डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 17 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 17

अब आगे,

 

हिमानी ने राघव को गर्ल्स हॉस्टल आने को बोल दिया था फिर खुद भी जल्दी से नहाने चली गई और तैयार होकर गर्ल्स हॉस्टल के बाहर ही खड़ी हो गईं थीं पर उस की जुड़वा बहन साक्षी वही कही छुप कर के खड़ी हुई थी..!

 

करीब आधा घंटे बाद,

 

राघव, अपने कॉलेज के ही गर्ल्स हॉस्टल के बाहर पहुंच चुका था और हिमानी को देख कर उस ने अपनी बाइक रोक कर साइड में लगा दी और उस के पास पहुंच गया और अब राघव ने हिमानी से कहा, "हां तो तुम्हे उस अराध्या के बारे मे क्या बताना था तो अब बताओ..!"

 

राघव की बात सुन कर अब हिमानी ने राघव से कहा, "अरे इतनी भी क्या जल्दी है पहले तुम सांस तो ले लो...!"

 

हिमानी की बात सुन कर अब राघव को गुस्सा आ गया और उस ने झट से हिमानी का हाथ पकड़ कर मोड़ दिया और जिस से हिमानी की चीख निकल गई..!

 

और साथ में अपने गुस्से में उस हिमानी से कहने लगा, "ज्यादा होशियार बनने की जरूरत नही है जिस काम के लिए बुलाया है वो बता, नही तो तू जानती ही है कि मै, तेरे साथ क्या कर सकता हूं...!"

 

राघव का हिमानी के साथ ऐसा व्यवहार देख कर उस की जुड़वा बहन साक्षी ने अपनी ही जुड़वा बहन हिमानी को कोसते हुए ही अपने आप में बढ़ाबड़ाने लगी, "इस को भी बात का बतंगड़ बना जरूरी था क्या और ये सीधा सीधा बोल देगी तो मर नही जायेगी और जब पता है कि सामने खड़ा व्यक्ति दिमाग का गर्म है तो उतना ही बोलना चाहिए जितना जरूरी हो पर अब इस पागल को कौन ही समझाए...!"

 

अब राघव की बात सुन कर अब हिमानी ने अपने आप को छुड़वाते हुए अब राघव से बोला, "ठीक है मै बताती हु पर उस से पहले मेरा हाथ छोड़ दो क्योंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा है...!"

 

हिमानी की बात सुन कर अब राघव ने उस को छोड़ दिया और उस से कहने लगा, "अब सीधा सीधा बता क्यू बुलाया है मुझे यहां...!"

 

राघव की बात सुन कर अब हिमानी ने उस राघव से कहा, "आज जानवी का बर्थडे हैं और आराध्या ने एक रेस्तरां मे उस के लिए बर्थडे पार्टी प्लान करी है...!"

 

हिमानी की बात सुन कर अब राघव का दिमाग खराब हो गया और वो उस से गुस्से से कहने लगा, "ये छोटी सी बात बताने के लिए तूने मुझे यहां गर्ल्स हॉस्टल में बुलाया है...!"

 

हिमानी ने जब देखा कि राघव उस की पूरी बात सुने बगैर ही उस पर गुस्सा कर रहा था तो अब उस को राघव पर गुस्सा आने लगा और अब हिमानी ने लगभग राघव पर गुस्सा करते हुए उस से कहा, "पूरी बात जब सुने बगैर किसी पर गुस्सा करना तो कोई तुम से सीखे, नही मतलब कुछ भी और मेरी बात अभी पूरी नही हुई थी तो तुम मुझे सुनाने में लग गए हो और ये गुस्सा सिर्फ मुझ पर ही निकल रहा है तुम्हारा बाकी जब आराध्या ने कॉलेज की कैंटीन में सब से सामने तुम्हारी बेज्जती करी थी तब तुम ने कुछ नही बोला गया था...!"

 

हिमानी की पूरी बात सुन कर अब राघव ने हिमानी से कहा, "मै, कुछ भुला नही हु और रही उस आराध्या की बात तो उस से मै अपना बदला लेकर ही रहूंगा और उस की चिंता तुम मत करो और तुम जो भी कहना चाहती हो वो साफ साफ कहो...!"

 

राघव की बात सुन कर अब हिमानी ने राघव से कहा, "आराध्या ने जिस रेस्तरां में पार्टी प्लान करी है उस मे तुम्हारा छोटा भाई राहुल भी उस का साथ दे रहा है तो तुम भी उस पार्टी को ज्वाइन कर सकते हो...!"

 

हिमानी की बात सुन कर अब राघव ने हिमानी से पूछा, "पर तुम मुझे उस पार्टी को ज्वाइन करने को क्यू बोल रही हो, ये भी बता दो जरा...!"

 

राघव की बात सुन कर अब हिमानी ने राघव से कहा, "तुम को उस पार्टी को ज्वाइन तो करना ही पड़ेगा तभी तुम उस आराध्या से अपनी बेज्जती का बदला ले सकते हो...!"

 

हिमानी की बात सुन कर राघव को अब तक ये तो समझ आ गया था कि हिमानी कुछ ऐसा करने वाली है जिस से आराध्या को परेशानी होने वाली है तो अब राघव ने हिमानी से कहा, "अच्छा तो तुम्हारे इस खुराफाती दिमाग में कौन सा आइडिया आ रहा है साफ साफ बताओगी...!"

 

राघव की बात सुन कर अब हिमानी ने राघव से कहा, "एक ऐसा आइडिया जिस से एक तीर से दो निशाने लग जायेंगे और साथ में दोनो की बेज्जती का बदला भी पूरा हो जाएगा...!"

 

हिमानी के ऐसा कहते ही अब दोनो एक दूसरे को देख एक टेढ़ी स्माइल कर रहे थे और फिर हिमानी ने राघव से कहा, "तुम ये पुड़िया उस आराध्या की ड्रिंक में डाल देना और फिर ये पुड़िया अपना कमाल दिखाते हुए उस को नशे की हालत में पहुंचा देगी और उस रेस्तरां के मैनेजर मेरे पापा का दोस्त हैं उस से कह कर तुम्हारे लिए एक रूम बुक करवा लेंगे और बाकी तुम खुद इतने समझदार हो कि आगे बताने की जरूरत ही नही है...!"

 

हिमानी की बात सुन कर और उस पुड़िया को देख कर राघव के चेहरे पर उस के घटिया इरादे जाहिर होने लग गए थे और वही हिमानी को अपनी बेज्जती का बदला मिलने वाला था तो वो भी खुश नजर आ रही थी..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।