The Author RashmiTrivedi फॉलो Current Read धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 6 By RashmiTrivedi हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ऑफ्टर लव - 27 विवेक अपने ऑफिस में बैठे हुए होता है, तभी टीवी में चल रहे न्... जिंदगी के रंग हजार - 14 आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160... गृहलक्ष्मी 1. गृहलक्ष्मी एक बार मुझे दोस्त के बेटे के विवाह के रिसे... बुजुर्गो का आशिष - 11 पटारा मैं अभी तो पूरी एक नोट बुक निकली जिसमे क्रमांनुसार कहा... नफ़रत-ए-इश्क - 5 विराट अपने आंखों को तपस्या की आंखों से हटाकर उसके कांप ते ह... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास RashmiTrivedi द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 23 शेयर करे धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 6 (2) 2.7k 4.4k मैनेजर अशोक के कहने पर पीटर ने अपने पिता के मुँह से सुनी कहानी को सुनाना शुरू किया। "अल्बर्टो ....जूडिथ अल्बर्टो का था यह पैराडाइस विला! उसका फ़ादर,ग्रैंडफादर सब इधर ही रहा। उनका भी पहले फिशिंग कंपनी हुआ करता था। जूडिथ को पैसों का प्रॉब्लेम नहीं था,लेकिन एक बार उसका बिज़नेस पार्टनर बहुत बड़ा घोटाला किया और सारा माल लेकर यहाँ से भाग गया। जूडिथ अल्बर्टो ने अपना सारा जमापूँजी डूबते हुए बिज़नेस को संभालने में लगा दिया। थोड़ी मानी हालत बिगड़ी तो बहुत लोग सामने आ गया इस विला को खरीदने लेकिन अल्बर्टो कभी अपने घर को बेचना नहीं चाहता था। उसका वाइफ जेनी और बेटी क्रिस्टीना भी नहीं चाहता था कि उनका विला बिक जाए लेकिन हालत बिगड़ते जा रहा था। इसी टेंशन ने जूडिथ अल्बर्टो का जान ले लिया और एक दिन वो हार्ट अटैक से मर गया। माँ-बेटी अकेला रह गया। जेनी अल्बर्टो ने पहले फिशिंग कंपनी को बेच दिया और कभी कभी विला को फ़िल्म शूटिंग के लिए देने लगा। एक बार इधर गोवा का ही कोई लोकल डायरेक्टर शूटिंग करने को आया था। क्या नाम था उसका...?...याद नहीं आ रहा...हाँ..जेफ...जेफ डिमेलो नाम था उसका! उस समय हम बहुत छोटा था। एक बार अपने फ़ादर के साथ इधर शूटिंग देखने आया था। फिर ऐसे ही गुज़ारा चल रहा था दोनों माँ-बेटी का! विला का सारा नौकर को पहले ही निकाल दिया गया था बट हमारा फ़ादर अकेला इधर काम करता था। कुछ दिनों बाद जेनी अल्बर्टो इस विला को भी बेचना चाहता था लेकिन वो ऐसा कर नहीं सकता था,क्यूँ की विला क्रिस्टीना बेबी के नाम पर था। यह बात मेरा फ़ादर जानता था,उसीने हमको बताया था। जब तक जेनी बेबी इक्कीस साल का नहीं होता तब तक विला को कोई बेच नहीं सकता था। एक दिन जेनी अल्बर्टो अपने फ़्रेंड के मैरिज के लिए गोवा से बाहर गया था। क्रिस्टीना बेबी विला में अकेला था। हमारा फ़ादर उस दिन सुबह थोड़ा देरी से विला पहुँचा तो विला में कोई नहीं था। क्रिस्टीना बेबी को बहुत ढूंढा लेकिन वो कहीं नहीं मिला। शाम तक ढूँढता रहा मेरा फ़ादर, लेकिन कुछ हाथ नहीं आया। रात को जब जेनी अल्बर्टो घर आया,मेरे फ़ादर ने सारी बात बताया। पुलिस को भी इन्फॉर्म किया। बहुत दिनों तक तलाश चलता रहा लेकिन क्रिस्टीना बेबी कहीं नहीं मिला! बरसों बीत गया, जेनी पता नहीं क्यूँ...किसी वजह से कहीं और जाकर रहने लगा। कुछ समय बाद क्रिस्टीना का गुमशुदगी का केस बंद हो गया। फिर जेनी अल्बर्टो ने इस विला को बेचने का सोचा। एक बहुत बड़ा मालदार पार्टी इस विला को देखने आया था। वो फ़िल्म डायरेक्टर था न जेफ डिमेलो,वही लेकर आया था उसको! उस पार्टी को पहला ही नज़र में यह विला पसंद आ गया था। जेनी अल्बर्टो ने विला उसको बेच दिया। मेरे फ़ादर ने जेनी को पूछा अब वो किधर जाएगा? तो बोला वो दूर फॉरेन में कहीं उसका सिस्टर रहता था,उसके पास चला जाएगा। नया ओनर अपने फादर को ऑफर किया कि इधर ही काम करो,लेकिन मेरा फ़ादर बोला अब उसका इधर मन नहीं लगेगा! उसी रात फ़ादर अपना सामान समेटकर विला से बाहर आया ही था कि उसको नया ओनर का चीख़ सुनाई दिया। फ़ादर और चौकीदार अंदर आया तो देखा नया ओनर सीढ़ियों से नीचे गिर गया था। वो बहुत डरा हुआ था, बार बार ऊपर के कमरे की ओर इशारा कर रहा था। एम्बुलेंस आया, उसको उठाकर ले जा रहा था,लेकिन वो चिल्लाया, "लड़की...ऊपर कोई लड़की है...हवा..हवा में तैर रही थी वो...! लड़की....", इतना बोलकर वो बेहोश हो गया! जानते हो सर... वो आदमी ज़िंदगी भर के लिए अपाहिज़ हो गया। वो फिर कभी इस विला में नहीं आया! उसने भी विला किसी और को बेच दिया। उसके बाद ऐसे दो तीन हादसे इधर और हो गए। कोई इस विला में चैन से नहीं रह पाया! मेरा फ़ादर बहुत यकीन से कहता था, क्रिस्टीना बेबी के साथ कुछ बहुत बुरा हुआ है और अब उसका सोल इधर इस विला में भटकता है। आसपास का लोग भी बोला,कुछ अजीब तो होता है इधर ...कभी भी विला के आसपास धुँध छा जाता है! कभी कभी किसी लड़की के रोने का आवाज़ सुनाई देता है। कोई लड़की अपनी माँ को बुलाता है,लेकिन दिखता कोई नहीं है! हमारा फ़ादर अभी भी कभी कभी इधर आकर विला के गेट पर फूल रखकर जाता है। उसको हम इधर जॉब का बताया नहीं है,वो आने को नहीं देता था!" इतना कहकर पीटर ने अपनी बात पूरी की। उसकी पूरी बात सुनने के बाद मैनेजर अशोक ने उससे कहा,"अच्छा तो यह कहानी है इस विला की! तुमको क्या लगता है, क्या इस बात में कोई सच्चाई है? जिस तरह तुमने कहानी बताई है,मुझे लगता है, क्रिस्टीना की माँ ने इस विला के लिए अपनी बेटी को ग़ायब कर दिया होगा!" "ऐसा कैसा सर? क्या कोई माँ अपनी बेटी के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? मगर अब इतने हादसे के बाद कुछ तो सोचने का बनता है न सर!", पीटर ने भी अपना शक जाहिर करते हुए कहा। मैनेजर अशोक ने उसके काँधे पर हाथ रखते हुए कहा,"यह कलयुग है पीटर, घोर कलयुग!...यहाँ कुछ भी हो सकता है! अच्छा अच्छा, अब मैं समझा, तुम जब ऊपर कमरे में थे तो इधर उधर क्यूँ देख रहे थे। सीढ़ी पर भी तुम बहुत डर गए थे। असल में तुम क्रिस्टीना की आत्मा से डरे हुए हो!" पीटर ने अपना सिर खुजलाते हुए कहा,"हाँ, वो...हमको तो एक पल के लिए लगा, क्रिस्टीना बेबी का सोल ही हमपर हमला किया! लेकिन एक बात बोलूँ सर, वो बहुत प्यारा बच्ची था। जब हम शूटिंग देखने आता था न तो हमको कूकीज देता था खाने को! ...अगर कभी सच में उसका आत्मा हमारे सामने आ गया न तो हम उसको यहीच बात याद दिलाएगा और वो हमको छोड़ देगा!" पीटर की बात सुन अशोक को हँसी आ गई। उसने कहा,"अच्छा? मगर डरपोक तो तुम इतने हो कि किसी आदमी का साया देखकर भी डर जाओ और बातें बड़ी बड़ी करते हो! वैसे एक बात दूँ, यह सोल, आत्मा यह सब कुछ फ़िल्मी और किताबी बातें हैं। इन पर इतना विश्वास करना ठीक नहीं। तुम भी यह सब भूल जाओ। अच्छा अब चलो, काम ख़त्म करो जल्दी...क्रिस बाबा और उनके दोस्त आते ही होंगे अभी।".... क्रमशः रश्मि त्रिवेदी ‹ पिछला प्रकरणधुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 5 › अगला प्रकरण धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 7 Download Our App