवर को अपने कंधे के सहारे उठाकर तालाब में उतार देता है | और डराईवर को तालाब में साफ करनें लगता है |

डराईवर का पुरा कपड़ा भीग चुका था | ईसिलिए रौनीत फिर एक बार कार की तरफ जाता है | और अपनें बैग से अपना कपड़ा लाकर डराईवर को दे देता है | डराईवर जब कपड़ा पहन लेता है तो

फिर वह सब एक साथ आ जाते है

गाड़ी तक पहुँचनें के बाद | रौनीत डराईवर को साईड में बिठा देता है | और खुद कार स्टार्ट करनें लगता है | ईस बार गाड़ी एक बार में ही स्टार्ट हो जाता है | और फिर वो लोग दुबारा अपनी मंजिल के लिए रवाना हो जाते है |


अभी भी उन्हें लगभह 60km का रास्ता तय करना था |
और वो लोग पुरी मस्ती के साथ कार में बैठकर उस सफर का आनंद लेने लगे | मगर डराईवर बेचारा चुपचाप बैठा हुआ था |


हमलोग जब उस रास्ते से निकल गए तो थोड़ी ही दुर में गाँव का रास्ता पड़नें लगा | हर तरफ झोपड़ी और खेत और गाँव की हरयाली दिखने लगी | लगभग 2 घंटे बाद हमलोग गाँव पहुँच गए |

वहाँ हमसब निलम से मिले जिसकी आज शादि है | निलम हमारी स्कुल फ्रेन्ड है | निलम हमसब को देख के बहुत खुश हुई | फिर हमलोग उसके घर गए | हर तरफ चहल पहल | नाचना गाना चल रहा था |


जब शाम हुई तो हमलोगो के एक कमरे में ले जाया गया जहाँ हमलोगो को ठहरना था

हमलोग कमरे में पहुच गये

और चाय नाश्ता करने के बाद मैने डराईवर से वह सारी बाते जानने की कोशिश की जो उसने महसूस किया था

तब डराईवर ने बताया हमलोग जिस रास्ते से आ रहे थे और जिस हाईवे पे हमारी कार खराब हुई थी उस हाईवे को

स्टेट हाइवे 49 के नाम से जाना जाता है यह दो लाईन का हाईवे है ईस हाईवे को East Coast Road (ECR) से भी जाना जाता है, जो की पश्चिम बंगाल को तमिल से जोड़ता है, चेन्नई से पांडिचेरी के बीच का ये रास्ता भूत की वजह से काफी डरावना है, खासकर रात में।

मेरी तरह कई ड्राइवरों ने बताया है कि रात में अचानक एक सफेद साड़ी पहनी औरत दिखाई देती है, जिससे उनका ध्यान टूट जाता है और एक्सीडेंट हो जाता है। एक और बात, औरत दिखने के बाद ही ड्राइवरों को महसूस होता है कि रात का तापमान अचानक गिर रहा है और रोड भी सिकुड़ रही है। कई ने यह भी बताया है कि जब सफेद साड़ी वाली औरत दिखती है, तो रीढ़ की हड्डी के नीचे कंपन महसूस होता है।


ईसी तरह सब कुछ मुझे भी महसुस हो रहा था | मुझे भी वो सफेद साड़ी वाली औरत दिखाई दी थी

उसे देखकर न जाने मुझे क्या हुआ के मै भी उसके पीछे पीछे चला गया

जब मुझे होश आया तो मैने खुदको तालाब के साईड में पाया

और न जाने क्या मेरे दिमाग में शैतान शवार था की मै तालाब में उतर गया

और तालाब में उतरते साथ ही मुझे एैसा लगा की मानों कोई मुझे पानी के अंदर खिंच रहा हो बहुत मशक्कत के बाद मैं तालाब के साईट तक पहुँचा जिसके बाद जो मैंने सुना क्या ही बताऊँ

वही औरत मुझे दुबारा दिखाई दि ईस बार वो बहुत ही डरावने तरीके हँस रही थी

बोली की अच्छा हुआ निकल गया तु यहाँ से वरना तु आज जिंदा नही बचता ईसी तरह की कुछ बोल रही थी मुझको

जिसके बाद मे़ै़ं वही न जाने कैसे बेहोश हो गया

डराईवर से ये बातें सुनने के बाद हमलोग उस हाईवे से नही जाना चाहते थे

बस यही थी कहानी
















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